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Breaking News4 October 2024

1.) कौन था हिजबुल्लाह का नया उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन?

नसरल्लाह के उत्तराधिकारी पर इजरायल ने कर दी बमबारी

इजरायल और ईरान द्वारा समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के बीच जंग तेज हो चुकी है। इस बीच हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद अब इजरायल ने कथित तौर पर बेरूत के दहिह उपनगर में पूर्व हिजबुल्लाह महासचिव हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन को मारने की कोशिश की है। एक तरफ इजरायल अकेला ही लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को चुन-चुनकर तबाह कर रहा है। वहीं हिजबुल्लाह और ईरान भी इजरायल पर लगातार हमला कर रहे हैं। बीते मंगलवार, 1 अक्तूबर की रात ईरान ने इजरायल पर करीब 200 बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया था। इन मिसाइलों में से कई को इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम ने रोक दिया। हालांकि कुछ मिसाइलें इजरायल के वायुसेना बेस, मोसाद मुख्यालय और खुली जगहों पर गिरीं। हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद अब इजरायल ने कहा है की बेरूत के दहिह उपनगर में पूर्व हिजबुल्लाह महासचिव और हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन के ठिकाने पर बमबारी की है, यह हमला तब हुआ है जब सफीद्दीन हिजबुल्लाह के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहा था। इजरायल ने दावा किया है कि इस हमले में सफीद्दीन को उसने मार गिराया है, लेकिन अभी इस खबर की औपचारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। वहीं हिजबुल्लाह की ओर से भी इजरायल के इस दावे पर कोई बयान नहीं आया है। 

कौन है हाशेम सफीद्दीन?

सफीद्दीन नसरल्लाह का चचेरा भाई है और सफीउद्दीन नसरल्लाह की तरह ही एक मौलवी है जो इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद के वंशज होने का दावा करता है और काली पगड़ी पहनता है। सफीद्दीन हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख के रूप में समूह के राजनीतिक मामलों की देखरेख करता है। इसके अलावा वह जिहाद परिषद में भी शामिल है, जो समूह के सैन्य अभियानों का प्रबंधन करता है। सफीउद्दीन के सार्वजनिक बयानों में अक्सर हिजबुल्लाह की उग्रवादी सोच और फिलिस्तीनी मुद्दे के साथ उसका जुड़ाव देखा जा सकता है। बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हिजबुल्लाह के गढ़ दहियाह में हाल ही में एक कार्यक्रम में उसने फिलिस्तीनी लड़ाकों के साथ हिजबुल्लाह की एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा था की हमारा इतिहास, हमारी बंदूकें और हमारे रॉकेट आपके साथ हैं। वह अमेरिकी नीति की आलोचना में मुखर रहा है और साल 2017 में अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा उसे आतंकवादी घोषित कर दिया गया था। हिजबुल्लाह पर अमेरिकी दबाव के जवाब में उसने  2017 में कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां हिजबुल्लाह के संकल्प को और मजबूत करेंगी।

 

2.) हरियाणा में चुनाव से पहले भाजपा को झटका

पूर्व सांसद ने राहुल की मौजूदगी में की कांग्रेस में वापसी

हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को गुरुवार को बड़ा झटका लगा। पूर्व सांसद अशोक तंवर ने महेंद्रगढ़ के गांव बवानिया में कांग्रेस ज्वाइन कर ली। गुरुवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस का हिस्सा बन गए। राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस पार्टी का पटका पहनाकर स्वागत किया। बता दें, अशोक तंवर हिसार से लोकसभा सांसद और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने 5 अक्तूबर 2019 को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे आप में शामिल हो गए थे। तंवर इससे पहले आम आदमी पार्टी के हरियाणा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे, फिर उन्होंने आप का साथ भी छोड़ दिया था। तंवर के आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के पीछे का कारण लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-आप का गठबंधन था। इसके बाद जनवरी 2024 में तंवर भाजपा में शामिल हो गए थे, भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उन्हें सिरसा से टिकट दिया था और वो हार गए थे।

राहुल के करीबियों में होती थी तंवर की गिनती

अशोक तंवर ने साल 2022 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी का दामन थामा था। इससे पहले वह ममता बनेर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) पार्टी में थे। TMC से पहले वह कांग्रेस में थे, जहां उन्होंने राजनीती की एक लंबी पारी खेली थी। एक समय में उनकी गिनती राहुल गांधी के करीबियों में होती थी। राहुल गांधी ने ही उन्हें फरवरी 2014 में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था। कांग्रेस में वह राष्ट्रीय सचिव व यूथ कांग्रेस के प्रभारी भी रह चुके हैं। प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ राजनीतिक मतभेद और पार्टी में खींचतान के बाद अशोक तंवर ने कांग्रेस को अलविदा कहते हुए साल 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बता दें, अशोक तंवर साल 2009 से 2014 तक सिरसा से सांसद भी रहे हैं।

 

3.) दोस्त के साथ घूमने निकली 21 वर्षीय युवती का गैंगरेप

सुनसान जगह देख युवती से किया दुष्कर्म

महाराष्ट्र के पुणे में कथित तौर पर एक 21 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है, खबरों के अनुसार तीन लोगों ने मिलकर लड़की को अपना शिकार बनाया। पुलिस ने जानकारी दी कि लड़की अपने दोस्त को साथ उस इलाके में गई थी। देर रात सुनसान जगह पर तीन आरोपियों ने लड़की और उसके दोस्त को पकड़ लिया, जिसके बाद बदमाशों ने लड़की के दोस्त की पिटाई की और फिर तीनों ने मिलकर लड़की के साथ दुष्कर्म किया। पुणे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया की प्रारंभिक विवरण के अनुसार, लड़की और उसका पुरुष मित्र गुरुवार देर रात पुणे के बोपदेव घर इलाके में घूमने गए थे, जहां आरोपी लड़की से छेड़खानी करने लगे, इस दौरान मौजूद लड़की के दोस्त ने जब इसका विरोध किया तो तीनों ने मिलकर उसकी पिटाई कर दी और लड़की के साथ गैंगरेप किया। 

पुलिस की 10 टीमें कर रही आरोपियों की तलाश 

पुलिस ने लड़की की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने तीनों फरार आरोपियों की तलाश करने के लिए 10 टीमें लगाई हैं। वहीं गैंगरेप का शिकार हुई युवती को अस्‍पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां पर उसका इलाज चल रहा है। पुणे सिटी पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त रंजन कुमार शर्मा ने पुणे गैंगरेप की घटना पर बताया की कोंढवा पुलिस इस गैंगरेप केस को दर्ज कर चुकी है। इस जघन्य कृत्य के पीछे के अपराधियों को पकड़ने के लिए 10 टीमें गठित की हैं। उन्‍होंने बताया की अन्‍य विशेष तकनीकी टीमें भी इस पर काम कर रही हैं और हमें यकीन है, जल्‍द तीनों अपराधयिओं को अरेस्‍ट कर लिया जाएगा। पुलिस ने बताया पीड़िता होश में है, वह अस्पताल में भर्ती है, उसने अपना बयान दिया है और उसी आधार पर FIR दर्ज की गई है।

पुणे में छह साल की बच्‍ची का वैन ड्राइवर ने किया यौन उत्‍पीड़न 

महाराष्‍ट्र के पुणे शहर से लगातार दूसरे दिन एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक 21 वर्षीय युवती जो अपने दोस्‍त के साथ रात में घूमने निकली थी उसका कथित तौर पर तीन आरोपियों ने सामूहिक बलात्कार किया। बता दें, इससे पहले पुणे शहर की पुलिस ने हाल ही में एक 45 वर्षीय स्कूल वैन चालक को गिरफ्तार किया था, जिस पर दो छह वर्षीय लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है। यह घटना 30 सितंबर को वैन के अंदर हुई थी, जब बच्चियां वानवाड़ी इलाके में स्थित अपने स्कूल से घर लौट रहीं थीं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हमले के समय वैन में कोई महिला अटेंडेंट मौजूद थी या नहीं। बता दें, एक और ऐसी ही घटना में अहमदाबाद की बोपल पुलिस ने पुणे के एक फल व्यापारी को एक महिला को प्रताड़ित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपी ने कथित रूप से महिला ने ब्लैकमेल किया, उसके अश्लील वीडियो बनाए और उससे पैसों की उगाही की। यहां तक कि आरोपी ने महिला को खुद की नस काटने तक के लिए मजबूर किया था।

 

4 .) देश की 5 भाषाओं को मिला शास्त्रीय दर्जा

प्रधानमंत्री की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिया अहम फैसला

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा देने का अहम फैसला किया। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान कहा है की यह एक ऐतिहासिक फैसला है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और NDA सरकार के हमारी संस्कृति पर गर्व करने, हमारी विरासत पर गर्व करने और सभी भारतीय भाषाओं और हमारी समृद्ध विरासत पर गर्व करने के दर्शन से मेल खाता है। सरकार ने कहा है कि इस नए वर्गीकरण से रोजगार सृजन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, खासकर शिक्षा और शोध के क्षेत्र में। यह अनुमान लगाया गया है कि इन भाषाओं में प्राचीन ग्रंथों के संरक्षण, दस्तावेज़ीकरण और डिजिटलीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों से संग्रह, अनुवाद, प्रकाशन और डिजिटल मीडिया क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। इन भाषाओं को शास्त्रीय श्रेणी में शामिल करने से व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिसका असर मराठी के लिए महाराष्ट्र, पाली और प्राकृत के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश, बंगाली के लिए पश्चिम बंगाल और असमिया के लिए असम जैसे प्राथमिक राज्यों पर पड़ेगा।

कब शुरू की गई थी शास्त्रीय भाषाओं की अवधारणा?

किसी भाषा को शास्त्रीय माने जाने के लिए, उसका एक हजार साल से ज्यादा पुराना इतिहास होना चाहिए, पीढ़ियों द्वारा मूल्यवान साहित्य का एक विशाल और प्राचीन भंडार होना चाहिए और एक अनूठी साहित्यिक परंपरा को बनाए रखना चाहिए जो किसी अन्य भाषी समुदाय से उत्पन्न न हो। भारत में शास्त्रीय भाषाओं की अवधारणा 12 अक्टूबर 2004 को शुरू की गई थी, जब भारत सरकार ने तमिल को पहली शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी थी। यह मान्यता एक निर्धारित मानदंड के साथ आई थी जिसका उद्देश्य समृद्ध विरासत वाली भाषाओं को संरक्षित करना था। भारत में तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और उड़िया जैसी भाषाओं को यह दर्जा दिया गया है। बता दें, साल 2013 में महाराष्ट्र सरकार ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा, जिसे बाद में साहित्य अकादमी के तहत गठित भाषा विशेषज्ञ समिति (LEC) ने संस्तुति की। नवंबर 2004 में संस्कृति मंत्रालय द्वारा गठित इस समिति को शास्त्रीय स्थिति के लिए भाषाओं का मूल्यांकन करने का काम सौंपा गया था और कठोर मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए नवंबर 2005 में अपने मानदंडों पर फिर से विचार किया। बिहार, असम और पश्चिम बंगाल से अपनी-अपनी भाषाओं के लिए अतिरिक्त प्रस्तावों के साथ इस प्रक्रिया ने गति पकड़ी, जिसके परिणामस्वरूप 25 जुलाई, 2024 को एक बैठक में LEC द्वारा संशोधित मानदंडों के आधार पर मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में अनुशंसित करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।

 

5.) CBI के हत्‍थे चढ़े NIA के DSP समेत 2 बिचौलिये

2.5 करोड़ रुपये की रिश्‍वत मांगता पकड़ा गया NIA अधिकारी

केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के एक डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) अजय प्रताप सिंह को दो बिचौलियों के साथ कथित रूप से 20 लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी गुरुवार को रामइया कंस्ट्रक्शन के मालिक रॉकी यादव की शिकायत के बाद हुई है। बता दें, मामला बिहार के गया जिले का है, जहां रिश्‍वत की रकम जदयू की पूर्व MLC मनोरमा देवी के बेटे से मांगी गई थी। DSP अजय प्रताप सिंह ने रिश्‍वत की कुल रकम 2.5 करोड़ रुपये तय की थी। रॉकी यादव ने सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके परिवार को अवैध हथियारों से जुड़े मामले में फंसाने की धमकी देकर पैसे ऐंठे। NIA ने 19 सितंबर को यादव के परिसरों पर छापे मारे थे और 26 सितंबर को पूछताछ के लिए उन्हें तलब भी किया था।

DSP पर हैं 2.5 करोड़ रुपये की रिश्‍वत मांगने का आरोप

जदयू की पूर्व MLC मनोरमा देवी के घर पर पिछले 19 सितंबर को NIA की टीम ने छापेमारी की थी, छापेमारी के दौरान घर से 4.3 करोड़ रुपये नगद और कई हथियार बरामद किये गए थे। बता दें कि ये छापेमारी NIA पटना शाखा के DSP अजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में की गई थी। DSP के द्वारा पूर्व MLC मनोरमा देवी के बेटे को नक्सली मामले में फंसाने की धमकी देकर 2.5 करोड़ रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। इस धमकी के बाद रमैया कंस्ट्रक्शन के मालिक रॉकी यादव ने NIA के DSP अजय प्रताप सिंह के खिलाफ रिश्वत मांगने का आरोप लगाया और इसकी शिकायत CBI से की थी। जांच में इस शिकायत की पुष्टि होने के बाद CBI की टीम ने गया से DSP के दो एजेंट को रिश्वत के 20 लाख रुपये के साथ गुरुवार की देर रात गिरफ्तार किया। वहीं, CBI ने पटना से DSP अजय प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया। CBI के द्वारा अब इस मामले में DSP के घर सहित यूपी तक के रिश्तेदारों के घरों पर भी छापेमारी की गई।

पूर्व MLC के PA ने छापेमारी के पीछे राजद नेता का बताया हाथ

जदयू के पूर्व MLC मनोरमा देवी के PA रविंद्र यादव ने NIA छापेमारी के पीछे किसी राजद के कद्दावर नेता के होने की आशंका जताई है। नक्सल गतिविधि में फंसाने और रॉकी यादव को राहत देने के नाम पर 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। इसी के तहत रिश्वत की पहली किस्त 20 लाख रुपये लेने DSP के 2 एजेंट को गया से CBI की टीम ने गिरफ्तार किया हैं। CBI ने दो बिचौलियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान हिमांशु और रितिक कुमार सिंह के रूप में हुई। पटना के गया और उत्तर प्रदेश के वाराणसी में तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप रिश्वत की राशि जब्त की गई। CBI का कहना है की मामले में आगे की जाँच जारी है। बता दें, CBI ने इन घटनाक्रमों के बारे में NIA के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया, जानकारी की पुष्टि करने के बाद, उन्होंने NIA के साथ मिलकर एक जाल बिछाया, जिसके बाद सिंह और उसके दो एजेंटों को यादव से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।

 

6.) भारतीय वायुसेना प्रमुख ने चीन को लेकर किया आगाह

चीन भारत से जुड़ी सीमा पर कर रहा बुननियादी ढांचे का निर्माण

चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, जिसके उत्तर में भारत भी सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को उन्नत कर रहा है। यह बात शुक्रवार 04 अक्टूबर को भारत के नए वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह ने कही है। इस दौरान उन्होंने भविष्य के सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए देश में निर्मित स्वदेशी हथियार प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौती और युद्ध को जीतने के लिए हमारे पास स्वदेशी हथियार प्रणाली का होना बहुत जरूरी है। वायुसेना प्रमुख ने कहा की भारतीय वायुसेना तेजी से इस दिशा में सरकारी व प्राइवेट प्लेयर्स के साथ काम कर रही है, क्यूंकि भारतीय वायुसेना के लक्ष्य के अनुसार हमारे पास साल 2047 तक भारत में निर्मित सभी हथियार होने चाहिए। बता दें, उन्होंने एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी का स्थान लिया, जो तीन साल तक वायुसेना प्रमुख के रूप में कार्य करने के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए। एयर चीफ मार्शल सिंह इससे पहले वायुसेना के उप प्रमुख थे। 27 अक्टूबर 1964 को जन्मे एसीएम सिंह को दिसंबर 1984 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट वर्ग में शामिल किया गया था।

आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के महत्व पर दिया जोर

एयर चीफ मार्शल सिंह ने आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए कहा की उनका लक्ष्य है कि साल 2047 तक भारतीय वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी उपकरण भारत में ही बनाए जाएं। उन्होंने बताया की इस पहल का मूल उद्देश्य विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाना है। उन्होंने कहा मौजूदा सरकार का स्वदेशी उत्पादन पर जोर रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है और यह रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की भारत की व्यापक नीति के अनुरूप भी है। उन्होंने कहा कि भारत को पहले ही एस-400 मिसाइल सिस्टम की पांच में से तीन यूनिट मिल चुकी हैं और रूस ने अगले साल तक बाकी दो यूनिट देने का वादा किया है। उन्होंने कहा की यह अधिग्रहण भारत की वायु सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है।

 

7.) बबीता फोगाट ने विनेश पर जमकर साधा निशाना

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार, 5 अक्टूबर को वोट डाला जाना है। इस बीच जुलाना से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व रेसलर विनेश फोगाट की चचेरी बहन और 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स की "गोल्ड मेडलिस्ट बबीता फोगाट" ने उनकी कड़ी आलोचना की है। बबीता फोगाट ने कहा है कि विनेश ने अपने गुरु और चाचा महावीर फोगाट को उनके द्वारा किए गए हर काम के लिए कभी धन्यवाद नहीं दिया है। बबीता फोगाट ने कहा कि विनेश के पिता के निधन के बाद चाचा महावीर ने उन्हें पूरी तरह से अपने संरक्षण में लिया और उनपर काम किया, लेकिन विनेश ने कभी इस बात को स्वीकार नहीं किया है। विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव लड़ने पर भी बबीता फोगाट ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल उठाया कि पहले तो विनेश कहती थी कि वो 2032 तक रेसलिंग करना चाहती हैं तो अब ऐसा क्या होगा कि उन्होंने अचानक संन्यास ले लिया।

बहन बबीता ने विनेश फोगाट पर लगाए गंभीर आरोप

पेरिस ओलंपिक में मेडल पाने वाले अन्य एथलीट और उनके कोचों का जिक्र करते हुए बबीता फोगाट ने कहा कि क्या आपने विनेश फोगाट को उनके कोच के साथ देखा है? जब वह पेरिस से वापस दिल्ली एयरपोर्ट पर आई तो उनके साथ दीपेंद्र हुड्डा दिखे थे। मुझे तो लगता है कि दीपेंद्र हुड्डा ही उनके द्रोणाचार्य हैं। उन्होंने आगे कहा, आज मशहूर होने के बाद, वह अपनी उपलब्धियों का श्रेय प्रियंका वाड्रा और हुड्डा को देती हैं। अगर आप सरकार के प्रयासों को स्वीकार नहीं करते हैं तो यह ठीक है, लेकिन उन्होंने अपने ही पिता समान चाचा महावीर फोगाट को अनदेखा किया, जिसने उनको बनाने और यहां तक पहुँचने में सबसे ज्यादा कड़ी मेहनत की है। बबीता फोगाट ने कहा, विनेश ने ऐसा क्यों किया? वो क्यों इतनी बदल गई? ये मुझे नहीं पता। उन्होंने कहा ऐसा एक प्रतिशत भी चांस नहीं है कि सरकार ने उनके खिलाफ कोई साजिश की ताकि विनेश से मेडल छीन ले, रही बात 100 ग्राम वजन की तो ये खिलाड़ी की जिम्मेदारी होती है कि वो अपने वजन को काबू में रखे। मैं खुद 200 ग्राम वजन की वजह से डिस्क्वालिफाई हुई थी।

'मैंने अपने पिता को सिर्फ 3 बार रोते देखा है...'

बबीता फोगाट ने कहा, मैंने अपने पिता महावीर फोगाट को तीन बार ही रोते देखा है, एक बार जब हमारी शादी हुई थी तब, एक बार जब मेरे चाचा (विनेश के पिता) का निधन हो गया था तब और तीसरी बार जब विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालिफाई हो गई थी तब। जब से मेरे चाचा का निधन हुआ है, विनेश और उसके दोनों भाई-बहनों ने अचानक कुश्ती छोड़ दी, उसके बाद मेरे पिता उनके घर गए और उनकी मां से लड़कर उन्हें कुश्ती में वापस लेकर आए। आप सोचिए, विनेश को बनाने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की होगी, लेकिन उसने अपने गुरु को छोड़कर सभी का शुक्रिया अदा किया है। पेरिस ओलंपिक में मेडल पाने वाले अन्य एथलीट और उनके कोचों का जिक्र करते हुए बबीता फोगाट ने कहा कि 'क्या आपने विनेश फोगाट को उनके कोच के साथ देखा है? बता दें, बबीता फोगाट ने विनेश पर पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद धन्यवाद नोट में महावीर फोगाट का नाम नहीं लेने को लेकर निशाना साधा है।