धर्मशाला में गुरुवार की शाम उस वक्त सन्नाटा छा गया जब पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच चल रहा IPL मैच अचानक रद्द कर दिया गया। वजह – पड़ोसी शहर जम्मू और पठानकोट में संभावित हवाई हमलों की चेतावनी। भारत-पाक के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने अब खेल के मैदान की शांति को भी लील लिया है। इस घटनाक्रम के बाद इंडियन प्रीमियर लीग के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर -ए-तैयबा के ठिकानों पर मिसाइल हमलों के बाद हालात बेहद संवेदनशील हो गए हैं। ये हमले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई माने जा रहे हैं, जिसमें 26 निर्दोषों की जान गई थी धर्मशाला में जब मैच रुका, तब पंजाब की टीम ने 10.1 ओवर में एक विकेट पर 122 रन बना लिए थे। पहले कहा गया कि फ्लडलाइट्स में तकनीकी खराबी है, लेकिन जल्द ही मैदान पर हड़कंप मच गया। दर्शकों और खिलाड़ियों को स्टेडियम से सावधानीपूर्वक बाहर निकाला गया। करीब 23,000 क्षमता वाले इस स्टेडियम में उस वक्त 80 प्रतिशत से ज्यादा दर्शक मौजूद थे। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (HPCA) के मुताबिक, भीड़ में कोई अफरातफरी नहीं थी, लेकिन स्टेडियम के बाहर जाते हुए दर्शकों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए। दोनों टीमों के खिलाड़ी अब पठानकोट होते हुए विशेष ट्रेन से दिल्ली रवाना किए जाएंगे। बीसीसीआई ने फिलहाल लीग को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। IPL चेयरमैन अरुण धूमल ने कहा कि हालात पर नजर रखी जा रही है और सरकार के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि शुक्रवार को लखनऊ में लखनऊ सुपर जायंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच मैच फिलहाल तय कार्यक्रम के अनुसार होगा। लेकिन सुरक्षा चिंताओं ने विदेशी खिलाड़ियों के मन में डर भर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, कई खिलाड़ी जल्द से जल्द अपने देश लौटना चाहते हैं। बीसीसीआई की उच्च स्तरीय बैठक जारी है, जिसमें विदेशी खिलाड़ियों की चिंताओं पर चर्चा हो रही है। धर्मशाला का एकमात्र हवाई अड्डा, कांगड़ा और चंडीगढ़ के एयरपोर्ट्स एहतियातन बंद कर दिए गए हैं। गुरुवार रात पंजाब के कई जिलों में ब्लैकआउट कर दिया गया – पठानकोट, अमृतसर, मोहाली, जालंधर और चंडीगढ़ भी इससे प्रभावित रहे। गौरतलब है कि IPL का कार्यक्रम पहले ही इस संकट से प्रभावित हो चुका है 11 मई को धर्मशाला में मुंबई इंडियंस और पंजाब किंग्स के बीच होने वाला मैच अब अहमदाबाद में खेला जाएगा।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालिया घटनाक्रमों ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। पश्चिमी सीमाओं पर ड्रोन हमलों और नियंत्रण रेखा (LoC) पर बार-बार हो रहे सीजफायर उल्लंघनों के बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को तीनों सेनाओं थल सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर देश की सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा की। सूत्रों की मानें तो यह बैठक सिर्फ कागजी कवायद नहीं थी, बल्कि इसमें जवाबी कार्रवाई की रणनीति और सैन्य स्तर पर तैयारी को ठोस रूप देने की दिशा में निर्णायक विचार-विमर्श हुआ। रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुखों से सीमावर्ती क्षेत्रों की ताजा स्थिति, संभावित खतरों और सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की विस्तृत जानकारी ली। 8 और 9 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों ने एक बार फिर यह संकेत दिया कि पड़ोसी मुल्क तनाव को भड़काने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि, भारतीय सेना ने न सिर्फ इन हमलों को नाकाम किया, बल्कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान और PoK में मौजूद आतंकी ठिकानों को भी नेस्तनाबूद कर दिया। सेना सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के तहत बुधवार तड़के हुए हमलों में 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया और कई आतंकवादी मारे गए। यह कार्रवाई बताती है कि भारत अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक मोड में है।
पाकिस्तान की कोशिश भारत में डर और भ्रम फैलाने की भी रही, जिसमें वह अपने सोशल मीडिया नेटवर्क और मुख्यधारा की मीडिया के जरिये मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ने में जुटा रहा। लेकिन भारत सरकार और रक्षा प्रतिष्ठानों ने इस प्रोपेगैंडा का सटीक जवाब देते हुए सच्चाई देशवासियों तक पहुँचाई और विरोधी दुष्प्रचार को करारा जवाब दिय तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने CDS जनरल अनिल चौहान और DRDO प्रमुख से भी मुलाकात की। इस दौरान स्वदेशी रक्षा उत्पादन, हथियारों की उपलब्धता और सेना के लॉजिस्टिक सपोर्ट पर चर्चा हुई। आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा क्षेत्र में हो रही प्रगति भी इस बातचीत का प्रमुख हिस्सा रही। इससे पहले गुरुवार को पहलगाम आतंकी हमले और सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनज़र रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा था कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि कोई भारत की सहनशीलता को उसकी कमजोरी समझता है, तो उसे करारा जवाब मिलेगा।
गुरुवार की रात भारत के लिए एक इम्तिहान थी—और पाकिस्तान के लिए सबक़। जैसलमेर, जम्मू और पठानकोट की फिज़ाओं में अचानक जब धमाकों की आवाज़ गूंजी, तो लगा जैसे दुश्मन फिर से पुराना खेल खेलना चाहता है। लेकिन इस बार भारत तैयार था ना सिर्फ़ जवाब देने के लिए, बल्कि दुश्मन की सोच को ही तबाह करने के लिए। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से भारत के शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की। मक़सद साफ़ था एक साथ कई हमले कर भारत के डिफेंस सिस्टम को चौंका देना। बिल्कुल उसी तरह, जैसे 2023 में हमास ने इजराइल पर मिसाइलों की बारिश की थी। लेकिन पाकिस्तान शायद भूल गया था कि अब उसके सामने 2016 या 1971 वाला भारत नहीं, बल्कि ‘सुदर्शन चक्र’ से लैस भारत खड़ा है।
भारत ने पाकिस्तान की तमाम मिसाइलों को हवा में ही ढेर कर दिया। रूस निर्मित एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने ना सिर्फ़ इन मिसाइलों को नाकाम किया, बल्कि दो JF-17 और एक F-16 फाइटर जेट को भी धूल चटाई। हर वार का जवाब मिला और ऐसा मिला कि पाकिस्तान आज भी अपनी एयरबेस की राख से झांक रहा है। भारत ने अपने एस-400 सिस्टम को ‘सुदर्शन चक्र’ का नाम दिया है और ये नाम सिर्फ़ प्रतीक नहीं, हकीकत है। ये वही चक्र है जो नज़र से ओझल रहते हुए भी दुश्मन की गर्दन काट देता है। इसकी रडार रेंज 600 किलोमीटर तक जाती है और एक साथ 300 टारगेट ट्रैक कर सकता है। 400 किलोमीटर की दूरी से मिसाइल मारने की ताकत रखने वाला यह सिस्टम दुश्मन के हर प्लान को चूर-चूर कर देता है। एस-400 एक ऐसा सिस्टम है जिसमें चार रेंज की मिसाइलें होती हैं 40, 100, 200 और 400 किलोमीटर। यानी कोई भी दुश्मन ज़मीन से उठे, हवा में तैरे या आसमान को चीरता आए ‘सुदर्शन चक्र’ उसकी सांसें थामने को तैयार है। यह सिस्टम इतनी तेजी से लोकेशन बदल सकता है कि दुश्मन के लिए इसकी पोजिशन को डिटेक्ट करना लगभग नामुमकिन है। इस हमले में भारत ने न सिर्फ़ अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की, बल्कि दुनिया को एक बार फिर दिखा दिया कि उसके डिफेंस सिस्टम सिर्फ़ रक्षा के लिए नहीं, बल्कि जवाब के लिए भी हैं। पाकिस्तान को अब समझ आ गया होगा कि भारत की चुप्पी उसकी कमजोरी नहीं, बल्कि तूफान से पहले की खामोशी होती है।