मेघालय की ठंडी वादियों और नीले आसमान के नीचे शुरू हुई एक नई ज़िंदगी की कहानी अब भारत के सबसे सनसनीखेज मर्डर केस में बदल चुकी है। जिस दंपती ने हाल ही में विवाह के बंधन में बंधकर भविष्य के सुनहरे सपने बुने थे, वही कहानी अब खून, धोखे और साजिशों के जाल में उलझ चुकी है।
21 मई : 27 वर्षीय राजा रघुवंशी और 24 वर्षीय सोनम रघुवंशी (दोनों इंदौर, मध्य प्रदेश से) अपनी शादी के बाद हनीमून मनाने मेघालय पहुंचे। शिलांग के एक गेस्टहाउस में उन्होंने कमरा लिया, दोनों खुश थे, तस्वीरें खिंचवाई गईं, और अगली सुबह यानी 22 मई को उन्होंने स्कूटी किराए पर लेकर चेरापूंजी के लिए प्रस्थान किया। रास्ते में एक स्थानीय गाइड को भी साथ लिया गया। शाम को उन्होंने एक छोटे से गांव में होमस्टे बुक किया। सब कुछ सामान्य लग रहा था… लेकिन अगले दिन कहानी बदल गई। 23 मई को जब कपल ने चेकआउट किया, उन्होंने गाइड को लौटा दिया। गाइड वानसाई ने बताया कि इसके बाद वह उन्हें नहीं देख पाया। लेकिन दूसरी तरफ, एक और स्थानीय गाइड अल्बर्ट पैड ने दावा किया कि उसने राजा और सोनम को तीन अन्य युवकों के साथ चलते देखा था। अल्बर्ट ने यह भी बताया कि वे सभी हिंदी में बात कर रहे थे, जबकि वह खासी और अंग्रेज़ी समझता है। यहीं से इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया।
24 मई को उस स्कूटी को लावारिस हालत में जंगल के पास छोड़ दिया गया पाया गया, जिसे दंपती ने किराए पर लिया था। इसके बाद पुलिस ने इस "लापता नवविवाहित जोड़े" की खोज शुरू की। लगभग 10 दिनों की तलाश के बाद 2 जून को पुलिस को एक शव मिला। शुरुआती डीएनए जांच और कपड़ों के आधार पर पुष्टि हुई कि शव राजा रघुवंशी का है। शव के पास से खून से सना चाकू और रेनकोट बरामद हुए जिससे हत्या की आशंका पुख्ता हो गई। पुलिस ने तत्काल अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया।
शिलॉन्ग स्थित गेस्टहाउस के बाहर लगे कैमरे से मिली एक सीसीटीवी फुटेज में राजा और सोनम एक स्कूटी पर साथ दिखे यही वो आखिरी रिकॉर्ड है जिसमें दोनों साथ नजर आते हैं। सोनम तब से लापता थी। उसके बाद 9 जून: सोनम की लोकेशन मिली - यूपी के गाजीपुर में। गाजीपुर के एक ढाबे पर सोनम बेहोशी की हालत में पाई गई। वहां उसने ढाबा संचालक से अपने भाई को फोन कराया और फिर एसपी ईरज राजा की निगरानी में उसे मेडिकल के लिए भेजा गया। यह जानकारी जब सामने आई तो पूरा मामला तिरछा हो गया।
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे कहानी ने खतरनाक और चौंकाने वाले मोड़ लेने शुरू किए। पुलिस का दावा है कि सोनम ने खुद अपने पति की हत्या की साजिश रची थी। उसने तीन लोगों को हनीमून ट्रिप के दौरान हत्या करने के लिए किराए पर बुलाया। इनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और एक अब भी फरार है। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में यह स्वीकारा कि हत्या सोनम के कहने पर की गई और इसके बदले उन्हें पैसा देने का वादा किया गया था। उनका मकसद था हत्या को "गायब होने" की घटना की तरह दिखाना। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने इस पूरे केस पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि मामले की बारीकी से जांच की जा रही है और पुलिस ने मध्य प्रदेश से संबंधित तीन अभियुक्तों को पकड़ा है। उन्होंने कहा कि “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जो मेघालय के शांत और सुरक्षित पर्यटन छवि को कलंकित करती है, लेकिन हम अपराधियों को न्याय तक पहुंचाएंगे।”
क्या यह हत्या पैसों के लिए थी? क्या सोनम किसी और से प्रेम करती थी? क्या शादी ही एक फरेब थी? अगर हनीमून प्लान पहले से बना था, तो तीन हत्यारों को वहां पहुंचाना क्या पहले से तय प्लॉट था? इन तमाम सवालों के जवाब पुलिस की जांच से सामने आने बाकी हैं, लेकिन एक बात स्पष्ट है यह हनीमून नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित हत्या का मंच था, जहां भावनाओं का इस्तेमाल सबसे घातक हथियार की तरह किया गया। सोनम दोषी है या एक बड़ी साजिश की मोहरा यह अदालत तय करेगी। लेकिन फिलहाल, यह केस एक चेतावनी बनकर खड़ा है कि प्यार की परिभाषाएं अब इतनी सीधी नहीं रहीं।
मंगलवार को पंजाब किंग्स को हराकर आरसीबी ने पहली बार आईपीएल का खिताब जीता था। अगले दिन बुधवार को बेंगलुरु में आयोजित परेड में लाखों की भीड़ जमा हुई, जो अपने नायकों को करीब से देखने और जीत का जश्न मनाने को आतुर थी। लेकिन बड़ी संख्या में उमड़ी भीड़ पर नियंत्रण खोने से जो भगदड़ मची, उसने खुशियों को गम में बदल दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को बल्कि पूरे क्रिकेट जगत को झकझोर कर रख दिया है।
भगदड़ के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही, कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। मामले की जांच के तहत एक गिरफ्तारी भी हो चुकी है। बीसीसीआई के सामने अब बड़ा सवाल यह है कि इस त्रासदी की जिम्मेदारी किसकी है? अगर जांच में आरसीबी के मैनेजमेंट की लापरवाही सामने आती है, तो बोर्ड के लिए टीम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना अपरिहार्य होगा। आईपीएल की हर फ्रैंचाइजी कमर्शियल इकाई के रूप में काम करती है, लेकिन उनकी गतिविधियां बीसीसीआई के कड़े कॉन्ट्रैक्ट के अधीन होती हैं, जिनमें सार्वजनिक सुरक्षा के नियम और दिशानिर्देश स्पष्ट होते हैं। अगर इस मामले में आरसीबी के नाम पर कोई बड़ी चूक पाई जाती है, तो बीसीसीआई के लिए लीग की विश्वसनीयता बनाए रखना प्राथमिकता होगी। यह सवाल भी उठता है कि क्या आरसीबी को आईपीएल 2026 में खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं।
क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने इस घटना पर अपनी व्यथा जाहिर करते हुए कहा, "यह एक त्रासदी है। वे लोग जो इतने वर्षों से इस जीत के लिए तरस रहे थे, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। वे सिर्फ अपने नायकों को देखने, छूने या उनसे तस्वीरें लेने की इच्छा रखते थे। लेकिन उस खुशी के बीच कुछ लोगों की जान चली गई। यह एक ऐसा नुकसान है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।" गावस्कर ने यह भी कहा कि अगर आरसीबी ने पहले कई सालों में यह ट्रॉफी जीत ली होती, तो यह भावनात्मक उमंग इतनी तीव्र नहीं होती। बीसीसीआई की जांच टीम मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी, लेकिन यह निश्चित है कि आईपीएल जैसी विश्व स्तरीय लीग में ऐसी घटनाएं लीग की छवि के लिए बेहद नुकसानदायक हैं। सुरक्षा इंतजामों की चूक, बड़ी संख्या में भीड़ का सही प्रबंधन न हो पाना और आयोजकों की लापरवाही से इस त्रासदी को रोकना संभव था। अब सवाल यह है कि क्या लीग के भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोहराया जाने दिया जाएगा, या फिर बीसीसीआई कड़े नियम और सख्त कार्रवाई के जरिए इस घटना से सबक लेगा।