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Breaking News 9 December 2024

1.)  दिल्ली-NCR में बारिश से सर्दी का आगाज, प्रदूषण पर लगा  ब्रेक।

दिल्ली-NCR में रविवार की रात से हुई बारिश ने मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। हल्की बूंदाबांदी से शुरू हुआ सिलसिला देखते ही देखते कई जगहों पर भारी बारिश में बदल गया। नतीजा ये हुआ कि तापमान तेजी से गिरने लगा । भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस बारिश के पीछे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) की बड़ी भूमिका है। यह सिस्टम इस समय 70°E और 30°N के आसपास सक्रिय है। इसके साथ ही उत्तरी राजस्थान और आसपास के इलाकों में बने चक्रवाती सर्कुलेशन ने बारिश को और मजबूती दी है। इन प्रणालियों के चलते उत्तर भारत, खासकर दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। बारिश के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। सोमवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। ठंडी हवाओं और बादलों के चलते लोगों को सर्दी का असली एहसास हो रहा है।

प्रदूषण में सुधार

रविवार को बारिश के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार देखा गया। शनिवार को जहां दिल्ली का AQI 302 यानी "बहुत खराब" श्रेणी में था, वहीं बारिश के बाद प्रदूषण का स्तर कम हो गया है। हालांकि, कुछ इलाकों में स्मॉग और धुंध का असर बना रह सकता है। मौसम विभाग ने बताया है कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते अगले दो-तीन दिन तक दिल्ली-NCR और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश और ठंड का सिलसिला जारी रहेगा। सुबह और रात के समय घने कोहरे की संभावना है, जिससे विजिबिलिटी प्रभावित हो सकती है। छाता और रेनकोट साथ रखें, क्योंकि बारिश कभी भी हो सकती है। गाड़ियों की लाइट और इंडिकेटर सही तरीके से इस्तेमाल करें, क्योंकि कोहरे के चलते सड़क पर विजिबिलिटी कम हो सकती है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी दर्ज की गई है, जिससे सर्द हवाएं दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड बढ़ा रही हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य मैदानी राज्यों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली-NCR में बारिश ने ठंड की दस्तक को और ठिठुरन भरी शुरुआत में बदल दिया है। प्रदूषण में गिरावट और साफ हवा के बीच मौसम का यह बदलाव एक बड़ी राहत लेकर आया है। लेकिन सर्दी की तैयारी अभी से करना जरूरी है, क्योंकि असली ठंड अभी बाकी है।

 

2.): एशिया के सबसे बड़े कपड़ों की मार्केट में लगी भीषण आग, 

दिल्ली के यमुनापार स्थित गांधी नगर इलाके में रविवार रात एक कपड़ों की दुकान में भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। यह हादसा गांधी नगर पुलिस स्टेशन के पास देवलोक गली में हुआ। फायर कंट्रोल रूम को रात 9 बजे के आसपास आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद मौके पर तुरंत फायर ब्रिगेड की लगभग 10 गाड़ियां भेजी गईं।  कपड़ों का गोदाम होने के कारण आग ने तेजी से फैलकर विकराल रूप ले लिया। हर तरफ से धुआं और लपटें उठने लगीं, जिससे आसपास के लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। फायर डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने या घायल होने की खबर नहीं है। हालांकि, आग की भयावहता को देखते हुए फायर ब्रिगेड ने ऑपरेशन को प्राथमिकता दी है और आग बुझाने का काम जारी है। 

रेस्क्यू ऑपरेशन का हाल

अलग-अलग फायर स्टेशन से कुल 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकल कर्मियों ने दुकान को हर तरफ से घेरकर आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। कपड़ों का भारी स्टॉक होने की वजह से आग तेजी से फैल रही थी। ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पूरी तरह जल चुके हैं, और दमकल कर्मी दोनों मंजिलों में आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। दमकल टीम ने आग को आसपास की दुकानों और घरों में फैलने से रोकने का प्रयास किया। स्थानीय लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।गांधी नगर जैसे घनी आबादी वाले इलाके में आग बुझाने का काम दमकल कर्मियों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। दमकल गाड़ियां मुख्य सड़कों पर खड़ी रखनी पड़ीं, और पाइप के जरिए पानी पहुंचाया गया। दमकल कर्मियों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया। पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा, और सोमवार सुबह तक ठंडा करने का काम जारी रहा।

स्थानीय प्रशासन की भूमिका

अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। शुरुआती रिपोर्ट्स में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने के बाद जांच करेगी। ताकि सही कारणों का पता लगाया जा सके। स्थानीय पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया और भीड़ को दूर किया। एहतियात के तौर पर एंबुलेंस भी मौके पर तैनात की गई हैं। आसपास के लोगों को किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए इलाके को खाली कराया गया। गांधी नगर का इलाका बेहद संकरे मार्गों वाला है। जिससे फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को घटनास्थल तक पहुंचने में मुश्किल हुई। दुकान में कपड़ों का बड़ा स्टॉक होने के कारण आग तेजी से भड़क रही थी। इलाके के निवासियों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि दुकान से धुआं और लपटें दूर-दूर तक दिखने लगीं। कई लोग अपनी दुकानें और सामान छोड़कर बाहर भाग गए। आग लगने की यह घटना दिल्ली के गांधी नगर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में हुई है, जहां घनी आबादी और कपड़ों के बड़े बाजार हैं। हालांकि, फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रशासन ने समय पर कार्रवाई कर बड़ी जनहानि होने से बचा लिया है। आग लगने के सही कारणों का पता जांच के बाद ही चल पाएगा।

 

3. बीजेपी ने किया कांग्रेस पर वार, कहा कांग्रेस का FDL-AP से है संबंध 

आज भारत की संसद, यानी लोकसभा और राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ है। यह हंगामा अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस से जुड़े विवादों पर केंद्रित है। जिसके तहत भाजपा (BJP) ने कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा का आरोप है कि सोनिया गांधी का कनेक्शन "फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक" (FDL-AP) से है, जो जॉर्ज सोरोस द्वारा फंडेड एक संगठन है। भाजपा का दावा है कि इस संगठन का एजेंडा कश्मीर को अलग करने का है और सोनिया गांधी इस संगठन से जुड़ी हुई हैं। जो भारत की संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों में लिप्त है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और गिरिराज सिंह ने सोनिया गांधी पर तीखे हमले किए हैं। निशिकांत दुबे ने कहा, “देश को यह जानने का अधिकार है कि कांग्रेस, विपक्षी दल और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के बीच किस प्रकार के संबंध हैं। यह सवाल सदन में उठाना एक सांसद का अधिकार है, लेकिन विपक्ष इसे दबाने की कोशिश कर रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस जैसे लोग, जो भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए काम करते हैं, खालिस्तान के समर्थन में हैं और कांग्रेस पार्टी उनकी सांठगांठ में फंसी हुई है। दुबे ने कहा कि सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए। गिरिराज सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने देश के साथ गलत किया है। उनका आरोप था कि राहुल गांधी जॉर्ज सोरोस की भाषा बोलते हैं और उनकी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। गिरिराज सिंह का कहना था कि जॉर्ज सोरोस उन लोगों को फंड करते हैं जो देश में अस्थिरता लाने वाली गतिविधियों में शामिल होते हैं, और उन्होंने राहुल गांधी से इस पूरे प्रकरण पर स्पष्टीकरण देने की मांग की। गिरिराज सिंह के आरोपों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी इस फंडिंग के जरिये भारत में एक अलग गुट बनाने की कोशिश कर रही है, जो देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है।


सोनिया गांधी पर लगाए गए आरोपों ने राजनीतिक पारा और भी बढ़ा दिया है, और भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी की संलिप्तता को लेकर कड़ी टिप्पणियां की हैं। भाजपा सांसदों ने कांग्रेस और विपक्षी दलों के अंतरराष्ट्रीय ताकतों से रिश्तों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं, और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देखा है। हालांकि, इस पूरे विवाद पर विपक्षी दलों ने भाजपा को घेरने की कोशिश की है। समाजवादी पार्टी (SP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोनिया गांधी का बचाव किया है और भाजपा के आरोपों को झूठा और राजनीतिक बदला लेने की कोशिश करार दिया है। RJD सांसद मनोज झा ने कहा, “जब सरकार और उसके शीर्ष नेतृत्व ने साजिश के सिद्धांतों पर विचार करना शुरू कर दिया है, तो इसका मतलब है कि वे कुछ छिपाना चाहते हैं। अगर सचमुच ऐसा है, तो उन्हें अपनी सरकार में बैठकर इसकी जांच करनी चाहिए।” मनोज झा का कहना था कि भाजपा इस मामले का इस्तेमाल विपक्ष और खासकर सोनिया गांधी को बदनाम करने के लिए कर रही है, ताकि एक राजनीतिक एजेंडा पूरा किया जा सके। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि इस तरह के आरोपों से कांग्रेस के खिलाफ एक समन्वित अभियान चलाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी ने यह भी कहा कि जॉर्ज सोरोस का नाम उछालकर भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल कर रही है, जबकि वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटका रही है। इस पूरे मामले में FDL-AP (फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक) संगठन का नाम प्रमुख रूप से उभरा है, जो जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों के समर्थन में खड़ा है। यह संगठन भारत की संप्रभुता के खिलाफ बयानबाजी करता है और जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्तीय मदद प्राप्त करता है। सोरोस का नाम अक्सर उन गतिविधियों से जुड़ा होता है, जो वैश्विक स्तर पर सरकारों के खिलाफ अस्थिरता उत्पन्न करने का प्रयास करती हैं। भाजपा का आरोप है कि सोनिया गांधी का इस संगठन से संबंध देश में दहशत फैलाने और खालिस्तान आंदोलन जैसे मुद्दों को बढ़ावा देने का हिस्सा है। कांग्रेस ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा है कि यह भाजपा का एक सुनियोजित हमला है, जिसका मकसद सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करना है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के मुद्दों को उठाकर राजनीतिक खेल खेल रही है।

 

4.)  भारत की सबसे बड़ी कंपनी Flipkart ला रहा है अपना IPO !

भारत की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट अब जल्द ही अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के जरिए पब्लिक मार्केट में एंट्री करने वाली है। यह IPO 2025 के आखिर या 2026 की शुरुआत में लॉन्च होने की संभावना है। $36 बिलियन के वैल्यूएशन के साथ, यह कदम भारतीय डिजिटल इकॉनमी और स्टार्टअप इंडस्ट्री के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

Flipkart का IPO क्यों है खास?

फ्लिपकार्ट का IPO भारतीय ई-कॉमर्स और टेक स्टार्टअप्स की ताकत को ग्लोबल इन्वेस्टर्स के सामने पेश करेगा। कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने ऑपरेशंस और बिजनेस मॉडल को पूरी तरह बदलते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। वॉलमार्ट, जिसने 2018 में $16 बिलियन देकर फ्लिपकार्ट में 81% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस IPO के जरिए बड़े रिटर्न की उम्मीद कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में फ्लिपकार्ट ने अपने प्रतिद्वंद्वियों, जैसे Amazon और Reliance JioMart, के मुकाबले कई इनोवेटिव कदम उठाए हैं। 

Flipkart की आर्थिक स्थिति

वित्त वर्ष 2024 (FY24) में फ्लिपकार्ट ने ₹17,907.3 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया। जो 21% की ग्रोथ को दर्शाता है। वहीँ इस कंपनी का घाटा भी 41% घटाकर ₹2,358 करोड़ कर दिया गया। इसके साथ ही, विज्ञापन रेवेन्यू 50% बढ़कर ₹5,000 करोड़ तक पहुंच गया। फ्लिपकार्ट का मजबूत फाइनेंशियल बैकग्राउंड इसे IPO के लिए एक आकर्षक ऑप्शन बनाता है। IPO लॉन्च करने से पहले फ्लिपकार्ट ने अपनी कानूनी होल्डिंग को सिंगापुर से भारत में स्थानांतरित करने का फैसला किया है। इस कदम का मकसद घरेलू मार्केट में ज्यादा इन्वेस्टमेंट आकर्षित करना है। यह रणनीति PhonePe और Zepto जैसी कंपनियों के उदाहरण से प्रेरित है, जिन्होंने भारतीय बाजार में अपनी वैल्यू बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया था। फ्लिपकार्ट का IPO भारतीय और ग्लोबल निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आएगा। यह कदम भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री को ग्लोबल मार्केट में नई पहचान दिला सकता है। पिछले कुछ IPO, जैसे Zomato, Nykaa, और Paytm, ने इस सेक्टर को काफी लोकप्रिय बनाया है। फ्लिपकार्ट का IPO इस सिलसिले को आगे बढ़ा सकता है।

 IPO की चुनौतियां और संभावनाएं

हालांकि फ्लिपकार्ट को Amazon और Reliance JioMart जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है, लेकिन फ्लिपकार्ट का मजबूत सप्लाई चेन नेटवर्क और लोकल मार्केट पर पकड़ इसे इनसे अलग बनाता है। भारतीय बाजार में तेजी से बढ़ रही ऑनलाइन शॉपिंग की आदतें फ्लिपकार्ट के लिए नई संभावनाएं खोल सकती हैं। यह IPO निवेशकों को भारतीय ई-कॉमर्स के ग्रोथ स्टोरी में हिस्सेदारी का मौका देगा। वॉलमार्ट को इस IPO के जरिए बड़ा मुनाफा मिलने की उम्मीद है। यह IPO भारत की डिजिटल इकॉनमी की मजबूती को साबित करेगा। फ्लिपकार्ट का IPO सिर्फ एक कॉर्पोरेट इवेंट नहीं। बल्कि भारतीय स्टार्टअप और ई-कॉमर्स इंडस्ट्री का एक ऐतिहासिक क्षण होगा। यह भारतीय इकॉनमी के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का प्रतीक बन सकता है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि फ्लिपकार्ट इस IPO को कैसे प्लान करता है और यह भारतीय मार्केट और निवेशकों को कितना प्रभावित करता है।