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Breaking News 8 October 2024

1.) उपराष्ट्रपति ने 'प्रतिदिन मीडिया नेटवर्क' के उद्घाटन समारोह की शोभा बढ़ाई

माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली में प्रतिदिन मीडिया नेटवर्क द्वारा आयोजित 'द कॉन्क्लेव 2024' के प्रतिष्ठित उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक और मीडिया-संबंधित मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण चर्चा की शुरुआत हुई, जिसमें विचारक, नेता, पत्रकार और विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोग उपस्थित थे। श्री धनखड़ ने अपने मुख्य भाषण में भारत जैसे लोकतंत्र में जनमत को आकार देने और स्वस्थ बहस को बढ़ावा देने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

श्री धनखड़ ने मीडिया विमर्श में उच्च मानकों का आह्वान किया

अपने संबोधन में, उपराष्ट्रपति ने मीडिया से बातचीत, बहस और चर्चा के उच्च मानकों को बनाए रखने का आह्वान किया, विशेष रूप से आज की तेज़-तर्रार और परस्पर जुड़ी दुनिया में। उन्होंने सच्चाई को प्रतिबिंबित करने और लोगों के सामान्य हितों की सेवा करने में मीडिया की अपरिहार्य भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, अगर पत्रकार और मीडिया घराने खुद को पक्षपातपूर्ण हितों के साथ जोड़ते हैं, तो यह देश या उसके नागरिकों के व्यापक हितों की पूर्ति नहीं करता है। श्री धनखड़ ने दर्शकों को उन दिनों की याद दिलाई जब भारत को आपातकाल के काले दौर का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कुछ समाचार पत्रों द्वारा दिखाए गए साहस पर जोर दिया जिन्होंने अपने संपादकीय स्थानों को खाली छोड़कर सेंसरशिप का विरोध किया था। उन्होंने लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में संपादकीय स्थान के महत्व को रेखांकित किया और आग्रह किया कि इसका बुद्धिमानी से उपयोग किया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मीडिया समाज में एक सतर्क प्रहरी बना रहे। (Video Link- https://x.com/VPIndia/status/1842493559317889515)

विघटनकारी तकनीक के युग में मीडिया की जिम्मेदारी?

समाज पर टेक्नोलॉजी के प्रभाव पर बात करते हुए, उपराष्ट्रपति ने बताया कि हम विघटनकारी तकनीक द्वारा परिभाषित एक युग में रह रहे हैं, जहां सूचना की गति और तेजी से प्रसार ने जीवन को नया आकार दिया है। उन्होंने कह कि हम एक और औद्योगिक क्रांति के शिखर पर हैं, जहां टेक्नोलॉजी में प्रगति से हमारा दैनिक जीवन हमेशा के लिए बदल गया है। हालाँकि, श्री धनखड़ ने चेतावनी दी कि झूठी या राष्ट्र-विरोधी कहानियों का प्रसार, अगर अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो ये राष्ट्र के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुँचा सकता है। उन्होंने मीडिया हाउसेस से ऐसे भ्रामक कहानियों को तेजी से पहचानने और बेअसर करने के लिए मशीन लर्निंग जैसी नए जमाने की तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया, जो अक्सर फर्जी समाचार और सनसनीखेज के माध्यम से सामने आते हैं। (Video Link- https://x.com/VPIndia/status/1842494557721624682)

मीडिया सत्य के संरक्षक के रूप में काम करे

अंत में, श्री धनखड़ ने सत्य के संरक्षक के रूप में मीडिया की भूमिका को दोहराया, जो एक संतुलित और सूचित सार्वजनिक चर्चा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र की सेवा करने के अपने कर्तव्य में मीडिया को गलत सूचनाओं की बढ़ती लहर के प्रति सतर्क रहना चाहिए। ऐसे युग में जहां सूचना बिजली की गति से फैलती है, मीडिया पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि केवल तथ्यात्मक, निष्पक्ष और अच्छी तरह से शोध की गई सामग्री ही जनता तक पहुंचे। उन्होंने मीडिया पेशेवरों को राष्ट्रीय संवाद को आकार देने में उनकी शक्ति को याद रखने के लिए प्रोत्साहित किया और इस बात पर जोर दिया कि एक जिम्मेदार मीडिया एक मजबूत लोकतंत्र की आधारशिला है।

 

2.) गाजियाबाद में केस दर्ज और ...देशभर में बवाल?

1,400 से ज्यादा लोगों पर FIR

गाजियाबाद के डासना के देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरि के विवादित बयान के बाद देश के कई हिस्सों में तनाव का माहौल हो गया है। महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान से उठा बवाल थम नहीं रहा। मेरठ के साथ अलीगढ़, आगरा, एटा व कन्नौज में सोमवार को मुसलमान सड़कों पर उतरे, तो वहीं गाजियाबाद में यति के समर्थकों ने भी उनके समर्थन में प्रदर्शन किया। गाजियाबाद में हंगामे के बाद बीच पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा, वहां 7 से अधिक एफआईआर में 200 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज किया गया है। वहीं, महाराष्ट्र के अमरावती में भीड़ बेकाबू हो गई, सैकड़ों लोगों ने नागपुरी गेट पुलिस थाने के बाहर पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी। घटना में 21 पुलिसवाले घायल हुए हैं और पुलिस के 10 वाहनों में तोड़फोड़ की गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में 1,200 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें से 26 लोगों की पहचान की गई है।

गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद के पक्ष में हंगामा

नरसिंहानंद के समर्थकों ने सोमवार को गाजियाबाद पुलिस आयुक्त के दफ्तर के बाहर हंगामा प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस अफसरों से सवाल किया कि आखिर यति नरसिंहानंद कहां हैं?। इस पर अधिकारियों ने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं। अब इस पर यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव डॉ. उदिता त्यागी ने कहा कि अगर जल्द ही महामंडलेश्वर नहीं मिलते हैं तो हिंदू संगठन 13 अक्तूबर को महापंचायत करेंगे। उनका दावा है कि पुलिस पांच अक्तूबर को बम्हेटा के पार्षद प्रमोद यादव के घर से महामंडलेश्वर को ले गई थी। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चल रहा है। वहीं, लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर भी देवी मंदिर पहुंचे और इसे आस्था पर हमले का प्रयास बताकर पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की। तनाव की स्थिति को देखते हुए फिलहाल मंदिर में पुलिस बल तैनात है। गाजियाबाद में बवाल के बाद दोनों पक्षों की ओर से कुल अब 16 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 16 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। वहीं, सहारनपुर के शेखपुरा में हुए रविवार को हुए बवाल के मामले में सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर कई अन्य उपद्रवियों की पहचान हो गई है।

मेरठ में लहराई गई तलवार और लगे देश विरोधी नारे

मेरठ में मुंडाली में बिना अनुमति प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। यहां भीड़ ने रोके जाने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने यहां 30 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। जुलूस में शामिल युवा और बच्चे तलवार और लाठी-डंडे लहराते हुए धार्मिक और देशविरोधी नारेबाजी कर रहे थे। अलीगढ़ के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हजारों की संख्या में छात्रों ने विरोध मार्च निकाला। यहां मखदूम नगर निवासी मो. अकबर की तहरीर पर भी नरसिंहानंद के खिलाफ जीरो FIR के तहत विवादित टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया। आगरा में भी उत्तर प्रदेश मुस्लिम महापंचायत ने कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला। पुलिस ने अब मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक 7 से अधिक FIR में 200 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज किया गया है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने 10-15 लोगों को हाउस अरेस्ट भी किया है और साथ ही पुलिस ने विवादित पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई की बात कही है।

कौन है विवादों में घिरे यति नरसिंहानंद?

पैगंबर को लेकर दिए बयान के बाद विवादों में घिरे डासना के देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद का असली नाम दीपक त्यागी है। बुलंदशहर के शिकारपुर तहसील के हिरनौट गांव के मूल निवासी से महामंडलेश्वर बनने तक का नरसिंहानंद का सफर चुनौती भरा रहा है। दीपक त्यागी के पिता राजेश्वर दयाल त्यागी सेना के CDS विभाग में नौकरी करते थे। मेरठ और हापुड़ में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद दीपक ने मास्को से M.Tech किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कपड़ों की ट्रेडिंग करने लगे, इसके बाद लंदन में नौकरी भी की। गाजियाबाद लाैटने के बाद उन्होंने राजनीति में अपने कदम बढ़ाए और सपा के महानगर अध्यक्ष बने। बता दें, साल 1992 में उन्होंने मैथमेटिक्स ओलंपियाड में रिकॉर्ड भी बनाया था। साल 1996 में उनकी शादी हुई और यति नरसिंहानंद ने 2001 में दो साल की बेटी और पत्नी को छोड़कर संन्यास ले लिया और साल 2002 में ब्रहानंद सरस्वती से दीक्षा ली और यति नरसिंहानंद सरस्वती बन गए। कुछ दिनों तक दूधेश्वरनाथ मंदिर में रहे। संतों ने डासना देवी मंदिर का महंत बनाया। यति नरसिंहानंद सरस्वती पर भड़काऊ और आपत्तिजनक बयान समेत कई विवादों में अब तक 80 केस दर्ज हो चुके हैं।

 

3 .) वायुसेना दिवस 2024, क्या है IAF का इतिहास और थीम?

आज 8 अक्टूबर को देश वायुसेना दिवस मना रहा है। भारतीय वायुसेना की 92वीं वर्षगांठ का थीम है- “भारतीय वायुसेना: सक्षम, सशक्त और आत्मनिर्भर,” जो राष्ट्रीय रक्षा में उसकी शक्ति और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। वायु सेना दिवस परेड आज तमिलनाडु के चेन्नई में तांबरम वायु सेना स्टेशन पर आयोजित की जा रही है। एयर शो के दौरान बहत्तर विमान हवाई करतब दिखा रहे हैं, जिनमें सबसे पुराने और नवीनतम लड़ाकू विमान और लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल हैं। आपको बता दें, भारतीय वायुसेना तीनों सशस्त्र बलों में से एक महत्वपूर्ण अंग है। भारतीय वायु सेना का देश की सुरक्षा में बड़ा योगदान है। भारत की वायु सेना देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्थापित की गई थी और आज भारतीय वायुसेना दुनिया की एक अत्याधुनिक और शक्तिशाली वायुसेना बन चुकी है। भारतीय वायुसेना दिवस देश के वीर जवानों के साहस और बलिदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन न केवल वायु सेना की उपलब्धियों को मनाने का समय होता है, बल्कि समाज के लिए उनके बलिदान और योगदान को सम्मानित करने का भी है।

भारतीय वायुसेना की युद्धों में भूमिका और उपलब्धियां

भारतीय वायुसेना के पास मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यासों में नियमित और सफल भागीदारी का समृद्ध इतिहास है। भारतीय वायुसेना ने 1965, 1971 और कारगिल युद्धों में अपनी ताकत और क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय वायुसेना के पास परमाणु हथियार ले जाने वाले विमान भी हैं, जो देश की हवाई सुरक्षा करने के लिए दुश्मनों में डिटरेंट और सीमा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपको बता दें, स्वतंत्रता के बाद से भारतीय वायुसेना ने कुल पाँच युद्ध लड़े हैं, जिनमें चार पाकिस्तान के साथ और एक चीन के साथ हुआ था। साल 1948, 1965, 1971 और 1999 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी वायु सेना ने अपना पराक्रम दिखाया। इसके अलावा, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी प्रमुख घटनाओं में भी भारतीय वायुसेना का योगदान अहम रहा है। इसके अलावा द्वितीय विश्व युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने हिस्सा लिया था, जिसके लिए किंग जॉर्ज VI ने इसे 'रॉयल' का प्रीफिक्स दिया था। लेकिन भारत की आजादी के बाद जब देश गणराज्य बना, तब यह प्रीफिक्स हटा दिया गया।

प्रधानमंत्री ने वायुसेना दिवस पर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानि 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस के अवसर पर भारतीय वायुसेना के सदस्यों और उनके परिजनों को बधाई दी है। सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वायुसेना दिवस के अवसर पर, साहसी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को मेरी बधाई। नभः स्पृशं दीप्तम् के अपने आदर्श वाक्य के अनुरूप, भारतीय वायु सेना ने दशकों से असाधारण निपुणता का परिचय दिया है। उन्होंने राष्ट्र को सुरक्षित किया है और आपदाओं के दौरान उल्लेखनीय मानवीय भावना भी दिखाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन के माध्यम से क्षमता विकास को प्रोत्साहित किया है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के रूप में बल गुणकों की क्षमता वृद्धि की दिशा में सराहनीय प्रयास किया गया है, भविष्य के युद्ध से लड़ने के लिए अंतरिक्ष और साइबर क्षमताओं का उपयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित निर्णय उपकरण और स्वार्म मानवरहित युद्ध प्रणाली जैसी नवीनतम तकनीक को शामिल करने वाली प्रणालियां है।

उपराष्ट्रपति ने वायुसेना दिवस पर शुभकामनाएँ दी

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनकड़ ने मंगलवार, 8 अक्टूबर वायुसेना दिवस के अवसर पर भारतीय वायुसेना को शुभकामनाएँ दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' के माध्यम से कहा, हमारे आसमान को सुरक्षित करने से लेकर, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता प्रदान करने और संकट में नागरिकों की सहायता करने तक, भारतीय वायुसेना का योगदान भारत की सुरक्षा के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सभी साथी नागरिकों की ओर से, मैं अपने साहसी कर्मियों को उनकी व्यावसायिकता, अद्वितीय बहादुरी और राष्ट्र के प्रति दृढ़ सेवा के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। मैं #भारतीय वायुसेना को उसके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।