अनुच्छेद 370 को लेकर हुआ विवाद, स्मृति ईरानी ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री को दी चुनौती
स्मृति ईरानी ने गुरुवार को उमर अब्दुल्ला के ऊपर भारत को तोड़ने की बात कही | जम्मू-कश्मीर विधानसभा में Article 370 को लेकर हुए प्रस्ताव और विवाद पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को खूब लताड़ा ।उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीकों से चुनी गई सरकार विकास के मुद्दों पर काम करने की बजाय भारत को जोड़ने की बजाय तोड़ने का प्रमाण दे रही है।उन्होंने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं को घेरते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 कभी पुनर्स्थापित नहीं होगा, भारत को विभाजित करने का उनका प्रयास कामयाब नहीं होगा। हालांकि इन विषयों पर अब कानून बनाने का अधिकार केवल भारतीय संसद को है | ”स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि भारत में हर नागरिक को पता है कि आर्टिकल 370 हटने के बाद नागरिकों की हत्या और मृत्यु के मामले में 80 प्रतिशत की कमी आई है। वही आतंकी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी हुई है।
स्मृति ईरानी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को चुनौती दी और कहा, “जहां तक अनुच्छेद 370 की पुन्नर्निर्माण के मुद्दे का सवाल है, उमर अब्दुल्ला क्या कहना चाहते है मुझे नहीं पता, लेकिन अगर उनमें साहस और हिम्मत है, तो मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वह झारखंड और महाराष्ट्र में जाकर अनुच्छेद 370 की बात किसी भी मंच पर बोल दें,मैं कांग्रेस, एनसी और इंडी गठबंधन के सभी नेताओं से पूछना चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आदिवासी समाज को जो अधिकार मिले हैं, दलितों और पिछड़े समाज को जो अधिकार मिले हैं, क्या उसके खिलाफ आपकी सरकार खड़ी होगी? लोकतांत्रिक तरीकों से चुनी गई सरकार विकास के मुद्दों पर काम करने की बजाय भारत को जोड़ने की बजाय तोड़ने का प्रमाण दे रही है। दरअसल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाए जाने के बाद हंगामा हुआ था। जिसके बाद भाजपा नेताओं और उनके बीच नोकझोंक हो गई। इतना ही नहीं नौबत हाथापाई तक आ गई। जिस वक्त सदन में हंगामा हो रहा था उस दौरान खुद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला वहां मौजूद थे।
जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के कारण वहाँ आतंकवाद और उग्रवाद को बढ़ावा मिल रहा था। अनुच्छेद 370 हटाने से केंद्रीय सरकार के पास सुरक्षा व्यवस्था पर अधिक नियंत्रण हुआ | सरकार का मानना था कि जम्मू और कश्मीर में बाहरी निवेश और आर्थिक विकास रुक गया था। अनुच्छेद 370 को हटाने से जम्मू और कश्मीर में उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य का विकास तेज़ी से होने लगा |
मुकेश अम्बानी की कंपनी घाटे में, निवेशक नाखुश
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के शेयर प्राइस में लगातार गिरावट आ रही है | रिलायंस एजीएम में बोनस शेयर की घोषणा से लेकर बोनस शेयर मिलने तक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के शेयर बहुत ज्यादा गिर गए हैं इस समय तक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का मार्केट कैप 20.50 लाख करोड़ रुपए से गिरकर 17.66 लाख करोड़ रुपए हो गया है | साथ ही कंपनी वित्तवर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 50 बिलियन डॉलर के घाटे में है | रिलायंस Jio ने भारतीय दूरसंचार उद्योग (Telecom Industry) में एक प्रमुख स्थान हासिल किया है, लेकिन इस क्षेत्र में हाल के कुछ महीनों में उम्मीद के हिसाब से रैपिड ग्रोथ नहीं हुई है। Jio से टैरिफ बढ़ने की संभावनाएं हैं, लेकिन भविष्य में इसको लेकर के कोई मजबूत घोषणा नहीं हुई है, जिससे निवेशकों की आशाएं कुछ हद तक टूटी हैं। जिससे निवेशक अपने शेयर्स बेच रहे है | टेक्निकल एनालिसिस से देखे तो रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर अपने कई महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज (जैसे 5, 10, 20, 50 दिन) से नीचे ट्रेड कर रहा है। इससे यह पता चल रहा है कि शेयर के प्राइस में ठहराव आने से पहले और गिरावट हो सकती है। टेक्निकल इंडिकेटर और उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम भी दर्शाते हैं कि शेयर अभी एक डाउनट्रेंड में है। रिलायंस ने हाल ही में Green Energy और Renewable Energy में निवेश की योजनाएं बनायीं हैं। हालांकि, इस क्षेत्र में कोई ठोस प्रगति या नए प्रोजेक्ट्स शुरू न होने से निवेशकों के बीच अनिश्चितता बनी हुई है। भविष्य में नई ऊर्जा व्यवसाय(energy business) में लाभ की उम्मीदें हैं, लेकिन अभी तक इसकी कोई कन्फर्मेशन नहीं है। हालांकि अगर आज की बात करे तो रिलायंस के आज के मार्केट में 43 % विक्रेता है वही 56 % खरीददार है,इस समय रिलायंस का शेयर प्राइस 1283 रूपए चल रहा है,हालांकि मार्किट डाउनट्रेंड में है तो शेयर कितना गिरेगा कोई भरोसा नहीं |
शार्ट टर्म उतार-चढ़ाव तो शेयर बाजार में चलते रहते हैं, लेकिन रिलायंस की रणनीति और नई योजनाएं इसे भविष्य में मजबूती प्रदान कर सकती हैं। इस कारण, रिलायंस इंडस्ट्रीज की लॉन्ग टर्म संभावनाएं मजबूत हैं, और कंपनी भारतीय बाजार के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी आगे बढ़ सकती है।हालांकि एक्सपर्ट्स की माने तो निवेशकों को कंपनी की लॉन्ग-टर्म पोटेंशियल पर फोकस करना चाहिए और शॉर्ट-टर्म की उतार-चढ़ाव से चिंतित नहीं होना चाहिए | रिलायंस का पारंपरिक कारोबार पेट्रोकेमिकल्स और रिफाइनिंग में है। हालांकि, कंपनी, अपने व्यापार को बढाकर ग्लोबल मार्केट की जोखिमों को कम कर रही है, और भविष्य के विकास के लिए नए क्षेत्रों में कदम रख रही है | जिससे रिलायंस निवेश के लिए सेफ और सिक्योर है |
घरों में कैद रहने के लिए मजबूर बच्चे और बुजुर्ग
देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है, जिससे लोगों के कामकाज पर असर पड़ रहा है। गुरुवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया, जिसे ‘गंभीर श्रेणी' में डाला गया है। यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए खतरनाक साबित हो रही है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्ववती महिलाओं के लिए, जिनके स्वास्थ्य पर इसका सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ रहा है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरांमेंट (CSE) ने अपनी एक स्टडी में पाया है कि दिल्ली-NCR में होने वाले प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला जहरीला धुआं है, गाड़ियों के धुएं से करीब 51.5% प्रदूषण हो रहा है और ये बताता है की आधे से ज्यादा प्रदूषण वाहनों के कारण हो रहा है। स्टडी में पाया गया है कि बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा इंडस्ट्री के साथ मिलकर वाहनों की तकनीक पर काफी काम किया गया है, पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा को भी बढ़ाया गया है और इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी सब्सिडी देकर ऐसे वाहनों को बढ़ावा दिया गया है, लेकिन सड़कों पर जिस तरफ वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है, इससे आये दिन सड़कों पर जाम जैसी स्थिति पैदा होती है और इससे पैदा होने वाले प्रदूषण का बड़ा कारण भी है और ये हवा के साथ सेहत के लिए भी घातक बन रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में करीब 80 लाख वाहन हैं और पिछले एक साल में ही 6 लाख से ज्यादा वाहन इसमें जुड़े हैं, साथ ही यह भी बता दें कि दिल्ली में प्रतिदिन करीब 10 लाख वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं। सड़कों पर बढ़ते वाहनों को काम करने के लिए कहीं न कहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और बेहतर करना होगा, क्यूंकि मौजूदा समय में दिल्ली की लगातार बढ़ती आबादी की तुलना में पब्लिक यातायात के साधन पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं।
दिल्ली-NCR के कई इलाकों में AQI 400 से ज्यादा दर्ज किया जा गया है। इसे वायु प्रदूषण की सीवियर श्रेणी माना जाता है। वायु प्रदूषण बढ़ने से दिल्ली-NCR में रहने वाले लोगों में खांसी, जुकाम, गले में दर्द और बुखार जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं। इस स्थिति को गंभीर और चिंताजनक माना जा रहा है और यही कारण है की सरकार स्कूलों को समय से पहले बंद करने की तैयारी में है। AQI का बढ़ता स्तर किसी की भी सेहत के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है, इसलिए बच्चों को सलाह दी जाती है कि जब तक स्कूल बंद नहीं हो जाते हैं, तब तक मास्क का इस्तेमाल जरूर करें, इससे जहरीली हवा में सांस लेने से बच सकेंगे। प्रदूषण के कारण दिल्ली-NCR के स्कूलों ने बच्चों के आउटडोर एक्टिविटी पर रोक लगा दी है, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, स्कूल प्रशासन ने खेल कूद और आउटडोर एक्टिविटी को स्थगित कर दिया है और बच्चों को क्लासरूम तक ही सीमित कर दिया है। आपको बता दें कि पिछले साल भी दिल्ली और नोएडा में एयर पॉल्यूशन बढ़ने की वजह से सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे। वायु प्रदूषण की वजह से स्कूलों के बंद होने पर पढ़ाई को ऑनलाइन मोड में शिफ्ट किया जा सकता है, पिछले साल भी सिलेबस कवर करवाने के लिए स्कूलों ने ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करवाया था, इससे बच्चों का ज्यादा लॉस नहीं होता।
दिल्ली और आसपास के सटे क्षेत्रों को लगातार खराब हो रही वायु गुणवत्ता का सामना करना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के 15 इलाकों का AQI यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब श्रेणी में रहा है। बता दें, बुधवार को आनंद विहार का AQI 439 यानी गंभीर श्रेणी में था, जबकि बृहस्पतिवार को यह हल्की गिरावट के साथ 419 दर्ज किया गया। दिल्ली-NCR में प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब वक्त आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम करना चाहिए। राजधानी और इससे सटे इलाकों में प्रदूषण के कारण और भी हैं, जैसे कंस्ट्रक्शन, उद्योगों का प्रदूषण और पराली। हालांकि देखा जाए तो सरकार इन पर सख्ती कर भी रही है, लेकिन वाहनों के बढ़ते खतरों से निपटना बेहद जरूरी है, क्यूंकि वाहनों से होने वाला प्रदूषण अकेले 50 फीसदी से ज्यादा का कंट्रीब्यूशन करता है। इस गंभीर प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने कई योजनाओं पर विचार करना शुरू कर दिया है, लेकिन प्रदूषण के स्तर में स्थायी सुधार के लिए तुरंत उपायों की आवश्यकता है, क्यूंकि राजधानी में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने लोगों के कामकाज को प्रभावित कर दिया है।
टीम इंडिया दौहरा पाएगी टी-20 विश्व कप का प्रदर्शन?
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चार मैचों की टी-20 सीरीज का पहला मुकाबला आज शुक्रवार, 08 नवंबर को खेला जाएगा। आज से खेले जाने वाले इस मुकाबले में सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में टीम इंडिया की नजर दक्षिण अफ्रीका में एक और टी-20 सीरीज जीतने पर होगी। पहली बार दोनों टीमों के बीच दक्षिण अफ्रीका में साल 2018 में तीन मैचों की सीरीज खेली गई थी और तब भारत ने उस सीरीज को 2-1 से अपने नाम किया था। वहीं, दोनों टीमों के बीच साल 2023 में खेली गई दो मैचों की टी-20 सीरीज 1-1 से बराबर रही थी। भारतीय टीम करीब एक साल बाद दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर रही है। विजयकुमार वैशाक और यश दयाल इस सीरीज में डेब्यू कर सकते हैं। आपको बता दें कि इस साल जून के महीने में टी-20 विश्व कप का खिताबी मुकाबला भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया और इस मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर चैंपियनशिप पर कब्जा किया था। बारबाडोस में खेले गए फाइनल में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में सात रन से हरा दिया था। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और 20 ओवर में सात विकेट पर 176 रन बनाए, जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 169 रन ही बना सकी।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जाने वाला सीरीज का पहला मैच आज रात 8.30 बजे भारतीय समय अनुसार खेला जाएगा। न्यूजीलैंड से अपने ही घर में क्लीन स्वीप होने के बाद भारत का यह पहला मैच है। टेस्ट सीरीज में शर्मनाक हार झेलने वाली टीम से मौजूदा टीम एकदम अलग होगी। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में जो टीम दक्षिण अफ्रीका पहुंची है, उसमें न्यूजीलैंड से सीरीज हारने वाली टीम के सिर्फ एक सदस्य अक्षर पटेल इस टी-20 टीम का हिस्सा होंगे। इस मैच में भारतीय टीम कुछ इस तरह दिखेगी- सूर्यकुमार यादव (कप्तान), संजू सैमसन (विकेटकीपर), अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, हार्दिक पांड्या, रिंकू सिंह, अक्षर पटेल, विजयकुमार वैशाक, आवेश खान, वरुण चक्रवर्ती, अर्शदीप सिंह, यश दयाल, रवि बिश्नोई, रमनदीप सिंह और जितेश शर्मा। वहीं, दक्षिण अफ्रीका की तरफ से एडेन मार्करम (कप्तान), रीजा हेंड्रिक्स, रेयान रिकेल्टन (विकेटकीपर), ट्रिस्टन स्टब्स, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर, मार्को यानसेन, गेराल्ड कोएत्जी, एंडिले सिमलेन, नकाबायोमजी पीटर, केशव महाराज और ओटनील बार्टमैन खेलते नजर आएंगे।
टी-20 का विश्व चैंपियन बनने के बाद भारत आज पहली बार उस टीम से भिड़ेगा, जिसे उसने फाइनल में हराया था। दोनों टीमों के बीच आज खेले जाने वाला पहला मुकाबला धड़कनें बढ़ाने वाला मुकाबला साबित हो सकता है, ऐसे में एक बार फिर दिलचस्प मुकाबे की उम्मीद की जा सकती है। बता दें, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अब तक 27 टी-20 मुकाबले खेले गए हैं, इनमें से भारत ने 15 और दक्षिण अफ्रीका ने 11 मैच जीते हैं और दोनों टीमों के बीच एक मैच बेनतीजा रहा है। चलिए तो अब आपको ये भी बता देतें हैं कि दोनों टीमों के बीच ये मैच कब-कब और कहां-कहां खेलें जायेंगे। दोनों टीमों के बीच खेले जाने वाला सीरीज का पहला मैच आज यानि शुक्रवार, 08 नवंबर को 8:30 बजे से डरबन के किंग्समीड स्टेडियम में खेला जाएगा। दूसरा मैच रविवार, 10 नवंबर को शाम 7:30 बजे से सेंट जॉर्ज पार्क (गकेबेरा) में, तीसरा मैच बुधवार, 13 नवंबर को 8:30 बजे से सुपरस्पोर्ट पार्क (सेंचुरियन) में और वहीं चौथा और आखिरी मैच शुक्रवार, 15 नवंबर को रात 8:30 बजे से द वांडरर्स स्टेडियम (जोहान्सबर्ग) में खेला जाएगा।