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Breaking News 8 August 2025

1.)1 लाख फर्जी वोटर ! लोकतंत्र खतरे में ? 

दिल्ली, अगस्त की उमस भरी रात। लुटियंस दिल्ली के 12, तुगलक लेन पर गाड़ियों का काफिला रुकता है। अंदर का माहौल वैसा, जैसा किसी युद्ध से पहले सेनापति अपने सिपाहियों को आखिरी रणनीति समझा रहा हो। राहुल गांधी के घर पर INDIA ब्लॉक के नेता जुटे हैं 25 पार्टियों के 50 नेता। लेकिन ये डिनर महज़ खाना खाने के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र के नाम पर हुए सबसे बड़े ‘सर्जिकल ऑडिट’ के लिए है। मुद्दा था इलेक्टोरल फ्रॉड। और एक वादा“अगर वोट चोरी हुआ है, तो लड़ाई भी होगी और हिसाब भी।” बैठक में कांग्रेस के तीनों मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, रेवंत रेड्डी, सिद्धारमैया से लेकर शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, तेजस्वी, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला… और प्रियंका गांधी। चेहरे अलग, विचारधाराएं अलग, लेकिन आज का एजेंडा एक क्या हमारे वोट पर भरोसा बचा है? राहुल ने प्रेजेंटेशन खोला और सबसे पहले कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का केस सामने रखा। यहाँ, कांग्रेस के मुताबिक, 1,00,250 फर्जी वोट दर्ज थे। अब ये "फर्जी वोट" का मतलब क्या है? ये कोई गलती नहीं, बल्कि संगठित तरीके से वोटर लिस्ट में नकली नाम, पते और पहचान जोड़कर मतदान के नतीजे को पलट देने की प्रक्रिया है। सबसे पहले मुद्दा उठा 11,965 डुप्लीकेट वोटर का। मतलब एक ही व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में कई बार था कभी अलग एड्रेस, कभी अलग बूथ पर। राहुल गाँधी ने उदाहरण दिया गुरकीरत सिंह डांग इनका नाम चार बूथों पर था। यानी एक इंसान के पास चार वोट डालने का मौका। इसके बाद 40,009 ‘भूतिया पते’ यानि एड्रेस। ये वो एड्रेस हैं जो हकीकत में मौजूद ही नहीं या फिर जिनका हाउस नंबर “0” था। इसका मतलब वोटर लिस्ट में लिखा है कि ‘शून्य नंबर घर’ में लोग रहते हैं और वोट डालते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत वहां कोई मकान नहीं।
ये सीधे-सीधे "कागज़ पर इंसान" बनाकर वोट बढ़ाने का तरीका है।


इसके बाद 10,452 ‘भीड़ वाले घर’ यानि एक ही पते पर 50 से 80 वोटर। जैसे एक कमरे के घर का पता है, और रजिस्टर्ड वोटर इतने हैं कि अगर सच में सब वहां रहते, तो घर में खड़े होने की जगह न बचती। जांच में पाया गया ज्यादातर ऐसे एड्रेस पर ताला लटका था, यानी ये लोग असल में वहां रहते ही नहीं। फिर 4,132 फोटो गुम या धुंधली है। मतलब वोटर लिस्ट में या तो तस्वीर थी ही नहीं, या इतनी खराब थी कि चेहरे की पहचान नामुमकिन। फायदा? कोई भी उस नाम से वोट डाल सकता है, और बूथ पर पहचान पक्की करना बेहद मुश्किल। इसके बाद फॉर्म 6 का दुरुपयोग भी हुआ। फॉर्म 6 नए मतदाता को रजिस्टर करने के लिए होता है यानी जो पहली बार वोट डाल रहा है। यहाँ इस फॉर्म का इस्तेमाल कर 70, 80, यहाँ तक कि 90 साल के बुजुर्गों को ‘फर्स्ट टाइम वोटर’ बना दिया गया। कुल 33,692 वोटर ऐसे थे। सोचो जिसने आज़ादी के वक्त भी वोट डाला हो, उसे कागज़ों में ‘पहली बार वोट देने वाला’ दिखा दिया गया! राहुल गाँधी ने बताया कि शाम 5 बजे के बाद अचानक वोटिंग प्रतिशत में असामान्य उछाल आया। मतलब बूथ पर कतारें नहीं, लेकिन EVM में वोट बढ़ते गए। ये वैसा ही है जैसे क्रिकेट मैच में मैदान खाली हो, लेकिन स्कोरबोर्ड पर रन अचानक डबल हो जाएं। राहुल गाँधी का सीधा आरोप है कि “नरेंद्र मोदी सिर्फ 33,000 से कम अंतर वाली 25 सीटों के कारण प्रधानमंत्री हैं।” यानी अगर ये सीटें पलट जातीं, तो सरकार का समीकरण बदल जाता। कर्नाटक में कांग्रेस को 16 सीटों की उम्मीद थी, मिलीं सिर्फ 9 और जहाँ बीजेपी ने भारी बढ़त ली, वही इलाका सबसे ज्यादा ‘गड़बड़’ वाला था। राहुल के आरोप थे चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट की मशीन-रीडेबल डिजिटल कॉपी देने से इनकार किया। सीसीटीवी फुटेज तक पहुंच रोकने के लिए कानून बदला। विपक्ष को जांच करने से रोकने के लिए डेटा पर ताले लगाए। उन्होंने कहा  चुनाव आयोग ने  बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव चुराया है। बैठक का नतीजा ये निकला कि INDIA ब्लॉक 11 अगस्त को चुनाव आयोग तक मार्च करेगा। ये सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि संदेश है "अगर वोट चोरी होगा, तो हम सड़कों से सत्ता के दरवाजे तक लड़ाई ले जाएंगे।"

पर इन सब के बाद असल सवाल ये है कि क्या भरोसा अब बचा भी है?

लोकतंत्र सिर्फ EVM, बैलेट या वोटर लिस्ट से नहीं चलता ये चलता है जनता के भरोसे से। अगर वोट की पवित्रता पर शक हो जाए, तो संसद सिर्फ एक इमारत है, संविधान सिर्फ कागज़, और चुनाव सिर्फ सरकारी नाटक। आज सवाल ये नहीं कि राहुल गांधी का डेटा सच है या नहीं सवाल ये है कि अगर वोट चोरी हो सकता है, तो क्या हम अपने लोकतंत्र को बचाने के लिए तैयार हैं।

 

2) सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट, जानिए पीछे के कारण और अगले कदम

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने एक बार फिर से निवेशकों को निराश किया। सेंसेक्स ने 765 अंक यानी करीब 0.95 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की और 79,857 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी लगभग 233 अंक टूटकर 24,363 पर आ गया। इस गिरावट ने बाजार की साप्ताहिक कमजोरी को और बढ़ा दिया है, जो 2020 के क्रैश के बाद से सबसे लंबी Losing Streak के रूप में रिकॉर्ड हो रही है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को लगभग ₹5,519 करोड़ की भारी बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव और बढ़ गया। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹5,954 करोड़ से अधिक की खरीदारी कर बाज़ार को थोड़ा सहारा दिया। यह साफ संकेत है कि FII की बिकवाली का असर कुछ हद तक DII की खरीद से टला। हालांकि जुलाई 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय प्राइमरी मार्केट में रिकॉर्ड ₹14,247 करोड़ का निवेश किया, खासकर IPO सेक्टर में। यह दर्शाता है कि वे नए और पॉपुलर आईपीओ में रुचि ले रहे हैं। लेकिन सेकेंडरी मार्केट में उन्होंने भारी बिकवाली की, जिससे बाजार की कमजोरी बढ़ी।

बाजार की तकनीकी तस्वीर

वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट के आंकड़े बताते हैं कि बड़े खिलाड़ी मार्केट के कुछ खास स्तरों पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस बनाते दिख रहे हैं। ट्रेडिंग विशेषज्ञों की मानें तो फिलहाल कॉल ऑप्शन्स की ओपन इंटरेस्ट ने बाजार में रुकावट पैदा की है, जबकि पुट ऑप्शन्स सपोर्ट का काम कर रहे हैं। यानी, बाजार फिलहाल ज़्यादा ऊपर नहीं जा रहा, लेकिन अचानक नीचे गिरने का भी खतरा नहीं है। अमेरिका-भारत के बीच व्यापार टैरिफ के मुद्दे, डॉलर की मजबूती, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां और कमजोर Q1 कंपनी परिणाम ने निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया। वहीं, ब्रेंट क्रूड के दाम 66.82 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गए, जो इंडियन इंडस्ट्रीज की लागत बढ़ा सकते हैं।

कौन-कौन से शेयर बने हिट और फ्लॉप?

भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज इस गिरावट में सबसे अधिक दबाव में रहे। वहीं, एनटीपीसी, टाइटन, ट्रेंट, आईटीसी और बजाज फिनसर्व ने खरीदारी का फायदा उठाया और बाजार में सकारात्मकता बनाए रखी। 2025 का यह बाजार अभी भी उतार-चढ़ाव से गुजर रहा है। FII की बिकवाली और घरेलू निवेशकों की खरीदारी के बीच संतुलन बना हुआ है। IPO सेक्टर में निवेशक उत्साहित हैं, लेकिन सेकेंडरी मार्केट में सतर्कता साफ दिख रही है। यदि आप निवेश कर रहे हैं तो ओपन इंटरेस्ट, बाजार के प्रमुख स्तर और वैश्विक राजनीतिक आर्थिक खबरों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।

 

3.)  "सलमान के साथ काम किया तो मारे जाओगे” कपिल शर्मा को मिली बिश्नोई की धमकी

कनाडा के वैंकूवर में स्थित मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के रेस्टोरेंट कैप्स कैफे पर एक बार फिर गोलियां चलीं। यह सिर्फ एक आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय गैंगवार, बॉलीवुड की साख, और कलाकारों की सुरक्षा पर मंडरा रहे खतरे का गंभीर संकेत है। 10 जुलाई 2025 को पहली बार इस कैफे पर अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। हमलावर कार से उतरा, पिस्टल निकाली, और करीब 10 से 12 राउंड गोलियां बरसाईं। यह हमला कैमरे में कैद हुआ और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उस समय इसकी जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी हरजीत सिंह लड्डी ने ली थी, जो एनआईए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है और बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा है। लड्डी ने हमले का कारण कपिल शर्मा का एक पुराना बयान बताया था। लेकिन अब, महज़ एक महीने बाद, 8 अगस्त को कैप्स कैफे फिर गोलियों की आवाज़ से गूंज उठा। इस बार वारदात की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है, जिसने साफ कहा यह हमला एक “मैसेज” है। हमले के पीछे की वजह के रूप में बिश्नोई गिरोह के कुख्यात सदस्य हैरी बॉक्सर का एक ऑडियो सामने आया है। इसमें उसने दावा किया कि कपिल शर्मा ने नेटफ्लिक्स शो द ग्रेट इंडियन कपिल शो सीजन 2 के पहले एपिसोड में अभिनेता सलमान खान को बुलाया था। ऑडियो में बॉक्सर की धमकी साफ-साफ दर्ज है “जो सलमान के साथ काम करेगा, वो मरेगा। अगली बार कोई चेतावनी नहीं देंगे, सीधी गोली चलेगी छाती पर। मुंबई के कलाकारों और प्रोड्यूसरों को बता दो — हम माहौल ऐसा बना देंगे, जैसा तुमने कभी सोचा भी नहीं होगा।” गैंग का आरोप है कि सलमान खान को मंच देना, उनके साथ काम करना, या उनके प्रोजेक्ट से जुड़ना, सीधा उनके खिलाफ खड़े होने जैसा है। यह वही लॉरेंस बिश्नोई गिरोह है, जिसने सलमान खान को कई बार खुली धमकियां दी हैं और हाल के वर्षों में उनके खिलाफ कई हिंसक योजनाओं का आरोप झेला है। एक पैटर्न दो अलग गिरोह, एक ही लक्ष्य ।पिछली बार खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़े आतंकी ने हमला किया, और इस बार राजस्थान-पंजाब आधारित गैंगस्टर सिंडिकेट ने। यह पैटर्न बताता है कि बॉलीवुड सेलिब्रिटी, खासकर सलमान खान से जुड़े कलाकार, अब कई मोर्चों पर निशाने पर हैं चाहे वजह राजनीतिक हो, व्यक्तिगत दुश्मनी हो, या गैंग के प्रभुत्व की लड़ाई। बॉलीवुड के लिए यह चेतावनी सिर्फ कपिल शर्मा तक सीमित नहीं है। हैरी बॉक्सर के ऑडियो में सीधे तौर पर पूरे फिल्म उद्योग को धमकाया गया “अगली बार जो भी डायरेक्टर, प्रोड्यूसर या कलाकार सलमान खान के साथ काम करेगा चाहे वो छोटा हो या बड़ा हम उसे मार देंगे।” यह बयान फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले सभी लोगों के लिए एक खुला अल्टीमेटम है। कनाडा में रहते हुए भी भारतीय कलाकार सुरक्षित नहीं, यह संदेश आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों, शूटिंग्स और इवेंट्स पर भी असर डाल सकता है।