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Breaking News 8 April 2025

1.)  गिरावट के बाद बाजार में ज़ोरदार रिकवरी 

सोमवार की भयावह गिरावट के ठीक एक दिन बाद भारतीय शेयर बाजारों ने मंगलवार को दमदार वापसी की है। निवेशकों की चौतरफा घबराहट के बाद अब बाज़ार में उम्मीदों की हल्की लौ जलती नज़र आ रही है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन घरेलू शेयर बाजार हरे निशान पर खुले और पूरे सत्र में मजबूती बनाए रखी। बीएसई सेंसेक्स ने 1100 अंकों की तेज़ी के साथ 74,324 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की, वहीं निफ्टी ने भी लगभग 400 अंकों की उछाल के साथ 22,540 का स्तर छू लिया। गौर करने वाली बात यह है कि सोमवार को बाजार ने बीते 10 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट झेली थी। वैश्विक आर्थिक सुस्ती, अमेरिका में मंदी की बढ़ती आशंकाएं और व्यापार युद्ध की अनिश्चितता ने मिलकर निवेशकों की रीढ़ तोड़ दी थी। सेंसेक्स 2226 अंक टूटकर 73,137 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी में 742 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी। उसका असर इतना तीव्र था कि प्री-ओपनिंग में सेंसेक्स 4000 अंकों तक गिरा और निफ्टी 1100 अंक तक लुढ़क गया था। लेकिन आज की रिकवरी ने बाज़ार की बुनियादी स्थिरता और निवेशकों के भरोसे की झलक ज़रूर दी है।

किन कंपनियों में दिखी मजबूती, कहां जारी रही गिरावट?

सेंसेक्स के टॉप गेनर्स में Jindworld, Sequent, Vijaya, Cholahldng और Tdpowersys जैसे नाम शामिल रहे, जिन्होंने रिकवरी की अगुवाई की। वहीं JSWHL, Delhivery, Welcorp, Jalcorp Ltd और Sardaen आज भी घाटे में रहे और टॉप लूज़र्स की सूची में दर्ज हुए। निफ्टी की बात करें तो Tecilchem, Keyfinserv, Shrenik, SMLT और Onepoint टॉप गेनर्स के रूप में उभरे, जबकि Growwn 200, Abin-Ret, Msciindia, Kpc Global और Mafang में गिरावट का रुझान जारी रहा। एनएसई के लगभग सभी प्रमुख सेक्टर्स में खरीदारी का माहौल रहा। सबसे तेज़ बढ़त पीएसयू बैंकिंग सेक्टर ने दिखाई, जिसमें करीब 2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा आईटी, मीडिया और रियल्टी सेक्टर्स में भी सकारात्मक रुझान रहा। भारतीय बाजार की इस रिकवरी के पीछे विदेशी संकेतों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। एशियाई बाजारों में व्यापक तेजी का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है। गिफ्ट निफ्टी में 371 अंकों की बढ़त दर्ज की गई है, जबकि अमेरिकी बाजार से मिले-जुले संकेतों के बावजूद निवेशकों ने आज जोखिम लेने का मन बनाया। हालांकि एक दिन की मजबूती को निर्णायक संकेत नहीं माना जा सकता, लेकिन यह बाज़ार की मानसिकता और लचीलापन दर्शाने वाला संकेत अवश्य है। वैश्विक घटनाक्रम, विदेशी निवेश की चाल और कॉरपोरेट अर्निंग सीज़न अब भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।

 

2.) ईडन गार्डन्स में KKR बनाम LSG, कौन मारेगा बाज़ी?

इंडियन प्रीमियर लीग 2025 में मंगलवार का दिन डबल हेडर के नाम रहेगा, जहां पहले मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स और लखनऊ सुपर जायंट्स आमने-सामने होंगी। कप्तानी मोर्चे पर अजिंक्य रहाणे (KKR) और ऋषभ पंत (LSG) की टक्कर दिलचस्प होने वाली है। दोनों ही टीमों की स्थिति अंक तालिका में लगभग समान है—केकेआर 4 में से 2 मैच जीतकर पांचवें स्थान पर है, जबकि एलएसजी भी इतने ही मैचों में इतने ही जीत के साथ छठे पायदान पर है।

हेड टू हेड: आंकड़ों में कौन भारी?

साल 2022 से आईपीएल में एंट्री लेने वाली लखनऊ सुपर जायंट्स ने अब तक कोलकाता से 5 बार भिड़ंत की है। इसमें से 3 मुकाबलों में एलएसजी विजेता रही है, जबकि 2 बार केकेआर ने जीत दर्ज की है। एलएसजी का केकेआर के खिलाफ सर्वोच्च स्कोर 210 रहा है, जबकि कोलकाता ने 235 रन बनाकर लखनऊ के खिलाफ अपनी ताकत दिखाई है। मैदान है कोलकाता का ईडन गार्डन्स—जहां क्रिकेट की हर गेंद पर कहानी बदलती है। यह पिच इस बार बल्लेबाजों के लिए ज़्यादा मददगार मानी जा रही है, लेकिन स्पिनर्स को यहां भरपूर टर्न मिलेगा। तेज़ आउटफील्ड और पॉवरप्ले में मिलने वाली रन बौछार इस मैच को हाई-स्कोरिंग बना सकती है। हालांकि, दोपहर में खेले जाने वाले इस मुकाबले में ओस का कोई खास असर नहीं होगा, लेकिन फिर भी टॉस जीतने वाली टीम गेंदबाज़ी करना बेहतर समझेगी। क्योंकि अगर पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम 200 से नीचे रुक गई, तो लक्ष्य का पीछा करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। ऐसे में पहली पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम के लिए 210 का स्कोर एक मजबूत टारगेट साबित हो सकता है। तो क्या कोलकाता अपनी घरेलू ज़मीन पर लखनऊ से बदला ले पाएगी? या फिर पंत की पलटन एक और जीत दर्ज करेगी? क्रिकेट प्रेमियों की नज़र अब ईडन गार्डन्स पर टिक चुकी है।

 

3.)   मध्य प्रदेश का फर्जी डॉक्टर केस.......

मध्य प्रदेश के दमोह जिले से निकली एक चौंकाने वाली हकीकत ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई को नंगा कर दिया है। एक ऐसा शख्स, जो न डॉक्टर था, न लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट, लेकिन उसने सफेद कोट पहनकर लोगों की नब्ज पर सिर्फ भरोसा नहीं, बल्कि जान तक लूट ली। नाम – नरेंद्र विक्रमादित्य यादव, पहचान – फर्जी डॉक्टर, और कारनामा – 15 से ज़्यादा हार्ट सर्जरी, जिनमें से 8 मरीजों की मौत। कांग्रेस का दावा है कि यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की सड़न और बीजेपी सरकार की संवेदनहीनता का खुला सबूत है।

कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने भोपाल में मीडिया से बात करते हुए सवाल दागे “कैसे कोई फर्जी डिग्री वाला शख्स ‘डॉ. एनजॉन केम’ बनकर मिशनरी अस्पताल में सर्जरी करता रहा? स्वास्थ्य विभाग क्या सो रहा था? और सरकार... क्या वह जानबूझकर आंखें मूंदे बैठी थी?” जनवरी से फरवरी 2025 के बीच, इस फर्जी डॉक्टर ने अस्पताल की ओटी को श्मशान में बदला। अब खुलासा हुआ है कि उसकी डिग्रियां, अनुभव और पहचान—सब नकली थे। सिर्फ यहीं नहीं रुके कांग्रेस प्रवक्ता “मध्य प्रदेश अब बीमार नहीं, आईसीयू में है। फर्जी डॉक्टरों का बोलबाला, अमानक दवाओं की बिक्री, आयुष्मान योजना में घोटाले और सरकारी खरीदी में भ्रष्टाचार ये सब बीजेपी की देन है। राज्य की जनता अब सवाल पूछ रही है—क्या हमारी जान की कोई कीमत नहीं है?”रवि सक्सेना ने सरकार की चुप्पी पर सीधा हमला बोला “जब सवाल जिंदगी का हो, तब सरकार का चुप रहना सबसे बड़ा अपराध होता है। अब जनता पूछेगी – कब तक हमारी सांसें घोटालेबाज़ों के हवाले रहेंगी? कब तक सफेद कोट में छिपे जल्लाद हमारी रगों से खेलते रहेंगे?” कांग्रेस ने इस पूरे मामले की जांच, कार्रवाई और जवाबदेही की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर सरकार इस बार भी आंख मूंदे रही, तो जनता सड़कों पर होगी।

 

4.)  सलमान भाई का सिकंदर… बस नाम का

सिकंदर! नाम सुनते ही लगा था कि भाईजान अब बॉक्स ऑफिस पर तख्तापलट करेंगे, पर जब पर्दा उठा तो कहानी में सिकंदर था, पर फतेह गायब थी। रिलीज़ से पहले जितनी तारीफें हो रही थीं, मानो फिल्म नहीं, कोई युगपुरुष आने वाला हो – “भाई आ रहे हैं, ईद ला रहे हैं, थिएटर हिला देंगे” जैसी भविष्यवाणियाँ हर ओर तैर रही थीं। लेकिन हकीकत में थिएटर नहीं, सिर्फ दर्शकों का धैर्य हिल गया। पहले दिन की कमाई 26 करोड़ और ईद के दिन 29 करोड़... सुनने में ठीक लगता है, पर ये सलमान खान की फिल्म है भाई, कोई न्यूकमर की नहीं। सलमान के लिए 26 करोड़ वैसे ही हैं जैसे टाटा के लिए 1 लाख – गुडमॉर्निंग तक का इम्प्रेशन नहीं पड़ता। और फिर आया जनता का फैसला – “थोड़ा थम जाओ भाई!” रिव्यूवर्स ने फिल्म की ऐसी कुटाई की कि IMDb तक शरमा गया। वर्ड ऑफ माउथ ऐसा रहा जैसे किसी ने माउथवॉश में नीम घोल दिया हो। आठ दिन में 197.4 करोड़ की वर्ल्डवाइड कमाई – सुनकर लगा, चलो कुछ तो बचा! लेकिन नौवें दिन 2 करोड़ पर आकर फिल्म ने ऐसा ब्रेक मारा जैसे ब्रेकींग न्यूज में निकला हो – "अब बस और नहीं!" अब आते हैं गणित पर – फिल्म ने OTT, सैटेलाइट और म्यूज़िक राइट्स मिलाकर 165 करोड़ कमा लिए। तो टोटल हो गया करीब 365 करोड़ का कारोबार। मेकर्स के चेहरे पर मुस्कान लौट आई होगी, लेकिन भाईजान के फैंस के चेहरे पर सवाल – “इतना सब होकर भी मज़ा क्यों नहीं आया?” दरअसल, सिकंदर ने जो नहीं किया वो करना सबसे ज़रूरी था – भाई का जलवा दिखाना। न 'भारत' वाला इमोशन था, न 'टाइगर 3' वाला एक्शन। 44.5 करोड़ ओपनिंग की आदत वाली जनता को 26 करोड़ पर भेज देना अपने आप में एक स्क्रिप्टेड धोखा है। तो अब सवाल – हिट है या फ्लॉप? जवाब – फिल्म तो हिट है, पर भाईजान की उम्मीदें फ्लॉप! क्योंकि जब आप सलमान खान हों, तो जनता आपसे सिर्फ कमाई नहीं, आग की उम्मीद करती है और इस बार वो स्क्रीन पर नहीं, सोशल मीडिया पर दिखी।