क्या भारत और अमेरिका के सम्बन्ध में होगा इजाफा ?
भारत और अमेरिका के राजनैतिक सम्बन्ध अब और मजबूत होने वाले है | डोनाल्ड ट्रम्प का राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत करना कुछ पडोसी देशो को भले ही ना भाया हो,पर हमारे देश के राजनैतिक और व्यापर के सम्बन्ध में ये काफी फायदेमंद साबित हो सकता है | ट्रम्प के जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र् मोदी ने ट्रम्प से फ़ोन पर बातचीत की और उन्हें जीत की बधाई दी,साथ ही उन्होंने X प्लेटफार्म पर कहा की टेक्नोलॉजी, डिफेन्स, ऊर्जा, अंतरिक्ष और कई अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक बार फिर मिलकर काम करने की उम्मीद है, इस पर ’डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा कि वह उन्हें और भारत को अपना सच्चा दोस्त मानते हैं" |
ट्रंप के पहले कार्यकाल में, अमेरिका और भारत के संबंध Strategic Partnership पर थे और साथ ही चीन की क्षेत्रीय शक्ति को बॅलेन्स करने का उद्देश्य था | ट्रम्प ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यक्तिगत रूप से मजबूत रिश्ते बनाये ,जिसका उदाहरण 2019 में ह्यूस्टन में हुआ "हाउडी मोदी" इवेंट दर्शाता है | इसी दौरान "2+2" वार्ता जैसी पहल शुरू हुईं, जिनसे रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ा। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव आए थे। भारत से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिए गए, जिससे व्यापारिक तनाव बढ़ा। हालांकि, भारत को "जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस" (GSP) से हटाने का फैसला ट्रंप प्रशासन द्वारा लिया गया था, जिससे भारतीय निर्यातकों (Indian exporters) को अमेरिका में Priority नहीं मिलती थी।
अगर मौजूदा समय की बात करे तो ट्रंप का दृष्टिकोण व्यापार को लेकर स्पष्ट है,ट्रम्प दो देशों के बीच व्यापार असंतुलन को कम करना चाहते हैं। भारत पर दबाव डाला जा सकता है कि वह अमेरिका से अधिक आयात करे और अमेरिकन कंपनियों के लिए भारतीय बाजारों में अधिक जगह बनाने की कोशिस करे। हालांकि, भारत की डिजिटल व्यापार नीतियां (जैसे डेटा लोकलाइजेशन) ट्रंप प्रशासन के लिए चुनौती हो सकती हैं। कुल मिलाकर, ट्रंप और मोदी का रिश्ता पर्सनली और प्रोफ़ेसनली तौर पर दोस्ताना, लेकिन कभी-कभी चुनौतीपूर्ण मुद्दों से भरा रहा है। दोनों नेताओं के व्यक्तिगत संबंध उनके देशों के रिश्तों को नई दिशा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे |
सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन
आज छठ पूजा का तीसरा और सबसे पवित्र दिन है जिसे संध्या अर्घ्य का दिन कहा जाता है | आज व्रतधारी सुबह से ही पूजा की तैयारियों में लग जायेंगे, विशेषकर महिलाएं इस दिन अपने पूरे परिवार के साथ पूजा के लिए सामग्री और प्रसाद तैयार करती हैं। पूजा के लिए गन्ना, नारियल, सेब, केला, और अन्य मौसमी फलों को छठी मइया के अर्घ्य में शामिल किया जायेगा | इसके अलावा, ठेकुआ (गुड़ और आटे से बना एक मीठा पकवान) और चावल के लड्डू (लइया) जैसे प्रसाद बनाए जाते हैं, जो छठ पूजा की विशेषता होते हैं। आज संध्या अर्घ्य के लिए सूर्यास्त से पहले ही व्रती अपने परिवार और अन्य श्रद्धालुओं के साथ नदी, तालाब या घाट पर एकत्रित होते हैं। कई स्थानों पर बड़े-बड़े घाटों पर छठ पूजा के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं। संध्या अर्घ्य का मुख्य कार्य अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देना है। व्रतधारी पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं, जिसमें सूर्य की पूजा का विशेष महत्व होता है। अर्घ्य देने के दौरान लोग हाथ जोड़कर और दीप जलाकर सूर्य भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं। इस पूजा में सूर्य देवता को समर्पित भक्ति गीत भी गाए जाते हैं, जिनमें छठ मइया और सूर्य देव की महिमा का बखान किया जाता है।
अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालु छठी मइया से अपने परिवार के सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं। इस दौरान श्रद्धालु अपने बच्चों, परिवार और समुदाय की खुशहाली के लिए मन्नतें मांगते हैं। ऐसा माना जाता है कि छठी मइया की कृपा से सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अर्घ्य देने के बाद, श्रद्धालु अपने साथ लाए गए प्रसाद को घाट पर मौजूद अन्य लोगों के बीच वितरित करते हैं। प्रसाद वितरण से लोगों के बीच सामूहिकता और आपसी प्रेम की भावना बढ़ती है। इस दिन ठेकुआ और फलों का प्रसाद खास होता है, जिसे लोग अपने परिवार और पड़ोसियों में बांटते हैं।
संध्या अर्घ्य के बाद व्रतधारी वापस अपने घर लौटते हैं और अगली सुबह (उषा अर्घ्य) के लिए तैयारी करते हैं। यह पूजा चौथे और अंतिम दिन सम्पन्न होती है, जब उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सुबह होने से पहले ही व्रतधारी अपने परिवार के साथ घाट, नदी, तालाब, या किसी जलाशय के पास पहुँचते हैं। वहां एक विशेष आध्यात्मिक और पवित्र वातावरण बना होता है, जिसमें श्रद्धालु सूर्य देवता की प्रतीक्षा करते हैं।
दिल्ली वाले अब कैसे मनाएंगे छठ?
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी देशभर में छठ पूजा का पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है। समूचे देश की ही तरह हर वर्ष दिल्ली वासी भी प्रत्येक वर्ष यमुना के घाटों पर छठ पर्व किया करते हैं, लेकिन इस वर्ष राजधानी में छठ पूजा से पहले यमुना नदी का हाल बेहाल है और जहरीली झाग को नदी में साफ देखा जा सकता है। बता दें, मंगलवार को पारंपरिक ‘नहाय-खाय’ के साथ चार दिवसीय छठ उत्सव शुरू होने के साथ दिल्ली में कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी के किनारे एक परेशान करने वाला नजारा दिखा, यहां नदी की सतह पर जहरीले झाग को तैरते देखा गया। दिल्ली बढ़ते वायु प्रदूषण से पहले ही जूझ रही है और अब देश की राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI Index) 'खराब' श्रेणी में आ गया। भाजपा ने प्रदूषण को लेकर अब आम आदमी पार्टी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ तीखा हमला किया है। भाजपा ने कहा है कि आप का प्रदूषण कम करने का कोई इरादा नहीं है और वे इस मुद्दे पर केवल आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलते हैं। आपको बता दें, सत्ता में आने के बाद से अबतक केजरीवाल सरकार यमुना की स्वछता के नाम पर हजारों करोड़ रुपया पानी की तरह बहा चुकी है, लेकिन धरातल पर इसका कोई प्रभाव नहीं देखा जा सकता। भाजपा ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों से दिल्ली में आम आदमी पार्टी का प्रदूषण कम करने का कोई इरादा नहीं दिखा। प्रदूषण फिर से अपने चरम पर है, नदी और हवा दोनों प्रदूषित हैं, जिसकी वजह से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में 3-4 महीने बाद चुनाव हैं, भाजपा लोगों से अनुरोध करती है कि दिल्ली को फिर से स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त दिल्ली बनाने के लिए भाजपा को मौका दें।
कल मामले में सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यमुना नदी का पानी बहुत प्रदूषित है और उसमें जहरीला झाग है, जो श्रद्धालुओं के लिए हानिकारक और जानलेवा साबित हो सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट का ये महत्वपूर्ण फैसले दिल्ली में छठ मनाने की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर है। बता दें कि हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी, इस याचिका में यमुना नदी के किनारे पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी और छठ पर लगी रोक को हटाने की भी मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कोई भी निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में नदी के पानी में भारी प्रदूषण का हवाला दिया। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने जोर देकर कहा कि अगर लोगों को नदी में पूजा करने दिया गया तो इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। बेंच ने कहा, यह आपके लिए बहुत हानिकारक होगा क्यूंकि मौजदा स्थिति में नदी इतनी प्रदूषित है कि अगर आप उसमें डुबकी लगाते हैं तो संभावना है कि आप गंभीर रोगों से ग्रषित हो जाएं और इसलिए हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते। नदी खुद बहुत प्रदूषित है, कोर्ट ने कहा कि यमुना नदी में प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण ही यह प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही कोर्ट ने चेतावनी दी कि इस तरह के जहरीले पानी में नहाने से लोग बीमार पड़ सकते हैं। अपनी सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पूजा के लिए करीब 1,000 वैकल्पिक स्थानों को नामित किया गया है, जहां छठ उत्सव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि दूसरे घाट और जगहें भी हैं जहां लोग सुरक्षित तरीके से पूजा कर सकते हैं।
हैवानियत की सारी हदें पार, युवती के साथ हुआ गैंगरेप
दिल्ली मे निर्भया जैसी हैवानियत को फिर से दोहराया गया | ड्राइवर और कबाड़ी ने मिलकर एक समाजसेवा करने वाली लड़की से घिनौने तरीके से दुष्कर्म किया,और खून से लतपथ उसे छोड़ दिया | इस दरिंदगी ने फिर से साबित कर दिया की दिल्ली सच में औरतों के लिए सेफ नहीं है | बताया जा रहा है की दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय से कुछ कदम की दूरी पर युवती आईटीओ में महिलाओं व गरीबों के लिए काम करती थी | युवती 11 अक्टूबर की रात पुरानी दिल्ली पुलिस रेलवे स्टेशन से निकलकर करीब नौ बजे आईटीओ पहुंच थी, वही आईटीओ के पास के झाड़ियों में तीन दरिंदों ने मिलकर उस युवती का सामूहिक दुष्कर्म किया| सूत्रों के हिसाब से पीडि़ता नेबसराय में ननों (दक्षिण दिल्ली)के पास रहती थी। युवती 11 अक्टूबर की रात 9 बजे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची।वही मौजूद दो आरोपी जिनका नाम प्रमोद व शमशुल था दोनों ने युवती को अकेला देख उसे मेट्रो स्टेशन के पास अंधेरे में झाड़ियों में खींचकर ले जा रहे थे। तभी उसे ऑटो ड्राइवर प्रभु ने देख लिया। उसके बाद तीनों ने उसके साथ सामूहिक रेप किया | उसके बाद प्रमोद व शमशुल ने ऑटो ड्राइवर प्रभु से इसे ले जाने को कहा,लेकिन यहाँ तो हैवानियत की सीमा पार हो गयी,ऑटो चालक प्रभु उसे ऑटो में डालकर राजघाट शमशान के तरफ ,फिरोशाह कोटला या गांधी स्मृति वाली सर्विस रोड पर ले गया,और यहां उसने युवती के साथ ऑटो में कई बार रेप व दरिंदगी की। इसके बाद आरोपी उसे बिना कपड़ों के छोड़ दिया। 12 अक्टूबर करीब 3 बजे भोर में एक नौ सेना अधिकारी को युवती अर्धनग्न शरीर के साथ दिखी, उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी और युवती को हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया गया,हालांकि कई बार दुष्कर्म होने से पीड़िता का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है इसीलिए उस पर अभी मेन्टल चेकअप भी किया जा रहा है |
एक ऐसी युवती जो अपनी पर्सनल लाइफ ओडिशा में छोड़कर दिल्ली में सोशल वर्क कर रही थी,उसके साथ दुष्कर्म हो गया | सवाल ये उठता है की क्या यही इंसानियत का आखरी पड़ाव है ? वो लड़की जो समाज सेवा कर रही थी उसे ही जाहिलियत और दरिंदगी का सामना करना था ? हालांकि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस विभाग ने केस को सुलझाने के लिए पुलिस की 10 टीमें गठित की थी। अब आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है| उड़ीसा पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस युवती ने 2007-2010 में आर्ट्स में बीए, 2009-2011 नर्सिंग मिडवाइव्स और 2011-2013 मास्टर इन सोशल वर्क में डिग्री ली थी | युवती ने 2012-14 में स्वच्छता जागरूकता के लिए महिला शक्ति में कम्युनिटी लीडर बनी थी। 2014-2018 में नर्सिंग की पढ़ाई की। इसके बाद वह ओडिसा में काउंसलर बनी। उसे तीन भाषाओं का ज्ञानथा इतनी वेल एडुकेटेड होने के बाद भी उस युवती ने समाज सेवा का काम अपनाया और बदले में उसे सिर्फ दर्द और शर्मिंदगी मिली |
बांग्लादेश में फिर होगा भारत का दबदबा
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी जीत के बाद अब वो अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे। आपको बता दें, ट्रम्प की ये जीत कई माइनों में ऐतिहासिक है, क्यूंकि अमेरिका के इतिहास में वो दूसरे ऐसे राष्ट्रपति होंगे जो अपने एक कार्यकाल के गैप के बाद दूसरी बार सत्ता में राष्ट्रपति के तौर पर अपनी वापसी करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप को मोहम्मद यूनुस का विरोधी माना जाता है, मोहम्मद यूनुस घोषित तौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक हैं। राष्ट्रपति चुनावों के दौरान उन्होंने कई बार डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए कैंपेन किया है और चुनावी चंदा भी दिया है। यूनुस के बारे में कहा तो ये भी जाता है कि उनके इसी काम के बदले में ओबामा प्रशासन ने उन्हें पुरस्कार के तौर पर अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिलवाने के लिए लॉबिंग की थी। इसके अलावा हाल में बांग्लादेश में हुए विद्रोह के दौरान भी अमेरिका ने ही मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का कार्यवाहक नियुक्त करवाया था। इसकी पुष्टि मोहम्मद यूनुस ने खुद अपने अमेरिका दौरे पर की थी। यूनुस ने स्वीकार किया था कि बांग्लादेश में हुआ विद्रोह पूरी तरह अमेरिका में प्लान किया गया था, इससे यह तो साबित हो चुका है कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक खास रणनीति के तहत शेख हसीना सरकार का तख्तापलट करवाया था। शेख हसीना को अपना ही देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था और इससे भारत को भी बड़ा झटका लगा था, लेकिन बांग्लादेश की राजनीति पर नजर रखने वालों का मानना है कि ट्रंप की ऐतिहासिक जीत के बाद पूरा खेल बदलने वाला है और एक बार फिर बांग्लादेश में भारत का दबदबा होगा। बता दें, शेख हसीना के साथ घनिष्ठ संबंध होने की वजह से भारत को हमेशा इसका लाभ मिला, लेकिन बाइडन के दखल ने भारत-बांग्लादेश संबंधों पर पानी फेर दिया। अब ट्रंप की जीत के बाद भारत का दबदबा एक बार फिर बांग्लादेश में बढ़ेगा।
हिंदुओं के हालात पर ट्रम्प जाता चुकें है चिंता
बांग्लादेश में तख्तापलट और शेख हसीना के भारत पलायन के बाद पहले से कट्टरपन्तियों के निशाने पर रहे अल्पसंख्यकों के विरोध वहां हिंसा का दौर और भी तेज हो गया। डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर अपनी चिंता और सख्त नाराजगी भी जताई थी। डोनाल्ड ट्रंप खुलकर कह चुके हैं कि बांग्लादेश में हिन्दुओं का उत्पीड़न वे बर्दाश्त नहीं करने वाले। ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में भी इस्लामी कट्टरपंथ के खात्मे की बात कहते रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर लिखा था कि मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हो रहे नरसंहार और बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं। कट्टरपन्ति भीड़ वहां रह रहे हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हमला कर रही है, लूटपाट कर रही है जो कि पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है। ट्रंप ने यह भी लिखा, मेरे कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ होता। कमला हैरिस और जो बाइडन ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया में हिंदुओं की अनदेखी की है। वे इजरायल से लेकर यूक्रेन और हमारी अपनी दक्षिणी सीमा तक तबाही मचा चुके हैं, लेकिन हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे और शांति वापस लाएंगे।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत का सबसे ज्यादा असर जिन देशों पर होने वाला है, उनमें बांग्लादेश भी है। ट्रम्प की ये जीत शेख हसीना के लिए भी खुशखबरी लेकर आई है। बांग्लादेश अवामी लीग की अध्यक्ष और बांग्लादेश की निष्कासित प्रधानमंत्री शेख हसीना ने डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में उनकी जीत पर बधाई दी है। बुधवार को अवामी लीग ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट के माध्यम से बधाई संदेश जारी किया। अवामी लीग कार्यालय सचिव बिप्लब बरुआ द्वारा हस्ताक्षरित एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में लिखा गया कि राष्ट्रपति ट्रम्प की शानदार चुनावी जीत उनके असाधारण नेतृत्व गुणों और अमेरिकी लोगों द्वारा उन पर किए गए अपार विश्वास का प्रमाण है। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के रूप में डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप के साथ अपने कार्यकाल के दौरान हुई बैठकों और बातचीत को याद किया। अपने बधाई संदेश में हसीना ने उम्मीद जताई कि उनके दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल के दुअरान बांग्लादेश और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने दोनों देशों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए फिर से साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने राष्ट्रपति-निर्वाचित और उनके परिवार के अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और खुशहाली की कामना की, साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका के मैत्रीपूर्ण लोगों के लिए निरंतर शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना की। आपको बता दें, बांग्लादेश के इतिहास में शेख हसीना सबसे लंबे समय तक देश की प्रधानमंत्री रहीं हैं, 5 अगस्त को बांग्लादेश में हुए जन-विद्रोह के बाद से वो भारत में हैं।