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Breaking News 7 May 2025

1.) Operation Sindoor : कैसे रचा गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ? भारत का Surgical Justice!

भारत ने अपने दुश्मन के घर में घुसकर जवाब दिया है और इस बार सीधा हिसाब हुआ है। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoJK) में छिपे आतंक के 9 ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। ये वो ठिकाने थे जहाँ से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन भारत को लहूलुहान करने की साजिश रचते थे। आधुनिक मिसाइलों से लैस, बेहद सटीक और गुप्त इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों के खात्मे की खबर है। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त कार्रवाई ने पाकिस्तान को उसी की ज़ुबान में जवाब दिया है। और ये हमला कोई तात्कालिक गुस्से का नतीजा नहीं था बल्कि एक सुव्यवस्थित सैन्य चक्रव्यूह था, जिसकी कमान खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने संभाली और मॉनिटरिंग पीएम नरेंद्र मोदी ने की।

प्लानिंग या पराक्रम?

इस हमले की तैयारी उसी दिन शुरू हो गई थी जब पहलगाम में 26 निर्दोषों की जान गई। उसी शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। आदेश साफ था अब सहन नहीं होगा। अजीत डोवाल ने खुफिया एजेंसियों, एनटीआरओ और तीनों सेनाओं के चुनिंदा अधिकारियों के साथ एक टास्क फोर्स बनाई, जिनका एक ही मिशन था आतंक के उन अड्डों को खाक करना, जो भारत की शांति को चुनौती देते हैं। आर्टिलरी, ड्रोन सर्विलांस और सैटेलाइट इंटेलिजेंस के जरिए पाकिस्तान और PoJK में मौजूद हाई-वैल्यू टेरर कैम्प्स को चिह्नित किया गया। कोई संदेह नहीं छोड़ा गया जिस कैंप से आतंकी आते थे, उसे ध्वस्त किया गया। पाकिस्तान की सेना की नाक के नीचे हमला हुआ और उन्हें भनक तक नहीं लगी। जवाब इतना करारा था कि पाकिस्तानी संसद और फौज के बीच अफरा-तफरी मच गई।

अमेरिका, ब्रिटेन और कतर की मीडिया क्या कहती है?

भारत के इस एक्शन की गूंज सिर्फ एलओसी तक सीमित नहीं रही। दुनिया की बड़ी मीडिया एजेंसियां CNN, BBC, Al Jazeera अब इस पर चर्चा कर रही हैं। अमेरिका ने इसे भारत का "राइट टू डिफेंड" कहा, जबकि ब्रिटेन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई की सराहना की। कतर जैसे देश भी इस ऑपरेशन पर चुप नहीं रहे। ये इस बात का संकेत है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि रीएक्शन को भी री-डिफाइन करता है। इस हमले के बाद पाकिस्तान के कई शहरों में हाई अलर्ट लगा दिया गया है। पार्टी हो या पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI सब Shock में हैं। सेना के कैंपों में ट्रकों की आवाजाही बढ़ी है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है अगर फिर से हमला हुआ, तो अगला ऑपरेशन सिर्फ सीमित नहीं होगा।

 

 

2.) मॉक ड्रिल के दौरान क्या करें और क्या नहीं?

 

देश के 244 ज़िलों में आज, बुधवार, को नागरिकों को युद्ध जैसे हालात में कैसे सिक्योर रहना है इसकी रिहर्सल कराई जा रही है। आज शाम 4 बजे से शुरू होकर यह मॉक ड्रिल कम से कम 5 घंटे तक चलेगी, जिसमें आम नागरिकों को युद्धकालीन आपात स्थिति में जीवित रहने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ये ड्रिल दिल्ली, यूपी, बिहार, पंजाब, बंगाल, महाराष्ट्र से लेकर तमिलनाडु तक फैली होगी। ये वही भारत है, जो अब नागरिकों को सिर्फ वोटर नहीं, 'सुरक्षित योद्धा' बना रहा है। यह सिर्फ अभ्यास नहीं बल्कि चेतावनी है गृह मंत्रालय ने इस ड्रिल को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है A श्रेणी में बुलंदशहर जैसे इलाके शामिल हैं, जहां नरोरा परमाणु संयंत्र मौजूद है। B श्रेणी में लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, वाराणसी, मेरठ जैसे बड़े शहर हैं। C श्रेणी में बागपत और मुजफ्फरनगर को रखा गया है। इसके अलावा लखनऊ के बक्शी का तालाब और सहारनपुर के सरसावा को वायुसेना की उपस्थिति के चलते विशेष रूप से शामिल किया गया है। इन दोनों जगहों की मॉक ड्रिल को मीडिया कवरेज से दूर रखा गया है, जिससे इसके रणनीतिक पहलुओं को गोपनीय रखा जा सके।

क्या करें और क्या नहीं? मॉक ड्रिल के दौरान आम नागरिकों के लिए एडवाइजरी

  1. घबराएं नहीं, जागरूक रहें: यह अभ्यास आपकी सुरक्षा के लिए है, अफवाहों से बचें और सिर्फ सरकारी सूचनाओं पर भरोसा करें।
    2. घर के अंदर रहें: जब तक प्रशासन निर्देश न दे, घर से न निकलें। दरवाज़ों और खिड़कियों से दूर रहें।
    3. बंकर और सुरक्षित कमरों की पहचान करें: ज़रूरत पड़ने पर वहीं जाएं।
    4. आपातकालीन किट तैयार रखें: 3 दिन का सूखा भोजन और पानी ,दवाएं, प्राथमिक उपचार किट बैटरी चालित रेडियो, टॉर्च, सीटी, नकदी, ज़रूरी दस्तावेज़ व पहचान पत्र (वॉटरप्रूफ बैग में)
    5. रात में रोशनी सीमित रखें: अगर ब्लैकआउट होता है तो बाहर से रोशनी न दिखे।
    6. समुदाय का सहयोग करें: बुज़ुर्गों, बच्चों और ज़रूरतमंदों की मदद करें।
    7. संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दें: कोई संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति दिखे तो तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें। 1971 के बाद पहली बार… 54 वर्षों में पहली बार ऐसा व्यापक प्रशिक्षण अभियान देशभर में चलाया जा रहा है। इससे पहले 1971 की लड़ाई के समय नागरिकों को इस स्तर की तैयारी सिखाई गई थी। इस बार का मकसद सिर्फ आत्मरक्षा नहीं, बल्कि मानसिक रूप से युद्ध के लिए तैयार रहना है। सवाल यही है: क्या युद्ध होगा? इस सवाल का जवाब वक्त देगा। लेकिन जिस तरह की तैयारियां भारत के अलग-अलग मोर्चों पर चल रही हैं चाहे वह सेना की रणनीतिक चालें हों या आम नागरिकों की मॉक ड्रिल यह साफ है कि अगर युद्ध हुआ, तो भारत केवल जवाब नहीं देगा, इतिहास लिखेगा। युद्ध कोई फिल्म नहीं, नारेबाज़ी नहीं, यह हकीकत होती है। और इस हकीकत में सबसे पहली ज़िम्मेदारी है जिंदा रहना, समझदारी से। इस मॉक ड्रिल को मज़ाक न समझें, बल्कि इसे एक राष्ट्र की चेतावनी समझें जिसे अब कोई भी आंख दिखाएगा, तो जवाब सिर्फ शब्दों में नहीं, तैयारियों में मिलेगा।

 

 

3.)  PM मोदी ने स्ट्राइक के बाद कैबिनेट मीटिंग में क्या कहा ? 

 

नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दर्द को भारत ने कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत में बदला। भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त मिसाइल स्ट्राइक करते हुए 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया है। सेना की इस सटीक और सुनियोजित कार्रवाई में 9 बड़े आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर दिया गया।

इस सैन्य कार्रवाई पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी नजर थी। बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी जानकारी मंत्रिपरिषद के साथ साझा की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान समेत कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। सभी मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा कि पूरा देश आपके साथ खड़ा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सेना की रणनीति और उसके साहस की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्रवाई शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। सूत्रों के अनुसार, सेना ने जिस प्रकार से लक्ष्य साधा और उसे बिना किसी चूक के अंजाम दिया, वह दर्शाता है कि भारत अब चुप नहीं बैठने वाला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन जाकर भेंट की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। इस मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जो इस घटना की संवेदनशीलता और गंभीरता को दर्शाती हैं।

इस बीच, केंद्र सरकार ने गुरुवार सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू भी उपस्थित रहेंगे। माना जा रहा है कि सरकार इस ऑपरेशन से जुड़ी और भी रणनीतिक जानकारियां सभी दलों के साथ साझा करेगी और एकजुटता का संदेश देगी।