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Breaking News 7 January 2025

1 ) अतुल सुभाष केस: कोर्ट का फैसला सवालों के घेरे में

 

बेंगलुरु का चर्चित अतुल सुभाष सुसाइड केस अब एक नया मोड़ ले चुका है। कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, और भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी है। ये सभी पिछले कुछ समय से न्यायिक हिरासत में थे। बेंगलुरु पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया था। सुसाइड नोट और वीडियो के बाद भीं कोर्ट का कहना है कि इन दस्तावेज़ों में ससुरालवालों की प्रताड़ना के आरोप को साबित करने के लिए ठोस आधार नहीं दिखता। अतुल ने एक वीडियो में खुलासा किया था कि निकिता ने दो साल पहले अदालत में उससे कहा था "तुम खुदकुशी क्यों नहीं कर लेते?"। यह बयान सुनकर जज ने हंस दिया था। हालांकि, यह बयान दो साल पुराना है और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के अनुसार, आत्महत्या के लिए उकसाने का केस तभी बनता है जब आरोपी का सीधे मौत से जुड़ा सबूत मिले। इस हाई-प्रोफाइल केस में निकिता को गुरुग्राम से और उसकी मां और भाई को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था। अब कोर्ट ने तीनों को जमानत दे दी है। पुलिस और कोर्ट की जांच से यह साफ हो रहा है कि अतुल और निकिता पिछले तीन साल से अलग रह रहे थे। यह केस केवल एक सुसाइड नहीं, बल्कि पारिवारिक रिश्तों की टूटन और कानूनी पेचीदगियों का जीता-जागता उदाहरण बन गया है। अतुल का आखिरी संदेश हर किसी के रौंगटे खड़े कर देने वाला है। 

सवालों के घेरे में कोर्ट 

बंगलुरु के सिटी सिविल और सेशन कोर्ट ने जमानत दी। फिर कर्नाटक हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने से इनकार किया। अतुल ने 27 पन्नों के नोट में अपनी हर तकलीफ का ब्योरा दिया, वीडियो में अपना दर्द बयां किया। यहां तक कि उसने अपने आखिरी 32 पन्नो की लिस्ट बनाकर खुद को मानसिक रूप से तैयार किया। क्या यह सबूत नहीं दिखाता कि उसके ससुराल वालों की प्रताड़ना ने उसे इस कगार पर ला खड़ा किया? अगर यह सबूत अदालत में ससुरालवालों को दोषी नहीं ठहरा सकता, तो फिर आखिर कैसा सबूत चाहिए?

 

2.) कौन करेगा दिल्ली फतेह एक चरण में होगा फैसला   

 

देश की राजधानी दिल्ली में चुनावी बिगुल बजने वाला है। आपको बता दें, चुनाव आयोग आज विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा। चुनाव से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए चुनाव आयोग दोपहर दो बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। दिल्ली में इस समय 70 विधानसभा सीटें हैं और मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त होने वाला है। संभव है की दिल्ली में एक चरण में चुनाव हो सकता है। बताते चलें पिछली बार की तरह इस बार भी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। बीते दिन सोमवार को ही चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है। इस बार दिल्ली में करीब दो लाख मतदाता 18 से 19 वर्ष के हैं, जो पहली बार विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। पिछले 20 दिन में रिकार्ड 5.1 लाख फार्म 6 नए मतदाताओं ने आवेदन किया। चुनाव आयोग द्वारा जारी सूची में कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता हैं। इस सूची में पुरुष मतदाता 85,49,645 हैं, जबकि 71,73,952 महिला मतदाता हैं। वहीं, दिल्ली में इस बार थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1,261 है। अंतिम मतदाता सूची जारी करने के बाद अब चुनाव आयोग आज विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। मतदाता सूचि में गलत सूचना देने को लेकर चुनाव आयोग ने 8 प्राथमिकी दर्ज की है, इसमें 24 लोगों पर गलत जानकारी देकर मतदाता पहचान पत्र बनाने का आरोप है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने चुनाव पंजीकरण अधिकारियों से हर एक आवेदन पत्र की सख्त जांच कराने के आदेश दिए हैं। चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में एक महीने में 29 अक्तूबर से 28 नवंबर तक 1,35,089 मतदाताओं ने फार्म- 6 और 83,825 ने फार्म 8 के तहत मतदाता सूचियों में नाम जुड़वाने, पता बदलने, नाम को सूची से हटाने और आपत्तियां और सुझाव के लिए आवेदन किया। चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारियों ने सभी आवेदनों को 24 दिसंबर तक सुलझा दिया। इस तरह से अंतिम मतदाता सूची जारी होने तक 3,08,942 नए नाम मतदाता सूचियों में जुड़े। 1,41,613 नाम हटाए गए। इस दौरान कुल 1,67,329 मतदाता नए जुड़े। 

चुनाव को लेकर सभी दलों ने झोकिं पूरी ताकत

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव की तारीखों की आज घोषणा होगी। अगले महीने फरवरी में मतदान हो सकता है, जिसके लिए मुमकिन है की चुनाव एक चरण में कराए जा सकते है। साल 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं भाजपा के खाते में 8 सीटें आईं थीं, जबकि इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपना खाता तक नहीं खुल पाई थी। इस बार बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव को लेकर पूरा दमखम लगा दिया है। पिछले पांच दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में दो बड़ी रैलियां की हैं और दिल्लीवालों को बड़ी सौगात दी है और इससे साफ समझा जा सकता है कि बीजेपी दिल्ली की सत्ता से 27 साल का सूखा मिटाने की भरपूर कोशिश कर रही है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी पर लगे तमाम ब्रष्टाचार के आरोपों और सरकार में मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्रियों के जेल की हवा खाने के बाद अपनी सत्ता बचाने के लिए जनता को रेबड़ी के माध्यम से लुभाने में लगी है। इसके लिए पार्टी ने चुनाव पूर्व महिलों को 2100 रुपया देने का वडा किया है, हालांकि केजरीवाल के इस वादे पर खुद दिल्ली सरकार के महिला अवं बाल विभाग ने ऐसी किसी योजना के होने से इंकार कर दिया। केजरीवाल ने इस चुनाव में धर्म का कार्ड भी चल दिया है, जिसके तहत पुजारियों और सेवादारों को मासिक सैलरी देने का एलान किया है। केजरीवाल के इस घोसना पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए उन्हें और उनकी पार्टी को चुनावी हिन्दू बता दिया और कहा जो व्यक्ति और उसकी सरकार पिछले 10 सालों से इमामों को सैलरी बांटती आ रही है, उसे अब हार सामने दीखते ही हिंदू और सिखों की याद आने लगी। बात करें कांग्रेस पार्टी की तो इस बार कांग्रेस भी चुनाव को लेकर एक्टिव नजर आ रही है और इसी के तहत बीते दिन सोमवार को कांग्रेस ने जारी की अपनी पहली गारंटी, प्यारी दीदी योजना के तहत महिलाओं को मिलेंगे 2500 रुपये देने का एलान कर दिया।

तारीखों का ऐलान आज, कब से लागु होगी आचार संहिता?

दिल्ली में अगले महीने फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं, ये चुनाव किन तारीखों को होंगे ये आज पता चल जाएगा। चुनाव आयोग आज दोपहर 2 बजे चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। दोपहर 2 बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी है, इस दौरान विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। दिल्लीवालों को ये पता चल जाएगा कि चुनाव कितने फेज में होंगे और किन तारीखों में होंगे और आचार संहिता कबसे लागू होगी। सूत्रों से मिल रही खबरों के अनुसार प्रदेश में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाएगा। आमतौर पर चुनाव की घोषणा से चुनाव की तारीख के बीच 30 दिन का अंतर होता है और ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार 8-9 फरवरी को चुनाव करवाए जा सकते हैं। लोगों की सहभागिता चुनाव आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, आंकड़ों के अनुसार पिछले चुनाव में 2015 की तुलना में पांच फीसदी कम वोट पड़े थे और ये चिंता का विषय रहा है। पिछले काफी समय से चुनाव आयोग ने वीकडेज में चुनाव करवाने की कोशिश की है, क्योंकि हमेशा ये शिकायत रहती थी कि लोग वीकेंड पर दिल्ली से बाहर घूमने चले जाते हैं। इस बार चुनाव आयोग की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग चुनाव में हिस्सा लें और माना जा रहा है कि चुनाव आयोग इस सब को देखते हुए ही तारीखों का ऐलान करेगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं, अब सिर्फ तारीखों का ही इंतजार है। चुनाव आयोग द्वारा वोटर्स लिस्ट में संशोधन का काम भी पूरा कर लिया गया है।

 

3 ) तिब्बत में भूकंप का कहर, भारत में झटके, 53 की हुई मौत

 

मंगलवार, 7 जनवरी यानी आज की सुबह तिब्बत, नेपाल, बांग्लादेश और भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र तिब्बत और नेपाल के पास था, जिससे उत्तर भारत के कई शहरों और नेपाल के विभिन्न हिस्सों में धरती हिली और लोगों में घबराहट फैल गई। चीन के सरकारी न्यूज चैनल CCTV ने पुष्टि की कि तिब्बत के शिगात्से शहर में सुबह 6:52 बजे 6.9 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद चीन के भूवैज्ञानिकों ने इसकी गहराई 10 किलोमीटर बताई। यह भूकंप काफी शक्तिशाली था। चीन ने भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी थी। वहीँ तिब्बत में भूकंप के बाद स्थिति गंभीर हो गई। तिब्बत के शिगात्से शहर में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है, और 62 लोग घायल हो गए हैं। चीनी मीडिया के अनुसार, तिब्बत के डिंगरी काउंटी और आसपास के क्षेत्रों में मलबे के नीचे कई लोग दब गए हैं। इनकी मदद के लिए चीन की सेना राहत कार्यों में जुटी हुई है। घायलों को अस्पतालों में भेजा गया है। इसके अलावा नेपाल में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेपाल सरकार के भूवैज्ञानिक विभाग ने बताया कि सुबह 6:35 बजे नेपाल में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास तिब्बत के डिंगे कांती क्षेत्र में था। इस भूकंप का प्रभाव नेपाल के पूर्वी से मध्य क्षेत्रों तक महसूस किया गया, जिससे काठमांडू समेत कई इलाकों में लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। काठमांडू में यह भूकंप लंबे समय बाद महसूस हुआ, जिससे लोगों में डर का माहौल था। नेपाल के अन्य जिलों जैसे धाडिंग, सिंधुपालचौक, कावरे, मकवानपुर और अन्य जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भारत में भूकंप के झटके

भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड के बीच यह झटके आए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। झटके 10 सेकंड से अधिक समय तक महसूस किए गए, जिससे लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। बिहार की राजधानी पटना में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। पटना में सुबह 6:32 बजे से झटके शुरू हुए, पहले हल्के झटके लगे, फिर तीव्रता बढ़ी और धरती हिलने लगी। लोग नींद से जागकर डर के मारे घरों से बाहर निकल आए।

 

 

4.)पुलिस का दावा हत्या के दिन सलमान थे बिश्नोई गैंग का निशाना  

 

NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में मुंबई पुलिस ने सोमवार को चार्जशीट दाखिल की। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। पुलिस का दावा है कि बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान बिश्नोई गैंग का मुख्य निशाना थे। पुलिस की चार्जशीट में बताया गया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या एक वैकल्पिक योजना के तहत की गई थी, क्योंकि सलमान खान को मारने की कोशिश सुरक्षा कारणों के चलते नाकाम हो गई थी। मुंबई पुलिस ने पूरे मामले में 4590 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में 26 आरोपियों के नाम और तीन फरार आरोपियों के नाम शामिल किए गए हैं, फरार आरोपी में शुभम लोनकर, मोहम्मद यासीन अख्तर और अनमोल बिश्नोई हैं। वहीं, पुलिस ने चार्जशीट में हत्या की तीन वजहों को स्थापित करने के लिए फरार आरोपी शुभम लोनकर के फेसबुक पोस्ट को भी आधार बनाया है। बता दें, शुभम लोनकर ने फेसबुक पर कहा था- सलमान खान, हम कभी भी यह युद्ध नहीं चाहते थे, लेकिन आपने हमारे भाई अनुज थापन को नुकसान पहुंचाया। आज हम जरूर जवाब देंगे, हालांकि हमने पहले हमला नहीं किया था। इसके अलावा चार्जशीट में 210 लोगों के बयान भी दर्ज किए गए है।

पुलिस ने बेटे जीशान के दावों को किया खारिज?

एक अधिकारी ने अपना नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा कि पुलिस ने सिद्दीकी के बेटे जीशान द्वारा लगाए गए स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) के आरोप को भी खारिज कर दिया है। पुलिस की माने तो शुरुआती जांच में जीशान द्वारा लगाए गए SRA के आरोप से हत्या को जोड़ने के लिए कोई सबूत नहीं मिले है, हमने कुछ डेवलपर्स के बयान दर्ज किए, लेकिन उससे कुछ भी खुलासा नहीं हुआ। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में उन्हें लॉरेंस बिश्नोई के शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिला है। पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार, अनमोल बिश्नोई ने डर का माहौल कायम करने और दबदबा स्थापित करने के इरादे से सिद्दीकी की हत्या की साजिश रची थी। इस मामले में पुलिस ने अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण (MCOC) अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।

बाबा सिद्दीकी की हत्या के ये थी असल वजह

मुंबई पुलिस ने कोर्ट के सामने वजहों को गिनाया है उनमें सलमान खान से बाबा सिद्दीकी की करीबी दोस्ती और दाऊद इब्राहीम के साथ उनके कथित रिश्ते, दूसरा मुंबई समेत अन्य जगहों पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का वर्चस्व स्थापित करना और तीसरा अनुज थापन की हत्या का बदला लेना था। बता दें कि अनुज थापन सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग मामले का आरोपी था। बिश्नोई गैंग का मानना है कि थापन की हिरासत में हत्या की गई थी, जबकि पुलिस का दावा है कि उसने आत्महत्या की थी। पुलिस ने बताया कि गिरोह ने सबसे पहले गणपति विसर्जन के दौरान सिद्दीकी या उनके बेटे जीशान को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। मगर उनकी यह योजना तब नाकाम हो गई, जब वह विसर्जन करने नहीं पहुंचे। हालांकि बाद में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर, 2024 की रात हत्या कर दी गई। सिद्दीकी को मुंबई के बांद्रा इलाके में उनके बेटे के दफ्तर के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के तुरंत बाद मुंबई पुलिस एक्शन में आई और देश के अलग-अलग हिस्सों से आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस हत्या के आरोपियों में शूटर और हत्या में मदद करने वाले तमाम लोग शामिल हैं।

 

 

5) क्या बजट 2025 बदल देगा टैक्सपेयर्स की किस्मत?

 

1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करने जा रही हैं "Budget 2025" और सवाल ये है कि क्या आम आदमी को टैक्स में राहत मिलेगी या फिर व्यापारियों के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं होंगी? क्या हेल्थ और इंश्योरेंस सेक्टर को मिलेगा राहत का तोहफा? और क्या इस बजट से शेयर बाजार में उछाल आएगा? ये सवाल सबके जबान पर हैं! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की अर्थव्यवस्था का नया खाका खींचेंगी। संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक हर साल बजट पेश होता है, लेकिन ये बजट खास इसलिए है क्योंकि इसमें पूरे साल की आर्थिक दिशा तय होगी। अब जरा ये समझो कि बजट की तैयारी में कितनी भाग-दौड़ हो रही है। दिसंबर से ही वित्त मंत्रालय में ‘महाकुंभ’ चल रहा है। किसान संगठनों से लेकर बड़े-बड़े आर्थिक जानकारों तक, हर कोई अपने सुझाव लेकर पहुंचा। कुल 9 ग्रुप्स बनाए गए, जिसमें 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कोई हेल्थ पर बात कर रहा था, तो कोई इंफ्रास्ट्रक्चर पर।

बजट पर जनता का जुड़ाव

इस बार सरकार ने जनता को भी मौका दिया है। Mygov. प्लेटफॉर्म पर 10 जनवरी से जनता अपने सुझाव दे सकती है। सोचो, अगर तुम्हारा आइडिया बजट में शामिल हो गया, तो क्या इज्जत मिलेगी मोहल्ले में! अब यहां एक ट्विस्ट है। 1 फरवरी को बजट पेश होगा, और वो भी शनिवार को! आम तौर पर शनिवार को मार्केट बंद रहता है, लेकिन इस बार BSE और NSE लाइव रहेंगे। ट्रेडिंग का ऐसा धमाका होगा कि निवेशक खुशी से उछल पड़ेंगे। हेल्थ इंश्योरेंस पर 18% GST है।  महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोग इंश्योरेंस लेना ही नहीं चाहते। साथ ही, लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग टैक्स छूट मांगी गई है। इससे क्या होगा? लोग ज्यादा बीमा लेंगे। अब बात करें टैक्स की। मिडिल क्लास की उम्मीदें आसमान पर हैं। सरकार, इनकम टैक्स स्लैब में कुछ राहत दे , ताकि सब चैन की सांस लें। टैक्सपैनर के सीईओ ने कहा, “बचत करने वालों और न करने वालों दोनों को छूट मिलनी चाहिए।”

आर्थिक सुधारों का गेमप्लान

यह बजट सिर्फ नंबरों का खेल नहीं होगा, बल्कि इसमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे का रोडमैप बनेगा। अगर इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा निवेश हुआ, तो इससे जुड़ी कंपनियों के शेयर आसमान छू लेंगे। अगर आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया, तो कंपनियों को सस्ते लोन मिलेंगे। इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ेगा। यह वित्त मंत्री का आठवां बजट भाषण होगा। उन्होंने कहा कि परामर्श बैठकों में मिले सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा। "हर सुझाव का बजट में असर दिखेगा," उन्होंने भरोसा दिया।  तो, 1 फरवरी 2025, सुबह 11 बजे तैयार रहना। बजट की हर खबर सबसे पहले और सबसे तगड़े अंदाज में मिलेगी।

 

6.)देश के भगोड़े अपराधियों को पकड़ना अब होगा आसान  

 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को देश की अलग-अलग जांच एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के लिए CBI के द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल को लॉन्च किया। इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह समय आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल का वक्त है और समय की इसी मांग और देश के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारतपोल पोर्टल को विकसित किया गया है। इससे सुरक्षित भारत बनाने का सपना पूरा होगा, साथ ही डिजिटल और टेक्नोलॉजी के इस युग में सुरक्षा चुनौतियों से लड़ने में मदद मिलेगी। गृहमंत्री ने कहा कि भारतपोल हमारे देश में अंतरराष्ट्रीय जांच को एक नए युग में ले जाएगा। गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया की अबतक CBI इंटरपोल के साथ काम करने वाली भारत की एकमात्र एजेंसी थी, लेकिन भारतपोल से हर भारतीय एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस आसानी से इंटरपोल से जुड़ सकेंगी। देश की एजेंसी अब एक दूसरे के साथ अपराध को नियंत्रित करने के लिए कुशलता से काम करने में सक्षम होंगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारतपोल पोर्टल से अंतरराष्ट्रीय डाटा का उपयोग करना आसान होगा। भगोड़े अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी। इंटरपोल का डाटा अब हमारे पास होगा। अपराधियों को ट्रैक करने की व्यवस्था होगी। इस दौरान बेहतर काम करने पर 35 CBI अधिकारियों को पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

कैसे काम करेगा भारतपोल पोर्टल?

भारतपोल पोर्टल देश की जांच एजेंसियों को रियल टाइम सूचना साझा करने में सक्षम बनाएगा। केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर यह समन्वय इंटरपोल लाइजनिंग ऑफिसर (ILO) के जरिए किया जाता है, जो अपने-अपने संगठनों में पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और शाखा प्रमुखों के स्तर पर यूनिट ऑफिसर से जुड़े होते हैं। मौजूदा समय में CBI, ILO और यूनिट ऑफिसर के बीच संचार का साधन पत्र, ईमेल और फैक्स है। भारतपोल पोर्टल बनने से एजेंसियों के बीच समन्वय बेहतर होने के साथ ही अपराधी को पकड़ने में मदद मिलेगी। नया अत्याधुनिक ऑनलाइन मंच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों और केंद्रीय एजेंसियों को विदेश में छिपे भगोड़े व्यक्तियों या अन्य मामलों के बारे में इंटरपोल से सूचना मांगने के लिए अपने अनुरोध भेजने की सुविधा देगा। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) भारत का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो है, जो इंटरपोल से संबंधित मामलों के लिए जिम्मेदार है। इंटरपोल के माध्यम से, CBI भारत में अपराध या अपराधियों की जांच में सहायता के लिए इंटरपोल के अन्य सदस्य देशों की समान एजेंसियों से आवश्यक जानकारी मांग सकती है तथा अन्य देशों की सहायता के लिए आपराधिक डेटा और खुफिया जानकारी साझा कर सकती है।

 

 

7.) महाकुंभ जाने के लिए घर तक आएगी बस    

इस वर्ष महाकुंभ मेले का प्रारंभ 13 जनवरी, 2025 से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहा है और इसका समापन 26 फरवरी को होगा। आपको बता दें, 12 वर्ष में एक बार होने वाले पावन उत्सव महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा स्नान के साथ होती है और महाशिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान के साथ इसकी समाप्ति हो जाती है। यह मेला प्रत्येक 12 वर्षों में चार प्रमुख स्थानों – हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में आयोजित किया जाता है। यदि आपके गांव, मोहल्ले, कॉलोनियों में 40 से 50 लोग साथ हैं और सभी महाकुंभ जाना चाहते है तो रोडवेज बस आपके दरवाजे तक आएगी। आप बस की बुकिंग कराकर महाकुंभ जा सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह सुविधा महाकुंभ को देखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र ने शुरू की है और 13 जनवरी के बाद से श्रद्धालु रोडवेज की एसी या साधारण बस की बुकिंग करवा सकते है। बस बुकिंग की जानकारी यात्रियों को 24 घंटे पहले कैंट बस स्टेशन के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी और एआरएम को देनी होगी। अधिकारियों ने बताया कि महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालु यात्रियों की सुविधा को देखते हुए यह सेवा दी जा रही है।

बस में दी जाने वाली सुविधा पर क्या बोले अधिकारी?

अधिकारियों ने बताया कि महाकुंभ जाने वाली बसें महाकुंभ की पौराणिकता को प्रदर्शित करेंगी। बसों के अंदर भक्ति गीत बजेंगे और चालक-परिचालक भी विशेष यूनिफॉर्म में होंगे। बिना यूनिफॉर्म किसी को भी बस संचालन की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि पूरे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी। विशेषकर इस व्यवस्था से बुजुर्गों और महिला यात्रियों को बहुत सहूलियत होगी। वाराणसी परिक्षेत्र से करीब 320 बसें और विभिन्न रीजन से भी 400 बसें आवाजाही करेंगी। अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बस दरवाजे तक आएगी और यात्रियों को लेकर प्रयागराज महाकुंभ जाएगी। बस तय समय तक वहां रहने के बाद यात्रियों को लेकर लौटेगी भी। बस की बुकिंग के लिए यात्रियों को एक दिन पहले कैंट बस स्टेशन पर जाकर संपर्क करना होगा और एक फॉर्म में नाम, पता, मोबाइल नंबर और यात्रियों की संख्या की जानकारी देनी होगी, साथ ही किराये का 20 प्रतिशत एडवांस पेमेंट भी करना होगा। इसके बाद बस के चालक और परिचालक संबंधित यात्री से संपर्क करेंगे और उनके बताए पते पर पहुंच जाएंगे।

सदी के 'डिजिटल महाकुंभ' के रूप में जाना जाएगा महाकुंभ-2025

यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन और उससे जुड़ी तैयारियों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी देते हुए बताया की इस वर्ष होने वाला महाकुंभ सदी के 'डिजिटल महाकुंभ' के रूप में भी जाना जाएगा। आइये आपको आगे दिखाते हैं की मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को लेकर और क्या कुछ जानकारी साझा की: