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Breaking News 7 August 2024

1.) बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ भयानक हिंसा

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 1971 आजादी की लड़ाई का हिस्सा रहे लोगों और उनके परिवारों के लिए आरक्षण प्रणाली के खिलाफ जुलाई के मध्य से आंदोलनकारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। हिंसा के बीच ढाका में हिंदू समुदाय के दो नेताओं ने बताया कि हिंदुओं के कई मंदिरों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। महिलाओं पर हमला किया गया। हसीना के देश से भागने के बाद हुई हिंसा में अवामी लीग पार्टी से जुड़े दो हिंदू नेताओं की मौत भी हो गई। बता दें कि वर्तमान समय में बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल के बाद मंगलवार को अंतरिम सरकार का गठन किया गया। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने इसकी घोषणा की।

बांग्लादेश हिंसा की आग यूरोप तक कैसे पहुंची?

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा अब यूरोप तक पहुंच गया है। इस हिंसा में कई लोगों की जान चली गई, ताजा आंकड़ों के मुताबिक मृतकों की संख्या बढ़कर 440 तक हो चुकी है। नीदरलैंड के राजनेता गीर्ट वाइल्डर्स ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुए हिंसा की निंदा की। उन्होंने इसे भयानक बताया और हिंसा को जल्द समाप्त करने का भी आह्वान किया। आपको बता दें, गीर्ट वाइल्डर्स नीदरलैंड्स के नेता हैं, जिन्होंने दक्षिणपंथ दल- पार्टी फॉर फ्रीडम की 2006 में स्थापना की और इसका नेतृत्व कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंसा को लेकर उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भयावह है, उन्हें मारा जा रहा है और इस्लामिक भीड़ उनके घरों को जला रहे हैं और इसे तुरंत खत्म करना चाहिए।

2.) प्रधानमंत्री आवास में घुसे प्रदर्शनकारी

बांग्लादेश में हिंसा भड़कने के बाद शेख हसीना ने सोमवार को ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद कई उपद्रवी प्रधानमंत्री के आवास गणभवन में घुसे और वहां से सामान लूट कर ले गए। कई लोग संसद भवन में भी घुसकर वहां से चीजे ले गए। उपद्रवियों ने शेख हसीना के निजी आवास सुधा सदन में भी आग लगा दी। उपद्रवियों ने मुख्य न्यायाधीश के आवास में भी तोड़फोड़ की, कई लोगों को मुख्य न्यायाधीश के आवास की दीवार फांदकर अंदर जाते देखा गया। इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना भारत आ गईं। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वह भारत में ही रुकेंगी या किसी अन्य देश में शरण लेने वाली है।

पूर्व पीएम हसीना ने मांगी थी भारत आने की मंजूरी

बांग्लादेश में जारी भारी हिंसा और शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के घटनाक्रम के एक दिन बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देश को लेकर संसद में बयान दिया है। बांग्लादेश की स्थिति पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमारी समझ यह है कि सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक के बाद शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया है। बहुत कम समय में उन्होंने कुछ समय के लिए भारत आने की मंजूरी मांगी। विदेश मंत्री ने कहा कि पांच अगस्त को कर्फ्यू के बाद भी वहां दंगे हुए। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में शेख हसीना ने कल कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी और उनका अनुरोध स्वीकार कर उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई।

भारतीय समुदाय के संपर्क में है विदेश मंत्रालय

डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में अभी भी अस्थिर हालात हैं और पड़ोसी देश में जारी हिंसा को लेकर भारत चिंतित है। उन्होंने कहा कि हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। विदेश मंत्री ने जानकारी दी कि बांग्लादेश में करीब 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र हैं और हम सभी के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। हालांकि, जुलाई में अधिकांश छात्र वापस लौट आए हैं और हम वहां रह रहे अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी निगरानी कर रहे हैं।

चुनाव के बाद से बांग्लादेश में थे राजनीतिक तनाव

विदेश मंत्री ने कहा कि जनवरी 2024 में हुए चुनाव के बाद से ही बांग्लादेश की राजनीति में काफी तनाव देखने को मिल रहा था, जिसके कारण इस साल जून में शुरू हुए आंदोलन को और बढ़ावा मिला। सार्वजनिक भवनों और बुनियादी ढांचे पर हमलों के साथ-साथ यातायात और रेल अवरोधों सहित हिंसा बढ़ रही थी। हालांकि, हमने बार-बार संयम बरतने की सलाह दी और आग्रह किया कि बातचीत के माध्यम से स्थिति को शांत किया जाए।

3.) ट्रंप को मारने की साजिश रचने वाले का पाक-ईरान कनेक्शन?

अमेरिका में पाकिस्तानी नागरिक आसिफ मर्चंट पर डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अमेरिकी अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने के मामले में मंगलवार को आरोप तय किए गए। उसे बीते महीने गिरफ्तार किया गया था। एक अमेरिकी रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि बीते माह पेंसिल्वेनिया के बटलर में डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की कोशिश से उसका कोई संबंध था। इसके बावजूद यह दावा किया गया है कि ट्रंप उसके निशाने पर थे। आसिफ मर्चेंट एक पाकिस्तानी नागरिक है, आसिफ अप्रैल 2024 में पाकिस्तान से अमेरिका पहुंचा था।

पाकिस्तानी नागरिक निकला ईरानी एजेंट

FBI निदेशक क्रिस्टोफर रे ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पैसे के बदले हत्या की यह खतरनाक साजिश कथित तौर पर ईरान से करीबी संबंध रखने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा रची गई थी। अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, 46 साल के पाकिस्तानी नागरिक आसिफ मर्चेंट ने कथित तौर पर रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सुलेमानी की अमेरिका द्वारा हत्या का बदला लेने के लिए उसने एक राजनेता और कुछ अधिकारियों की हत्या करने के लिए साजिश रची और एक अन्य व्यक्ति से संपर्क किया। क्रिस्टोफर ने कहा किसी भी अमेरिकी नागरिक को मारने की विदेश-निर्देशित साजिश हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

4.) अयोध्या दुष्कर्म पीड़िता का कराया गया गर्भपात

अयोध्या में हुए सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता का मंगलवार को गर्भपात कराया गया। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के क्वीन मेरी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने यह गर्भपात कराया। इसके साथ ही पीड़िता के गर्भपात के बाद डीएनए जांच के लिए जांच अधिकारी को भ्रूण सैंपल भी दिया गया है। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषियों की पहचान की जाएगी। इस मामले पर केजीएमयू प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इन्कार किया है। हालांकि अस्पताल के सूत्रों तथा पीड़िता की मां ने मंगलवार दोपहर गर्भपात होने की पुष्टि की है। सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को सोमवार को अयोध्या से केजीएमयू के लिए रेफर किया गया था। उसके साथ सीएमओ के साथ ही अन्य अधिकारी भी आए थे। बता दें, डॉक्टरों की टीम ने पीड़िता का परीक्षण किया तथा सब कुछ नॉर्मल होने पर मंगलवार को उसका गर्भपात कराया। पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी और उसको 12 सप्ताह का गर्भ था, इसलिए गर्भपात में कोई कानूनी अड़चन नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 24 सप्ताह तक के समय में गर्भपात किया जा सकता है। इसको देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने गर्भपात करने का फैसला किया। गर्भपात के बाद पीड़िता की हालत सामान्य बताया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दिया जाएगा।

अयोध्या दुष्कर्म कांड में आया नया मोड़?

पीड़िता की आयु अब तक स्पष्ट नहीं थी। दर्ज एफआईआर में उसकी आयु 12 वर्ष बताई गई थी, लेकिन बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत आठवीं की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण-पत्र) से उसकी सही आयु का पता चला है। इसके अनुसार पीड़िता की उम्र 14 साल छह माह बताई गई है। बता दें, सीडब्लूसी ने दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिजनों को विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और इसके लिए संबंधित विभागों को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अंतर्गत पीड़िता के एक भाई व एक बहन को 2500-2500 रुपये प्रतिमाह सहायता मिलेगा।

5.) भारत की बेटी मनु का दिल्ली में हुआ भव्य स्वागत

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए दो पदक जीतने वाली मनु भाकर बुधवार को स्वदेश लौटीं। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही पहले से उनके इंतजार में खड़े फैंस ने उनका भव्य स्वागत किया। मनु के साथ उनके कोच जसपाल राणा का भी जोरदार स्वागत हुआ। फैंस ने ढोल-नगाड़ों के साथ दोनों का जोरदार स्वागत किया। वहीं, कुछ फैंस को मनु के साथ सेल्फी लेने का भी मौका मिला। मनु ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है की इतना प्यार मिल रहा है। ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर ने फैंस का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, एयरपोर्ट और होटल में जिस तरह से मेरा स्वागत किया गया, उससे मुझे बहुत अच्छा लगा। मुझे बहुत खुशी है कि देश के लोग मुझे इस तरह से सपोर्ट कर रहे हैं। मैं दो पदक और भविष्य में और अधिक मेहनत करने के लिए ढेर सारी प्रेरणा लेकर आई हूं।

बेटी के स्वागत में एयरपोर्ट पर मौजूद रहे माता-पिता

ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर को लेने उनके माता-पिता एयरपोर्ट पहुंचे। उनके चेहरे पर बेटी की जीत की खुशी साफतौर पर झलक रही थी। उनके माता-पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मनु ने जो उपलब्धि हासिल की है वह किसी भी माता-पिता के लिए गर्व की बात है। मनु की मां सुमेधा भाकर ने कहा, मनु के लिए जो लोगों का अत्यधिक प्रेम है, उसे देखकर अत्यंत प्रसन्न हूं।

6.) UPSC को चुनौती देंगी पूजा खेडकर

सिलेक्शन रद्द करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची

महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई है। पूजा खेडकर ने यूपीएससी द्वारा उम्मीदवारी रद्द करने को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस ज्योति सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने किया। पूजा खेडकर की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह पेश हुईं। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि इस मामले में अजीब बात यह है कि पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश अभी तक उन्हें प्रदान नहीं किया गया है। उनके पास बस एक प्रेस विज्ञप्ति है। जयसिंह ने तर्क दिया कि प्रेस विज्ञप्ति को रद्द करने की आवश्यकता है। उन्हें आदेश देना होगा ताकि वे उचित न्यायाधिकरण से संपर्क कर सकें। इसके जवाब में UPSC की ओर से नरेश कौशिक सामने आये और उन्होंने बताया कि प्रेस विज्ञप्ति इसलिए जारी किया गया क्योंकि पूजा खेडकर का पता अज्ञात था। प्रेस विज्ञप्ति ने उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के संबंध में एक औपचारिक सूचना के रूप में कार्य किया। UPSC ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि वह पूजा खेडकर को उनकी उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश दो दिनों के भीतर प्रदान करेगा। अदालत ने खेडकर को उनकी उम्मीदवारी रद्द करने को चुनौती देने के लिए उचित मंच पर जाने की छूट दी है।

UPSC ने पूजा को जारी किया था कारण बताओ नोटिस

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा खेडकर की अस्थाई उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है। इसके अलावा खेडकर पर भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगाई गई। इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। बता दें, UPSC ने पूजा खेडकर को इस बारे में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। नोटिस में पूछा गया था कि क्यों न पूजा खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवारी को रद्द किया जाए। यूपीएससी ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी कि पूजा खेडकर ने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर फर्जी पहचान पहचान पत्र बनवाए। शिकायत में कहा गया है कि खेडकर ने धोखाधड़ी से परीक्षा दी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

7.) हाईकोर्ट जज की टिप्पणी पर भड़के CJI चंद्रचूड़?

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस राजबीर सहरावत सुप्रीम कोर्ट पर की गए अपनी एक टिप्पणी के बाद से मुश्किल में घिर गए हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने जस्टिस राजबीर सेहरावत की आलोचनात्मक टिप्पणियों को 'निंदनीय और अनुचित' बताया, पीठ ने इसे सुनवाई से हटा दिया है। पीठ ने 'न्यायिक अनुशासन' का उल्लेख किया और कहा कि भविष्य में उच्च न्यायालयों के आदेशों पर विचार करते समय अधिक सावधानी बरती जाएगी। पीठ ने कहा कि न तो हाईकोर्ट और न ही सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च हैं और सर्वोच्चता वास्तव में भारत के संविधान की है। बता दें, पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे।

क्या थी राजबीर सहरावत की टिप्पणी?

यह मामला उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजबीर सेहरावत द्वारा 17 जुलाई को पारित एक आदेश पर आधारित था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय में यह मान लेने की प्रवृत्ति है कि वह 'अधिक सर्वोच्च' है। अब राजबीर सहरावत की टिप्पणियों से दुखी पीठ ने सुनवाई के दौरान मामले का स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा की गई टिप्पणियों से दुखी है। पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश में कई चीजों के संबंध में 'अनावश्यक' टिप्पणियां की गई हैं। पीठ ने कहा कि न्यायाधीश उच्च न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों से असंतुष्ट नहीं हैं और साथ ही भविष्य में न्यायिक अनुशासन बनाए रखे जाने की सलाह भी दी।

8.) उपराष्ट्रपति ने संसद सदस्यों के साथ मुलाकात की

माननीय उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धनखड़ ने आज संसद भवन में अपने चैम्बर में विभिन्न राजनीतिक दलों के संसद सदस्यों के साथ मुलाकात और बातचीत की। इस बैठक ने कई मुद्दों पर रचनात्मक बातचीत की सुविधा प्रदान की और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सहयोगात्मक शासन की भावना को मजबूत किया। इस बातचीत में निम्नलिखित संसद सदस्यों ने भाग लिया: @PawarSpeaks @rautsanjay61 @LKBajpaiBJP @DeoSulata @DrKanimozhiSomu @praful_patel @shaktisinhgohil @Ranjeet4India

माननीय उपराष्ट्रपति ने राष्ट्र के सामने मौजूद गंभीर मुद्दों के समाधान के लिए संसद में सदस्यों के बीच बातचीत और सहयोग के महत्व पर जोर दिया। बैठक ने पार्टी लाइन के अक्रॉस खुली चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रभावी शासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह जुड़ाव एक मजबूत और समावेशी संसदीय प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए उपराष्ट्रपति के समर्पण और उनके प्रयासों को रेखांकित करता है।

9.) विनेश अंतिम समय में फाइनल से बहार, बड़ी साजिश का इशारा !

भारत के लिए दिल टूटने वाली खबर सामने आई है। विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में स्वर्ण पदक मैच से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। यह तब हुआ जब विनेश फोगाट को 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ कुश्ती फाइनल से पहले कुछ ग्राम अधिक वजन पाया गया। विनेश क्वालिफायर और सेमीफाइनल दौर से पहले वजन मापदंड के भीतर थीं। हालांकि, वह फाइनल से पहले कुछ ग्राम अधिक वजन की पाई गईं और इसलिए उन्हें फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई कर दिया गया और अब वह रजत पदक के लिए भी पात्र नहीं होंगी। 

फाइनल में अमेरिकी पहलवान से होना था मुकाबला

फाइनल में विनेश का अमेरिका की सारा एन हिल्डब्रांड से मुकाबला होना था। अमेरिका की इस पहलवान ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वे विश्व चैंपियनशिप में दो रजत और दो कांस्य मेडल भी जीत चुकी हैं।

कुश्ती के लिए ओलंपिक में वजन के क्या हैं नियम?

सभी प्रतियोगिताओं के लिए, संबंधित भार-श्रेणी के लिए प्रत्येक सुबह खिलाड़ी का वजन नपा जाता है। वजन नापने का कार्यक्रम और मेडिकल चेकअप 30 मिनट तक रहता है। भार नापने के लिए एथलीट सिर्फ एक सिंगलेट जर्सी में होना चाहिए, जो वह मैच के दौरान पहनकर आएगा/आएगी। पूरे वजन नापने की अवधि के दौरान, पहलवानों को अधिकार है, जितनी बार चाहें उतनी बार अपना भार नपवा सकते हैं। यदि कोई एथलीट भार नापने के कार्यक्रम (दोनों दिन) में भाग नहीं लेता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है। यदि कोई एथलीट पहले दिन अपनी प्रतियोगिता के दौरान घायल हो जाता है, तो उसे दूसरे दिन भार मापने के लिए उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं होगी और उसका रैंक जारी रहेगा। उदाहरण के तौर पर विनेश कल तीनों मैच खेलने के बाद चोटिल होतीं और तो आज उन्हें भार मापने के दौरान उपस्थित नहीं रहना पड़ता और अगर वह फाइनल में नहीं उतरतीं तो उन्हें रजत पदक मिलता।

अचानक कैसे बढ़ा विनेश का वजन?

पेरिस ओलंपिक 2024 में महिला कुश्ती 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल मुकाबले से पहले पहलवान विनेश फोगाट को तगड़ा झटका लगा है। उन्हें अधिक वजन के कारण फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पहले दिन यानी छह अगस्त को विनेश 50 किलोग्राम भार-वर्ग के अंदर थीं। अपने पहले दिन के भार नापने वाले नियम को अच्छे से पार करने के बाद विनेश ने टोक्यो 2020 की शीर्ष खिलाड़ी और स्वर्ण पदक विजेता सुसाकी को भी हराया था। विनेश ने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की पूर्व यूरोपीय चैंपियन ओकसाना लिवाच और सेमीफाइनल में क्यूबा की मौजूदा पैन अमेरिकी चैंपियन युस्नेलिस गुजमान को हराया। अब इस घटना के बाद ऐसा माना जा रहा है कि एक ही दिन में तीन जबरदस्त मुकाबले लड़ने के बाद उन्होंने अपनी ऊर्जा वापस लाने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स और अन्य सप्लीमेंट लिए, जिससे वजन बढ़ सकता है। 

पीएम मोदी ने पीटी उषा से विरोध जताने की कही बात

पीएम मोदी ने भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा से इस मुद्दे पर चर्चा की उनसे इस मुद्दे पर प्रत्यक्ष जानकारी मांगी तथा विनेश की हार के बाद भारत के पास क्या विकल्प हैं, इस बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने विनेश के मामले में मदद के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा। उन्होंने पीटी उषा से विनेश की मदद के लिए उनकी अयोग्यता के बारे में कड़ा विरोध दर्ज कराने की भी बात कही।

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष का आया बयान

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने निराशा जताई। उन्होंने बताया कि विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा था। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी अच्छी कुश्ती लड़ने और फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के बाद भी उन्हें 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। भारत सरकार ने विनेश फोगट को उनके कोच, न्यूट्रिशनिस्ट और फिजियो मुहैया कराए हैं। ये सभी उनके साथ खेल गांव में हैं, दो दिन तक उनका वजन स्थिर था लेकिन रातों-रात यह बढ़ गया, इसका कारण उनके न्यूट्रिशनिस्ट और उनके कोच ही बता सकते हैं। डब्ल्यूएफआई कानूनी प्रक्रिया देख रहा है। पीटी उषा खेल गांव पहुंच गई हैं, हम चर्चा करेंगे और तय करेंगे कि आईओसी और यूडब्ल्यूडब्ल्यू के खिलाफ कैसे विरोध करना है।

अयोग्यता होने पर आया महावीर फोगाट का बयान

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित होने पर उनके चाचा महावीर फोगट ने कहा, मेरे पास कहने को कुछ नहीं है। पूरे देश को गोल्ड की उम्मीद थी, नियम तो हैं लेकिन अगर कोई पहलवान 50-100 ग्राम ज़्यादा वज़न का है तो उसे खेलने की अनुमति दी जाती है। मैं देश के लोगों से कहूंगा कि निराश न हों, एक दिन वो ज़रूर मेडल लाएगी, मैं उसे अगले ओलंपिक के लिए तैयार करूंगा।

मां को किया था स्वर्ण जीतने का वादा

फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के बाद विनेश ने अपनी मां से वीडियो कॉल के जरिए बात की थी। विनेश ने अपनी मां और परिवारवालों से बात करते हुए स्वर्ण पदक जीतने का वादा किया था। हालांकि, अब वह मुकाबले से बाहर हो गई हैं।

10.) एल्विश यादव के Gay वाले बयान से मचा बवाल

यूटूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता एल्विश यादव का विवादों से गहरा नाता रहा है। कभी वह किसी को थप्पड़ मारकर माफी मांग लेते हैं, तो कभी किसी के बारे में कुछ ऐसा कह देते हैं, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन जाता है। अब हाल ही में एल्विश यादव अपने एक वीडियो को लेकर सुर्खियों में हैं, जिसमें वह अकेले नहीं, बल्कि उनके साथ जिगरी यार और बिग बॉस ओटीटी 3 कंटेस्टेंट लवकेश कटारिया भी नजर आ रहे हैं। दोनों का एक वीडियो तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह दोनों एक ही कंबल में शर्टलेस होकर आराम फरमाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो से ज्यादा ध्यान एल्विश की बातों ने खींचा है।

एल्विश ने कहा 'Gay होना बुरा नहीं है'

एल्विश यादव और लवकेश कटारिया के बेडरूम वीडियो को देखकर यूजर्स भी शॉक्ड हो गए हैं। वीडियो को यूनिक इंसान 2 नाम के एक यूजर ने अपने एक्स अकाउंट पर शेयर किया है। बता दें, एल्विश यादव इस वीडियो में कह रहे हैं कि हम सोच रहे हैं कि अपनी एक गैंग बना ले, गे होना बुरी बात नहीं है। कभी-कभी लोगों को लगता है हम एंटी हैं, लेकिन हम बस ओपन अप हो रखे हैं। अब इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने और देखने के बाद कई यूजर्स सोशल मीडिया पर दोनों का मजाक बना रहे हैं और तो वहीं कुछ उन्हें सपोर्ट भी कर रहे हैं।

वायरल वीडियो पारा आया एल्विश यादव का जवाब 

इस वीडियो के वायरल होते ही एल्विश यादव ने भी अपने सोशल मीडिया पर जवाब दिया है। एल्विश ने लिखा, "मैं LGBTQ का सपोर्ट करता हूँ"। बता दें, लवकेश कटारिया जब बिग बॉस के घर के अंदर थे, तो उन्हें कई बार ये सुनना पड़ा था कि वह एल्विश यादव के मैनेजर हैं और उनकी तरह ही शो में दिखने की कोशिश कर रहे हैं।