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Breaking News 6 May2025

1 ) 7 मई की मॉक ड्रिल: क्या युद्ध की तैयारी है?

जब सायरन बजते हैं तो केवल हवा में कंपन नहीं होता, एक देश की चेतना हिलती है और उसकी नींद भी...
7 मई को देश के 244 जिलों में एक ऐसी घटना घटने वाली है, जो भारत के इतिहास में 54 साल बाद दोहराई जा रही है । देशव्यापी मॉक ड्रिल। यह कोई सामान्य अभ्यास नहीं, बल्कि एक संकेत है कि भारत अब युद्ध जैसे हालातों के लिए अपने नागरिकों को भी तैयार करना चाहता है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तीर्थयात्रियों पर हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव बढ़ा है, उसने यह सवाल खड़ा कर दिया है—क्या हम एक और युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं? 1971 में जब भारत-पाक युद्ध हुआ था, तब देश ने आखिरी बार इतनी बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल देखी थी। अब, जब दो परमाणु संपन्न देशों के बीच बयानबाज़ी और कार्रवाई की रफ्तार तेज़ हो चुकी है, तो यह ड्रिल केवल एक "प्रशिक्षण" नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संकेत है देश किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहता है। गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, देश के 244 सीमावर्ती जिलों में एक साथ हवाई हमलों की चेतावनी देने वाले सायरन बजेंगे, शहरों में ब्लैकआउट होगा, और लोगों को सुरक्षित शेल्टर में पहुँचने की रिहर्सल कराई जाएगी। यह अभ्यास केवल सरकार की नहीं, नागरिकों की भी परीक्षा होगी कि संकट की घड़ी में हम कितने संगठित, समझदार और सजग हैं।

क्यों हो रही है यह मॉक ड्रिल? सिर्फ अभ्यास, या तैयारी युद्ध की?

पाकिस्तान के साथ सभी राजनयिक, व्यापारिक और परिवहन संबंधों को भारत सरकार ने सीमित या स्थगित कर दिया है। सिंधु जल संधि निलंबित कर दी गई है, हवाई मार्ग बंद कर दिए गए हैं, अटारी बॉर्डर सील कर दिया गया है। भारत ने इस बार केवल शब्दों से नहीं, कार्यों से जवाब दिया है।पाकिस्तान ने भारत की इन कार्रवाइयों को "युद्ध की स्थिति" करार दिया है। ऐसे में यह ड्रिल यह दिखाने की कोशिश है कि अगर स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती है, तो देश की जनता डर के बजाय तैयारी की स्थिति में हो।

किन राज्यों में होगी मॉक ड्रिल? कहाँ बजेगा सायरन?

गृह मंत्रालय ने जिन 244 जिलों को चिह्नित किया है, वे भारत-पाक सीमा और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर हैं: पंजाब के फिरोजपुर, अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट । जम्मू-कश्मीर के जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, राजौरी । राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर गुजरात के कच्छ और उत्तर प्रदेश के मेरठ, आगरा, मथुरा मध्य भारत में भोपाल, रायपुर, नागपुर दक्षिण और पूर्वी भारत में चेन्नई, बेंगलुरु, विशाखापत्तनम, कोलकाता । इन जिलों में पहले से सिविल डिफेंस की इकाइयाँ सक्रिय हैं। हाल ही में फिरोजपुर में 30 मिनट की ब्लैकआउट ड्रिल की गई, जो एक तरह से मुख्य अभ्यास का पूर्वाभ्यास था।

ड्रिल में क्या होगा? क्या करें आम नागरिक?

सायरन बजेगा संकेत होगा कि हवाई हमला हो सकता है। ब्लैकआउट किया जाएगा बिजली गुल की जाएगी, जिससे दुश्मन हवाई हमलों में शहरों को चिन्हित न कर सके। शेल्टर में जाने की प्रक्रिया – नागरिकों को बताया जाएगा कि सुरक्षित स्थान कहाँ हैं, कैसे पहुँचना है, क्या साथ रखना है। नोट: यह एक ड्रिल है, वास्तविक हमला नहीं। जिला प्रशासन सोशल मीडिया और लोकल चैनलों से पहले ही इसकी सूचना देगा। डरें नहीं, बल्कि सीखें और सजग रहें।

क्या युद्ध वाकई करीब है?

यह सवाल अब केवल सैन्य विशेषज्ञ नहीं, बल्कि आम नागरिक भी पूछ रहे हैं। क्या यह ड्रिल एक पूर्वाभ्यास है, या एक पूर्व-सूचना? भारत सरकार इस सवाल का जवाब नहीं दे रही क्योंकि रणनीति कभी सार्वजनिक नहीं होती। लेकिन जब राष्ट्र 54 साल बाद अपने ही नागरिकों को यह सिखा रहा है कि “बम गिरते वक़्त कहाँ छुपना है”, तो समझना मुश्किल नहीं कि मामला कितना गंभीर है। नागरिक क्या करें? 1. अपने जिला प्रशासन की वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनलों से अपडेट लें 2. अफवाहों से बचें, केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें 3. अभ्यास को गंभीरता से लें यह आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा का सवाल है 4. अपने घर के बुजुर्गों और बच्चों को पहले से जानकारी दें, ताकि पैनिक न हो ।शांति की सबसे बड़ी कीमत तैयारी होती है। युद्ध न हो, इसके लिए तैयार रहना ही सबसे बड़ा बचाव है। भारत अब यह दिखा रहा है कि वह केवल जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा, बल्कि उसके नागरिक भी संकट में भाग नहीं, बल्कि सामना करेंगे। 7 मई को जब सायरन बजेगा, तो वह केवल आवाज़ नहीं होगी बल्कि एक सवाल होगा हम सबके लिए क्या हम तैयार हैं ।

 

2.) : JAPAN vs INDIA? SMBC की एंट्री से बैंकिंग सेक्टर में हलचल

भारतीय प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। यस बैंक के शेयरों में सोमवार सुबह जोरदार उछाल आया और यह बीएसई पर 10% तक चढ़कर 19.44 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। यह तेजी अचानक नहीं आई, इसके पीछे एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय डील की संभावनाएं छिपी हैं। सूत्रों के मुताबिक जापान का दिग्गज वित्तीय समूह सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC), यस बैंक में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि SMBC के शीर्ष अधिकारियों ने हाल ही में मुंबई में SBI और यस बैंक के अन्य शेयरधारकों से मुलाकात की है। इस दौरान संभावित हिस्सेदारी सौदे को लेकर बातचीत हुई। फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पास यस बैंक की लगभग 24% हिस्सेदारी है। SBI पहले से ही एक नए स्ट्रैटजिक निवेशक की तलाश में है और SMBC इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। डील बनी तो ओपन ऑफर और कंट्रोल ट्रांसफर संभव अगर SMBC और SBI के बीच डील फाइनल होती है, तो यह एक ओपन ऑफर को जन्म दे सकती है, जिसके तहत SMBC को यस बैंक में अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी खरीदने का मौका मिलेगा। ऐसे में SMBC सीधे बैंक के कंट्रोलिंग स्टेक तक पहुंच सकता है। एक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि SMBC सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि वह यस बैंक का ऑपरेशनल कंट्रोल भी हासिल करना चाहता है। अगर यह डील 51% हिस्सेदारी तक पहुंचती है, तो यह भारतीय बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी अधिग्रहण डील होगी। SMBC इससे पहले भी भारत में बड़े निवेश कर चुका है। साल 2021 में इस जापानी ग्रुप ने Fullerton India Credit में 74.9% हिस्सेदारी करीब 2 अरब डॉलर में खरीदी थी। अब यस बैंक में इसकी दिलचस्पी, भारत के तेजी से बढ़ते बैंकिंग सेक्टर में इसकी दीर्घकालिक रणनीति को दर्शाती है। शेयर बाजार में निवेशकों ने इस संभावित डील को पॉजिटिव संकेत के रूप में लिया है। यही वजह है कि शेयर में एक ही दिन में 10% तक की उछाल देखी गई।

 

3.) NEET की परीक्षा या परीक्षा का मज़ाक? हर राज्य से उठती गूंज

 

देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET एक बार फिर लाखों युवाओं की उम्मीदें और संघर्ष लेकर आई, लेकिन इस बार भी कुछ केंद्रों पर हालात ऐसे बने कि परीक्षा की पवित्रता पर सवाल उठने लगे। 5 मई को हुई इस परीक्षा में करीब 22 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। यह परीक्षा देशभर के 552 शहरों में फैले 5,000 से अधिक केंद्रों और विदेशों के 14 सेंटर्स पर आयोजित की गई। लेकिन इतने बड़े आयोजन के बावजूद व्यवस्थाओं की पोल कई जगहों पर खुलती नज़र आई। कर्नाटक के कलबुर्गी स्थित एक परीक्षा केंद्र में उस समय हंगामा मच गया, जब छात्रों से कथित तौर पर उनका जनेऊ उतरवाने को कहा गया। अभ्यर्थी श्रीपद पाटिल के पिता ने मीडिया को बताया कि परीक्षा से ठीक पहले उनके बेटे को जनेऊ उतारने के लिए मजबूर किया गया और उसे बाहर भेज दिया गया। यह सिर्फ श्रीपद के साथ नहीं, बल्कि कई अन्य छात्रों के साथ भी हुआ, जिससे आहत ब्राह्मण समुदाय के छात्रों ने परीक्षा केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। सवाल यह है कि क्या सुरक्षा जांच की आड़ में किसी की धार्मिक आस्था का अपमान उचित है? राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में स्थित एक परीक्षा केंद्र पर तकनीकी गड़बड़ी ने अभ्यर्थियों को परेशान कर दिया। गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल में परीक्षा से पहले बायोमैट्रिक नहीं लिए गए। अभ्यर्थियों को भरोसा दिया गया कि परीक्षा के बाद प्रक्रिया पूरी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब छात्रों ने सवाल उठाए, तो उन्हें चुपचाप जाने के लिए कह दिया गया। सवाल ये है कि जब तकनीकी तैयारियां अधूरी थीं, तो लाखों बच्चों का भविष्य दांव पर क्यों लगाया गया? राजस्थान में NEET पेपर लीक की फिर कोशिश की गई। गुरुग्राम में तीन युवकों - बलवान, मुकेश मीना और हरदास ने अभ्यर्थियों को झांसा दिया कि वे उन्हें 40 लाख रुपये में पेपर दिलवा सकते हैं। सौदा तय हुआ, लेकिन जब अभ्यर्थियों के परिजनों ने पेपर दिखाने को कहा, तो तीनों घबरा गए। समय रहते SOG की टीम ने छापा मारकर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना बताती है कि नीट परीक्षा के नाम पर आज भी रैकेट सक्रिय हैं और सैकड़ों छात्र हर साल इनके शिकार बनते हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर में बारिश ने प्रशासन की पोल खोल दी। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 में बिजली गुल होने के कारण करीब 600 छात्रों को मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा देनी पड़ी। कमरों में अंधेरा होने के कारण कई छात्रों के प्रश्न छूट गए। किंजल गुप्ता नाम की छात्रा ने मीडिया से कहा, “प्रश्नपत्र पढ़ना मुश्किल था, कई सवाल समझ ही नहीं आए।” स्कीम 78 स्थित एक अन्य विद्यालय में 3 से 4 बार बिजली कटी। इमरजेंसी बल्ब लगाए गए, लेकिन चार्ज इतना कम था कि केवल 10 मिनट तक ही रोशनी मिली। क्या इतने बड़े एग्जाम में यह व्यवस्था स्वीकार्य है ।