राजधानी के ब्रह्मपुरी इलाके में मस्जिद विस्तार को लेकर चल रहे विवाद के बीच नगर निगम ने इसके भवन का नक्शा निरस्त कर दिया है। शाहदरा उत्तरी जोन के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अब मस्जिद का विस्तार नहीं होगा और अवैध रूप से किए गए निर्माण को हटाया जाएगा।उन्होंने बताया कि तथ्यों को छिपाकर सरल योजना के तहत नक्शा स्वीकृत कराया गया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। इससे पहले नगर निगम ने अलमतीन वेलफेयर सोसायटी और संबंधित आर्किटेक्ट को नोटिस जारी किया था, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं मिला। अब निर्माण स्थल को सील किया जाएगा और फिर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी। नगर निगम ने साफ किया कि यदि संबंधित पक्ष खुद से निर्माण को नहीं हटाते हैं, तो निगम अपने स्तर पर इसे ध्वस्त करेगा। शाहदरा उत्तरी जोन चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने कहा,
"हम किसी भी गैरकानूनी निर्माण को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मस्जिद का यह अवैध विस्तार नहीं होने दिया जाएगा। मंगलवार रात उत्तर पूर्वी जिले के एडिशनल डीसीपी संदीप लांबा ने न्यू उस्मानपुर एसएचओ के साथ इलाके का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। खासतौर पर महिलाओं को बैठक में बुलाया गया ताकि वे अपनी चिंताओं को साझा कर सकें। डीसीपी ने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया कि पुलिस उनके साथ है और किसी को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने निर्देश दिया कि पत्थरबाजी की घटना की गहराई से जांच की जाए और जो भी इसमें शामिल हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।बैठक के दौरान डीसीपी ने अपना नंबर गली के लोगों को दिया और कहा कि यदि कोई संदिग्ध गतिविधि हो तो तुरंत सूचित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी अफवाह या डर के कारण लोग जल्दबाजी में अपने मकान न बेचें। इस बैठक में क्षेत्रीय पार्षद अनिल गौड़ भी मौजूद रहे। इससे पहले दोपहर में भी निगम और पुलिस अधिकारियों ने क्षेत्र का निरीक्षण किया था इलाके में तनाव अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। ब्रह्मपुरी गली नंबर-12 में कई घरों पर अब भी ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगे हुए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब तक मस्जिद विस्तार के लिए किया गया अवैध निर्माण पूरी तरह से ध्वस्त नहीं हो जाता, तब तक वे ये पोस्टर नहीं हटाएंगे। हालांकि, नगर निगम और पुलिस ने भरोसा दिया है कि नियमों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने गली से बैरिकेडिंग हटा दी है, लेकिन बीट अफसरों को इलाके में नियमित गश्त के निर्देश दिए गए हैं।
अब क्या होगा?
नगर निगम पहले निर्माण स्थल को सील करेगा। इसके बाद संबंधित पक्षों को नोटिस देकर खुद निर्माण हटाने का समय दिया जाएगा ।यदि निर्माण नहीं हटाया जाता, तो निगम इसे अपने स्तर पर गिराएगा पुलिस जांच जारी रहेगी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गश्त बढ़ाई जाएगी। स्थिति पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि वे तभी आश्वस्त होंगे, जब अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चलेगा।
ब्रिटेन दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने हमला करने की कोशिश की। यह घटना उस समय हुई जब जयशंकर चैथम हाउस थिंक टैंक में एक कार्यक्रम के बाद अपनी कार से लौट रहे थे। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी उनकी गाड़ी की ओर दौड़ता हुआ आया और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फाड़ने की कोशिश की। मौके पर मौजूद लंदन पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर उस शख्स को काबू में लिया और जयशंकर को सुरक्षित वहां से निकाला। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें खालिस्तानी समर्थक भारत विरोधी नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि जब जयशंकर कार्यक्रम के बाद अपनी गाड़ी में बैठ रहे थे, तभी सड़क किनारे जमा प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी और एक व्यक्ति अचानक उनकी ओर दौड़ पड़ा। इस दौरान उसने भारतीय तिरंगे को फाड़ दिया। भारत सरकार ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए ब्रिटेन सरकार के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, "हमने विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन के फुटेज देखे हैं। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की भड़काऊ गतिविधियों की कड़ी निंदा करते हैं। यह स्पष्ट रूप से लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग है, और हमें उम्मीद है कि यूके सरकार अपने राजनयिक दायित्वों को पूरी तरह से निभाएगी।" गौरतलब है कि जयशंकर मंगलवार को अपने छह दिवसीय ब्रिटेन और आयरलैंड दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लंदन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और विदेश सचिव डेविड लैमी से मुलाकात की। जयशंकर की इस यात्रा का उद्देश्य भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच आपसी संबंधों को लेकर एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी है। ऐसे में यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को एक नई मजबूती देने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह पहली बार नहीं है जब ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों या प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले भी भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किए गए हैं। मार्च 2023 में भी प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग पर हमला कर तिरंगे का अपमान किया था। जयशंकर पर हमले की इस कोशिश के बाद एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि ब्रिटेन सरकार भारत विरोधी गतिविधियों पर कब तक मूकदर्शक बनी रहेगी? भारत पहले भी कई बार ब्रिटेन से अपनी जमीन पर सक्रिय अलगाववादी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग कर चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।