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Breaking News 6 January 2025

1.) तमिलनाडु विधानसभा में राष्ट्रगान का अपमान

 

नए साल 2025 में तमिलनाडु विधानसभा के पहले विधानसभा सत्र की आज से शुरुआत की गई है। नियमों के तहत विधानसभा सत्र की शुरुआत राज्यपाल आर.एन रवि के संबोधन से होना था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो साल के पहले विधानसभा सत्र की शुरुआत भारत के राष्ट्रगान की जगह तमिलनाडु सरकार के राज्य गीत 'तमिल थाई वजथु' के गायन से किया गया। राज्य सरकार के इस फैसले से तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन रवि विधानसभा सत्र के दौरान राष्ट्रगान के कथित अपमान से नाराज हो गए और विधानसभा सत्र को बिना संबोधित किए ही सदन से चले गए। दो साल से विधानसभा सत्र में राज्यपाल के संबोधन के दौरान खासा विवाद देखने को मिला है। पिछली बार राज्यपाल ने संबोधन के दौरान सरकार के बयान की कुछ लाइनें पढ़ने से इनकार कर दिया था। जिस पर खूब विवाद हुआ था। इस साल भी विधानसभा सत्र के दौरान हंगामे की उम्मीद है क्योंकि तमिलनाडु में अन्ना विश्वविद्यालय में छात्रा से दुष्कर्म का मामला गरमाया हुआ है और विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार पर हमलावर हैं। अब राज्यपाल की नाराजगी से हंगामा और बढ़ने की आशंका है। 

राज्यपाल ने सरकार के कृत्य को बताया संविधान का अपमान

राज्यपाल आर.एन रवि ने तमिलनाडु के राज्य गीत के बाद राष्ट्रगान वादन की मांग की, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई। इस बात से राज्यपाल इस कदर नाराज हो गए कि विधानसभा सत्र को संबोधित किए बिना ही सदन से चले गए। तमिलनाडु राजभवन ने पूरे विवाद पर बयान जारी किया है। सोशल मीडिया पर साझा बयान में राजभवन ने कहा कि 'भारत के संविधान और राष्ट्रगान का एक बार फिर तमिलनाडु विधानसभा में अपमान हुआ है। संविधान में पहला मौलिक कर्तव्य राष्ट्रगान का सम्मान बताया गया है। सभी राज्य विधानसभाओं में सत्र की शुरुआत और समापन पर राष्ट्रगान का गायन होता है। आज सदन में राज्यपाल के आने पर सिर्फ तमिल थाई वजथु का ही गायन हुआ। राज्यपाल ने सदन को सम्मानपूर्वक संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाई और राष्ट्रगान के वादन की मांग की, लेकिन उनकी अपील को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और सदन के स्पीकर ने खारिज कर दिया। यह गंभीर चिंता की बात है। ऐसे में राष्ट्रगान और भारत के संविधान के अपमान का हिस्सा न बनते हुए राज्यपाल ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सदन छोड़ दिया।

 

2.) सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एलियन्स UFO के वीडियोस! जानें क्या है सच?

 

2025 की शुरुआत हुई नहीं कि वायरल ख़बरों का सिलसिला चालु हो गया। दुनिया के कोने-कोने से यूएफओ देखे जाने की खबरें आ रही है। वहीँ भारत में सोशल मीडिया पर हर दूसरे रील में एलियन्स की वीडिओज़ देखने को मिल रही है। इसी तरह इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक यूएफओ (उड़नतश्तरी) जमीन पर पड़ा है और दो लोग उसके पास खड़े जाँच-पड़ताल कर रहे हैं। एक्स पर एक यूजर ने एक वीडियो डाला, और लिखा "2025 में ही गिरा एलियन का यान, पता नहीं क्या-क्या होगा? हालांकि बेल्जियम में पिछले कुछ सालों से यूएफओ देखने की घटनाएँ बढ़ी हैं। इस साल ईस्ट फ़्लैंडर्स प्रांत में 45 बार यूएफओ देखे गए, जबकि एंटवर्प में 38 और वेस्ट फ़्लैंडर्स में 30 बार ऐसी घटनाएँ दर्ज हुईं। इन घटनाओं को रिकॉर्ड करने वाले संगठन कोबेप्स (बेल्जियम कमेटी फॉर द स्टडी ऑफ स्पेस फेनोमेना) ने अब तक 52 मामलों की रिपोर्ट दर्ज की है। ये पहली बार नहीं है। वैज्ञानिक स्काईट्रेसर नामक तकनीक की मदद से ऐसी उड़न वस्तुओं को ट्रेस करते हैं। यह तकनीक अदृश्य वस्तुओं को देखने में मदद करती है। लेकिन बेल्जियम में इस तकनीक का इस्तेमाल प्रतिबंधित है, और ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये रहस्यमयी चीजें कौन ट्रेस कर रहा है? वहीँ 11 मई 2024 को जापान के टोटोरी प्रांत में एक और रहस्यमयी घटना घटी। रात के आसमान में पिलर लाइट्स यानी खंभे जैसी रोशनियाँ देखी गईं। स्थानीय लोग यह देखकर हैरान थे। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे एलियन की मौजूदगी का संकेत बताया। लेकिन कोई भी यह स्पष्ट नहीं कर पाया कि ये रोशनियाँ कहां से आईं और उनका उद्देश्य क्या था। अगर सच में एलियन आ गए, तो क्या होगा? लेकिन उससे पहले ये पता करना होगा कि ये वायरल वीडिओज़ में सच है या ये एक गुमराह करने की कोशिश है ?

वायरल विडिओज़ की हुई जाँच 

सजग टीम जो वायरल वीडिओज़ की जाँच करके फैक्ट चेक करते है। उन्होंने इन सभी वीडिओज़ के की-फ्रेम निकाले और रिवर्स इमेज सर्च की। यह खोज
Unknown नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट तक पहुंची, जहाँ AI जनरेटेड कंटेंट शेयर किया जाता है। यह स्पष्ट हो गया कि कुछ वायरल वीडियो असली नहीं होती है ,बल्कि इन्हे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया जाता है। तो सवाल यह है कि क्या एलियन सच में मौजूद हैं? वैज्ञानिक मानते हैं कि ब्रह्मांड में जीवन की संभावना है, लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो हमारी कल्पनाओं को हवा देते हैं। कभी-कभी ये वीडियो हमारी जिज्ञासा को मज़ेदार तरीके से संतुष्ट करते हैं, तो कभी हमें गुमराह भी कर देते हैं। आखिर में ऐसी घटनाएँ हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि अगर एलियन सच में हमारे बीच आए, तो क्या होगा? क्या वे हमारे दोस्त बनेंगे, या हमारी तकनीकों से बेहतर तकनीक दिखाएंगे? लेकिन तब तक, जब भी सोशल मीडिया पर ऐसी कोई खबर दिखे, पहले उसकी सच्चाई की जाँच करें।

 

3.) भारत पहुंचा HMPV वायरस, सरकार अलर्ट

 

चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण की भारत में दस्तक हो गई है। मीडिया में दावा किया जा रहा है कि बंगलूरू में एक आठ महीने की बच्ची HMPV संक्रमित पाई गई है। हालांकि सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अभी तक भारत में HMPV का केस मिलने की किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, कर्नाटक सरकार का कहना है कि उनके पास वायरस के स्ट्रेन के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है। मीडिया में दिखाई जा रही खबरों के अनुसार बंगलूरू के बैपटिस्ट अस्पताल में एक आठ महीने की बच्ची में HMPV वायरस जैसे लक्षण पाए गए हैं। हालांकि बच्ची में वायरस के संक्रमण की पुष्टि एक प्राइवेट लैब में हुई है। इस रिपोर्ट पर कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनकी प्रयोगशाला में नमूने की जांच नहीं हुई है, निजी अस्पताल की रिपोर्ट में यह सामने आया है। हमारी सरकार के पास स्ट्रेन को लेकर जानकारी नहीं है, राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमित बच्ची के नमूने को सरकारी प्रयोगशाला में भेजा गया है। वहीं, भारत सरकार ने चीन की खराब होती स्थिति को गंभीरता से लेते हुए वायरस को लेकर देशभर में अलर्ट जारी किया है और सभी राज्य सरकारों को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। बता दें, चीन में इन दिनों ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। वायरस से बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं। चीन में वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में covid-19 के बाद पहली बार लॉक-डाउन लगाया गया है, जिसकी वजह से भारत समेत दुनियाभर में भी वायरस को लेकर इमरजेंसी घोषित कर इसकी कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है।

क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)?

 

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे HMPV के नाम से भी जाना जाता है, इंसानों की रेस्पिरेटरी सिस्टम पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसकी पहली बार पहचान साल 2001 में हो गई थी। यूरोपियन देश नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने सबसे पहले इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। रेस्पिरेटरी संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने से उनके संपर्क में आने वाले लोगों में फैलता है। कुछ स्टडीज में दावा किया गया है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से दुनिया में मौजूद है। भारत के स्वास्थ विभाग के सूत्रों का कहना है कि दिसंबर महीने की 16 से 22 तारीख के बीच के आंकड़ों में देखा गया है कि सांस संबंधी वायरस जैसे कि मौसमी इन्फ्लुएंजा, राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) और HMPV के मामलों में हाल के महीनों में बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, इस साल चीन में सांस संबंधी बीमारियों के उपाय और इसके लेवल पिछले साल की तुलना में कुछ कम हैं, लेकिन आने वाले समय में चीन और इसके आसपास के देशों में सर्दियों के दौरान सांस संबंधी समस्याएं बढ़ेंगी। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि चीन में HMPV की पहचान किए जाने के बाद जरूरी है कि भारत में इसका प्रकोप न बढ़े और इसकी तुरंत पहचान करने के लिए एक सिस्टम बनाया जाए। डॉक्टर्स के अनुसार HMPV के लक्षण अन्य सांस संबंधी वायरस के समान होते हैं और अगर इसे जल्दी नियंत्रित नहीं किया गया तो यह देश के हेल्थ सिस्टम पर बड़ा बोझ डाल सकता है। एक स्टडी में कहा गया है कि HMPV एक ऐसा वायरस है जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाता, लेकिन मौसम बदलने के साथ वैश्विक स्तर पर इससे पीड़ित सांस संबंधी मरीजों में बढ़ोतरी को हर वर्ष देखा जाता है।

वायरस का असर किस पर कितना और क्या है उपचार?

यह वायरस मुख्य तौर पर बच्चों पर असर डालता है। हालांकि कमजोर इम्युनिटी क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों पर भी इसका प्रभाव ज्यादा देखा गया है। इस वायरस की वजह से लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, कफ की शिकायत हो सकती है। ज्यादा गंभीर मामलों में गला और श्वांस नली के जाम होने से लोगों के मुंह से सीटी जैसी खरखराहट की आवाज को सुना जा सकता है। गंभीर स्थिति में इस वायरस की वजह से लोगों को ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने वाली नली में सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना) की स्थिति पैदा हो सकती है, इसके चलते संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। इस वायरस के लक्षण कोरोना वायरस संक्रमण और आम फ्लू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इन दोनों में अंतर बता पाना मुश्किल है। हालांकि, जहां कोरोना वायरस की महामारी हर सीजन में फैली थी। वहीं, HMPV अब तक मुख्यतः मौसमी संक्रमण ही माना जा रहा है। हालांकि, कई जगहों पर इसकी मौजूदगी पूरे साल भी दर्ज की गई है। कोरोना के इतर इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों रेस्पिरेटरी पैक्ट में संक्रमण का खतरा हो सकता है। सामान्य मामलों में इस वायरस का असर तीन से पांच दिन तक रहता है और मौजूदा समय में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है। इसके अलावा एंटी वायरल दवाइयों का प्रयोग इस पर असर नहीं डालता। ऐसे में एंटी वायरल का प्रयोग इंसानों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम कर सकता है। इस वायरस से जूझ रहे लोगों को लक्षण हल्का करने के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं। हालांकि, वायरस को खत्म करने लायक उपचार अभी मौजूद नहीं है। कुछ स्टडी में पाया गया है कि पोलिमरेस चेन रिएक्शन (PCR)' टेस्ट से HMPV से इसका इलाज किया जा सकता है।

 

 

4.)  भारत को 2047 तक महाशक्ति बनाने के लिए उपराष्ट्रपति का अभूतपूर्व विज़न

 

दिल्ली की सर्दियों में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के गणतंत्र दिवस शिविर का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक ऐसा विज़न पेश किया, जिसने हर कैडेट का हौसला बढ़ा दिया। उन्होंने युवाओं को भारत के भविष्य का असली पथप्रदर्शक बताया और कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना केवल सपना नहीं, बल्कि एक सुनिश्चित लक्ष्य है। यह वार्षिक गणतंत्र दिवस शिविर 30 दिसंबर से शुरू होकर 27 जनवरी को समाप्त होगा। इस शिविर में देशभर से 2,361 कैडेट्स भाग ले रहे हैं, जिनमें 917 महिला कैडेट्स शामिल हैं। ये संख्या अब तक की सबसे बड़ी है। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा "आप युवा हैं, आप ही भारत का भविष्य हैं। 2047 का हमारा लक्ष्य स्पष्ट है भारत को एक विकसित, सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना।" उन्होंने एनसीसी कैडेट्स  की सराहना करते हुए उन्हें भारत की एकता और अनुशासन का प्रतीक बताया। उपराष्ट्रपति ने युवाओं को पाँच सिद्धांतों पर अमल करने का सुझाव दिया। उन्होंने सबसे पहला सिद्धांत रखा कि युवा सिर्फ अनुयायी न बनें, बल्कि लीडरशिप की क्षमता विकसित करें। दूसरा सिद्धांत उन्होंने बताया कि जिम्मेदारी निभाएं क्यूंकि देश के विकास में हर व्यक्ति का योगदान जरूरी है। तीसरी सिद्धांत में उपराष्ट्रपति ने कहा कि नैतिकता और अनुशासन को हमेशा प्राथमिकता दें। चौथा सिद्धांत ये रखा कि देश के प्रति प्रेम और निष्ठा दिखाएं। और आखिरी सिद्धांत में उन्होंने कहा कि सतर्कता बनाए रखें और राष्ट्रविरोधी ताकतों और गलत प्रोपेगेंडा के प्रति सतर्क रहें। इसके बाद माननीय उपराष्ट्रपति ने कहा "भारत की तरक्की में युवा सबसे बड़ा स्तंभ हैं। आपकी मेहनत और संकल्प ही हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार करने में मदद करेगा।" उपराष्ट्रपति ने भारत की वर्तमान स्थिति पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब केवल संभावनाओं का देश नहीं, बल्कि एक वास्तविक शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा हम बेजोड़ बुनियादी ढांचा, नई तकनीक और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने देश के नए हवाई अड्डों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के हर कोने में बदलाव की लहर देखी जा सकती है। गणतंत्र दिवस शिविर 30 दिसंबर से शुरू होकर 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के साथ समाप्त होगा।

नववर्ष की शुभकामनाएं और राष्ट्रपति से मुलाकात

2025 की शुरुआत पर उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा "आज महामहिम राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।" इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए एक समावेशी और टिकाऊ भविष्य के निर्माण का संदेश दिया।

एस्टर डीएम हेल्थकेयर की पहल: मोबाइल मेडिकल क्लीनिक लॉन्च

उसी दिन उपराष्ट्रपति ने एस्टर डीएम हेल्थकेयर द्वारा बनाए गए IoT-संवर्धित मोबाइल मेडिकल क्लीनिकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये क्लीनिक जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक के दूरदराज के इलाकों में मेडिकल सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। एस्टर डीएम हेल्थकेयर द्वारा लॉन्च किए गए IoT-संवर्धित मोबाइल मेडिकल क्लीनिक वर्चुअल कंसल्टेशन से लेकर तत्काल इलाज तक, हर सुविधा के साथ पूरी तरह तैयार हैं। इनमें टेलीमेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श, मिनी लैब में तात्कालिक उपचार, और वाई-फाई कनेक्टिविटी जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। चलते-फिरते अस्पताल के रूप में डिज़ाइन किए गए इन क्लीनिकों में रोगी प्रतीक्षा क्षेत्र, रेफ्रिजरेटेड दवा भंडारण, और स्वास्थ्य शिक्षा के लिए बड़ी स्क्रीन जैसी सुविधाएं भी हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसे देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम और भविष्य की दिशा में मील का पत्थर बताया।

2047 का सपना: युवा बनेंगे भारत की ताकत

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्पष्ट संदेश दिया कि 2047 का लक्ष्य केवल सरकार का मिशन नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, "काम सबको करना होगा, क्योंकि देश भी सबका है।" भारत अब "सोने की चिड़िया" नहीं, बल्कि उड़ान भरता बाज़ है। 2047 तक इस बाज़ को दुनिया की सबसे ऊंची उड़ान भरनी है, और ये काम देश के युवाओं के हाथों में है।

 

 

6.)  सेंसेक्स और निफ्टी में भारी बिकवाली, शेयर बाजार में भूचाल!

 

आज के शेयर बाजार का हाल कुछ बेढंग सा था। सुबह तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने पॉजिटिव शुरुआत की थी, जैसे किसी ने मोर्निंग कॉफी का पूरा आनंद लिया हो, लेकिन जैसे ही 10 बजे के बाद का समय आया, मानो बाजार को किसी ने झकझोर दिया हो! फिर क्या था, गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया, और आखिरकार दिन के आखिरी समय में निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने करीब 2 फीसदी तक की जोरदार गिरावट का स्वाद चखा। सोमवार को चीन में HMPV वायरस का पहला केस कर्नाटक में सामने आया। जब ये खबर शेयर बाजार में पहुंची, तो बाजार का सेंटीमेंट गड़बड़ा गया। 'सेंटीमेंट' का मतलब होता है निवेशकों का भावनात्मक रुझान, यानी निवेशक उस समय घबराए हुए थे और भारी बिकवाली करने लगे। इससे निवेशकों ने फिक्र में आकर अपने शेयर बेच दिए, जिससे शेयर की कीमतों में गिरावट आई। इसका सीधा असर बाजार पर पड़ा, और सेंसेक्स 1,258 अंक या लगभग 1.58% गिरकर 77,965 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 381 अंक या 1.62% गिरकर 23,616 पर खत्म हुआ। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों इंडेक्स, जो भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख संकेतक हैं, दोनों में गिरावट आई। इंट्राडे लो (दिन के दौरान सबसे कम स्तर) में निफ्टी 23,551.90 और सेंसेक्स 77,781.62 पर पहुंचे थे। इसका मतलब है कि पूरे दिन के दौरान शेयर बाजार में एक डर और बेचैनी का माहौल बना हुआ था। बैंकों के तिमाही परिणाम भी उम्मीदों से बहुत खराब थे, जो और भी ज्यादा चिंता का कारण बने।

आज के Top Gainer Stocks और Top Loser Stocks 

हेल्थ सेक्टर में Apollo Hospital के शेयरों ने एकदम से किक लगाई, और 1.80% का उछाल लेकर 7,429 पर पहुंच गए। ऐसा लगा जैसे कोरोना के बाद अब हेल्थ सेक्टर में कुछ नया हो रहा है। इसके अलावा, Tata Consumer और Titan के शेयरों में भी थोड़ी चमक दिखाई दी। वहीँ ITC के शेयर 8.09% गिरकर 442.65 के लेवल पर बंद हुए। दिनभर में सभी सेक्टोरल इंडेक्स ने लाल झंडा फहराया, लेकिन निफ्टी आईटी इंडेक्स थोड़ा हल्का सा गिरकर सबसे कम गिरावट दिखा गया, जबकि निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने पूरी तरह से 'फिसलने' का माहौल बना दिया और लगभग 4% गिर गया। बाजार के सभी सेक्टरों में गिरावट थी, लेकिन कुछ ज्यादा असर निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स पर पड़ा, जो लगभग 4% गिरकर 6,354 के स्तर पर बंद हुआ। सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी बिकवाली हुई। अब देखना ये होगा कि कल का दिन क्या नया गुल खिलाएगा!