बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरक्षण की आग थोड़ी धीमी पड़ी थी, लेकिन देश में एक बार फिर हिंसा का दौर शुरू हो गया है। छात्र नेताओं ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की है। नागरिकों से अपील की है कि वे टैक्स और दूसरे सरकारी बिल जमा न करें। इसके अलावा फैक्ट्री, सरकारी दफ्तरों को बंद करने की भी अपील की है। बता दें, ताजा जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया कि अगर लाठी से काम नहीं चला तो वो हथियार उठाने को भी तैयार हैं। बता दें, छात्रों का नेतृत्व कर रहे नाहिद इस्लाम ने प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने तक धरना जारी रखने का ऐलान किया। उसने कहा, छात्र किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं, हमने आज लाठियां उठाईं, अगर लाठियां काम नहीं करतीं, तो हम हथियार उठाने के लिए तैयार हैं। नाहिद इस्लाम ने अवामी लीग को आतंकवादी बताया और कहा कि उन्हें सड़कों पर तैनात किया गया है। नाहिद ने कहा, अवामी लीग देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहती है, देश को गृहयुद्ध की स्थिति में धकेला जा रहा है।
नेता-पुलिस को ढूंढ-ढूंढकर मार रही जनता
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश में हिंंसा की आग फैल चुकी है। हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैंं, स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के बैनर तले लोग सड़कों पर हैं। उनकी एक ही डिमांड है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना सत्ता छोड़ें। बता दें, विरोध इतना हिंसक होता जा रहा है कि प्रदर्शनकारी अवामी लीग के नेताओं, पुलिसकर्मियों को ढूंढ-ढूंढकर निशाना बना रहे हैं। एक ओर जहाँ सिराजगंज में प्रदर्शनकारियों ने थाने पर हमला कर दिया और 13 पुलिसकर्मियों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। तो वहीं, नरसिंगडी में सत्ताधारी अवामी लीग के 6 नेताओं-कार्यकर्ताओं को लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला।
बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा?
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की जड़ आरक्षण है। बता दें, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों मे 56 फीसदी आरक्षण लागू है, इसमें से 30 फ़ीसदी आरक्षण अकेले 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को मिलता है। इसके अलावा 10% आरक्षण सामाजिक-आर्थिक तौर पर पिछड़े जिलों के लिए है और 10 फ़ीसदी महिलाओं के लिए, जबकि 5 फ़ीसदी आरक्षण जातिगत अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक फीसदी दिव्यांगों के लिए है। प्रदर्शनकारी छात्रों का सबसे बड़ा विरोध मुक्ति संग्राम के परिवार वालों को मिलने वाला 30 फ़ीसदी आरक्षण है। उनका तर्क है कि इससे मेरिट वाले नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही है, बल्कि अयोग्य लोगों को सरकारी नौकरी में भरा जा रहा है। छात्रों के उग्र प्रदर्शन के बाद सरकार ने अधिकांश कोटा वापस ले लिया है, लेकिन अब लड़ाई आरक्षण से हटकर प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर आ गई है।
प्रधानमंत्री शेख हसीना का पक्ष क्या है?
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारी छात्रों को आतंकवादी करार दिया है। उन्होंने देश में हो रहे हिंसा और आंदोलन के लिए विपक्ष और बहरी ताकतों का हात बताया। बता दें, चुनाव पूर्व भी पीएम शेख हसीना ने इसरों-इसरों में अमेरिका पर देश के चुनाव में दखल देने और भारत के खिलाफ अमेरिका की साजिस का खुलासा किया था, जिसमें वो भारत के पड़ोस में एक ईसाई देश बनाकर भारत और उसके नार्थ-ईस्ट राज्यों में मणिपुर जैसे हालत बनाना चाहता है। 4 जुलाई को हुई नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री के प्रेस विंग की तरफ से एक बयान जारी कर सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान आतंकी हमले की चेतावनी भी दी गई। छात्र संगठनों का आरोप है कि सरकार इस चेतावनी के बहाने छात्रों पर बर्बर कार्रवाई कर सकती है।
हिंसा के बाद बांग्लादेशी आर्मी में दो फाड़
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की आग फैलती जा रही है। राजधानी ढाका समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। बांग्लादेश में जारी हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी चिंता जाहिर की है। शेख हसीना के 15 साल के कार्यकाल में पहली बार इतने बड़ी पैमाने पर प्रदर्शन हो रहा है। सरकार ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना को उतार दिया, लेकिन सेना का एक वर्ग भी अब सरकार के खिलाफ नजर आ रहा है। बांग्लादेश आर्मी के कई पूर्व प्रमुखों ने आर्मी से अपील की है कि वह छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें। बांग्लादेश आर्मी के पूर्व चीफ इकबाल करीम भूइंया ने एक लिखित बयान में कहा है कि सशस्त्र बल फौरन अपने मिलिट्री कैंप में लौट जाए और किसी भी इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए तैयार रहें, भूइंया ने सरकार से अपील की है कि सड़कों से सेना को हटा लिया जाए। उन्होंने कहा है कि सरकार को इस मामले को बातचीत के जरिए हल किया करना चाहिए और सेना को इस तरह के राजनीतिक कार्यों में हस्तक्षेप से बचाना चाहिए। बांग्लादेश की सेना कभी भी इस तरीके से अपने नागरिकों के खिलाफ हथियार लेकर खड़ी नजर नहीं आना चाहेगी।
बांग्लादेश में हुआ तख्तापलट, शेख हसीना ने छोड़ा देश
बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग में जल रहा है। आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच देश में तख्तापलट हो गया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और राजधानी ढाका से भारत आ गईं। देश की कमान फिलहाल सेना ने संभाल ली है। बांग्लादेश में 49 साल पहले का इतिहास एक बार फिर दोहराया गया। 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या के बाद पहली बार तख्ता पलट हुआ। तब भी सेना ने देश की बागडोर संभाली। तब अपनी बहन के साथ विदेश से भारत में शरण लेने वाली शेख मुजीब की बेटी शेख हसीना दिल्ली में पौने छह साल तक रही थीं। इस बार भी तख्ता पलट होने पर उन्होंने भारत में शरण लिया है। बता दें, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ब्रिटेन से शरण मांगी है और जब तक ब्रिटेन सरकार उनको राजनीतिक शरण नहीं देता है, तब तक वो भारत में ही अस्थायी प्रवास करेंगीं।
शेख हसीना की सुरक्षा में भारत ने तैनात किया राफेल
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के सत्ता से हटने के बाद से ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार थीं। सूत्रों के अनुसार, जिस समय प्रधानमंत्री शेख हसीना वायु सेना के जेट में अपनी सुरक्षा के लिए भारत आ रही थीं, उस दौरान भारत की ओर से हसीना के विमान की सुरक्षा के लिए पश्चिम बंगाल के हाशिमारा हवाई अड्डे से दो राफेल लड़ाकू विमानों को हवा में तैनात कर दिया गया। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के रडार भी बांग्लादेश के हवाई क्षेत्र की निगरानी में तैनात कर दिए गए थे। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान जमीन पर मौजूद एजेंसियां और शीर्ष भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के बीच लगातार संपर्क बना हुआ था और हरपल देश में हो रही गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे थे। बता दें, अपने इस्तीफे के बाद शेख हसीना देश छोड़कर भारत चली आईं। सोमवार शाम को उनका हेलीकॉप्टर भारत के हिंडन एयरबेस पर उतरा, यहां उनसे भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मुलाकात की।
बांग्लादेश में उपद्रवियों ने मंदिरों में की तोड़फोड़
बांग्लादेश में प्रदर्शन के नाम पर उपद्रवियों ने चार मंदिरों में तोड़फोड़ व आगजनी की। साथ ही, ढाका स्थित इंडिया कल्चरल सेंटर को पूरी तरह से तबाह कर दिया। कई जगह हिंदू उपद्रवियों द्वारा मंदिरों पर हमला करने की सूचनाएं भी आ रही हैं। हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के नेता काजोल देबनाथ कहते हैं कि जैसे ही देशभर में शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने की खबर फैली है, जगह- जगह हिंदू मंदिरों पर हमले होने लगे हैं। हिंदुओं सहित तमाम अल्पसंख्यक समुदाय के लोग डरे हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया क ढाका के धानमंडी इलाके में स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र पर भीड़ ने हमला कर उसे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। बता दें, मार्च 2010 में खोले गए इस इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र में सांस्कृतिक संगोष्ठियों, कार्यशालाओं का आयोजन कर योग, हिंदी, भारतीय शास्त्रीय गायन जैसे भारतीय नृत्यों के जरिये भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा दिया जाता है।
शेख हसीना के बेटे ने पाकिस्तान पर लगाए गंभीर आरोप
शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने आशंका जताई कि उनके देश में जारी हिंसा के पीछे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हो सकता है, साथ ही उन्होंने इसके पीछे अमेरिका की भूमिका की भी आशंका जताई। बता दें, चुनाव पूर्व पीएम शेख हसीना भी इसरों-इसरों में अमेरिका पर देश के चुनाव में दखल देने और भारत के खिलाफ अमेरिका की साजिस का खुलासा कर चूकिं हैं, जिसमें अमेरिका भारत के पड़ोस में एक ईसाई देश बनाकर भारत और उसके नार्थ-ईस्ट राज्यों में मणिपुर जैसे हालत बनाना चाहता है।
बांग्लादेश के हालात पर सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
बांग्लादेश के हालात पर सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक किया है। यह बैठक संसद भवन में बुलाई गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालात पर जानकारी बैठक में मौजूद सदस्यों को जानकारी दी है
बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच भड़की हिंसा के उग्र होने के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफे दे दिया है। बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफा और देश छोड़ने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है। बांग्लादेश में तख्तापलट से पहले सत्तारूढ़ रही आवामी लीग पार्टी ने आरोप लगाया है कि देशव्यापी हिंसक प्रदर्शन के पीछे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) का हाथ है। पार्टी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग दिखाती है कि विरोध-प्रदर्शनों के पीछे असल में छात्र नहीं, देश के मुख्य विपक्षी राजनीतिक दल- बीएनपी और प्रतिबंधित संगठन- जमात-ए-इस्लामी की रणनीति है। इनका मकसद किसी भी तरह से देश की सत्ता हासिल करना है। बता दें अब अमेरिका ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्रेस ब्रीफिंग में मीडिया से कहा, हम बांग्लादेश के हालात पर करीबी निगाह बनाए हुए हैं। हमने शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा और देश छोड़कर जाने की खबर देखी है। अमेरिका बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ा है। मिलर ने कहा, अमेरिका बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा का स्वागत करता है और हम चाहते हैं सत्ता का हस्तांतरण वहां के कानून के अनुसार हो। बांग्लादेश को अमेरिकी वित्तीय सहायता जारी रखेगा क्योंकि ये अमेरिका-बांग्लादेश संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है।
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला; राज्यसभा के उपसभापति, श्री हरिवंश; मौजूदा संसद सदस्यों, पूर्व सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने 6 अगस्त, 2024 को संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष डॉ. जी.एस. ढिल्लों को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। समारोह में डॉ. ढिल्लों के योगदान का सम्मान किया गया। भारतीय लोकतंत्र, उनकी स्थायी विरासत और उनके द्वारा समर्थित मूल्यों को दर्शाता है।
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने सदन का नेतृत्व करते हुए हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु बम विस्फोटों के पीड़ितों को याद किया, जो 6 और 9 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए थे। इस भीषण घटना ने 200,000 से अधिक लोगों की जान ले ली, जिससे अभूतपूर्व तबाही हुई और बचे लोगों के लिए दीर्घकालिक पीड़ा। सदन ने मारे गए लोगों की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए शांति के महत्व और परमाणु मुक्त दुनिया की आवश्यकता पर जोर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। भीमसेना के प्रदेश संयोजक पंकज अतुलकर ने सीजेआई चंद्रचूड़ को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जान से मारने की धमकी दी थी। मामले में पुलिस ने भीमसेना के प्रदेश संयोजक अतुलकर के खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। मंगलवार को पंकज अतुलकर ने गंज थाने में गिरफ्तारी दी है।
आरक्षण के फैसले पर भीमसेना ने दी धमकी
भीमसेना के प्रदेश संयोजक पंकज अतुलकर ने फेसबुक समेत अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, पर एक पोस्ट की थी, जिसमें उसने एससी/एसटी वर्ग के आरक्षण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी असहमति जताई है। पंकज ने पोस्ट में लिखा, अगर मुझे मौका मिला तो मैं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को, जिन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया है, उन्हें मार गिराऊंगा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। उसने आगे लिखा कि हमारे कुछ पूर्वज क्रांतिकारी थे, जिन्होंने हमें आजादी दिलाई। चीफ जस्टिस द्वारा दिए गए फैसले से हमें फिर से गुलामी जैसा महसूस हो रहा है और इसी कारण मैंने यह फेसबुक पोस्ट किया है। पंकज अतुलकर का धमकी भरा विवादित पोस्ट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते तत्काल आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया और मामले की जांच शुरू की। बता दें, सीजेआई चंद्रचूड़ के खिलाफ सोशल मीडिया पर अवांछनीय टिप्पणी करने वाले आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्त में ले लिया है।
बांग्लादेश के संकट को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सभी दलों की बैठक संसद भवन परिसर में आज हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात के लेकर सवाल पूछे। बता दें, बैठक में राहुल गांधी ने विदेश मंत्री से 3 अहम सवाल किए, राहुल ने पूछा कि ढाका में सत्ता परिवर्तन के कूटनीतिक प्रभावों से निपटने के लिए सरकार की रणनीति क्या है? जिस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र बांग्लादेश की स्थिति पर करीबी नजर रखा हुआ है, ताकि वह अपना अगला कदम ठीक से तय कर सके। कांग्रेस नेता ने अपने अगले सवाल में पूछा कि क्या बांग्लादेश में कुछ हफ्तों में हुए घटनाक्रमों में विदेशी ताकतों, खासकर पाकिस्तान का हाथ हो सकता है, जिसके चलते शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा? जिस पर विदेश मंत्री ने जवाब दिया कि सरकार और हमारी एजेंसी इस एंगल को भी देख रही है। राहुल गांधी ने साथ ही बांग्लादेश में बिगड़े हालात पर यह भी पूछा कि क्या नई दिल्ली ने ऐसी उथल-पुथल का पूर्वानुमान लगाया था? इस पर विदेश मंत्री ने जवाब दिया कि भारत स्थिति पर नज़र रख रहा है। सभी दलों की बैठक में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बांग्लादेश संकट पर सरकार को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया है। बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने विपक्ष के समर्थन की सराहना करते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा: (Link & Pics- https://x.com/DrSJaishankar/status/1820688949305597964)
बांग्लादेश संंकट पर सरकार का क्या है पक्ष?
राजनीतिक दलों के नेताओं को बांग्लादेश के हालात की जानकारी देते हुए यह आश्वासन भी दिया कि पड़ोसी देश पर सरकार की पैनी नजर बनी हुई है। सरकार ने बैठक में यह भी बताया कि वह बांग्लादेश की सेना के संपर्क में है, जिसने अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की है। सरकार ने विपक्षी दलों से कहा कि वह घटनाक्रम पर करीब से नज़र रख रही है और सही समय पर उचित कार्रवाई करेगी।
सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?
इस सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और जेपी नड्डा मौजूद रहे। वहीं अन्य राजनीतिक दलों की बात करें तो लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, डीएमके से टी आर बालू, सपा से रामगोपाल यादव, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, बीजेडी से सस्मित पात्रा सहित लोकसभा और राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स बैठक में शामिल हुए।