प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 से 5 सितम्बर तक ब्रूनेई और सिंगापुर की यात्रा पर हैं। अपनी ब्रुनेई यात्रा को पूरा कर पीएम मोदी बुधवार, 4 सितम्बर को सिंगापुर पहुंचे। बता दें, पीएम मोदी ने अपनी सिंगापुर यात्रा को लेकर कहा कि मैं राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरतनम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग और सेवानिवृत्त वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग से मिलने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं। प्रधानमंत्री के मुताबिक, वह सिंगापुर के व्यावसायिक समुदाय के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं सिंगापुर के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी, विशेष रूप से उन्नत विनिर्माण, डिजिटलीकरण और सतत विकास के नये एवं उभरते क्षेत्रों में हमारी साझेदारी को और गहरा करने के लिए चर्चा की उम्मीद करता हूं। सिंगापुर दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और साथ ही भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रमुख स्रोत भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर के दो दिन के दौरे पर हैं और बुधवार को सिंगापुर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत हुआ था। इस यात्रा के दूसरे दिन पीएम मोदी का सिंगापुर की संसद में भी भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने सिंगापुर दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेन्स वॉन्ग के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इस दौरान पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। इसके बाद पीएम मोदी सिंगापुर की संसद पहुंचे, जहां दोनों नेताओं ने एक दूसरे देश के मंत्रियों और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी और सिंगापुर के उनके समकक्ष लॉरेंस वॉन्ग की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए। इन समझौतों से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे। भारत सिंगापुर में डिजिटल तकनीक, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य और स्किल डेवलेपमेंट के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है।
पीएम नरेंद्र मोदी सिंगापुर की राजकीय यात्रा पर हैं, उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध स्थापित होने की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। पीएम मोदी छह साल बाद सिंगापुर पहुंचे हैं और उनका सिंगापुर का दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए जरूरी है। आपको बता दें, सिंगापुर आसियान देशों में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी आज बिजनेस लीडर्स और कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच साउथ चाइना सी और म्यांमार जैसे अहम क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। व्यापार और निवेश के लिहाज से प्रधानमंत्री का सिंगापुर का दौरा अहम है। आसियान देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश तो है, साथ ही सिंगापुर दुनिया में भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर भी है। भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक बड़ा स्रोत सिंगापुर है और सिंगापुर की वैश्विक सेमीकंडक्टर ईको सिस्टम में अहम भूमिका है, इस क्षेत्र में सिंगापुर का 20 से अधिक सालों का अनुभव है।
भारत और सिंगापुर के बीच जो पहला समझौता हुआ है, इसके तहत भारत सरकार का इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना मंत्रालय और सिंगापुर का डिजिटल डेवलेपमेंट मंत्रालय मिलकर डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। इससे दोनों देशों के बीच डिजिटल तकनीक जैसे डीपीआई, साइबर सिक्योरिटी, 5जी, इमर्जिंग तकनीक जैसे सुपर कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति बनी। श्रमिकों के कौशल को बढ़ाने और डिजिटल डोमेन में काम करने वाले लोगों के स्किल को बेहतर बनाने के लिए भी दोनों देशों में समझौता हुआ है। साथ ही दोनों देश शिक्षा और एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाएंगे। भारत के इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय ने सिंगापुर के साथ सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम मजबूत करने का भी समझौता किया है, इसके तहत देश में सेमीकंडक्टर क्लस्टर बनाए जाएंगे और सेमीकंडक्टर डिजाइन और उत्पादन में लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
भारत और सिंगापुर के बीच एक समझौता स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुआ है। जिसके तहत दोनों देश स्वास्थ्य क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देंगे। साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन, फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाएंगे। इस समझौते के तहत भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए सिंगापुर में काम करने के मौके बढ़ने की उम्मीद है। बता दें, प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को सिंगापुर दौरे पर पहुंचे हैं और आज उनके दो दिवसीय दौरे का आखिरी दिन है।
प्रधानमंत्री मोदी के सिंगापुर दौरे पर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक क्षेत्र में भी सहयोग पर सहमति बनी है। इसके तहत सिंगापुर में तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर इसकी जानकारी दी है। इस पोस्ट में वित्त मंत्री ने लिखा कि सिंगापुर में तमिल भाषा, सभ्यता और तमिल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद।
मौजूदा समय में भारत का पूरा जोर एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्रे मोदी ने भारत की इस पॉलिसी की शुरुआत नवंबर 2014 में 12वें आसियान-भारत शिखर समिट के दौरान शुरू की थी। इस पॉलिसी का उद्देश्य हिंद महासागर में बढ़ रहे समुद्री खतरे का मुकाबला करना और साउथ चाइना सी और हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना है। चीन लगातार जिस तरह साउथ चाइना सी में अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहा है, जिसकी वजह से कई देशों से लगातार चीन का विवाद भी बना हुआ है। साउथ चाइना सी के बहुत बड़े हिस्से पर चीन अपना दावा करता है, जिसे लेकर क्षेत्रीय स्तर पर शांति प्रभावित होती रही है। ऐसे में भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पीएम मोदी के ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है।
काफी मंथन के बाद भाजपा ने आगामी हरयाणा चुनाव के मद्देनजर बुधवार रात 67 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। बता दें, सत्ता विरोधी लहर रोकने के लिए पार्टी ने 40 सीटों से उम्मीदवार बदल दिए हैं। पार्टी ने दो पूर्व सांसदों, एक राज्यसभा सांसद और 27 नए चेहरों को मैदान में उतारा है। एक ओर जहाँ पार्टी ने तीन मंत्रियों समेत आठ विधायकों का टिकट काटा है। तो वहीं, नौ मौजूदा मंत्रियों व चार पूर्व मंत्रियों को मौका भी दिया गया है। दुस्यंत चौटाला की पार्टी JJP से भाजपा में आए तीन विधायक व दो नेताओं को भी उम्मीदवार बनाया गया है। राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार को पार्टी ने एक बार फिर इसराना से उम्मीदवार बनाया है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी और हाल में कांग्रेस छोड़ भाजपा से राज्यसभा सांसद चुनी गईं किरण चौधरी की बेटी व पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को भी टिकट दिया गया है। पार्टी ने दो बार से हार रहे उम्मीदवारों को भी टिकट नहीं दिया है।
भाजपा के 67 उम्मीदवारों की सूची में पहला नाम लाडवा सीट से नायब सिंह सैनी का है। पार्टी ने नायब सिंह सैनी की सीट बदल दी है, इससे पहले वो करनाल से विधायक चुने गए थे। पार्टी ने उन्हें अब कुरुक्षेत्र की लाडवा विधानसभा सीट से उतारा है। वहीं, अंबाला कैंट से पूर्व मंत्री अनिल विज, कालका से अंबाला की मेयर और पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्तिरानी शर्मा, बल्लभगढ़ से मंत्री मूलचंद शर्मा और फरीदाबाद से पूर्व मंत्री विपुल गोयल को प्रत्याशी बनाया गया है। पंचकूला से विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, हिसार से मंत्री कमल गुप्ता, अंबाला शहर से परिवहन मंत्री असीम गोयल, थानेसर से निकाय मंत्री सुभाष सुधा, जगाधरी से कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर, लोहारू से मंत्री जेपी दलाल, पानीपत ग्रामीण से पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा, कलायत से पूर्व मंत्री कमलेश ढांडा को टिकट मिला है। नारनौंद से पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, बादली से पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, सोनीपत से मेयर निखिल मदान, टोहाना से पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह बबली, इंद्री से राम कुमार कश्यप, रतिया से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, अटेली से आरती राव को मैदान में उतारा गया है। पिहोवा से इस बार पूर्व मंत्री संदीप सिंह की जगह सरदार कमलजीत सिंह अजराना को टिकट दिया गया है।
भाजपा ने पहली सूची में सामान्य वर्ग के 40 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इनमें 5 वैश्य, 9 ब्राह्मण, 13 जाट, 2 बिश्नोई, 1 जट सिख, 8 पंजाबी, 1 रोड़ समाज से है। वहीं, ओबीसी वर्ग से पार्टी ने 14 लोगों को टिकट दिया है। इनमें 5 अहीर, 5 गुर्जर, 1 कांबोज, 1 कश्यप, 1 कुम्हार, 1 सैनी शामिल हैं। अनुसूचित जाति से आने वाले 13 लोगों को पार्टी ने टिकट दिया है। 67 उम्मीदवारों की सूची में भाजपा ने आठ महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। इनमें अंबाला से शक्तिरानी शर्मा, मुलाना से संतोष सरवन, कलायत से कमलेश ढांडा, रतिया से सुनीता दुग्गल, तोशाम से श्रुति चौधरी, गढ़ी सांपला-किलोई से मंजू हुड्डा, कलानौर से रेनु डाबला, अटेली से आरती सिंह राव को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा ने महम से भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कैप्टन दीपक हुड्डा को टिकट दिया है। वहीं, गोहाना से टिकट मांग रहे योगेश्वर दत्त, दादरी से तैयारी कर रही बबीता फोगाट को टिकट नहीं मिला है। यौन उत्पीड़न का सामना कर रहे पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह से भी पार्टी ने दूरी बनाए रखी है। पार्टी ने उन सभी को मौका दिया है, जो कुछ दिन पहले दूसरी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। तीन दिन पहले भाजपा में शामिल, हरियाणा जनचेतना पार्टी की शक्तिरानी शर्मा, JJP के देवेंद्र बबली, रामकुमार गौतम, संजय कबलाना, अनूप धानक, पवन खरखौदा व पूर्व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान को भी टिकट मिल गया है। कांग्रेस के निखिल मदान, पूर्व सांसद श्रुति चौधरी, INLO के श्याम सिंह राणा को भी टिकट मिला है।
रनिया से ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला, बवानीखेड़ा से मंत्री विशंभर वाल्मीकि, सोहाना से खेल मंत्री संजय सिंह, पलवल से दीपक मंगला, फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, अटेली से सीताराम यादव, पिहोवा से पूर्व मंत्री संदीप सिंह और रतिया से लक्ष्मण नापा को पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया है। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा को नलवा की जगह बरवाला और कोसली के विधायक लक्ष्मण यादव को रेवाड़ी से टिकट दिया गया है।
हरियाणा में भाजपा के लिए एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत अपवाद हो गया है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को अटेली और सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर, पूर्व मंत्री करतार भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को समालखा और पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनीत सांगवान को चरखी दादरी से मैदान में उतार है। इस लिस्ट में पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्तिरानी शर्मा भी शामिल हैं।
पहलवान और बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त ने गोहाना विधानसभा से टिकट मांगा है लेकिन पार्टी ने अरविंद शर्मा को टिकट दिया है। योगेश्वर दत्त ने चुनाव पर बात करते हुए कहा कि हमने मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष गोहाना से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। मैं पहले भी बीजेपी से चुनाव लड़ चुका हूं, मैं चाहता हूं कि इस बार मुझे गोहाना से चुनाव लड़ने का मौका मिले। अब योगेश्वर दत्त ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या वो बीजेपी से नाराज हैं, योगेश्वर दत्त ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा: Tweet full-screen (Link- https://x.com/DuttYogi/status/1831486367114936397)
साल 2012 के ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले योगेश्वर दत्त ने हरियाणा की बरोदा सीट से 2019 में सियासी पारी की शुरुआत की थी, लेकिन उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था, उन्हें कांग्रेस के कृष्णा हुड्डा ने हराया था। 2019 में तो योगेश्वर दत्त बरोदा सीट से हारे ही, साल 2020 में जब इस सीट पर उपचुनाव हुआ तो एक बार फिर से योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा। बता दें, ये उपचुनाव कृष्णा हुड्डा के निधन की वजह से करवाना पड़ा था। इस उपचुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर से पहलवान योगेश्वर दत्त को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन इस बार भी उनका जादू लोगों पर नहीं चल पाया और वह कांग्रेस के इंदुराज नरवाल से चुनाव हार गए। अब योगेश्वर दत्त इस बार एक बार फिर से बीजेपी के टिकट पर दांव आजमाना चाहते हैं, लेकिन वे इस बार वे गोहाना सीट से उतरना चाहते हैं।
'सेक्टर 36' फिल्म के ऐलान के बाद हर किसी के मन में सवाल था कि क्या ये फिल्म 2006 में हुए निठारी कांड पर आधारित होगी। ट्रेलर रिलीज के सह मेकर्स ने अब इस बात का जवाब भी दर्शकों को दे दिया है। ट्रेलर में लिखा है कि ये कहानी असली और हैरान करने वाली घटनाओं से प्रेरित है और इसके आगे आप ट्रेलर में जो भी देखते हैं तो उससे आपको निठारी कांड में हुए वाकयों की ही याद आएगी। ट्रेलर की शुरुआत विक्रांत मैसी के थाने में बैठकर इंतजार करने से होती है और जैसे ही मूवी में पुलिस अफसर बने दीपक डोबरियाल उनके सामने आते हैं, वो चौंक कर उठ जाते हैं। इसके बाद आप सीरियल किलर बने विक्रांत के किरदार को बच्चों को अगवा करते, उनका बेरहमी से कत्ल करते और कई खतरनाक और परेशान करने वाली हरकतें करते देखेंगे। सीरियल किलर के रूप में विक्रांत मैसी का रोल काफी डरावना है। उन्हें जब आप स्क्रीन पर इस अवतार में देखेंगे तो आपको अजीब सी फीलिंग आ सकती है। एक सीन में तो विक्रांत बिना शर्ट पहने आईने में खुद को देखते हुए नाचते हुए दिखाई देते हैं, जिसमें जो एक सयको-किलर से लगते हैं।
ढेरों बच्चों को खोने के बाद अब दीपक डोबरियाल केस की तहकीकात कर रहे होते हैं। उनकी जांच उन्हें विक्रांत मैसी तक पहुंचाती है और तब मामला दोनों के बीच पर्सनल हो जाता है जब दीपक की बेटी को ही विक्रांत उठा लेते हैं। गुमशुदा बच्चों की अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने में लगे दीपक की हालत खराब होने लगती है और उनका सीनियर अफसर उन्हें इस केस को छोड़ देने के लिए कहता है। अब फिल्म के ट्रेलर ने कई अनसुलझे सवाल वीवर्स के लिए, क्या दीपक डोबरियाल, विक्रांत मैसी को पकड़ पाएंगे? क्या वो बच्चों की गायब होने और मौत की गुत्थी को सुलझा पाएंगे? यही फिल्म में देखने वाली बात होगी। प्रोड्यूसर दिनेश विजान और ज्योति देशपांडे इस फिल्म के निर्माता हैं और इसके डायरेक्टर आदित्य निम्बलकर हैं। फिल्म 'सेक्टर 36', नेटफ्लिक्स पर 13 सितंबर को रिलीज होगी।
विक्रांत मैसी बॉलीवुड के उभरते सितारे हैं, जिन्होंने पिछले साल कमाल कर दिखाया था। 12वीं फेल के बाद विक्रांत मैसी एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट का हिस्सा बन चुके हैं। कुछ वक्त पहले उनकी नई फिल्म 'सेक्टर 36' का ऐलान किया गया था और अब इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस डरावनी वाइब वाले ट्रेलर में आपको 'सेक्टर 36' में हो रहे मर्डर की गुत्थी सुलझाने दीपक डोबरियाल दिखेंगे। पुलिस अफसर बने दीपक के सामने जो एक शख्स बार-बार आ रहा है वो हैं विक्रांत मैसी, जो मूवी में विलन के किरदार में हैं।
छत्तीसगढ़ के जिले दंतेवाड़ा व बीजापुर के सरहदी क्षेत्र लोहागांव पुरंगेल एंड्री के पहाड़ी जंगल में तीन सितंबर को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जो मुठभेड़ हुई थी, वह कोई सामान्य नहीं थी। वो 150 मिनट का एक ऐसा 'एनकाउंटर' था, जिसमें सुरक्षा बलों को भी बड़ा जोखिम उठाना पड़ सकता था। बता दें, सुरक्षाबलों के पास नक्सलियों के होने को लेकर पहले से कोई पुख्ता इंटेलिलेंस नहीं थी। उनके पास केवल इतनी सूचना थी कि इस क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी है। CRPF की 111 और 230 वाहिनी की 'यंग प्लाटून' के साथ डीआरजी/बस्तर फाईटर्स भी थे। नक्सलियों ने एक विशेष प्वाइंट पर सुरक्षा बलों को घेरकर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी। इस 'एनकाउंटर' में 150 मिनट चली मुठभेड़ में 9 नक्सली मारे गए। इस एनकाउंटर की खास बात यह थी कि इसमें सुरक्षाबलों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा। सुरक्षाबलों का अच्छे कॉर्डिनेशन के साथ किए गए इस संयुक्त ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली।
सुबह करीब 10:30 बजे पश्चिम बस्तर डिवीजन और दरभा डिविजन के अंतर्गत दंतेवाड़ा बीजापुर सीमावर्ती क्षेत्र के लोहागांव पुरंगेल एंड्री के पहाड़ी जंगल में माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गई। यह एक चांस एनकाउंटर था। सुरक्षा बलों ने भी पॉजिशन ले ली। हालांकि कुछ देर तक सुरक्षा बलों ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील की। इस बीच नक्सली, फायरिंग करते रहे। नक्सलियों ने सुरक्षा बलों की अपील को पूरी तरह से अनसुना कर दिया, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने आपसी सामंजस्य से मौके पर ही अपनी पोजिशन ले ली। सबसे पहले CRPF ने मोर्चा संभाला और फिर युवा कमांडरों की अगुवाई में कई नक्सली मार गिराए गए। बता दें, मारे गए नक्सलियों में रनधीर (25 लाख रुपये का इनाम), कुमारी शांति (5 लाख), सुशीला मडकाम (5 लाख), गंगी मुचाकी (5 लाख), कोसा माडवी (5 लाख), ललिता (5 लाख), कविता (5 लाख), हिड्मे मङ्कम (2 लाख) और कमलेश (2 लाख) शामिल हैं।
डीआरजी तथा केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा आपसी बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम करने के परिणाम स्वरूप वर्ष 2024 में बस्तर संभाग के अंतर्गत नक्सल विरोधी अभियान के दौरान अब तक कुल 153 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं। इसके अलावा 669 गिरफ्तारी की गई हैं और 656 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण भी किया गया है। ऑपरेशन से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि एक सूचना जिसकी पूर्णतः पुष्टी नहीं थी कि पहाड़ी जंगल में पश्चिम बस्तर एवं दरभा डिवीजन के साथ नक्सलियों की PLGA कंपनी नंबर-2 के माओवादियों की उपस्थिति है। इस सूचना में नक्सलियों की संख्या और सटीक लोकेशन को लेकर कोई खास इनपुट नहीं थी। CRPF के साथ डीआरजी/बस्तर फाईटर्स को सर्चिंग अभियान पर भेजा गया और युवा असिस्टेंट कमांडेंट ने यंग प्लाटून की कमान संभाल रखी थी। 150 मिनट लम्बे चले इस एनकाउंटर के बाद टॉस्क क्षेत्र में सर्चिंग करने पर एनकाउंटर स्थल के आसपास 9 सशस्त्र वर्दीधारी माओवादियों के शव बरामद हुए। मारे गए नक्सलियों में कई महिला नक्सली भी शामिल थीं। घटना स्थल से एक SLR, दो 303 राइफल, एक टेटी कार्बाइन (9 एमएम), एक 8 एमएम राइफल, एक 315 बोर राइफल, दो 12 बोर राइफल, एक BGL लांचर और दो बंदूक सहित भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए।