मुठभेड़ के बाद अब तक 31 नक्सलियों के शव बरामद
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सीमा से लगे अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने सबसे बड़े नक्सल विरोधी ऑपरेशन को अंजाम दिया है। जाबांज जवानों ने 35 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया। जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और स्पेशल टास्क फाॅर्स (STF) के जवानों के इस अभियान को इस साल का सबसे सफल एंटी नक्सल ऑपरेशन माना जा रहा है। मुठभेड़ दंतेवाड़ा और नारायणपुर के जंगलों में हुई है। जानकारी के मुताबिक जवान नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना वाली जगह पर पहुंचे तो नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद घटना स्थल पर मौजूद सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की और इस जवाबी कार्रवाई में करीब 36 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में सभी जवानों के सुरक्षित होने की जानकारी मिली है। अबूझमाड़ में हुए इस बड़े ऑपरेशन की जमीन काफी पहले से तैयार की जा रही थी। बता दें, इसके संकेत इस महीने की शुरुआत में ही राज्य के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय संभाल रहे विजय शर्मा ने दे दिया था कि उनकी सरकार नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में बड़ा कदम उठाने वाली है। बता दें कि सरकार ने साल 2026 कर छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के सफाए के लिए नई रणनीति बनाई है, इसमें जहां एक ओर ऑपरेशन किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति पर भी बल दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जवानों के हौसले और साहस को किया नमन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 4 अक्टूबर की देर रात सीएम हाउस ऑफिस में नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ की घटना को लेकर उच्च-स्तरीय बैठक की। अचानक बुलायी गई इस बैठक में पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री सचिवालय के वरीष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बैठक में एंटी नक्सल ऑपरेशन के घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी ली और नक्सलियों के खिलाफ सफल ऑपेरशन पर सुरक्षाबलों के शौर्य तथा साहस की सराहना करते हुए बड़ी कामयाबी के लिए जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा जवानों को मिली यह बड़ी कामयाबी सराहनीय है, मैं उनके हौसले और अदम्य साहस को नमन करता हूं। मुख्यमंत्री साय ने बैठक के दौरान एंटी नक्सल ऑपरेशन का हिस्सा रहे सुरक्षाबलों के जवानों का हालचाल भी पूछा। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए शुरू हुई हमारी लड़ाई अब अपने अंजाम तक पहुंचकर ही दम लेगी, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार दृढ़ संकल्पित है, प्रदेश से नक्सलवाद का खात्मा ही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई ना बरती जाए, साथ ही नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में जवानों के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था में भी कोई कमी ना हो।
ऑपरेशन में ऑटोमेटिक हथियार किए गए बरामद
बस्तर के इलाके में एक के बाद एक हो रहे ऑपरेशन इस बात की ओर संकेत देते हैं कि यहां जवानों के हौसले बढ़े हुए हैं। सुरक्षा बलों ने गुरुवार को सुकमा जिले में मुठभेड़ के बाद एक नक्सली शिविर का भंडाफोड़ किया और वहां से भारी मात्रा में विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद किया। बताया जा रहा है कि नक्सलियों के पास से एलएमजी राइफल, एके 47 राइफल, एसएलआर राइफल, इंसास राइफल, .303 राइफल बरामद की गई है। मुठभेड़ बोटेलंका, एरनपल्ली और चिंतावागु नदी के पास के गांवों के जंगलों में हुई, जहां नक्सलियों ने एक ट्रांजिट कैंप बनाया हुआ था। सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी का पता चलते ही नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और काफी देर तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही, जवाबी कार्रवाई में बड़ी संख्या में नक्सली मरे गए और कुछ नक्सली अपना सामान छोड़कर भाग गए।
लड्डू में पशुओं की चर्बी के आरोपों की जांच SIT करेगी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तिरुपति लड्डू बनाने में पशुओं की चर्बी के उपयोग के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेष जांच दल यानी SIT का गठन किया है। अदालत ने कहा है कि यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा सवाल है, इसलिए इस मामले की सही जांच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू प्रकरण की जांच के 5 सदस्यीय SIT गठित करने का आदेश दे दिया है। इस जांच दल में CBI, पुलिस और FSSAI के अधिकारी शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तिरुपति लड्डू विवाद पर कहा कि यदि आरोपों में जरा भी सच्चाई है, तो यह अस्वीकार्य है। सुप्रीम कोर्ट को तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि SIT जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी से करवाई जानी चाहिए। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 30 सितंबर को मेहता से यह तय करने में सहायता करने को कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त SIT या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की करवाई जानी चाहिए।
कोर्ट के फैसले का आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया स्वागत
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट किया, "मैं तिरूपति के लड्डू में मिलावट के मुद्दे की जांच के लिए SIT गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं, जिसमें CBI, आंध्र प्रदेश पुलिस और FSSAI के अधिकारी शामिल होंगे। जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेष जांच दल (SIT) गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश को आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने मंजूरी दे दी है। यह कदम भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के असंख्य भक्तों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखने वाले पूजनीय लड्डुओं की पवित्रता को लेकर बढ़ती चिंताओं और व्यापक आक्रोश के बीच उठाया गया है। पार्टी ने कहा कि इस आरोप ने न केवल देशव्यापी बहस को जन्म दिया, बल्कि लाखों भक्तों को पीड़ा भी पहुँचाई, जिससे मंदिर के प्रसाद में विश्वास बहाल करने के लिए पारदर्शी कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता थी। बता दें, तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू बनाने में पशुओं की चर्बी के कथित उपयोग के मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के अनुरोध वाली याचिका सहित अन्य दूसरी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय सामने आया है।
पवन कल्याण ने तिरुपति विवाद के बाद की बड़ी मांग
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भारत भर के सभी मंदिरों में प्रसाद और प्रसाद में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए 'सनातन धर्म सर्टिफिकेट' प्रणाली का प्रस्ताव रखा है। पवन कल्याण की यह टिप्पणी तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वितरित किए जाने वाले लड्डू की गुणवत्ता को लेकर चल रहे विवादों के बीच आई है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार, 4 अक्टूबर को तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद से जुड़े मामले में सुनवाई हुई और मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय SIT गठित करने का आदेश दे दिया गया है। बता दें, तिरुपति में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए पवन कल्याण ने कहा कि भारत के सभी मंदिरों में चढ़ावे और प्रसाद में प्रयुक्त सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए सनातन धर्म सर्टिफिकेट लागू किया जाना चाहिए। पवन कल्याण ने सुझाव दिया कि यह प्रमाणपत्र मंदिर की प्रथाओं की पवित्रता को बनाए रखेगा और धार्मिक परंपराओं की भी रक्षा करेगा। उन्होंने कहा, सनातन धर्म की रक्षा करने और इसकी मान्यताओं को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाइयों को रोकने के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय अधिनियम की जरूरत है। इस अधिनियम को तुरंत लागू किया जाना चाहिए और पूरे भारत में समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। इस अधिनियम के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर एक 'सनातन धर्म संरक्षण बोर्ड' की स्थापना की जानी चाहिए। इस बोर्ड और इसकी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए वार्षिक निधि आवंटित की जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के गौरीगंज में एक शिक्षक सुनील कुमार, पत्नी पूनम और दो मासूम बेटियों की शुक्रवार, 4 अक्टूबर की देर शाम गोली मारकर बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई, हत्या की इस सनसनीखेज वारदात से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। अमेठी में चार लोगों की हत्या के बाद जब मृतकों के शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो वहां कोहराम मच गया, चारों तरफ सिर्फ आंसुओं का सैलाब नजर आ रहा है। हत्या की खबर मिलने के बाद सुनील कुमार के घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही सुनील कुमार को रायबरेली के ऊंचाहार से अमेठी ट्रांसफर हुआ था। एक ही परिवार के चार लोगों की मौत की खबर से इलाके में दहशत का माहौल है। बदमाशों के गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाके में लोग घबरा गए। वारदात की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोग सुनील कुमार, उनकी पत्नी और दोनों बच्चियों को सीएचसी सिंहपुर लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
हत्या के पीछे सामने आया लव अफेयर का एंगल
अमेठी में शिक्षक और उसके पूरे परिवार की हत्या के मामले में हो रही जांच में मृतक महिला और आरोपी चंदन वर्मा में अफेयर चलने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि आरोपी चंदन शिक्षक के पूरे परिवार को मारने के बाद आत्महत्या करना चाहता था लेकिन ऐसा कर नहीं पाया। आरोपी चंदन वर्मा ने अपने फोन के स्टेटस पर भी लगाया था कि आज पांच हत्याएं होंगी। इसके अलावा मृतक महिला से वीडियो कॉल के कुछ स्क्रीनशॉट भी बरामद हुए हैं। अब इस पूरे मामले के सामने आने के बाद देर रात चंदन वर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 103-1 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। खबरों से मिल रही जानकारी के अनुसार, 18 अगस्त को रायबरेली में मृतक की पत्नी पूनम का चंदन के साथ विवाद हुआ था, जिसके बाद आरोपी चंदन ने रात के समय शिक्षक सुनील कुमार के घर में घुसकर उन्हें ,उनकी पत्नी और दो मासूम बेटियों को गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचने और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने घटना पर शोक जाहिर करते हुए पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि जनपद अमेठी में हुई घटना घोर निंदनीय और अक्षम्य है, मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। दुख की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। इस घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, सरकार सभी दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई करेगी।
अमेठी हत्याकांड का मुख्य आरोपी चंदन वर्मा गिरफ्तार
मेठी जिले में शिक्षक, उनकी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों की गोली मारकर हत्या करने के मुख्य आरोपी को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद चंदन वर्मा ने भागने की कोरिश की थी। बताया जा रहा है कि पुलिस की पिस्टल को छीन आरोपी ने हमले की कोरिश की थी, जिसके बाद मुठभेड़ के दौरान आरोपी के पैर में गोली लगी, फिलहाल आरोपी को अस्पताल में भर्ती करया गया है। अमेठी के पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने जिला मुख्यालय में संवाददाताओं को जानकारी दी कि हमारी टीम ने मुख्य आरोपी चंदन वर्मा को नोएडा में एक टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी चंदन वर्मा रायबरेली जिले का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि चंदन ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी, लेकिन गोली नहीं चली। घटना के कारण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया की वर्मा ने पुलिस के सामने परिवार की हत्या करने की बात कबूल की है। वर्मा ने बताया कि उसका पूनम के साथ पिछले 18 महीनों से प्रेम प्रसंग था. हालांकि, रिश्ते में कुछ खटास आ गई थी, जिसकी वजह से वह तनाव में रहता था और इसी कारण यह वारदात हुई। वर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर पांच लोगों की मौत के बारे में पोस्ट किए जाने के बारे में पूछने पर एसपी ने बताया की उसने परिवार के चार लोगों की हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मारने की कोशिश की थी, वह खुद पांचवां व्यक्ति था, लेकिन उसकी आत्महत्या की कोशिश विफल हो गई।