भारतीय सिनेमाघरों में इन दिनों कई फिल्में चल रही हैं, लेकिन उनमें से ज़्यादातर या तो पहले हफ्ते में ही हांफने लगी हैं या दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकीं। मगर दो फिल्में ऐसी हैं, जिन्होंने ना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर मजबूती से डटे रहने का जज्बा दिखाया है, बल्कि ये बता दिया है कि आज के दौर में स्टारडम से ज्यादा कंटेंट बिकता है। 'सैयारा' और 'महावतार नरसिम्हा' ये दो नाम फिलहाल उस भीड़ से अलग खड़े हैं, जहां बाकी फिल्में बस टिकने की कोशिश कर रही हैं।
महावतार नरसिम्हा’ ने बॉलीवुड के ट्रेड पंडितों को चौंका ही दिया। एक एनीमेटेड माइथोलॉजिकल फिल्म, जिसकी लागत महज 4 करोड़ रुपये थी, उसने 11 दिनों में 100 करोड़ के क्लब में दस्तक दे दी है। खास बात ये रही कि इस फिल्म की शुरुआत धीमी रही पहले दिन का कलेक्शन 2 करोड़ से भी कम था। लेकिन जैसे-जैसे लोगों ने फिल्म देखी, इसकी सराहना सोशल मीडिया और माउथ पब्लिसिटी के ज़रिए तेजी से फैली। दूसरे हफ्ते की शुरुआत से ही इसका ग्राफ चढ़ता चला गया शुक्रवार को 7.7 करोड़, शनिवार को 15.4 करोड़ और रविवार को 23.4 करोड़ रुपये की कमाई ने यह साबित कर दिया कि कंटेंट अगर सच्चा हो, तो कैरेक्टर्स एनिमेटेड हों या इंसानी, फर्क नहीं पड़ता।
‘सैयारा’ की बात करें तो यह फिल्म किसी बड़े स्टारकास्ट या प्री-हाइप के सहारे नहीं आई थी। अहान पांडे और अनीत पड्डा जैसे नए चेहरों के साथ आई इस फिल्म ने धीरे-धीरे दर्शकों का दिल जीता और अब तक 302.25 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है। 18वें दिन भी जब फिल्म ने 2.5 करोड़ रुपये कमाए, तो साफ हो गया कि फिल्म ने न सिर्फ लंबी दौड़ की रेस में खुद को साबित किया, बल्कि ये भी दिखा दिया कि अच्छी कहानी, इमोशन्स और डायरेक्शन के दम पर भी फिल्में रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं। मोहित सूरी के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने सिनेमा की उस परिभाषा को फिर से जिंदा किया, जहां कहानी खुद ही सबसे बड़ा सितारा होती है।
वहीं दूसरी ओर ‘
इसके उलट, ‘सन ऑफ सरदार 2’ और ‘धड़क 2’ जैसी बड़ी फिल्मों का हाल कुछ खास नहीं रहा। अजय देवगन की 'सन ऑफ सरदार 2' को चार दिन हुए हैं और फिल्म अब तक केवल 27.25 करोड़ रुपये ही जुटा सकी है। पहले रविवार को जहां उम्मीदें बंधी थीं, वहीं सोमवार का कलेक्शन (2.5 करोड़ रुपये) देखकर लग रहा है कि फिल्म लंबा नहीं चलेगी। दर्शकों को शायद ये सीक्वल उतना आकर्षित नहीं कर पाया जितनी उम्मीद की गई थी। ‘धड़क 2’ का हाल और भी कमजोर रहा। सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी जैसे टैलेंटेड कलाकारों से सजी ये फिल्म सिर्फ नाम के भरोसे चलती दिखी। पहले दिन 3.5 करोड़ की शुरुआत के बाद रविवार को इसका कलेक्शन थोड़ा बढ़ा (4.15 करोड़), लेकिन सोमवार आते-आते फिल्म का आंकड़ा 1.4 करोड़ रुपये तक गिर गया। अब तक की कुल कमाई 12.8 करोड़ के आसपास है, जो साफ बताता है कि फिल्म जल्द ही सिनेमाघरों से बाहर हो सकती है। इस पूरे बॉक्स ऑफिस नतीजों से एक बात बहुत साफ निकलकर आती है अब सिर्फ बड़े नाम, बड़ा बजट या भारी प्रमोशन किसी फिल्म की सफलता की गारंटी नहीं हैं। आज के दर्शक वो हैं जो कहानियों में सच्चाई, प्रस्तुति में मौलिकता और सिनेमाई अनुभव में गहराई खोजते हैं। 'सैयारा' और 'महावतार नरसिम्हा' इसका सटीक उदाहरण हैं, जिन्होंने दिखा दिया कि सिनेमा अब बदल चुका है और शायद बेहतर की ओर।