ब्रुनेई के सुल्तान और पीएम मोदी की अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 से 5 सितम्बर तक ब्रूनेई और सिंगापुर की यात्रा पर हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी तीन और चार सितंबर को ब्रूनेई की यात्रा करेंगे। आपको बता दें, यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रूनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। यात्रा भारत और ब्रूनेई के कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत के 40 वर्ष पूरे होने के मौके पर हो रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव ने पीएम की यात्रा को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के बुलावे पर ब्रुनेई जा रहे हैं। ब्रुनेई के सुल्तान साल 1992, 2008 में भारत का द्विपक्षीय दौरा कर चुके हैं। साथ ही वह साल 2012 और 2018 में आसियान देशों के सम्मेलन में भी शामिल होने भारत आए थे। उन्होंने कहा कि ब्रुनेई के साथ रक्षा, व्यापार और निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही ऊर्जा, अंतरिक्ष, तकनीक, स्वास्थ्य, संस्कृति जैसे क्षेत्रों पर भी बात होगी। पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि भारत और ब्रुनेई के संबंधों में रक्षा एक अहम स्तंभ है। पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए संयुक्त कार्यकारी समूह बनाने पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी ब्रूनेई से सिंगापुर की यात्रा करेंगे। वह सिंगापुर के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर वहां का दौरा करेंगे।
क्यों खास है पीएम मोदी की यात्रा?
ब्रुनेई और सिंगापुर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ‘एक्ट ईस्ट' नीति और हिंद-प्रशांत के लिए उसके दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार करार दिया और कहा कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के अलावा वृहद आसियान क्षेत्र के साथ भी भारतीय साझेदारी और मजबूत होगी। पीएम मोदी ने कहा, जैसा कि भारत और ब्रुनेई अपने राजनयिक संबंधों के 40 वर्षों का जश्न मना रहे हैं, मैं ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों की प्रतीक्षा कर रहा हूं, ताकि हमारे ऐतिहासिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके। विदेश मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री की इस यात्रा से ब्रुनेई के साथ रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सहयोग, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित सभी मौजूदा क्षेत्रों में हमारा सहयोग और मजबूत होगा और नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशे जाएंगे।
ब्रुनेई के सुल्तान ने किया पीएम मोदी का स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को ब्रुनेई पहुंचे। मोदी द्विपक्षीय यात्रा पर ब्रुनेई आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 11वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रुनेई गए थे। प्रधानमंत्री मोदी का हवाई अड्डे पर शहजादे अल-मुहतदी बिल्लाह ने स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी को हवाई अड्डे पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया। पीएम मोदी बुधवार को ब्रुनेई से सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। बता दें, प्रधानमंत्री मोदी और ब्रुनेई सुल्तान की पहली मुलाकात नवंबर 2014 में नेपीता में 25वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। फिर उनकी मुलाकात मनीला में आयोजित 2017 पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
भारतीय समुदाय ने किया पीएम का स्वागत
इससे पहले पीएम मोदी जब होटल पहुंचे, तो भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने समुदाय के लोगों से बातचीत की। एक बच्ची ने मोदी को उनका ‘स्केच’ भेंट किया। प्रधानमंत्री ने बच्ची को अपना ऑटोग्राफ दिया। विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु के रूप में भारतीय समुदाय के लोगों की भूमिका और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान की सराहना की। बयान के मुताबिक, ब्रुनेई में भारतीयों के आगमन का पहला चरण 1920 के दशक में तेल की खोज के साथ शुरू हुआ था। वर्तमान में, लगभग 14,000 भारतीय ब्रुनेई में रह रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने ब्रुनेई के सुल्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसन अल बोल्किया से द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने व्यापक विषयों पर चर्चा की। दोनों के बीच व्यापार, वाणिज्यिक संबंधों और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ाने के बारे में चर्चा की गई। इसमें रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य जैसे सहयोग के क्षेत्रों पर दोनों राष्ट्राध्यक्षों का फोकस रहा। दोनों देशों के बीच इस दौरान कई महत्वपूर्ण MoU पर भी हस्ताक्षर किये गए। इससे पहले पीएम मोदी का सुल्तान और उनके परिवार के सदस्यों ने इस्ताना नूरुल इमान में स्वागत किया। यह सुल्तान का आधिकारिक निवास और ब्रुनेई सरकार का मुख्यालय भी है।
दुनिया के सबसे बड़े महल में पीएम मोदी लंच करेंगे
पीएम मोदी ने अपने दौरे के पहले दिन सुल्तान हसन अल बोल्किया के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी सुल्तान के आधिकारिक निवास इस्ताना नूरुल इमान पैलेस में मिलेंगे, जो दुनिया का सबसे बड़ा महल है। इस महल का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। इसमें 1,788 कमरे, 257 बाथरूम और 38 तरह के संगमरमर से बनी 44 सीढ़ियां हैं। इस यात्रा से ब्रुनेई के साथ रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सहयोग, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित सभी मौजूदा क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग और मजबूत होंगे और नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसर भी खुलेंगे। बता दें, ब्रुनेई से पीएम मोदी बुधवार को सिंगापुर जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग, गोह चोक टोंग से मुलाकात करेंगे। अपने इस दौरे पर प्रधानमंत्री सिंगापुर के कारोबारी समुदाय के नेताओं से भी मिलेंगे।
मदरसे में कहाँ से आई जाली नोट छपने की मशीन?
उत्तर प्रदेश में मदरसों के आतंकी कनेक्शन को लेकर अक्सर आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन अब संगम नगरी प्रयागराज के एक मदरसे से ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जो हैरान कर देने वाला है। मदरसे में 28 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए। बता दें, यह मदरसा नकली नोट छापने का कारखाना बना हुआ था। प्रयागराज पुलिस ने मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। नकली नोट छापने का कारखाना बना यह मदरसा प्रयागराज शहर के अंतरसुइया इलाके में स्थित है, मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है। यहां बड़ी तादाद में मुस्लिम बच्चे तालीम हासिल करने आते हैं। मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी है।
जाली नोट और RSS के खिलाफ किताब का कनेक्शन क्या?
मदरसे में छापेमारी के दौरान पुलिस को सिर्फ जाली नोट और जाली नोट छापने की मशीन ही नहीं मिली, बल्कि पुलिस को कुछ आपत्तिजनक किताबें भी यहाँ से मिली है। ऐसी ही एक किताब इस मदरसे में मिली है, जिसमें राष्ट्रीय स्वमसेवक संघ यानि RSS के खिलाफ बातें लिखी हुई है। बता दें, ये किताब महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एस.एम मुशर्रफ द्वारा लिखी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र के रिटायर्ड आईजी मुशर्रफ ने मुंबई 26/11 को लेकर भी कई आपत्तिजनक किताबें लिखीं थीं, ये सभी किताबें ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। अब सवाल उठता है कि आतंकी संगठन बताते हुए लिखी इस किताब का मकसद क्या था? इसकी पुलिस जांच कर रही है। लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मदरसे में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। ऐसे में संघ के खिलाफ जहर घोलने वाले किताब की मदरसे से बरामदगी और मदरसे में जाली नोट की फैक्ट्री का क्या कनेक्शन है, पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है. पुलिस ये जांच भी कर रही है कि क्या मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग में RSS के खिलाफ जहर तो नहीं भरा जा रहा था।
मदरसे में छापे जा रहे थे 100 रुपये के जाली नोट
प्रयागराज पुलिस के अनुसार यह मदरसा पिछले कई महीनों से नकली नोट छापने का अड्डा बना हुआ था। मदरसे में केवल 100-100 रुपये के ही नोट छापे जाते थे। प्रयागराज के डीसीपी सिटी ने बताया कि नकली नोट छापने और इसे बाजार में खपाने के गोरख धंधे में मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल भी शामिल था। उसने नकली नोट छापने वालों को मदरसे में एक कमरा दे रखा था और इसके बदले वह मोटा कमीशन लेता था। प्रयागराज पुलिस के अफसर ने बताया कि गिरोह में फिलहाल चार लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है, ये लोग 100 रुपये की नोट हाई क्वालिटी के स्कैनर पर स्कैन करते थे और इसके बाद इसे A4 साइज के पेपर पर प्रिंट किया जाता था। नोट असली लगे, इसके लिए इस पर ग्रीन कलर का सेलो टेप लगाया जाता था और ज्यादातर नोटों के नंबर एक ही होते थे। छानबीन में पता चला कि गिरोह के लोगों ने पहले कुछ दिनों तक खुद ही नकली नोट बाजार में चलाया और इसके बाद इन्होंने कुछ दूसरे लोगों से कमीशन पर देने का सौदा तय किया था। कमीशन के रूप में एक असली नोट के बदले तीन नकली नोट दिए जाने का सौदा तय किया जा रहा था।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
प्रयागराज पुलिस ने मुखबरी की सूचना पर दो लोगों को बस स्टैंड के पास से पकड़ा तो पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। बाद में इनकी निशानदेही पर मदरसे में छापेमारी कर वहां से कार्यवाहक प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरुल आफरीन और मास्टरमाइंड जाहिर खान की गिरफ्तारी हुई। जाहिर खान इसी मदरसे का स्टूडेंट था। तफसीरुल और जहीर दोनों ही मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले हैं। इनके अलावा गिरफ्तार किए गए दो अन्य युवक अफजल और शाहिद प्रयागराज के ही रहने वाले हैं और दोनों इसी मदरसे में पढ़ते थे। पुलिस ने मदरसे में छापेमारी के बाद वहां से 1 लाख तीस हजार रुपये कीमत के 100-100 रुपये के 1300 नकली नोट बरामद किए। इसके अलावा स्कैनर-प्रिंटर व नकली नोट तैयार करने में मददगार अन्य सामाग्रियां भी मिली हैं। डीसीपी सिटी के अनुसार यह लोग इतनी सफाई से नकली नोट तैयार करते थे कि किसी को शक नहीं होता था और यह लोग जानबूझकर सौ रुपये के ही नोट इसलिए छापते थे, ताकि वह आसानी से बाजार में चलाए जा सकें। मदरसे में नकली नोट छापे जाने के इस खुलासे को प्रयागराज पुलिस बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और अब जल्द ही इन्हें कस्टडी रिमांड में लेकर इनके पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के खुलासे के बाद दूसरी बड़ी एजेंसियां भी अलर्ट हो गई है और दूसरी एजेंसियां भी इस मामले में छानबीन कर सकती हैं।
आरोपियों पर NSA की तैयारी में पुलिस
इस पुरे मामले में खुलासे के बाद अब पुलिस का एक्शन भी शुरू हो गया है। बता दें, प्रयागराज पुलिस ने सभी आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। जांच में तथ्यों के आधार पर चीजें सामने आने के बाद पुलिस की तरफ से सभी आरोपियों के खिलाफ NSA या गैंगस्टर लगाने की कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी और इसके साथ ही आरोपियों के बैंक एकाउंट्स की डिटेल्स भी निकाले जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने मदरसे के प्रबंधक से पूछताछ की है और पूछताछ में पता लगा है कि बिहार, बंगाल और उड़ीसा के लोग भी इस मदरसे में रहते थे। मदरसे के देखरेख करने वाले मौलवी ने पूछताछ में बताया कि प्रिंसिपल ने अपने कमरे में हर किसी के जाने पर रोक लगा रखी थी और बिना पूछे उनके ऊपर के कमरे में कोई नहीं जा सकता था।
बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' 6 सितंबर को रिलीज नहीं हो पाएगी। फिल्म की ऑरिजिनल रिलीज अक्टूबर-नवंबर 2023 के लिए प्लान की गई थी, लेकिन फिर इसे 14 जून 2024 के लिए शेड्यूल किया गया, मगर लोकसभा चुनाव के चलते फिल्म एक बार फिर से टली और फाइनली इसकी रिलीज डेट 6 अगस्त रखी गई। मेकर्स की तमाम कोशिशों के बाद भी अब इस नई तारीख पर 'इमरजेंसी' नहीं रिलीज हो पाएगी। 'इमरजेंसी' में कंगना, भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। फिल्म में लीड रोल करने के अलावा कंगना 'इमरजेंसी' की डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी हैं। 14 अगस्त को उनकी फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ और इसके साथ ही फिल्म को लेकर विवाद भी शुरू हो गए। सिख संगठनों ने कंगना की फिल्म पर 'भावनाओं को आहत करने' और 'सिखों की गलत छवि' दिखाने का आरोप लगाया और फिर आखिरकार सेंसर बोर्ड ने फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेशन रोक दिया। 'इमरजेंसी' अब कब रिलीज होगी ये अभी कोई नहीं बता सकता।
'इमरजेंसी' की रिलीज टली, फिल्म को नहीं मिला सेंसर सर्टिफिकेट
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। फिल्म की रिलीज को पोस्टपोन कर दिया गया है। 'इमरजेंसी' अब 6 सितंबर को थिएटर्स में रिलीज नहीं होगी, फैन्स को इस फिल्म के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंगना की टीम के एक सूत्र ने इस खबर को कन्फर्म किया है। उन्होंने बताया है कि 'इमरजेंसी' पोस्टपोन हो चुकी है। कंगना उम्मीद कर रही हैं कि फिल्म को रिलीज के लिए नई डेट मिलेगी। फिल्म की रिलीज डेट वैसे तो लॉक हो चुकी है। इसके पीछे की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि सेंसर का इशू है, साथ ही एक्ट्रेस को जान से मारने की भी धमकियां मिल रही हैं। सूत्र ने कन्फर्म किया है कि कंगना चाहती हैं कि फिल्म अब जल्द से जल्द रिलीज हो। सूत्र ने बताया कि अभी तक कोई सर्टिफिकेशन भी फिल्म को नहीं मिला है।
कंगना ने बीते दिन 31 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने अपनी बात
बंद हो महानता का ढोंग, कंगना को अदालत ले जाओ
'इमरजेंसी' के साथ हो रहे इस बर्ताव को लेकर फिल्म के गीतकार मनोज मुंतशिर ने अब एक वीडियो शेयर किया है और 'फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन' यानी अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सवाल उठाया है। मनोज ने अपने वीडियो की शुरुआत 'इमरजेंसी' की रिलीज टलने की खबर से की और बताया कि इसकी वजह क्या है और इसके बाद मनोज ने काफी तेवर के साथ 'अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, सर्टिफिकेट का ये खेल आधा अधूरा क्यों खेला जा रहा है, पूरा खेला जाना चाहिए। लगे हाथ एक और सर्टिफिकेट हमसे छीन लेना चाहिए कि हम अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने वाले लोग हैं। छोड़िये ये महानता का ढोंग, एक फिल्म तो हमसे बर्दाश्त हो नहीं रही, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की बात करते हैं।
कंगना ने भी 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' पर उठाया था सवाल
कंगना ने भी अपनी फिल्म 'इमरजेंसी' के विरोध को लेकर सवाल उठाया। अपनी फिल्म की रिलीज टलने से पहले, एक चैनल को दिए गए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मेरा वाकई में ऐसा मानना है कि बांग्लादेश के बनने के बाद, पाकिस्तान का मुख्य एजेंडा ये था कि वो हमारे देश के और टुकड़े कर दें। उनपर बांग्लादेश का बन जाना बहुत बड़ा जख्म था और ये मानना गलत होगा कि वो इसे चुपचाप बर्दाश्त कर लेंगे। कंगना ने कहा कि आज जब उन्हें धमकियां दी जा रही हैं तो उन्हें इंदिरा गांधी की हत्या को लेकर चीजें और समझ आ रही हैं। उन्होंने कहा, आज मुझपर बहुत प्रेशर है, बहुत दबाव है कि कुछ उपद्रवी, किसी तरह का हमला न कर दें मुझपर। मेरी खुद की जान को लेकर मुझपर बहुत प्रेशर है। एक 60 साल की औरत को उसके घर में घुसकर, उनके शरीर में 35 गोलियां दागी गई, तो वो कैसे हुआ? क्या उस बूढ़ी औरत को 35 गोलियों की जरूरत थी मरने के लिए? कंगना ने कहा कि वो हैरान हैं कि लोग सच्चाई को जानना नहीं चाहते हैं। उन्होंने फिल्म का विरोध कर रहे लोगों से सवाल पूछा, वो क्या चाहते हैं, ये बताया? क्या आसमानी गोलियां मार गईं उन्हें? एक फिल्ममेकर के तौर पर मैं कैसे जस्टिफाई करूंगी? मैं क्या बताऊंगी कि ये आसमानी गोलियां कहां से आईं, जो एक 60 साल की महिला को उसके ही घर में छलनी कर गईं? तो क्या चाहते हैं कि मैं इसे कितनी सेंसिटिविटी से दिखाऊं जो किसी का ईगो न हर्ट हो जाए। कंगना ने अपने साथ चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब लोग उन्हें थप्पड़ मारे जाने का जश्न मना रहे थे, तो उन्हें ये भी याद रखना चाहिए कि उन्हें भी अभिव्यक्ति की आजादी है।
इलाहाबाद HC ने रद्द की आजीवन कारावास की सजा
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक पूर्व सैनिक को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के 41 साल बाद स्थानीय अदालत के फैसले को रद्द कर दिया है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की बेंच ने दोषी साबित किए गए मुरारी लाल की याचिका पर गवाहों के बयानों में विरोधाभास का हवाला देते हुए अपना फैसला सुनाया है। बता दें, मुरारी लाल फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। खबरों के अनुसार, 6 जुलाई 1982 को जो FIR दर्ज की गई थी, उसमें सियोदान सिंह ने आरोप लगाया था कि मुरारी लाल ने अपने भाई पूल सिंह पर अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली चलाई थी, जब पूल सिंह अपने गांव से वजीरगंज जा रहा था। इस मामले में 3 मई, 1983 को बदायूं की एक सेशंस कोर्ट ने मुरारी लाल को IPC की धारा-302 के तहत हत्या का दोषी ठहराया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
एकमात्र चश्मदीद के बयानों की नहीं हुई पुष्टि
हाई कोर्ट ने पिछले महीने अपने आदेश में कहा था कि अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों में भी विरोधाभास बहुत स्पष्ट था. जहां पहले गवाह ने कहा था कि शव को घटनास्थल से पुलिस स्टेशन ले जाया गया था, जबकि चौथे गवाह ने कहा पुलिस स्टेशन में शव कभी नहीं लाया गया था। कोर्ट ने कहा कि न्यायालय का विचार है कि जब अभियोजन पक्ष का गवाह एकमात्र चश्मदीद गवाह था और उसके बयानों की पुष्टि अन्य गवाहों द्वारा नहीं की गई थी तो एकमात्र चश्मदीद गवाह के साक्ष्य की ठीक से सावधानी के साथ जांच की जानी चाहिए, जो वर्तमान मामले में नहीं किया गया है। उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त के अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों में विरोधाभास स्पष्ट देखा जा सकता है।
गाजियाबाद के लोनी में शिक्षक और छात्र के रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां 13 वर्षीय बच्चे के साथ मदरसे में पढ़ाने वाले मौलवी ने ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे डाला। आरोप है कि मौलवी काफी समय से मासूम का यौन शोषण कर रहा था। फिलहाल, पुलिस द्वारा मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, आरोपी मौलवी मासूम बच्चे को डरा धमकाकर और फेल करने की धमकी देकर कई बार उसके साथ घिनौना काम कर चुका था। अब घटना सामने आने के बाद, शिकायत पर पुलिस द्वारा POCSO एक्ट में मुकदमा दर्ज कर, मौलवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
13 साल के बच्चे के साथ मदरसे में दुष्कर्म
घटना के बाद से पीड़ित के परिजनों में आक्रोश है। बताया जा रहा है कि डरे सहमे बच्चे ने जब अपने साथ हो रहे इस घिनौने काम की जानकारी घरवालों को दी तो उनके होश उड़ गए, जिसके बाद बच्चे के पिता द्वारा पुलिस से शिकायत की गई। शिकायत के मुताबिक, आरोपी मौलवी रात के समय बच्चे को अपने कमरे पर बुलाया करता था और वहीं उसके साथ गलत काम को अंजाम देता था। मामले में पुलिस ने बताया कि थाना अंकुर विहार की डाबर तालाब चौकी में बच्चे के पिता के द्वारा तहरीर दी गई कि उसके 13 वर्षीय पुत्र के साथ जो कि एक मदरसे में पढ़ता था, उसी मदरसे में पढ़ाने वाले साकिब पुत्र समशुद्दीन, बिजनौर निवासी के द्वारा दुष्कर्म किया गया। जिसपर पुलिस द्वारा तत्काल अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी समेत पांच लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें, चित्रकूट पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR में विधायक अब्बास अंसारी के अलावा, उसके ड्राइवर नियाज अंसारी, जेल कैंटीन मैनेजर नवनीत सचान, वाराणसी के अकाउंटेंट शाहबाज आलम खान और स्थानीय सपा नेता फराज खान का नाम शामिल है। पुलिस ने मीडिया को बताया कि पांचों पर जबरन वसूली रैकेट चलाने और लोगों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया है। अब्बास अंसारी चित्रकूट की रगौली जेल में बंद था और इसी दौरान उस पर वसूली रेकेट और डराने-धमकाने का आरोप लगा। अब्बास अंसारी वर्तमान में कासगंज जेल में बंद है और अन्य चार जमानत पर बाहर है।
अब्बास अंसारी जेल से चलता था वसूली रैकेट
अब्बास अंसारी ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर मऊ सीट से जीत हासिल की। सुभासपा, जो अब एनडीए का हिस्सा है, पहले समाजवादी पार्टी गठबंधन का हिस्सा थी। पुलिस के मुताबिक, अब्बास अंसारी पर चित्रकूट की रगौली जेल में बंद रहने के दौरान गैंग चलाकर रंगदारी वसूलने और लोगों को डराने-धमकाने के इल्जाम हैं। मुकदमा कर्वी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) की तहरीर पर दर्ज किया गया है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि विभिन्न मामलों में आरोपी विधायक इस वक्त कासगंज की जेल में बंद है और दूसरे चार आरोपित फिलहाल जमानत पर बाहर है। इन चारों को पहले अब्बास और उनकी पत्त्नी निकहत अंसारी को जेल में एक-दूसरे से मिलने की इजाजत देने के आरोप में जेल भेजा गया था।
आज संसद भवन में आयोजित एक महत्वपूर्ण समारोह में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के पांच नवनिर्वाचित सदस्यों को पद की शपथ दिलाई। शपथ लेने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों में श्री जॉर्ज कुरियन, श्रीमती किरण चौधरी, श्री रामेश्वर तेली, श्री धैर्यशील मोहन पाटिल, और श्री अभिषेक मनु सिंघवी शामिल थे। यह समारोह देश की विधायी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है, क्योंकि ये नेता संसद के ऊपरी सदन में अपनी विशेषज्ञता और दृष्टिकोण का योगदान करने के लिए तैयार हैं। उपराष्ट्रपति ने नए सदस्यों को हार्दिक बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि वे जानकारीपूर्ण बहस और निर्णय लेने के माध्यम से देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन संसद सदस्यों से आज भारत के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए नए विचार और समर्पण लाने की उम्मीद की जाती है। उनकी विविध पृष्ठभूमि और अनुभव निस्संदेह राज्यसभा में विचार-विमर्श को समृद्ध करेंगे, जिससे विभिन्न मोर्चों पर देश की प्रगति को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह महत्वपूर्ण अवसर भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार को दर्शाता है, जहां देश भर के प्रतिनिधि लोगों की सेवा करने और संविधान में निहित मूल्यों को बनाए रखने के लिए एक साथ आते हैं।
उपचुनाव के बदलते समीरण से बढ़ी मोदी की ताकत
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। 9 राज्यों की 12 सीटों पर उपचुनाव में सभी राज्यसभा उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। NDA ने 11 और कांग्रेस ने एक सीट पर कब्जा किया है। इसके साथ ही NDA को राज्यसभा में अहम विधेयकों को पारित कराने के लिए अब दूसरी पार्टियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। NDA को राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत मिलने से सरकार को वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे प्रमुख कानूनों पर मुहर लगवाने में सफलता मिलेगी। बता दें, NDA ने पहली बार राज्यसभा में बहुमत हासिल किया है। 245 सदस्यों की राज्यसभा में अभी आठ सीटें खाली हैं। इनमें से चार जम्मू- कश्मीर और चार मनोनीत सदस्यों से भरी जानी है। सदन की मौजूदा सदस्य संख्या 237 है और बहुमत का आंकड़ा 119 है और फिलहाल राज्यसभा में NDA के कुल 112 सदस्य हो गए हैं। छह मनोनीत सदस्यों और एक निर्दलीय सदस्य के समर्थन के साथ यह आंकड़ा 119 तक पहुंच गया है, यानी NDA ने बहुमत के आंकड़े को छू लिया है।