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Breaking News 31 December 2024

1.) बिहार बंद? क्या अब देश की बारी? 

बिहार में BPSC परीक्षा का हंगामा अब ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। नॉर्मलाइजेशन से शुरू हुआ ये विवाद अब पूरे राज्य में प्रदर्शन, पेपर लीक, लाठीचार्ज और राजनीति की आग में झोंक दिया गया है। मामला इतना गरम है कि आज बिहार बंद का ऐलान हो गया। उधर, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर पर आंदोलन हाईजैक करने का आरोप मढ़ दिया है। चलिए आपको शुरुआत से बताते हैं क्या-क्या हुआ।

क्या है BPSC प्रदर्शन का मामला ? 

13 दिसंबर को बीपीएससी की 70वीं परीक्षा होनी थी। लेकिन उससे पहले ही नॉर्मलाइजेशन की अफवाहों ने माहौल गरमा दिया। छात्र सड़क पर उतर आए और पटना की सड़कें जाम कर दीं। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, लेकिन आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू ही नहीं किया गया। अखबारों में विज्ञापन देकर बताया गया कि अफवाहों पर ध्यान न दें, लेकिन तब तक माहौल बिगड़ चुका था। इसके बाद परीक्षा वाले दिन, पटना के एक सेंटर में स्टूडेंट्स ने पेपर लीक का आरोप लगाकर बवाल काट दिया। उनका कहना था कि जो पेपर का बंडल मिला, वो पहले से ही खुला हुआ था। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी और पेपर का बहिष्कार कर दिया। मामला तब और गरमाया, जब डीएम साहब ने गुस्से में आकर एक परीक्षार्थी को थप्पड़ रसीद कर दिया। बस, इसके बाद हंगामा और बढ़ गया। इसके बाद छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की और प्रशांत किशोर ने छात्र संसद बुला ली। जगह चुनी गई पटना का गांधी मैदान, लेकिन प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने प्रदर्शन को गैरकानूनी करार देते हुए मैदान खाली करने का आदेश दिया। जब छात्र नहीं माने, तो लाठीचार्ज शुरू हो गया। कई छात्रों को चोटें आईं और विवाद ने राजनीति का रंग ले लिया।

बिहार बंद और सियासी बयानों की बौछार

अब छात्रों के इस प्रदर्शन पर सियासी पारा चढ़ गया है। तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर पर आरोप लगाया कि वो छात्रों के आंदोलन को हाईजैक कर रहे हैं। इधर, प्रशांत किशोर ने भी पलटवार करते हुए कहा कि सरकार छात्रों की आवाज दबा रही है। छात्र अब बिहार बंद के जरिए सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी में हैं। सवाल बड़ा है—क्या सरकार इस विवाद का हल निकालेगी या ये मामला और लंबा खिंचेगा? जवाब तो आने वाला वक्त ही देगा। तब तक बिहार की राजनीति और पटना की सड़कों पर गर्मी बरकरार है।

 

2.) अंतरिक्ष में भारत जल्द लगाने जा रहा लंबी छलांग

भारत आज अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन सेंटर से अंतरिक्ष में 'स्पाडेक्स' यानी 'स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट' के साथ एक और बड़ी उपलब्धि पाने के लिए तैयार है। स्‍पाडेक्‍स मिशन की लॉन्चिंग के साथ ही ISRO अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार खड़ा है। बता दें, इस मिशन के सफल होने के साथ भारत स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दुनिया के उन चुनिंदा तीन देशों (अमेरिका, रूस और चीन) के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा, जिसके पास बाहरी अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यान या उपग्रहों की डॉकिंग करने की क्षमता है। स्‍पाडेक्‍स साल 2024 में भारत का आखिरी मिशन है। यह मिशन रिसर्च और इनोवेशन में भारत के लिए नए रास्ते खोलेगा। इससे ग्लोबल स्पेस कम्युनिटी में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की भूमिका मजबूत होगी। आपको बता दें की ISRO आज रात 9:58 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C 60 रॉकेट के जरिए दो उपग्रहों को लॉन्च करेगा और अपने इस मिशन के जरिए भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का परीक्षण करेगा। अगर भारत इसमें सफल हुआ, तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने बताया कि 21 दिसंबर को प्रक्षेपण यान को एकीकृत कर दिया गया तथा उपग्रहों के आगे एकीकरण तथा प्रक्षेपण की तैयारियों के लिए इसे पहले प्रक्षेपण पैड पर ले जाया गया है।

क्या होती है डॉकिंग टेक्नोलॉजी?

स्पेस में ‘डॉकिंग' टेक्नोलॉजी की तब जरूरत होती है, जब साझा मिशन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए कई रॉकेट प्रक्षेपित करने की जरूरत होती है। इस मिशन में सफलता मिलने पर भारत अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग' टेक्नोलॉजी में महारत हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर होगा। भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के अनुसार, स्‍पाडेक्‍स मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान (प्रत्येक का वजन लगभग 220 kg) PSLV-C 60 रॉकेट द्वारा स्वतंत्र रूप से और एक साथ, 55 डिग्री झुकाव पर 470 Km वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किये जाएंगे, जिसका लोकल टाइम साइकिल लगभग 66 दिन का होगा। आपको बता दें, स्पेस डॉकिंग एक जटिल प्रक्रिया है और कोई भी देश अपनी इस टेक्नोलॉजी को शेयर नहीं करना चाहता। भारत ने पूरी तरह से स्वदेशी डॉकिंग तकनीक का उपयोग किया है और भविष्य में ये टेक्नोलॉजी चंद्रयान- 4 मिशन के लिए मददगार साबित होगी। इस मिशन पर ISRO के चेयरमैन डॉ. एस सोमनाथ ने कहा है कि जब आपके पास अंतरिक्ष में कई ऑब्जेक्ट होते हैं जिन्हें किसी खास उद्देश्य के लिए एक साथ लाने की आवश्यकता होती है, तो डॉकिंग की आवश्यकता होती है. डॉकिंग वह प्रक्रिया है जिसके मदद से दो अंतरिक्ष ऑब्जेक्ट एक साथ आते हैं और जुड़ते हैं। उन्होंने कहा, डॉकिंग के दौरान, एक 'टारगेट, ऑब्जेक्ट और चैसर' होता है। चैसर लक्ष्य का पीछा करता है, निकटता में आता है और एक कनेक्शन स्थापित करता है। उन्होंने आगे कहा कि यह क्षमता भविष्य में भारत की महत्वाकांक्षाओं के केंद्र में रहेगा, जिसमें भारत द्वारा एक प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, मानव अंतरिक्ष उड़ान जैसे  मिशन शामिल हैं। उन्होंने कहा 'स्पाडेक्स' मिशन पूरी तरह से 'स्वदेशी' तकनीक से बना है।

 

3 ) भारत की बेटी को फांसी से बचा सकता है "ब्लड मनी" डील   

अरब देश कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को 30 अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कतर की एक अदालत ने 26 अक्टूबर को नौसेना के सभी 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुना दिया था। हालांकि, मामले में भारत सरकार के हस्ताछेप के बाद कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाए नेवी के 8 पूर्व कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए कोर्ट ने फांसी की सजा को रोक दिया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन लोगों के परिवारों से मुलाकात भी किया था। उन्होंने कहा था कि वह उनका दर्द और चिंता समझ सकते हैं और सरकार आठों लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कोशिशें कर रही है। कतर में आठ भारतीयों की मौत की सजा का मामला अभी टला भी नहीं था की इस बीच अब यमन में एक भारतीय नर्स की फांसी का मामला चर्चा में आ गया है। बता दें, गृहयुद्ध से जूझ रहे यमन की एक कोर्ट ने भारतीय महिला नर्स निमिषा प्रिया को हत्या का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुना दी है। इस मामले में दोषी नर्स की मां ने यमन जाने की गुहार लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। केंद्र सरकार की तरफ से अदालत को यह जानकारी दी गई कि यमन में सर्वोच्च न्यायालय ने 13 नवंबर को नर्स निमिषा प्रिया की अपील खारिज कर दी थी। अब यमन में मौत की सजा पाने वाली केरल की नर्स को बचाने का एकमात्र तरीका पीड़ित के परिवार के साथ "ब्लड मनी" पर बातचीत करना है। नर्स की मां के वकील सुभाष चंद्रन ने कहा कि निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा का सामना करना पड़ा है और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी है। बताया जा रहा है कि यमन में प्रचलित शरिया कानून के तहत पीड़ित परिवार के साथ सीधी बातचीत ही अब आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है, लेकिन यह उतना आसान नहीं है जितना देखने में लगता है।

क्या है पूरा मामला और क्या कर रही है भारत सरकार?

यमन में रह रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी की सजा सुनाया गया है। यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी दे दी है। कहा जा रहा है कि नर्स निमिषा की अभी तक न ही 'ब्लड मनी' पर बात बन सकी और न ही राष्ट्रपति से माफी मिल पाई है। आपको बता दें, नर्स निमिषा प्रिया को साल 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी पाया गया था, उनको एक साल बाद यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी और तब से नर्स का परिवार बेटी की रिहाई के लिए संघर्ष कर रहा है। निमिषा के परिवार ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ, यमन के सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था, लेकिन साल 2023 में उनकी अपील खारिज हो गई और अब यमन के राष्ट्रपति ने भी उनकी अपील को खारिज कर दिया है। नर्स की रिहाई अब पीड़ित परिवार और उनके आदिवासी नेताओं से माफी हासिल करने पर निर्भर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी फांसी की सजा पर एक महीने के भीतर अमल किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि भारत को यमन में निमिषा प्रिया को दी जा रही सजा की जानकारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि हम जानते हैं कि नर्स के परिवार को प्रासंगिक विकल्प की तलाश है और सरकार इस मामले में उनकी हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने कहा, यमन के राष्ट्रपति का फैसला उस परिवार के लिए एक झटका है, जो अपनी बेटी को मौत की सजा से बचाने की कोशिश कर रहा है। नर्स प्रिया की मां प्रेमा कुमारी इस साल की शुरुआत में यमन की राजधानी सना पहुंची थीं और वह तब से ही बेटी की मौत की सजा में छूट पाने और पीड़ित परिवार के साथ ब्लड मनी पर बातचीत कर रही थीं।

क्या है "ब्लड मनी" डील?

यमन में मौत की सजा पाने वाली केरल की नर्स को बचाने का एकमात्र तरीका पीड़ित के परिवार के साथ ब्लड मनी पर बातचीत को बताया जा रहा है। नर्स की मां के वकील सुभाष चंद्रन ने कहा कि निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा का सामना करना पड़ा है। यमन की सुप्रीम कोर्ट उनकी अपील खारिज कर चुकी है और अब ऐसे में यमन में प्रचलित शरिया कानून के तहत पीड़ित परिवार के साथ सीधी बातचीत ही अब आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है, लेकिन यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। वकील ने बताया कि देश में चल रहे गृहयुद्ध के कारण साल 2016 से यमन की यात्रा पर प्रतिबंध है, जिसके कारण भारतीय नागरिक भारत सरकार की अनुमति के बिना यमन नहीं जा सकते। इसलिए हम ब्लड मनी वार्ता के लिए पीड़ित परिवार तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं। ब्लड मनी वह मुआवजा है जो पीड़ित के परिवार द्वारा उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तय किया जाता है, लेकिन इस बातचीत के लिए उनकी मां का यमन जाना जरूरी है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से उनकी मां के अनुरोध पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आग्रह किया है।

कौन है निमिषा प्रिया?

निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ की रहने वाली हैं। निमिषा पेशे से एक नर्स हैं और उन्होंने कुछ साल तक यमन के प्राइवेट अस्पतालों में काम किया। निमिषा अपने पति और बेटी के साथ पिछले लगभग एक दशक से यमन में काम कर रही थीं। साल 2016 में यमन में शुरू हुए गृहयुद्ध की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी, लेकिन इससे पहले साल 2014 में ही उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे। बता दें, उनके पति और नाबालिग बेटी फाइनेंशियल कारणों के कारण साल 2014 में भारत वापस आ गए थे। साल 2016 में यमन गृह युद्ध की चपेट में आ गया, जिसकी वजह से नए वीजा जारी करना बंद हो गए और दोनों ही निमिषा के पास वापस नहीं जा सके। निमिषा ने यमन में रहकर अपना क्लीनिक खोल लिया। निमिषा प्रिया ने सना में अपना क्लिनिक बनाने के लिए अपने साथी तलाल अब्दो महदी से मदद मांगी थी, क्योंकि यमन के कानून के मुताबिक, सिर्फ वहां के नागरिकों को ही क्लिनिक और व्यावसायिक फर्म बनाने की परमिशन मिलती है, लेकिन दोनों का झगड़ा हो गया था। नर्स के परिवार का कहना है कि अब्दो ने फंड में हेराफेरी की थी और निमिषा ने इसका विरोध किया तो अब्दो ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था और उसकी शादी की तस्वीरें भी चुरा ली थीं। वह तस्वीरों में हेरफेर कर नर्स से शादी का दावा कर रहा था। नर्स निमिषा ने अपना पासपोर्ट हासिल करने के लिए अब्दो को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था, लेकिन दवा की खुराक ज्यादा होने की वजह से उसकी मौत हो गई। यमन से भागने की कोशिश के दौरान ही निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया था और साल 2018 में उन्हें हत्या का दोषी ठहराया गया और साल 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। यमन की सर्वोच्च न्यालय ने नवंबर 2023 में उनकी अपील को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उनके पास आखिरी विकल्प सिर्फ ब्लड मनी का ही बचा था, लेकिन वो कोशिश भी सफल नहीं हुई। अब राष्ट्रपति ने भी उनकी फांसी की सजा को मंजूरी दे दी है।

 

4 ) आईफोन बन रहा है साइबर हमलों का नया निशाना !

आईफोन के यूजर्स के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है! भले ही iOS को अपनी सुरक्षा के लिए जाना जाता हो, लेकिन एक ताजा अध्ययन ने यह साबित कर दिया है कि iPhone यूजर्स अब साइबर हमलों के लिए ज्यादा जोखिम में हैं, और एंड्रॉयड डिवाइसेस के मुकाबले iOS डिवाइस पर हमले कहीं ज्यादा हो रहे हैं। लुकआउट नामक डेटा-सेंट्रिक क्लाउड सिक्योरिटी कंपनी की हालिया स्टडी ने 2024 की तीसरी तिमाही के दौरान आईओएस डिवाइसेस पर हुए फिशिंग हमलों को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 19 प्रतिशत एंटरप्राइज iOS डिवाइसेस पर कम से कम एक फिशिंग अटैक हुआ, जबकि एंड्रॉयड डिवाइसेस पर यह आंकड़ा केवल 10.9 प्रतिशत था। फिशिंग हमलों के बढ़ते आंकड़े अब iPhone यूजर्स के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। खास बात यह है कि इन हमलों में ईमेल सबसे प्रमुख माध्यम बनकर सामने आया है। स्कैमर्स और साइबर क्रिमिनल्स अब इस सुरक्षित समझे जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम को भी अपने शिकार के रूप में चुनने लगे हैं।

सरकारों के साथ डेटा शेयरिंग पर सवाल

एक और बड़ी चिंता यह सामने आई है कि ऐपल अपने यूजर्स का डेटा सरकारों के साथ साझा करने में सबसे अग्रणी है, जिससे डेटा प्राइवेसी पर सवाल उठने लगे हैं। ऐपल की यह प्रथा यूजर्स के लिए खतरे की घंटी हो सकती है, क्योंकि इसकी वजह से यूजर्स का निजी डेटा अब सरकारों के हाथों में पहुंच सकता है।लुकआउट की रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि साइबर अपराधियों की रणनीतियों में बदलाव हो रहा है। पहले जहां वे डेस्कटॉप और लैपटॉप को निशाना बनाते थे, अब उनकी नज़रें मोबाइल डिवाइसेस पर हैं। एआई और नई टेक्नोलॉजी के साथ यह खतरा और भी बढ़ सकता है, और खासकर उन यूजर्स के लिए जो तकनीकी रूप से कम जागरूक हैं, खतरा और भी बढ़ सकता है।

फिशिंग हमलों से बचने के उपाय

सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें ताकि नए सिक्योरिटी पैच इंस्टॉल हो सकें। संदिग्ध ईमेल और लिंक से बचें। किसी भी अनजान व्यक्ति से आने वाली जानकारी या लिंक को कभी भी न खोलें। लालच देने वाले मेल अटैचमेंट पर क्लिक करने से बचें और हमेशा सतर्क रहें। साइबर हमलों का खतरा हर दिन बढ़ रहा है, और इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए जागरूकता और सुरक्षा उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। अब समय आ गया है कि यूजर्स अपनी सुरक्षा को गंभीरता से लें।

 

5 ) राहुल का विदेश दौरा, शोक में डूबा देश और बीजेपी का सवाल: क्या है सच्चाई?

 

बीजेपी और कांग्रेस के बीच नए साल की सियासत शुरू हो गयी है ! कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी बस ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है, जबकि बीजेपी कह रही है, "जब पूरा देश शोक में है, तो छुट्टियां कौन मना रहा है? मामला है राहुल गांधी की वियतनाम यात्रा पर।  जब देश पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा था, तब राहुल गांधी नए साल का जश्न मनाने वियतनाम रवाना हो गए। अब, इस मसले पर बीजेपी ने कमाल का हमला किया है और कांग्रेस ने पलटवार किया है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "जब पूरा देश डॉ. मनमोहन सिंह की मौत पर शोक मना रहा है, तब राहुल गांधी वियतनाम में पार्टी कर रहे हैं!" और बस, ये कहते ही बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मालवीय का कहना था कि राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री की मौत का राजनीतिक फायदा उठाया, और फिर भी, उन्हें यह सब अवमानना लगा।

कांग्रेस का पलटवार 

कांग्रेस भी कहां चुप रहने वाली थी। कांग्रेस पार्टी के सदस्य मणिकम टैगोर ने ट्वीट करते हुए जवाब दिया, "संघी लोग कब अपनी ध्यान भटकाने वाली राजनीति बंद करेंगे? क्या मोदी जी ने मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए यमुना तट पर जगह देने से मना कर दिया था? शर्मनाक!" टैगोर ने बीजेपी से पूछा, "राहुल गांधी अगर निजी यात्रा पर गए हैं, तो आपको क्यों परेशानी हो रही है? नया साल आ रहा है, थोड़ी ताजगी लीजिए!" 

दोनों का पक्ष 

बीजेपी का कहना था कि गांधी परिवार ने डॉ. सिंह के अस्थि विसर्जन में भी हिस्सा नहीं लिया, जबकि कांग्रेस का कहना था कि यह परिवार की गोपनीयता का मामला था। कहने को तो यह सब राजनीतिक बयानबाजी है, लेकिन बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी का विदेश जाना उनकी सस्ती राजनीति का हिस्सा है।
अब, मजेदार बात ये है कि अमित मालवीय ने राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए इंदिरा गांधी के दरबार साहिब विवाद को भी जोड़ दिया और कहा, "गांधी और कांग्रेस सिखों से नफरत करते हैं, यह कभी नहीं भूलना चाहिए!" यह बयान सुनकर कांग्रेस वालों के तो होश उड़ गए होंगे, लेकिन कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी हमेशा ध्यान भटकाने की राजनीति करती है। इस तगड़े सियासी मिस्ट्री में क्या होगा अगला कदम? क्या बीजेपी और कांग्रेस का यह युद्ध और बढ़ेगा? या फिर दोनों पार्टियां नया साल शांति से मनाएंगी? देखते रहिए, क्योंकि सियासत में कुछ भी हो सकता है!

 

6 ) विवाद से विश्वास स्कीम 2024: टैक्स विवाद सुलझाने का सरकार का अंतिम मौका

 

कभी सुना है, जिस चाय की कीमत दो रुपये थी, अब वही कप दस रुपये का हो गया हो? बिल्कुल वैसा ही कुछ टैक्स के मामलों में हो सकता है! सरकार ने ‘विवाद से विश्वास स्कीम 2024’ का जो मौका दिया है, वह एक आखिरी फ्लैश सेल जैसा है। इस स्कीम की समय सीमा बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 कर दी गई है। पहले ये डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 थी। मतलब, अब आपके पास एक और महीना है अपने पेंडिंग टैक्स विवादों को सस्ते में निपटाने का।

क्या है विवाद से विश्वास स्कीम?

बजट 2024 में लॉन्च हुई ये स्कीम टैक्स विवादों को खत्म करने का एक दमदार तरीका है। इसका उद्देश्य है टैक्सपेयर्स और सरकार, दोनों का झंझट खत्म करना। सरकार कहती है, कम पैसे में मामले का झंझट निपटाओ। पूरे देश में 2.7 करोड़ टैक्स विवाद लंबित हैं, जिनकी कुल राशि 35 लाख करोड़ रुपये है। अब सोचिए, सरकार ने इसे हल करने के लिए एक नया रास्ता खोला है। सरकार के पास भी इनसे निपटने का वक्त नहीं है और आपकी भी नींद उड़ी पड़ी है। तो सरकार ने स्कीम निकाली है कि कम टैक्स देकर जुर्माना और ब्याज से छुटकारा पाओ।

विवाद से विश्वास स्कीम की प्रक्रिया और फायदा 

31 जनवरी 2025 तक अगर आप इस स्कीम का फायदा उठाते हैं, तो आपको सिर्फ विवादित टैक्स का 100% और जुर्माने या ब्याज का 25% देना होगा।
लेकिन अगर आप 1 फरवरी 2025 के बाद आते हैं, तो मामला महंगा हो जाएगा। तब आपको विवादित टैक्स का 110% और जुर्माने या ब्याज का 30% देना होगा। इस स्कीम का प्रोसेस बड़ा आसान और सीधे फॉर्म्स पर आधारित है इसे 4 फॉर्म में बांटा गया है। फॉर्म-1 में आप डिक्लेरेशन भरते हैं और सरकार से कहते हैं मुझे स्कीम चाहिए। फिर फॉर्म-2 में सरकार आपकी डिक्लेरेशन की जांच करेगी और सर्टिफिकेट इश्यू करेगी। इसके बाद फॉर्म-3 में आप अपनी पेमेंट की जानकारी देंगे। इस स्कीम का लाभ वे सभी टैक्सपेयर्स उठा सकते हैं, जिनके मामले 22 जुलाई 2024 तक सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल या आयुक्त/संयुक्त आयुक्त (अपील) के पास लंबित हैं। इस प्रक्रिया का अंतिम चरण फॉर्म-4 में सरकार मामले को समाप्त मानकर पूरा करेगी। इसमें वे मामले भी शामिल हैं, जो टैक्स अधिकारियों या टैक्सपेयर्स, किसी भी पक्ष से अपील किए गए हैं। हालांकि, अगर आपके मामले में विदेशों में अघोषित आय या टैक्स चोरी जैसे गंभीर आरोप हैं, तो आप इस स्कीम का लाभ नहीं उठा सकते।

CBDT का सर्कुलर और अल्टीमेटम

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 से बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 कर दी गई है। लेकिन इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि 1 फरवरी 2025 से स्कीम महंगी हो जाएगी। CBDT ने ये भी बताया कि टैक्सपेयर्स को अपने पेंडिंग विवाद निपटाने के लिए ये आखिरी मौका मानना चाहिए। जो लोग 1 फरवरी 2025 के बाद आएंगे, उन्हें विवादित टैक्स पर 10% ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। इससे टैक्स विवाद खत्म होंगे और कोर्ट का बोझ कम होगा। सरकार को तुरंत राजस्व मिलेगा और टैक्सपेयर्स के पुराने झंझट खत्म होंगे।
तो अगर आपका मामला पेंडिंग है, तो ये स्कीम किसी "फ्लैश सेल" से कम नहीं है।

 

7.) 2024 की आखिरी हड़बड़ी, सेंसेक्स-निफ्टी की झूठी तसल्ली

 

आज शेयर बाजार का मूड एकदम दिल्ली के मौसम जैसा था कभी ठंडा, कभी गरम। सेंसेक्स ने 62 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 78,637 पर ओपन हुआ वहीँ निफ्टी 23,796 पर और बैंक निफ्टी 51,255 पर ओपन हुआ। सुबह तो लगा कि बाजार संभल जाएगा, लेकिन दोपहर 2 बजे के बाद ऐसा झटका लगा कि बैंक निफ्टी सीधे 1,000 अंकों की गोता लगा गई। निफ्टी भी 250 अंकों तक गिर गया। क्लोजिंग तक सेंसेक्स 450 अंक गिरकर 78,248 पर, निफ्टी 168 अंक टूटकर 23,644 पर, और बैंक निफ्टी 358 अंक लुढ़ककर 50,952 पर बंद हुआ।

सेक्टोरल परफॉर्मेंस

फार्मा और हेल्थकेयर को थोड़ी सी ग्रोथ मिली वहीं मेटल और ऑटोमोबाइल सेक्टर का बुरा हाल रहा। Adani Enterprise ने ढाई परसेंट की छलांग लगाई, जिसमे Adani Ports 0.73% ऊपर बंद हुआ। Bharti Airtel, Nestle India और Hero MotoCorp जैसे स्टॉक्स ने हल्की ग्रोथ दिखाई।वहीँ दूसरी तरफ, HDFC Life, Tata Steel, Hindalco और BPCL सेक्टर में सेलर का वॉल्यूम ज्यादा होने से बिकवाली जारी रहा। जिससे निवेशकों को थोड़ा सा नुक्सान झेलना पड़ा। इसमें Top Gainers में Bajaj Holdings and Investment का 17% गेन, ITI Ltd 16%, Astrazeneca Pharma 15% और IREDA का 11% स्टॉक प्राइस में गेन हुआ।

ग्लोबल मार्केट का हाल

ग्लोबल का भी हाल कुछ अच्छा नहीं है। अमेरिकी DAO (Decentralized autonomous organization) लगातार 5 दिन की तेजी के बाद शुक्रवार को 300 अंक गिर गया। टेक शेयरों की पिटाई ने नैस्डैक को 300 अंकों की लुढ़कन दी। एशिया में निक्केई भी 300 अंक नीचे फिसल गया। कच्चा तेल थोड़ा चमकते हुए 74 डॉलर पर पहुंच गया, लेकिन सोने-चांदी की हालत खराब रही। सोना 15 डॉलर गिरकर 2,640 डॉलर पर और चांदी डेढ़ परसेंट टूटकर 88,900 रुपये के नीचे आ गई। वहीँ रुपया भी लड़खड़ाया, और देश का फॉरेक्स रिजर्व 7 महीने के निचले स्तर 644 बिलियन डॉलर पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 1,323 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 2,544 करोड़ के शेयर खरीदे। 

एक्सपर्ट्स की राय 

विशेषज्ञ कह रहे हैं, "साल का आखिरी हफ्ता है, मार्केट थोड़ा भावुक है। 2025 की शुरुआत में निवेशकों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा, खासकर ट्रंप 2.0 की अटकलों और ओवरवैल्यूएशन के चलते। कोई भी निगेटिव न्यूज बड़ा सुधार ला सकती है। सीधा मतलब ये है कि बाजार अभी मूड स्विंग्स में है। कभी लाल, कभी हरा। 2025 आने वाला है। बाजार का कोई भरोसा नहीं, कब गाड़ी पलट जाए!