दिल्ली की सड़कों की बुरी हालत को लेकर दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने आज सुबह से अपनी पूरी कैबिनेट के साथ मिलकर सड़क सुधार अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान 30 सितंबर 2024 से शुरू हुआ है और अगले आठ दिनों तक चलेगा, जिसमें स्थानीय विधायकों और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ मिलकर सड़कों का निरीक्षण किया जाएगा।
इस अभियान का मुख्य लक्ष्य दिवाली से पहले दिल्ली की सड़कों को गड्ढा मुक्त करना है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा दी गई मांग को ध्यान में रखते हुए, सीएम आतिशी ने खुद सड़कों पर उतरकर स्थिति का आकलन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, “हम नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हैं और हमारी प्राथमिकता है कि सड़कें सुरक्षित और अच्छी स्थिति में रहें।”
कैबिनेट के सदस्यों ने विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया, जिसमें दक्षिणी और दक्षिण पूर्वी दिल्ली के क्षेत्र शामिल हैं। इस दौरान, स्थानीय निवासियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझा गया और रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मरम्मत कार्य में कोई देरी न हो, ताकि नागरिकों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।
सीएम आतिशी ने इस मौके पर यह भी आश्वासन दिया है कि अक्टूबर के अंत तक सभी सड़कों को ठीक कर दिया जाएगा, ताकि नागरिकों को दिवाली के दौरान कोई परेशानी न हो। इस पहल से साफ है कि दिल्ली सरकार अब सड़कों की स्थिति को सुधारने के प्रति गंभीर है और नागरिकों की कठिनाइयों को समाप्त करने का प्रयास कर रही है।
इस प्रकार, दिल्ली की सड़कों के सुधार के इस अभियान से उम्मीद है कि नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधा और सुरक्षा मिलेगी। सभी को यह जानने की जरूरत है कि यह अभियान केवल सड़कें ठीक करने का नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
बिहार के सासाराम में सोमवार की सुबह एक भयानक हादसा हुआ है। चेनारी थाना क्षेत्र के सबराबाद में फोरलेन पर खड़े ट्रक में एक बस ने टक्कर मार दी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हुए हैं। घायल हुए लोगों में से आठ महिलाएं भी शामिल हैं। इस दर्दनाक घटना में मृतक राजस्थान के जलावर जिले के निवासी थे, जो पिंडदान करने के लिए गया जा रहे थे।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह हादसा सुबह के समय हुआ जब बस ने तेजी से चलाते हुए खड़े ट्रक में टक्कर मारी। यह घटना इतनी गंभीर थी कि टक्कर के प्रभाव से बस के कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
पुलिस ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है और यह स्पष्ट किया जाएगा कि क्या ड्राइवर की लापरवाही थी या कोई और तकनीकी समस्या। स्थानीय प्रशासन ने दुर्घटना स्थल का दौरा किया और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है और उन्हें सांत्वना दी जा रही है।
यह हादसा सासाराम में सड़क सुरक्षा के मुद्दों को एक बार फिर से उजागर करता है, जहां आए दिन इसी तरह की घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय लोगों ने सड़क पर खड़े भारी वाहनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और बेहतर सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है।
राजनीतिक हस्तियों ने भी इस दुर्घटना पर दुख प्रकट किया है और राज्य सरकार से सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की है। इस दुखद घटना ने सभी को झकझोर दिया है और यह याद दिलाया है कि सड़क पर सावधानी बरतना कितना आवश्यक है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे रविवार को जम्मू में एक भाषण देते समय बेहोश होकर गिर पड़े। यह घटना जसरोटा विधानसभा क्षेत्र के बरनोटी में हुई, जहां खरगे ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अचानक से बेहोश हो गए और मंच पर गिर पड़े। उनके गिरने के बाद कार्यक्रम में कुछ समय के लिए हलचल मच गई, और उन्हें भाषण रोकना पड़ा।
कुछ मिनटों की चिकित्सा सहायता के बाद, खरगे ने बैठकर भाषण देना शुरू किया, लेकिन बीच में उन्हें फिर से रुकना पड़ा। आखिरकार, उन्होंने खड़े होकर केवल दो मिनट का भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अपनी स्थिति को लेकर मजाक किया और कहा, "मैं 83 साल का हूं, अभी मरने वाला नहीं हूं।" इस दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वे तब तक जीवित रहेंगे जब तक मोदी को सत्ता से नहीं हटाया जाता।
इस घटना ने राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी है। खरगे के गिरने की खबर तेजी से फैली, जिससे उनके समर्थकों में चिंता फैल गई। हालांकि, उन्होंने अपनी ऊर्जा को बनाए रखते हुए अंतिम क्षणों में अपने संबोधन को समाप्त किया।
इस घटना से साफ है कि खरगे राजनीतिक रूप से कितने गंभीर हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी सेहत को लेकर चिंता व्यक्त करने के बजाय अपने राजनीतिक लक्ष्यों पर जोर दिया। उनके समर्थकों ने भी उनकी हिम्मत की सराहना की, जिन्होंने इस मुश्किल वक्त में भी अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों को नहीं छोड़ा।
राजनीति में इस प्रकार की घटनाएं कभी-कभी बेहद महत्वपूर्ण होती हैं, और खरगे की यह स्थिति यह दर्शाती है कि उम्र के बावजूद भी वे अपने राजनीतिक संघर्ष में कितने दृढ़ हैं। यह देखकर सभी ने देखा कि उम्र उनके जज्बे को कम नहीं कर सकती।
खरगे की तबीयत बिगड़ने की इस घटना पर राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है। उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए कई नेताओं ने फोन किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, जिन्होंने फोन पर खरगे की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी ली।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच चल रही जंग ने लेबनान की राजधानी बेरूत को जंग का केंद्र बना दिया है। इजरायली हवाई हमलों ने बेरूत में भयंकर तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायल की ओर से किए जा रहे इन हमलों में हिजबुल्लाह के सात बड़े कमांडरों को भी मार गिराया गया है। इजरायली सेना ने पिछले एक हफ्ते में इन कमांडरों को निशाना बनाया, जिससे हिजबुल्लाह को भारी नुकसान हुआ है। इन हमलों ने बेरूत के बड़े हिस्से को मलबे में तब्दील कर दिया है, और वहां के नागरिकों में डर और दहशत का माहौल है।
इस बीच, जंग की इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। फ्रांस के विदेश मंत्री Jean-Noel Barrot लेबनान पहुंचे हैं, और उन्होंने तुरंत युद्धविराम की अपील की है। लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकति के साथ बैठक के दौरान फ्रांस ने इजरायल से हमले रोकने का आग्रह किया है, लेकिन जमीनी हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। इजरायल की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह अपनी कार्रवाई तब तक जारी रखेगा, जब तक हिजबुल्लाह को पूरी तरह खत्म नहीं कर देता। इस बीच, हिजबुल्लाह भी पीछे हटने को तैयार नहीं है और लगातार इजरायल पर जवाबी हमले कर रहा है।
इजरायल का हमला सिर्फ लेबनान तक सीमित नहीं है। हाल ही में इजरायली सेना ने यमन में भी हवाई हमले किए हैं। यमन के Ras Isa और Hodeidah इलाकों में इजरायल के एयरस्ट्राइक से चार लोगों की मौत हो गई है। यह घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि युद्ध का दायरा और बड़ा हो सकता है, जिससे पूरे मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलने का खतरा है।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी यह जंग अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है, और आने वाले दिनों में हालात और ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है, लेकिन अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से नरमी के संकेत नहीं मिले हैं। इजरायल की ओर से बेरूत पर जारी हमले और हिजबुल्लाह की ओर से लगातार जवाबी हमले इस बात का संकेत हैं कि यह युद्ध अभी लंबा खिंच सकता है.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पश्चिम बंगाल के डॉक्टर्स को फिर से सड़कों पर ला खड़ा किया है। इस गंभीर घटना पर आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है, और इससे पहले पूरे राज्य में डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मशाल रैली निकाली। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बैनर तले सैकड़ों डॉक्टर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि अगर उनकी सुरक्षा की मांगें नहीं मानी गईं, तो वे 'काम रोको' हड़ताल शुरू कर सकते हैं, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं फिर से प्रभावित हो सकती हैं।
डॉक्टर्स की यह नाराजगी केवल आरजी कर कॉलेज की घटना तक सीमित नहीं है। हाल ही में उत्तर 24 परगना के सागर दत्ता अस्पताल में एक मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टर्स से मारपीट की घटना भी सामने आई, जिसने इस गुस्से को और भड़का दिया। डॉक्टर्स का कहना है कि अस्पतालों में उनकी सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे वे लगातार हमलों का सामना कर रहे हैं।
इससे पहले भी, आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल के डॉक्टर्स ने 41 दिनों तक काम बंद रखा था, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई थीं। हाल ही में सेवाएं सामान्य हुई हैं, लेकिन डॉक्टर्स अब फिर से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती, तब तक स्थिति में सुधार की कोई उम्मीद नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हैं, और यह देखा जा रहा है कि क्या सरकार डॉक्टर्स की मांगों पर कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।
तुर्की की मशहूर टिकटॉक इनफ्लुएंसर कुबरा अयकुट की दुखद मौत ने उनके फैंस को गहरा सदमा दिया है। 26 वर्षीय कुबरा, जो खुद से शादी करने के अनोखे वीडियो के लिए दुनियाभर में चर्चा में आई थीं, इस्तांबुल के सुल्तानबेली जिले की एक लग्जरी अपार्टमेंट बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल से गिर गईं। मौके पर पहुंचे अधिकारियों को कुबरा के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिससे यह घटना आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रही है। उनकी मौत के असल कारणों की जांच जारी है।
कुबरा अयकुट सोशल मीडिया पर अपने अनोखे और अपरंपरागत अंदाज के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने 2023 में खुद से शादी करने का वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वह दुल्हन की पोशाक पहने और टियारा लगाए नजर आईं। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें अपने लिए कोई योग्य वर नहीं मिल रहा, इसलिए उन्होंने खुद से शादी करने का फैसला किया। इस अनोखे वीडियो ने उन्हें सोशल मीडिया पर जबरदस्त लोकप्रियता दिलाई थी।
मृत्यु से कुछ समय पहले अयकुट ने अपने सोशल मीडिया पर एक चिंताजनक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने अपने वजन घटने के बारे में बात की थी। उन्होंने लिखा था, "मैंने अपनी ऊर्जा जमा कर ली है, लेकिन मेरा वजन नहीं बढ़ रहा। हर रोज़ कुछ किलोग्राम वजन घट रहा है। मुझे नहीं पता कि क्या करना चाहिए। मुझे तत्काल वजन बढ़ाने की जरूरत है।" इस पोस्ट ने उनके फैंस को चिंतित कर दिया था, और अब उनकी मौत की खबर से सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई है।
अयकुट की मौत से उनके फॉलोअर्स सदमे में हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। उनके फॉलोअर्स ने उन्हें एक खूबसूरत दिल वाली परी कहा और उनकी रचनात्मकता और जीवन के प्रति उनके अनोखे नजरिए को याद किया। तुर्की के अधिकारियों ने उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, और उनका अंतिम संस्कार उनके गृहनगर में किया जाएगा। इस दौरान कई टिकटॉकर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं।
UP NEET PG 2024 काउंसलिंग के पहले राउंड के लिए पंजीकरण की आखिरी तिथि एक बार फिर से बढ़ा दी गई है। इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आज 30 सितंबर 2024 को सुबह 11 बजे तक आवेदन करने का आखिरी मौका है। मेडिकल शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा एमडी, एमएस, पीजी डिप्लोमा, और डीएनबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इस काउंसलिंग प्रक्रिया का आयोजन किया जा रहा है। उम्मीदवार upneet.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
पहले यह तारीख 28 सितंबर तय की गई थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया। खास बात यह है कि राउंड 1 के बाद राउंड 2 और 3 के लिए कोई नया पंजीकरण नहीं होगा। जिन उम्मीदवारों को सीटें आवंटित नहीं होंगी, उन्हें 2,000 रुपये की गैर-वापसी योग्य फीस के साथ फिर से आवेदन करना होगा। काउंसलिंग की कुल चार राउंड होंगी, जिसमें पहला राउंड, दूसरा राउंड, तीसरा राउंड और स्ट्रे वैकेंसी राउंड शामिल हैं।
NEET PG परीक्षा 2024 पास करने वाले उम्मीदवार, जिन्होंने एमडीएस के लिए 30 जून 2024 तक और एमडी, एमएस, डिप्लोमा, और डीएनबी के लिए 15 अगस्त 2024 तक एक साल की अनिवार्य रोटरी इंटर्नशिप पूरी कर ली है, इस काउंसलिंग के लिए पात्र होंगे। उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस, बीडीएस पास करने वाले उम्मीदवार सरकारी राज्य कोटा सीटों के लिए पात्र होंगे। हालांकि, यूपी के बाहर से एमबीबीएस, बीडीएस करने वाले छात्रों को केवल निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में ही प्रवेश मिल सकेगा।
भारत में डिजिटल अरेस्ट का एक नया स्कैम सामने आया है, जिसमें वर्धमान ग्रुप के मालिक श्री पॉल ओसवाल को 7 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। लुधियाना पुलिस के अनुसार, साइबर ठगों ने ओसवाल को फर्जी सीबीआई ऑफिसर बताकर वीडियो कॉल पर अरेस्ट वॉरंट दिखाया और उनसे पैसे ट्रांसफर करने की मांग की। उन्हें डराने के लिए ठगों ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के नाम भी लिए। इस मामले में दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे 5.25 करोड़ रुपये भी बरामद हुए हैं। इस स्कैम के तहत ठगों ने ओसवाल को लगातार वीडियो कॉल पर बनाए रखा, जिससे उन्होंने बिना किसी संपर्क के पैसे ट्रांसफर करने पर मजबूर कर दिया। इस घटनाक्रम ने लोगों के बीच डिजिटल अरेस्ट की तकनीक के प्रति जागरूकता बढ़ाई है, क्योंकि यह नए तरह के साइबर ठगी का संकेत है।
सरकारी एजेंसियों ने लोगों को चेतावनी दी है कि ऐसे कॉल्स पर तुरंत पुलिस में शिकायत करें और किसी भी अनजान कॉल पर भरोसा न करें। यदि कोई आपको इस तरह की धमकी भरे कॉल्स करता है, तो उन्हें नजरअंदाज करें और बिना किसी जानकारी के पैसे न भेजें। डिजिटल अरेस्ट के तहत ठग आमतौर पर पढ़े-लिखे और समझदार लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, जिससे साइबर सुरक्षा की दिशा में और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में गोविंदपुरी-भीमसेन रेलवे लाइन पर एक बार फिर अग्निशामक सिलिंडर मिलने से बड़ा हादसा टल गया। रविवार सुबह जब पुष्पक एक्सप्रेस मुंबई से लखनऊ की ओर बढ़ रही थी, तभी लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। जानकारी के अनुसार, जब ट्रेन की रफ्तार धीमी थी, तभी लोको पायलट एके भसीन ने ट्रैक पर कुछ संदिग्ध वस्तु देखी। नजदीक जाकर देखा तो पाया कि वहां रेलवे का अग्निशामक सिलिंडर पड़ा था।
इस घटना के बारे में रेलवे अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया और सिलिंडर को सेंट्रल स्टेशन पर जमा कराया गया। जांच में पता चला कि यह सिलिंडर गोरखपुर के सीनियर सेक्शन इंजीनियर द्वारा जारी किया गया था और इसमें अग्निरोधक रसायन भरा हुआ था। अगर यह सिलिंडर ट्रेन के इंजन से टकराता, तो बड़ा धमाका हो सकता था। रेलवे के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और कैरिज और वैगन विभाग इस बात की पड़ताल कर रहा है कि यह सिलिंडर कैसे ट्रैक पर आया।
यह पहली बार नहीं है जब कानपुर में इस प्रकार की घटना हुई है। इससे पहले भी कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस और कालिंदी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा उपायों की कमी है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।
कानपुर का यह इलाका दादानगर औद्योगिक क्षेत्र के निकट है, और रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अग्निशामक सिलिंडर के ट्रैक पर पाए जाने की जांच के लिए विभिन्न एजेंसियों को शामिल किया गया है। जांच में शामिल टीमें यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह सिलिंडर जानबूझकर ट्रैक पर फेंका गया था या यह किसी की लापरवाही का परिणाम है।
प्रयागराज में कांग्रेस पार्टी के संविधान सम्मान समारोह के दौरान, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य में बुलडोजर राज और फर्जी एनकाउंटरों के माध्यम से संविधान का अपमान किया जा रहा है। पांडेय ने डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के अधिकारों की रक्षा का संकल्प लेते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी हर हाल में इस संविधान की रक्षा करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, और महिलाओं की सुरक्षा भी खतरे में है।
इस समारोह में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने जाति जनगणना की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर मजबूती बनाने की अपील की ताकि आगामी फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी पूरे दमखम से लड़ सके। राष्ट्रीय महासचिव राजेश तिवारी ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी की कोशिशें जारी रहेंगी, और जरूरत पड़ने पर कार्यकर्ता अपने प्राणों की भी बाजी लगाने को तैयार हैं।
हालांकि, इस समारोह में एक अप्रिय घटना हुई जब फूलपुर उपचुनाव के दावेदारों के समर्थकों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिससे सभास्थल पर भगदड़ मच गई। कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना ने स्थिति को संभालने के लिए मंच से उतरकर दोनों पक्षों के बीच शांति स्थापित करने का प्रयास किया। इस घटना ने कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संघर्षों को उजागर किया और मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।