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Breaking News 30 October 2024

1.) धनतेरस पर इंडेक्स ने छुआ सातवा आसमान 
                                                                                                                                                                                                                                                                    
धनतेरस पर बाजार में आई लंबी उछाल  

बीता हफ्ता मार्केट का असमंजस में बीता है, कभी इंडेक्स ऊपर तो कभी स्टॉक्स नीचे | निवेशकों का प्रेडिक्शन सही से काम नहीं कर रहा था , लेकिन धनतेरस के दिन मार्केट बंद होते होते सभी इंडेक्स अपट्रेंड ही थे| अगर बैंक निफ़्टी की बात की जाये तो 1000 की बढ़ोतरी के साथ बैंक निफ़्टी 52320 पर क्लोज हुआ  | वही निफ़्टी 50 ,24466 पर क्लोज हुआ, Finnifty 500 पॉइंट की बढ़ोतरी के साथ 24357 पर क्लोज हुआ,वही सेंसेक्स की बात करें तो सेंसेक्स 363 पॉइंट के साथ 80369 पर क्लोज हुआ, कुल मिलाकर सभी इंडेक्स अपट्रेंड में रहे है | हालांकि इस बीच (VI) वोडाफोन आईडिया का शेयर दिन पे दिन ढीला होता जा रहा है कंपनी के दावे गलत नज़र आ रहे है, F&O सेगमेंट में काफी वोलैटिलिटी रही जिससे इंट्राडे ट्रेडर्स ने खूब पैसा छापा, हालांकि मार्किट वोलैटिलिटी में पैसा गवाना और कमाना लगभग एक समान है, चुकी एक्सपेरिएंस्ड ट्रेडर्स ही इसमें टिकते है | 

स्टॉक्स का क्या रहा हाल 

स्टॉक्स में लार्ज कैप की बात करे तो माक्रोटेच DEVS 80 अंक ऊपर रहा जहाँ  इसके शेयर की प्राइस बढ़ कर 1187. 60 रही | वही SBI ने 40 पॉइंट बढाकर अपने स्टॉक प्राइस को 832 रूपए किया,भारत इलेक्ट्रॉनिक्स 283 रूपए पर शेयर रहा, कैनरा बैंक 103, आईसीआईसीआई बैंक 1331, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया 115 पर क्लोज हुआ | स्टॉक्स में सबसे ज्यादा घाटा देने वाली शेयर मारुती सुजुकी बनी जो 437 अंक डाउन रहा मारुती सुजुकी 11046 पर शेयर प्राइस पर क्लोज हुआ | धनतेरस पर मार्केट  में लक्ष्मी जी बनी रही जिससे निवेशकों को काफी फायदा आया वही टोरेंट फार्मा 3215 रूपए पर शेयर पर क्लोज हुआ |  मिडकैप स्टॉक्स स्टेबल रहा | 

ग्लोबल मार्केट का हाल 

नैस्डेक 48 पॉइंट लाल होकर 18572 पर क्लोज हुआ, S&P 5874 पर क्लोज हुआ, DAX 19591 पर क्लोज हुआ,  CAC 7577 पर क्लोज हुआ | ग्लोबल मार्केट कुल मिलाकर Saidways ही रहा, अगर इसकी Comparison दलाल स्ट्रीट से करें तो भारतीय बाजार काफी एनर्जेटिक रहा, या तो ऊपर था या तो निचे पर पिछले महीनो के रिकॉर्ड में कभी भी Saidways नहीं रहा, इन सभी आंकड़ों से लगता है की आने वाले भविष्य में देसी मार्केट विदेशी मार्केट को Dominate करेगा |

 

1.) 4.)धनतेरस पर इंडेक्स ने छुआ सातवा आसमान 
                                                                                                                                                                                                                                                                         
धनतेरस पर बाजार में आई लंबी उछाल  

बीता हफ्ता मार्केट का असमंजस में बीता है, कभी इंडेक्स ऊपर तो कभी स्टॉक्स नीचे | निवेशकों का प्रेडिक्शन सही से काम नहीं कर रहा था , लेकिन धनतेरस के दिन मार्केट बंद होते होते सभी इंडेक्स अपट्रेंड ही थे| अगर बैंक निफ़्टी की बात की जाये तो 1000 की बढ़ोतरी के साथ बैंक निफ़्टी 52320 पर क्लोज हुआ  | वही निफ़्टी 50 ,24466 पर क्लोज हुआ, Finnifty 500 पॉइंट की बढ़ोतरी के साथ 24357 पर क्लोज हुआ,वही सेंसेक्स की बात करें तो सेंसेक्स 363 पॉइंट के साथ 80369 पर क्लोज हुआ, कुल मिलाकर सभी इंडेक्स अपट्रेंड में रहे है | हालांकि इस बीच (VI) वोडाफोन आईडिया का शेयर दिन पे दिन ढीला होता जा रहा है कंपनी के दावे गलत नज़र आ रहे है, F&O सेगमेंट में काफी वोलैटिलिटी रही जिससे इंट्राडे ट्रेडर्स ने खूब पैसा छापा, हालांकि मार्किट वोलैटिलिटी में पैसा गवाना और कमाना लगभग एक समान है, चुकी एक्सपेरिएंस्ड ट्रेडर्स ही इसमें टिकते है | 

स्टॉक्स का क्या रहा हाल 

स्टॉक्स में लार्ज कैप की बात करे तो माक्रोटेच DEVS 80 अंक ऊपर रहा जहाँ  इसके शेयर की प्राइस बढ़ कर 1187. 60 रही | वही SBI ने 40 पॉइंट बढाकर अपने स्टॉक प्राइस को 832 रूपए किया,भारत इलेक्ट्रॉनिक्स 283 रूपए पर शेयर रहा, कैनरा बैंक 103, आईसीआईसीआई बैंक 1331, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया 115 पर क्लोज हुआ | स्टॉक्स में सबसे ज्यादा घाटा देने वाली शेयर मारुती सुजुकी बनी जो 437 अंक डाउन रहा मारुती सुजुकी 11046 पर शेयर प्राइस पर क्लोज हुआ | धनतेरस पर मार्केट  में लक्ष्मी जी बनी रही जिससे निवेशकों को काफी फायदा आया वही टोरेंट फार्मा 3215 रूपए पर शेयर पर क्लोज हुआ |  मिडकैप स्टॉक्स स्टेबल रहा | 

ग्लोबल मार्केट का हाल 

नैस्डेक 48 पॉइंट लाल होकर 18572 पर क्लोज हुआ, S&P 5874 पर क्लोज हुआ, DAX 19591 पर क्लोज हुआ,  CAC 7577 पर क्लोज हुआ | ग्लोबल मार्केट कुल मिलाकर Saidways ही रहा, अगर इसकी Comparison दलाल स्ट्रीट से करें तो भारतीय बाजार काफी एनर्जेटिक रहा, या तो ऊपर था या तो निचे पर पिछले महीनो के रिकॉर्ड में कभी भी Saidways नहीं रहा, इन सभी आंकड़ों से लगता है की आने वाले भविष्य में देसी मार्केट विदेशी मार्केट को Dominate करेगा |

 

2.) बॉलीवुड की सबसे बड़ी क्लैश 

भूल भुलैया 3 और सिंघम अगेन में कौन जीतेगा 

 भूल भुलैया 2000s किड्स  के लिए कल्ट क्लासिक मूवी थी, जब भूल भुलैया 2 आयी थी तो पब्लिक में काफी Confusion था कार्तिक आर्यन को लेकर, हालांकि जब भूल भुलैया 2 ने सबकी उमीदों से ज्यादा कमा कर 200 करोड़ रूपए का बिजनेस किया तो सबकी आंखें खुली की खुली रह गयी | कार्तिक आर्यन फिर अपना परचम लहराने आ रहे है भूल भुलैया 3 के साथ, पर इस बार उनका टक्कर होगा सिंघम अगेन के साथ | भूल भुलैया को 3 टी सीरीज प्रोडयूस कर रहा है जिसके कर्ता भूषण कुमार है , सिंघम अगेन और भूल भुलैया 3 में स्क्रीन की होड लगी है,हालाकि इस मामले में मल्टीप्लेक्स में सिंघम अगेन आगे है पर आगे का कुछ कह नहीं सकते । इसी बीच सबसे बड़ी खबर आई है  टी सीरीज ने सिंघम अगेन के टाइटल ट्रैक पर कॉपीराइट स्ट्राइक मार दी है। असल में पिछली सिंघम मूवीज में जो सिंघम का टाइटल ट्रैक था उसके राइट्स टी सीरीज के पास थे, और इस फिल्म के डायरेक्टर रोहित सेट्टी ने सिंघम अगेन के राइट्स नहीं खरीदे जिसकी वजह से सिंघम अगेन का टाइटल ट्रैक अपलोड करते ही टी सीरीज ने स्ट्राइक मार दी, हालांकि विशेषज्ञ इसे टी सीरीज का गन्दा गेम कह रहे है | 

सिंघम अगेन के कास्ट एंड क्रू का मूवी पर इम्पैक्ट 

मूवी में होने वाले Surprising cameos को Revel करके सिंघम अगेन की टीम ने भारी गलती की है, Fans  का कहना है की कैमिया को ट्रेलर में ही दिखा कर मूवी का हुक खत्म किया जा रहा है ,इस मूवी में सलमान खान As चुलबुल पांडेय Appear होने वाले थे, पर हालही में हुई घटनाओ से अभी क्लियर नहीं है की उनका कैमिया होगा या नहीं | अगर ट्रेलर की बात करे तो ट्रेलर में सिंघम ( अजय देवगन), करीना कपूर, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह के साथ साथ कुछ नए कैरेक्टर्स को इंट्रोडूस किया गया है जैसे टाइगर श्रॉफ और दीपिका पादुकोण (लेडी सिंघम) को दिखाया गया है टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार दोनों का बुरा समय समय चल रहा है पता नहीं इसमें वो दोनों क्या गुल खिलाएंगे | 

भूल भुलैया 3 में लाये गए OG कैरेक्टर्स 

साल 2007 की भूल भुलैया अपने दो वजह से Cult Classic बनी , पहली तो अक्षय कुमार के वजह से जो Sadly इस मूवी में नहीं है और दूसरा आमी जे तोमर  गाने और विद्या बालन के क्लासिकल डांस के वजह से | भूल भुलैया 2 में वो नहीं आ पायी क्यूंकि उनकी अपनी कुछ Priority थी, हालांकि इस बार विद्या बालन भूल भुलैया 3 में मंजुलिका के कैरेक्टर में Return कर रही है जिसका वेट OG Fans सालों से कर रहे है | पर उससे भी बड़ी बात ये है की इस मूवी में इंडिया की सबसे फेवरेट डांसर और अब तक की सबसे बड़ी मूवी स्टार माधुरी दीक्षित आ रही है जिससे इस मूवी को काफी बूस्ट मिला है ,कार्तिक आर्यन अपनी इस मूवी को लेकर काफी कॉन्फिडेंस में है | 

कौन जीतेगा दोनों में 

Box Office Collection और Word Of Mouth ही Decide करते है की ओवरआल मूवी कैसी है, फ़िलहाल स्क्रीन के मामले में सिंघम अगेन आगे है, पर सिंघम अगेन अगर घिसी पीटी So Called इंडियन मसाला मूवी निकली तो फिर यहाँ कार्तिक आर्यन बाज़ी मार देंगे | ये निर्भर करता है ऑडियंस के चॉइस पर 
सिंघम अगेन के ओपनिंग डे के लिए अब तक 4226 शो बुक हो चुके है, वही भूल भुलैया 3 के 4734 शो बुक हुए है |  दोनों फिल्मों की प्री-सेल आज और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है और यह साल की सबसे ज्यादा प्री टिकट सेल में से एक होने की उम्मीद है. दोनों फ्रेंचाइजी लोगों के बीच बेहद पॉपुलर हैं इसलिए बॉक्स ऑफिस पर दोनों फिल्मों के बीच कड़ी टक्कर होगी |

 

3.) छोटी दीपावली को क्यों कहा जाता है नरक चतुर्दशी?

भगवान श्रीकृष्ण और नरकासुर से जुड़ी है पौराणिक कथा

सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार दीपावली को हिंदुओं का सबसे बड़ा व प्रमुख पर्व माना जाता है। वहीं प्रत्येक वर्ष दीवाली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद नरक चतुर्दशी मनाई जाती है, जिसे हम छोटी दीवाली के नाम से भी जानते हैं। इस दिन को मनाने के पीछे के कारण का उल्लेख एक पौराणिक कथा में मिलता है, जिसका संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है। क्या है इसके पीछे कि पौराणिक कथा? तो आपको बता दें, पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भौमासुर अर्थात नरकासुर नामक एक राक्षस ने तीनों लोकों में हाहाकार मचाया हुआ था। धरती पर निवास करने वाले मनुष्यों से लेकर स्वर्ग के देवता तक उसके अत्याचारों से परेशान थे। मान्यताओं के अनुसार नरकासुर को यह श्राप मिला हुआ था कि उसकी मृत्यु केवल किसी स्त्री के हाथों ही होगी, इसलिए उसने लगभग 16 हजार कन्याओं का हरण कर लिया। इस स्थिति से निपटने के लिए देवताओं के राजा इंद्रदेव, भगवान श्रीकृष्ण से सहायता मांगने पहुंचे। इंद्रदेव की प्रार्थना स्वीकार करते हुए, भगवान श्रीकृष्ण अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ नरकासुर का वध करने निकल गए। भगवान ने सत्यभामा को अपना सारथी बनाया और उनकी सहायता से नरकासुर का वध कर दिया। इसके बाद श्रीकृष्ण और सत्यभामा ने राक्षस की कैद से 16100 कन्याओं को मुक्त करवाया। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नकारासुर का वध कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ही किया गया था, इसलिए हर साल इस तिथि को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है, जिसे हम सभी छोटी दीवाली के नाम से भी जानते हैं।

नरक चतुर्दशी के दिन पूजा का शुभ समय?

दीपावली से पहले छोटी दीपावली का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है और इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। सनातन हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन यम, हनुमना जी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि उपासना करने से मनुष्य के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन भी होता है। अब बात करें नरक चतुर्दशी के दिन पूजा के शुभ समय कि तो पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत आज यानि 30 अक्टूबर को दोपहर एक बजकर पंद्रह मिनट से शुरु होगी। वहीं, इस तिथि का समापन कल 31 अक्टूबर दोपहर तीन बजकर बावन मिनट पर होगा। ऐसे में छोटी दीवाली का पर्व आज यानी 30 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। इस योग का समापन देर रात 09 बजकर 43 मिनट पर होगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग है। ज्योतिष हस्त नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इस शुभ अवसर पर वणिज करण का निर्माण हो रहा है। वणिज करण दोपहर 01 बजकर 15 मिनट तक है।

भगवान कृष्ण के नाम से दूर हो जाएंगे सभी कष्ट

सनातन वैदिक पंचांग के अनुसार, 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी है, यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इसे छोटी दीवाली भी कहा जाता है। सनातन शास्त्रों में वर्णित कथाओं में कहा गया है कि जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरकासुर का वध कर कन्याओं को मुक्त कराया था। इसके लिए हर वर्ष कार्तिक माह में नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। अगर आप भी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पाना चाहते हैं, तो नरक चतुर्दशी के दिन भक्ति भाव से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें, पूजा के समय भगवान श्रीकृष्ण के नाम के मंत्रों का जाप करें। नरक चतुर्दशी तिथि पर भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो नरक चतुर्दशी पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है और इस योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है और साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस योग के समय भद्रा पाताल लोक में रहेंगी और भद्रा के पाताल लोक में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों का कल्याण होता है। नरक चतुर्दशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण भी हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 32 मिनट से रात्रि 09:43 मिनट तक है। इस योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी।

नरक चतुर्दशी के दिन क्या करें और क्या न करें?

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हर वर्ष मनाया जाता है और इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कुछ गलतियों को करने से मनुष्य पूजा के पूर्ण फल की प्राप्ति से वंचित रह जाता है। तो आइये जान लेते हैं कि इस दुर्लभ योग में क्या करें और क्या करने से बचें;

नरक चतुर्दशी के दिन ये करें: इस दिन भगवान कृष्ण, हनुमान जी और यम की पूजा करें। घर की विशेष सफाई करें और इसके बाद घर और मंदिर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। अपने घर में से सभी अनावस्यक व खराब चीजों का हटा दें। संध्याकाल में दीपक जलाएं और पूजा के दौरन मंत्रो का जप करें।

नरक चतुर्दशी के दिन इन कार्यों को न करें: इस दिन घर को गंदा न रखें, घर को लाइट और दीपक से सजाएं। तामसिक चीजों का सेवन न करें। धन की बर्बादी न करें। गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र समेत आदि चीजों का दान करें। बड़े-बुजुर्ग और महिलाओं का अपमान न करें, साथ ही किसी से भी वाद-विवाद करने से बचें।

 

4.) Swiggy लांच करेगी अपना IPO 

 ग्रे मार्केट में फुस्स रही Swiggy

 फूड डिलीवर करने वाली फेमस कंपनी Swiggy की शुरुआत Sriharsha Majety, Nandan Reddy, Rahul Jaimini, के द्वारा 1 अगस्त 2014 को हुई थी | Swiggy बेंगलुरु में बेस्ड कंपनी है, इस कंपनी का फ़ूड डिलीवरी का कामकाज 580 शहरो में होता है | Swiggy अब अपना IPO (Initial public offering) 6 नवंबर लांच करेगी | 2024 में  IPO लांच करने की कतार लगी है, एक के बाद एक कंपनी अपनी IPO लांच कर रही है | ऑनलाइन फ़ूड डिलीवर करने वाली कंपनी Swiggy अपने बेहतरीन फ़ूड के लिए जानी जाती है | Swiggy का IPO निवेश के लिए 7 से 8 नवंबर तक  खुला रहेगा, हालांकि इससे पहले हुंडई मोटर इंडिया ने अपना ग्रैंड IPO लांच किया था जो निवेशकों के उमीदों पर खरा नहीं उतर पायी | 11 नवंबर को Swiggy अलॉटमेंट होगा। इसकी लिस्टिंग 13 नवंबर को होने की उम्मीद है। इसका प्राइस बैंड 371 से 390 रुपये के बीच है। एक लॉट में 38 शेयर हैं। इसके लिए 14098 रुपये निवेश करने होंगे। रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट खरीद सकेगा। कंपनी के आईपीओ का इशू साइज 11327 करोड़ है | 

हाल ही में लांच हुई हुंडई का IPO कैसा रहा 

हुंडई के IPO की कीमत 1,960 रुपये प्रति शेयर रखी गई थी। 22 अक्टूबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्टिंग के दौरान इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम में 33 रुपये की गिरावट आई, जो इसकी मांग में थोड़ी कमी को दर्शाता है। इस गिरावट का कारण वर्तमान बाजार की स्थिति और IPO की उच्च वैल्यूएशन को माना जा रहा है। ग्रे मार्केट में स्विगी के आईपीओ का भाव 25 रुपये के जीएमपी (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर खुला था। यह इसके इश्यू प्राइस से 6.41 फीसदी ज्यादा था। ऐसे में इसके 415 रुपये पर लिस्ट होने की उम्मीद थी। इसका (GMP) गिरकर 18 रुपये रह गया। ऐसे में इसकी अनुमानित लिस्टिंग प्राइस 408 रुपये (4.62 फीसदी) पर आ गई है।
                                                   
Grey Market क्या है 

Grey Market एक इनफॉर्मल मार्केट है जहाँ निवेशक किसी कंपनी के IPO (Initial Public Offering) की लिस्टिंग से पहले ही उसके शेयरों की खरीद-जाँच  करते हैं। यहाँ पर ट्रेडिंग बिना किसी आधिकारिक स्टॉक एक्सचेंज पर रजिस्टर हुए ही होती है, इसलिए इसे अनौपचारिक या "ग्रे" मार्केट कहा जाता है। ग्रे मार्केट में कंपनियों के शेयरों की कीमत लिस्टिंग से पहले की संभावित मांग और निवेशकों के दाम और नंबर के आधार पर तय होती है।
ग्रे मार्केट में दो मुख्य तरीके होते हैं:
1. ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP): यह उस मूल्य को दर्शाता है जो निवेशक IPO के issue price के ऊपर देने को तैयार हैं। अगर किसी शेयर का GMP अधिक है, तो इसका मतलब है कि उस IPO के प्रति बाजार में पॉजिटिव इम्पैक्ट है | 
2. कास्टिंग: इसमें एक निवेशक IPO में अप्लाई करता है और अगर उसे शेयर मिलते हैं, तो वह इन्हें ग्रे मार्केट के खरीदार को बेच देता है।
हालांकि ग्रे मार्केट से स्टॉक एक्सचेंज के ऑफिसियल रेट पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है, लेकिन यह IPO की 
Potential Demand और शुरुआती परफॉर्मेंस का संकेत देता है |

 

5.) दुनियाभर में बढ़ रही इस बीमारी से फूले WHO के हाथ-पैर

अगर आप में भी हैं ऐसे लक्षण तो हो जाएं सावधान

बीते दो दशकों में भारत ने अपने निर्धारित लक्ष्य पर गंभीरता से काम करके और लोगों में जागरूकता बढ़ाकर कई गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म किया है। छोटे बच्चों में पोलियो जैसी गंभीर बीमारी पर भारत की जीत ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। इसी क्रम में भारत साल 2025 तक ट्यूबरक्लोसिस (TB) रोग को खत्म करने के लक्ष्य पर भी काम कर रहा है, हालांकि इस लक्ष्य को पूरा कर पाना इतना आसान नजर नहीं आ रहा है। शरीर के भीतर फेफड़ों में होने वाले इस गंभीर संक्रमण से हर साल दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं और भारत भी इससे अछुता नहीं है, यही कारण है कि भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश के लिए ये बीमारी चिंता का कारण बनी हुई है। भारत ने TB को अगले साल तक खत्म करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसके उलट हर साल देश में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। आंकड़ों की बात करें तो साल 2023 में भारत में 25.37 लाख TB के मामले दर्ज किए गए, इससे पहले साल 2022 में करीब 24.22 लाख लोगों में इस बीमारी का पता चला था। बता दें, ज्यादातर मामले सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा रिपोर्ट किए गए, निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में मामलों का निदान (diagnosis) किया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ का यहां तक कहना है कि देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हो सकते हैं जिन्हें ये बीमारी तो है पर उनका निदान नहीं किया गया है जिससे संक्रमण के और भी बढ़ने का खतरा बना रहता है।

दुनिया में भी बढ़ रहे हैं TB के मामले

विश्व के हर क्षेत्र में TB के मरीज देखे जा सकते हैं और बीते साल इनकी संख्या में भी बढ़त देखने को मिली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक रिपोर्ट में बताया कि साल 2023 में दुनियाभर में करीब 80 लाख से ज्यादा लोगों में TB का पता चला है। बता दें, साल 1995 में संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा ऐसे मामलों की ट्रैकिंग शुरू किये जाने के बाद से ये दर्ज किए गए मामलों की सबसे अधिक संख्या है। इससे पहले 2022 में WHO ने TB के 75 लाख मामले दर्ज किए थे। पिछले साल लगभग 12.5 लाख लोगों की TB से मृत्यु भी हुई है। WHO का कहना है कि TB के ज्यादातर मामले दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के लोगों में देखे जा रहे हैं। अब इस पुरे मामले पर खुद WHO के महानिदेशक टेड्रोस ने अपने एक बयान में कहा कि TB अभी भी लाखों लोगों को बीमार कर रहा है और इससे लाखों की संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है और ये निश्चित ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा, हमारे पास इसे रोकने, इसका पता लगाने और इलाज करने के उपकरण हैं फिर भी ये बीमारी लगातार बढ़ रही है, जो वास्तव में ही चिंताजनक स्थिति है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि TB से संबंधित मौतों की संख्या में मामूली गिरावट जरूर आई है। साल 2022 में TB से 13.2 लाख मौतों हुईं जो की घटकर साल 2023 में 12.5 लाख रह गई है, लेकिन नए संक्रमितों की संख्या बढ़ना गंभीर और चिंताजनक विषय है।

ट्यूबरक्लोसिस संक्रमण के बारे में जानिए

मानव शरीर में TB का संक्रमण माइको-बैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रामक रोग है। ये रोग मुख्यरूप से वायुजनित ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। TB से ग्रसित रोग वाले लोगों की खांसी या छींक से निकलने वाले बूंदों के माध्यम से आसपास के अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर किसी भी वक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक अगर खांसी की दिक्कत बनी रहती है और कफ या खून आता है, सीने में दर्द, कमजोरी या थकान की समस्या रहती है तो ये टीबी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा कुछ लोगों में TB के कारण वजन कम होने, भूख कम लगने, ठंड लगने, बुखार और रात में पसीना आने जैसी भी दिक्कत हो सकती है। अगर आपमें भी इस तरह के लक्षण हैं तो तुरंत इसकी जांच कराएं, क्यूंकि इस रोग का समय पर इलाज होने से ही इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

TB के मामले में भारत की स्थिति क्या?

वैश्विक TB के मामले में भारत की स्थिति बहुत खराब है, हालांकि देखा जाए तो भारत आबादी के मामले में भी दुनिया में सबसे आगे है। भारत की बात करें तो यहां सामने आने वाले मामले अब भी वैश्विक TB का लगभग 20-25% हिस्सा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में गंभीर व्यावसायिक जोखिमों को रेखांकित करते हुए एक रिसर्च में पाया गया कि भारत में सामान्य आबादी की तुलना में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच TB के मामले बहुत अधिक हैं। साल 2004 से 2023 के बीच किए गए 10 अलग-अलग अध्ययनों के विश्लेषण से पता चला है कि भारत में प्रति एक लाख स्वास्थ्य कर्मियों पर औसतन 2,391.6 मामले हैं। TB कई तरह से स्वास्थ्य के लिए गंभीर माना जाता है जिससे बचाव के उपाय करते रहना बहुत जरूरी है।

 

6.) शिवसेना के विधायक गायब, आत्महत्या की धमकी 

महाराष्ट्र में टिकट कटने से नाराज  शिवसेना विधायक 2 दिन से गायब 

एकनाथ शिंदे (Chief Minister of Maharashtra) पिछले कुछ वर्षो से अपनी ही पार्टी के सदस्यों के वजह से राजनैतिक हलचल में बने हुए है, इसी बिच इनके पार्टी द्वारा विधानसभा का टिकट देने से मना किए जाने के बाद शिवेसना के विधायक श्रीनिवास वंगा सोमवार से लापता हैं। इस बात की जानकारी उनके परिवार ने दी है। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि पालघर के  विधायक पिछले दो दिनों से परेशान थे। इतना ही नहीं वह आत्महत्या करने का भी विचार कर रहे थे। वंगा की पत्नी ने मीडिया को बताया कि वंगा ने खाना-पीना छोड़ दिया था और सोमवार शाम को बिना किसी को बताए घर से चले जाने तक रोते रहे थे। उन्होंने बताया कि उसके बाद विधायक वंगा से संपर्क नहीं हो पा रहा है और उनके फोन भी बंद है। एकनाथ शिंदे स्वयं ठाणे जिले में बेहद प्रभावशाली माने जाते हैं अपने शुरुआती जीवन में, उन्होंने एक ऑटो रिक्शा चालक के रूप में काम किया और इसके बाद वह पॉपुलर हुए। शिवसेना में शामिल होकर, वह ठाणे महानगर पालिका में नगर सेवक बने और बाद में विधायक के तौर पर कई बार चुने गए। इसी से मिलता जुलता किस्सा कुछ वांगा का भी है वंगा ने गायब होने से 2 दिन पहले अपना इंटरव्यू दिया और कहा मुझे शिवसेना पार्टी की सेवा नहीं करनी चाहिए थी मुझसे बड़ी गलती हुई है | हालांकि 36 घंटे गायब होने के बाद वो 3 बजे रात को घर आये ,और उन्होंने कहा की मुझे आराम की जरुरत है और ये कह कर वो 2 दिन के लिए फिर से घर से बाहर चले गए है | 

अगर कुछ घटित होगा तो उसका जिम्मेदार कौन 

विधयक एक बड़ा पद होता है अगर वंगा को कुछ होता तो शिवसेना को इसका बहुत बड़ा पोलिटिकल इम्पैक्ट पड़ता और शिंदे के प्रति लोगो का आक्रोश बढ़ सकता है , हालांकि इंटरनली क्या होता है या क्या  होगा इसका वंगा के गायब होने के सवाल पर ऑफिसियल स्टेटमेंट नहीं आया है, हालांकि  इनके पार्टी में शामिल कई विधायकों के दिलचस्प किस्से अक्सर चर्चा में रहते हैं। इस सम्बन्ध में  कई बार टिकट कटने के बाद नेता दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते हैं, जहां उन्हें ज्यादा अवसर मिलता है। कुछ नेता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं। कुल मिलाकर, टिकट काटने का निर्णय पार्टी की राजनीतिक स्थिति और चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है |