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Breaking News 30 January 2025

1) पूर्व सैनिक ने अपनी ही पत्नी की हत्या की ! 

 

तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के मीरपेट क्षेत्र में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने हर किसी को हिलाकर रख दिया। यहां एक पूर्व सैनिक ने न सिर्फ अपनी पत्नी की निर्मम हत्या की, बल्कि उसके शव के टुकड़े कर उन्हें प्रेशर कुकर में उबाला और बाद में झील में फेंक दिया। पुलिस की शुरुआती जांच में यह मामला गुमशुदगी का लग रहा था, लेकिन जब पुलिस ने तहकीकात की, तो हत्या का खौफनाक सच सामने आया। मामला मीरपेट के न्यू वेंकटेश्वरा नगर कॉलोनी का है, जहां आरोपी गुरु मूर्ति (45) अपनी पत्नी वेंकट माधवी (35) और दो बच्चों के साथ रहता था। मूल रूप से वह आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का निवासी है और सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कंचनबाग स्थित डीआरडीओ (DRDO) में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते रहते थे, जो इस खौफनाक वारदात की वजह बना। न माधवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट 18 जनवरी को मीरपेट पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी। इस मामले में गुरु मूर्ति ने भी पुलिस के साथ मिलकर पत्नी की तलाश करने का दिखावा किया। लेकिन जब पुलिस ने उसके घर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो सच्चाई सामने आने लगी। फुटेज के मुताबिक, 15 जनवरी की रात को गुरु मूर्ति और माधवी दोनों घर के अंदर गए थे, लेकिन उसके बाद माधवी के बाहर निकलने के कोई सबूत नहीं मिले। इस रहस्यमयी स्थिति ने पुलिस का शक और गहरा कर दिया। इसके बाद पुलिस ने 28 जनवरी को गुरु मूर्ति को पूछताछ के लिए बुलाया, जहां उसने हत्या की पूरी कहानी कबूल ली।

गुरु मूर्ति ने खुद बताया हत्या का खौफनाक तरीका

पूछताछ के दौरान गुरु मूर्ति ने बताया कि 16 जनवरी की रात उसका पत्नी से किसी बात पर झगड़ा हुआ था। गुस्से में आकर उसने माधवी का गला घोंटकर हत्या कर दी। लेकिन शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने एक डरावनी योजना बनाई। सबसे पहले उसने माधवी के शव को बाथरूम में ले जाकर टुकड़ों में काटा। फिर उसने प्रेशर कुकर में उन्हें उबाला, ताकि शरीर जल्दी गल जाए और आसानी से ठिकाने लगाया जा सके। शव के बचे हुए हिस्सों को उसने झील में फेंक दिया। हत्या के बाद पुलिस की पकड़ से बचने के लिए गुरु मूर्ति ने सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की। उसने मृतका की हड्डियों को पत्थर से पीसकर चूर्ण बना दिया और फिर उसे शौचालय में बहा दिया। इतना ही नहीं, अपराध के निशान मिटाने के लिए उसने बाथरूम को डिटर्जेंट और फिनाइल से साफ कर दिया, ताकि किसी भी तरह के सुराग न मिल सकेंहत्या का खुलासा और आरोपी की गिरफ्तारी

 

हत्या का खुलासा और आरोपी की गिरफ्तारी

सीसीटीवी फुटेज और आरोपी के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी के इस मामले को हत्या में तब्दील कर दिया और 28 जनवरी को गुरु मूर्ति को गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस इस जघन्य अपराध की गहराई से जांच कर रही है और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। न मीरपेट में हुई इस खौफनाक हत्या ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया है। एक पूर्व सैनिक, जो देश की सुरक्षा में सेवा कर चुका था, उसने अपनी ही पत्नी के साथ ऐसा बर्बर कृत्य किया, जिससे समाज का हर व्यक्ति हैरान है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस हत्या में और कोई शामिल था या नहीं और आरोपी के मानसिक स्थिति का भी विश्लेषण किया जा रहा है।

 

2.)  राष्ट्रीय राजधानी के पास बड़ा हवाई हादसा 

 

वाशिंगटन डीसी | अमेरिका के रोनाल्ड रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार रात हुए एक भीषण हवाई हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। महज़ 4-5 किलोमीटर की दूरी पर हुए इस टकराव में "व्हाइट हाउस" भी बाल-बाल बच गया। अमेरिकन एयरलाइंस के एक यात्री विमान और अमेरिकी सेना के ‘ब्लैकहॉक’ हेलीकॉप्टर की भयावह टक्कर के बाद पोटोमैक नदी में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। घटना में विमान में सवार 60 यात्रियों और चालक दल के 4 सदस्यों समेत कुल 64 लोगों की तलाश जारी है। हालांकि, अभी तक हताहतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। टक्कर के तुरंत बाद रीगन हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें स्थगित कर दी गईं और एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने आपातकालीन अलर्ट जारी कर दिया।

कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा?

घटना पूर्वी मानक समयानुसार रात करीब 9 बजे हुई, जब कंसास के विचिटा से आ रहा एक CRJ यात्री विमान रनवे पर उतरने की तैयारी कर रहा था। उसी समय अमेरिकी सेना का एक ‘ब्लैकहॉक’ हेलीकॉप्टर भी उसी एयरस्पेस में था। हवाई यातायात नियंत्रण टावर से प्राप्त ऑडियो रिकॉर्डिंग में एक नियंत्रक को हेलीकॉप्टर के पायलट से पूछते हुए सुना गया "पीएटी25, क्या आपके पास CRJ दिख रहा है?" इसके कुछ ही क्षणों बाद दोनों विमान आपस में भीषण तरीके से टकरा गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के बाद विमान हवा में ही विस्फोट कर गया और उसके मलबे का बड़ा हिस्सा पोटोमैक नदी में जा गिरा।

बचाव कार्य जोरों पर, ट्रंप को दी गई जानकारी

हादसे के तुरंत बाद अमेरिकी तटरक्षक बल, कानून प्रवर्तन एजेंसियां और आपातकालीन बचाव दल पोटोमैक नदी में जीवित बचे लोगों की तलाश में जुट गए। दुर्घटनास्थल के पास जॉर्ज वॉशिंगटन पार्कवे से बचाव नौकाओं को नदी में उतारा गया, जबकि हेलीकॉप्टर लगातार राहत अभियान चला रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस त्रासदी की जानकारी दी गई है। उन्होंने बयान जारी कर इसे एक "भयावह दुर्घटना" करार दिया और राहत कार्यों के लिए हर संभव संसाधन लगाने का निर्देश दिया। अमेरिकी गृह मंत्रालय और संघीय विमानन प्रशासन (FAA) हादसे के कारणों की जांच में जुट गए हैं। इस घटना ने अमेरिका को 13 जनवरी, 1982 की एक भयावह विमान दुर्घटना की याद दिला दी, जब 'एयर फ्लोरिडा' का एक विमान पोटोमैक नदी में गिर गया था। उस दर्दनाक हादसे में 78 लोगों की मौत हुई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला था कि खराब मौसम उसकी वजह थी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस ताज़ा हादसे के पीछे क्या कारण रहा तकनीकी खामी, मानवीय भूल या फिर कोई और वजह? जांच एजेंसियां जल्द ही इस भीषण त्रासदी के पीछे के रहस्यों से पर्दा उठाने में जुटी हैं।

 

3.) भगदड़ के बाद भी संगम में जारी है श्रद्धालुओं का स्नान  

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बीते दिन बुधवार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर करीब सात करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में स्नान किया। महाकुंभ में एक ही दिन में स्नान करने वाले लोगों की आबादी के लिहाज से देखा जाए तो भारत के राज्यों को छोड़िए, यह आबादी कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। स्पेन, ब्रिटेन जैसे यूरोप के प्रमुख देशों की आबादी महाकुंभ में एक दिन में स्नान करने वाले श्रद्धा लुओं से भी कम है। इसी तरह जनसंख्या घनत्व के लिहाज से देखें तो ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में जहां जनसंख्या घनत्व चार व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से भी कम है। वहीं, मौनी अमावस्या पर आए श्रद्धालुओं और प्रयागराज की जनसंख्या को जोड़कर देखें तो जिले का जनसंख्या घनत्व 15 हजार प्रति वर्ग किमी से भी ज्यादा था। एक रिपोर्ट के अनुसार, मौनी अमावस्या पर 7.65 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। प्रागराज की खुद की आबादी 70 लाख से ज्यादा है, यानी मौनी अमावस्या के दिन जिले में 8.5 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौजूदगी रही, जोकि यूरोप के सबसे बड़े देश जर्मनी जिसकी आबादी 8 करोड़ से कुछ ज्यादा है, उसकी आबादी भी प्रयागराज पहुंची भीड़ से कम पड़ गई। इसी तरह ब्रिटेन की आबादी करीब सात करोड़ है, तो वहीं फ्रांस की जनसंख्या छह करोड़ से ज्यादा है। इतना ही नहीं एशिया में भी अधिकतर देशों से ज्यादा रही प्रयागराज की आबादी। एशिया में सिर्फ चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, जापान और फिलीपींस, वियतनाम, ईरान की आबादी ही मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज से ज्यादा दर्ज की गई। इसी तरह दुनियाभर में भारत समेत केवल 18 देश ऐसे हैं, जिनकी आबादी साढ़े आठ करोड़ से ज्यादा है।

संगम में 27 करोड़ से अधिक लोग कर चुकें हैं स्नान

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बीते दिन 29 जनवरी तक प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 27 करोड़ से अधिक लोगों ने पवित्र डुबकी लगा चुके है। वहीं, आज सुबह 8 बजे तक 55 लाख से अधिक लोगों ने पवित्र डुबकी लगा चुके है। महाकुंभ क्षेत्र के घाटों पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का आना जारी है। आपको बता दें, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सहित कई राजनीतिक हस्तियां संगम में स्नान कर चुके हैं। इसी कड़ी में एक फरवरी को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित 50 से अधिक देशों के राजदूतों का प्रागराज में आगमन होगा। वहीं, पांच फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम प्रस्तावित है। सीएम योगी आज उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। मौनी अमावस्या पर भगदड़ से हुए हादसे से उबरकर श्रद्धालुओं का संगम में पावन स्नान जारी है। महाकुंभ में व्यवस्थाएं एक बार फिर पटरी पर हैं और अधिकारी भी अलर्ट हैं। सोमवार, 03 फरवरी को अगले अमृत स्नान के मद्देनजर प्रशासन अभी से पूरी सतर्कता बरत रहा है और श्रद्धालुओं से भी प्रशासन की ओर से दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद बुधवार को ही मुख्यमंत्री के आने की उम्मीद थी। हालांकि, अब उनके आज यानि गुरुवार को आने की संभावना है, मुख्यमंत्री वसंत पंचमी के दिन होने वाले अमृत स्नान की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

भगदड़ को लेकर SC में PIL

महाकुंभ में बीते दिन बुधवार को मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में 50 के करीब लोगों की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया है। योगी सरकार ने महाकुंभ भगदड़ में मृतकों के परिजनों के लिए 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। साथ ही राज्य सरकार ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए हैं। भगदड़ के बाद अब महाकुंभ में हालात पूरी तरह से सामान्य हो गए हैं और किसी को स्नान करने में अब किसी तरह की दिक्कत नहीं हो रही है। भगदड़ की घटना के सामने आने के बाद सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, VVIP पास रद्द कर दिए गए हैं और 4 फरवरी तक शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। महाकुंभ में हुए हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। अर्जी में याचिकाकर्ता ने मांग की है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगे और जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दे। बता दें, मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम में अमृत स्नान करने की प्रबल इच्छा लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। दरअसल, हर कोई इस पवित्र क्षण का भागीदार बनना चाहता था, जिसकी वजह से वहां अप्रत्याशित भीड़ जमा हो गई।

 

4.) प्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का दूसरा दिन

नोएडा के सेक्टर-121 में श्रीजगन्नाथ समिति द्वारा बनाए जा रहे महाप्रभु जगन्नाथ के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आज दूसरा दिन है।आज कलश यात्रा निकाली जा रही है। जिसमें सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में कलश लेकर पदयात्रा कर रही हैं। उनके साथ पुरुष श्रद्धालु पीछे-पीछे चल रहे हैं, जिससे यह भव्य शोभायात्रा और भी दिव्य प्रतीत हो रही है। इस दौरान कई महिलाएं भक्ति भाव में नृत्य भी कर रही हैं, जिससे माहौल भक्तिमय और उल्लासपूर्ण हो गया है।  कल प्राण प्रतिष्ठा की शुरुआत ढोल और मंजीरे की ध्वनि के साथ वेद पाठ से हुई, जिससे पूरे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। इसके बाद विभिन्न कीर्तन मंडलियों द्वारा भजन और पूजा-पाठ हुआ, जिसमें विशेष रूप से आध्यात्मिक टोन के साथ आराधना संपन्न हुई। मंदिर प्रांगण में महायज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न पुरोहितों ने वैदिक मंत्रों के साथ आहुति दी। पूजापाठ का मुख्य अनुष्ठान महाराज जी के कर कमलों द्वारा संपन्न किया गया, जिससे भक्तों की आस्था और उल्लास और बढ़ गया। इसके साथ ही ओडिशा की समृद्ध संस्कृति को दर्शाने वाला आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया गया। प्रसिद्ध गोटीपुआ नृत्य जो ओडिशा के प्राचीन नृत्य रूपों में से एक हैका प्रदर्शन हुआ, जिसने श्रद्धालुओं को भक्तिमय और आनंदित कर दिया। दिन ढलने से पहले झंडा चेंजिंग सेरेमनी का आयोजन हुआ, जिसे चुनरा सेवा कहा जाता है। यह ओडिशा के मंदिरों की परंपरा के अनुसार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें मुख्य पुजारियों द्वारा मंदिर के ध्वज को बदला गया और इसे नए ध्वज से प्रतिस्थापित किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथियों को मंच पर आमंत्रित कर पारंपरिक गमछा पहनाकर सम्मानित किया गया। 

शिल्प कौशल और भक्ति

ओडिशा के कुशल कारीगरों ने मंदिर की जटिल वास्तुकला को जीवंत बनाने में अपना संपूर्ण समर्पण और भक्ति अर्पित की है। पारंपरिक ओडिया मंदिर शैली में निर्मित इस भव्य मंदिर के हर हिस्से में उनकी निपुणता और आस्था झलकती है। उनके लिए, मंदिर का निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह महाप्रभु जगन्नाथ के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। 29 जनवरी 2025 से 2 फरवरी तक पांच दिवसीय भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि संपूर्ण ओडिया समुदाय और भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए एकता, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। समिति सभी भक्तों को इस ऐतिहासिक क्षण में शामिल होने, इस अनूठी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा का साक्षी बनने और अपना योगदान देने के लिए आमंत्रित करती है।

 

5.) मौसम का ये रूप अभी से डरा रहा है लोगों को  

अभी जनवरी का महीना गुजरा भी नहीं है और इतनी तेज धूप निकल रही है कि लोगों को अपने सर्दी के कपड़े उतारने पड़ जा रहे हैं। आमतौर पर उत्तर भारत में, विशेषकर दिल्ली-NCR में जनवरी के महीने में सर्दी चरम पर होती है, शीतलहर और ठंडी हवायें मौसम को और भी सर्द बना देती है। मगर इन दिनों मौसम का जो हाल है, उसे देख ऐसा लगता है जैसे मार्च का महीना हो और कुछ दिन में गर्मी चरम पर होगी और यही वो चिंता है जो लोगों को अभी से डरा रही है। बीते वर्ष तो आपको याद ही होगा, जब गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। साल 2024 में गर्मी का आलम कुछ ऐसा था की फंखे-कूलर तो छोड़िये, AC तक ने काम करना बंद कर दिया था। यहाँ तक पिछले वर्ष भीषण गर्मी की वजह से जगह-जगह AC के कंप्रेसर के फटने की घटनाएं भी सामने आई थी। जहां महीने के शुरुआती दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में मौसम ने ऐसी पलटी मारी कि अब कड़ी धूप निकल रही है। अब आलम ये है कि दिल्ली की तेज धूप ने लोगों को सर्दी के मौसम में ही गर्मा का अहसास करा दिया है और ये संकेत भी है की इस बार गर्मी पिछले सभी रिकॉर्ड ध्वस्त करने वाली है। आमतौर पर देखा गया है की जनवरी के महीने में सर्दी चरम पर होती है और बारिश के बाद भी मौसम इस बार उतना सर्द नहीं हुआ जितना कि आमतौर पर होता है। इसी बीच मौसम विभाग ने दिल्ली-NCR में 3 और 4 फरवरी के बीच बारिश की संभावना जताई गई है। इस दौरान तापमान में हल्की गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे ठंड के एक बार फिर लौट के आने की संभावना है। उत्तर भारत में दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी बारिश के आसार जताया है।

सर्दी में गर्मी का अहसास क्यों?

भारतीय मौसम विभाग की माने तो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण इस बार मौसम ऐसा बदलाव दिख रहा है। बीते एक दशक में दिल्ली समेत उत्तर भारत में इस बार काफी हल्की सर्दी पड़ी है। आमतौर पर दिल्ली में 27 दिसंबर से 20 जनवरी के बीच कड़ाके की सर्दी पड़ती है, जिसमें मौसम का सबसे कम सामान्य तापमान होता है, जबकि इस बार इस दौरान रातें गर्म रहीं और औसत न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है। इस बार मैदानी इलाकों की तरह ही पहाड़ों में सर्दी के मौसम में तापमान अधिक दर्ज किया गया है। हिमाचल प्रदेश में इस बार कम बारिश और बर्फबारी के कारण तापमान में बढ़ोतरी हुई है। कई इलाके तो ऐसे हैं जहां औसत से कम बर्फबारी हुई है, इसके कारण भी पहाड़ी इलाकों और मैदानी इलाकों में ठंड कम हुई है। उधर,कश्मीर में सर्दियों का सबसे ठंडा दौर कहलाने वाला 40 दिन का चिल्लेकलां 31 जनवरी को ड्राई सीजन के साथ समाप्त होने जा रहा है क्योंकि मौसम विभाग ने इस महीने बर्फबारी की कोई संभावना नहीं जताई है। हिमाचल प्रदेश में जनवरी के शुरुआती दिनों में बर्फबारी हुई, लेकिन अब राज्य में तापमान अधिक होने के कारण कई जगहों पर ग्लेशियर पर जमी बर्फ भी पिघलने लगी है।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच ग्रैप-3 लागू

देश की राजधानी की हवा में घुलता जहर एक बार फिर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। दिल्ली की हवा इस कदर प्रदूषित हो चुकी है कि इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है की एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई जगहों पर 380 के पार पहुंच चुका है। आज सुबह 8 बजे का औसत AQI 381 दर्ज किया गया है। अब दिल्लीवालों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो एक बार फिर बीते वर्ष की तरह दिल्ली का AQI 500 के आंकड़े को छू सकता है। इसी बीच दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से एक बार फिर से ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू कर दिया गया है, इसके तहत गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध होता है, साथ ही 5वीं क्लास तक की क्लासेस को ‘हाइब्रिड मोड' (स्कूलों में भी और घरों में ऑनलाइन माध्यम से भी) में संचालित करना होता है। इसके अलावा दिल्ली और आसपास के NCR जिलों में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल कारों का इस्तेमाल प्रतिबंधित होता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, AQI 350 अंक पार होने पर ग्रैप-III और AQI 400 से अधिक होने पर ग्रैप-IV लागू होता है।