कानूनी सुरक्षा पर इस समय सवालों के घेरे में खड़ा है आखिर क्यों हर दूसरे आदमी के हालात अतुल सुभाष जैसे है ? आखिर तलाक के मामले में कोर्ट की प्रक्रिया के बावजूद ऐसे विवाद क्यों बढ़ रहे हैं? दिल्ली के मॉडल टाउन के कल्याण विहार इलाके में एक हृदयविदारक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। 40 वर्षीय रेस्टोरेंट मालिक पुनीत खुराना ने अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। दो साल तक अपने हक के लिए लड़ने वाला एक शख्स, एक रात में हार गया क्योंकि शब्दों के तीर उसकी आत्मा को छलनी कर गए। पुनीत खुराना की शादी 2016 में दिल्ली के डेरावल नगर में हुई थी। शुरुआती कुछ साल सामान्य रहे, लेकिन फिर विवादों ने घेर लिया। चार साल पहले तलाक के लिए मामला कोर्ट में पहुंचा। दोनों दो साल से अलग रह रहे थे, लेकिन तनाव कम होने के बजाय बढ़ता ही गया। मृतक के परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुनीत की पत्नी, सास-ससुर और साली ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। परिजनों का दावा है कि इन लोगों ने पुनीत को धमकाया, अपमानित किया और उसे इतना मजबूर कर दिया कि वह अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हो गया। मृतक के परिजनों का कहना है कि पुनीत ने आत्महत्या से पहले 59 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपने दर्द और प्रताड़ना के कारणों का जिक्र किया है। यह वीडियो पुलिस के पास है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। आज के दौर में, जब कानून का सहारा 'विक्टिम कार्ड' खेलने और पुरुषों को मानसिक रूप से तोड़ने के लिए लिया जाने लगा है, तो यह सवाल उठता है क्या ये कानून अब न्याय के बजाय हथियार बन चुके हैं? पुनीत का 59 मिनट का आखिरी वीडियो उन दर्दनाक चीखों का गवाह है, जिसे उसने जिंदा रहते दुनिया के सामने लाने की कोशिश की, मगर किसी ने नहीं सुनी। हर वो धमकी, हर वो गाली, और हर वो ताना उसकी आत्मा को मारते गए, जब तक उसने खुद को मौत के हवाले नहीं कर दिया।
पुनीत की बहन रीना ने बताया कि रविवार रात पुनीत की पत्नी ने उसे फोन किया और धमकाते हुए गालियां दीं। इतना ही नहीं, उसे ताने मारे गए और कहा गया, ‘तुम कुछ नहीं कर सकते। अगर हिम्मत है तो आत्महत्या करके दिखाओ। रीना का दावा है कि सहमति से तलाक के लिए परिवार तैयार था, लेकिन पत्नी और उसके घरवालों ने गुंडों से धमकी दिलाने और जेल भिजवाने तक की बातें कहीं।
सोमवार सुबह तक पुनीत अपने कमरे से बाहर नहीं निकला। दोपहर को परिवार ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। शक होने पर दरवाजा तोड़ा गया, और पुनीत को पंखे से लटका हुआ पाया गया। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घटनास्थल की जांच के बाद बताया कि पुनीत ने पर्दे को फंदा बनाकर आत्महत्या की। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन परिजनों ने ऑडियो क्लिप और वीडियो पुलिस को सौंप दी है। पुनीत के पिता त्रिलोक नाथ खुराना ने रोते हुए कहा, "हमारा बेटा शांत स्वभाव का था। उसने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। उसकी पत्नी और उसके घरवालों ने उसे इतना परेशान किया कि उसने अपनी जान दे दी। हमें इंसाफ चाहिए।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। परिजनों की ओर से सौंपे गए साक्ष्य मामले की तह तक जाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन सवाल यही है कि क्या पुनीत को इंसाफ मिलेगा? यह घटना सिर्फ एक आत्महत्या नहीं है। बल्कि ये हमारे समाज की एक कड़वी हकीकत है। आखिरी बार फोन पर सुनाई गईं गालियां और धमकियां शायद पुनीत के दिल में इतने गहरे जख्म छोड़ गईं कि उसने मौत को गले लगाना आसान समझा। जिस आदमी ने हर रोज़ दूसरों को खुश रखने की कोशिश की, उसने अपनी तकलीफों को 59 मिनट के वीडियो में समेटकर दुनिया से अलविदा कह दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्लीवासियों के लिए विकास परियोजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं। 4,500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार ये योजनाएं झुग्गीवासियों से लेकर छात्रों और संस्थानों के लिए उम्मीद की नई किरण साबित होंगी। पीएम मोदी अशोक विहार के स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के तहत तैयार 1,675 फ्लैट्स का उद्घाटन करेंगे। ये फ्लैट्स उन झुग्गीवासियों को दिए जाएंगे, जो अब तक तंग और असुरक्षित माहौल में रह रहे थे। प्रत्येक फ्लैट पर सरकार ने 25 लाख रुपये खर्च किए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशोक विहार में इन-सीटू स्लम पुनर्वास योजना के तहत तैयार किए गए 1,675 फ्लैट्स का लोकार्पण किया। इन आवासीय इकाइयों को झुग्गी में रहने वाले परिवारों के लिए अत्यंत किफायती रखा गया है। लाभार्थी केवल 1.42 लाख रुपये की मामूली रकम देकर इन फ्लैट्स के मालिक बन सकते हैं। साथ ही, पांच वर्षों के रखरखाव के लिए मात्र 30,000 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। इन फ्लैट्स में आधुनिक बुनियादी सुविधाएं, जैसे 24 घंटे बिजली और पानी, प्राकृतिक रोशनी और सुरक्षित परिवेश, उपलब्ध हैं। यह योजना झुग्गीवासियों के लिए एक बेहतर भविष्य की नींव रखती है। यह प्रधानमंत्री के ‘सबके लिए घर’ संकल्प को मजबूत करती है।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम से पहले एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा "दिल्ली के लोगों को बेहतर अवसर और गुणवत्तापूर्ण जीवन देना हमारी प्रतिबद्धता है। आज जो परियोजनाएं शुरू हो रही हैं, वे इस दिशा में एक बड़ा कदम हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत ऑफिस परिसर का उद्घाटन करेंगे। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह हाईटेक परिसर आधुनिक ऑफिस स्पेस, अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, और एडवांस डेटा सेंटर जैसी सुविधाओं से लैस है। इसका उद्देश्य देशभर की शिक्षा प्रणाली को और मजबूत करना और इसे टेक-सेंट्रिक बनाना है। पीएम मोदी दिल्ली यूनिवर्सिटी में तीन नई परियोजनाओं की नींव रखेंगे। इनमें सूरजमल विहार (पूर्वी दिल्ली) में एक मॉडर्न अकादमिक ब्लॉक, द्वारका (पश्चिमी दिल्ली) में अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एक अकादमिक ब्लॉक, और नजफगढ़ (रोशनपुरा) में वीर सावरकर कॉलेज का नया हाईटेक कैंपस शामिल है। इन प्रोजेक्ट्स पर कुल 600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। इनसे छात्रों को बेहतर शिक्षा और मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ मिलेगा।
सुबह 11:30 बजे पीएम मोदी अशोक विहार में फ्लैट्स का दौरा करेंगे। इसके बाद दोपहर 12:45 बजे दिल्ली में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। आज का दिन दिल्ली के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। झुग्गीवासियों के लिए नया आवास, शिक्षा में सुधार और आधुनिक सुविधाओं के साथ यह कार्यक्रम हर वर्ग के लिए उम्मीद की नई किरण लाएगा। आज तक पर जुड़े रहें हर अपडेट के लिए।
ग्रेटर नोएडा के कचैडा गांव में नए साल पर एक खास जश्न मनाया गया। इस बार गांव वालों ने बाहर पार्टी करने के बजाय मास्टर धर्मपाल के घर इकट्ठा होकर जश्न मनाया, और इसका कारण था शिवांगी नागर की सफलता। शिवांगी ने ओरेकल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर 1.80 करोड़ रुपये के पैकेज पर नौकरी पाई, जो उनके लिए और गांव के लिए एक ऐतिहासिक पल है। शिवांगी नागर ने अमेरिका में आस्टिन स्थित ओरेकल में यह शानदार उपलब्धि हासिल की है। शिवांगी गांव की पहली लड़की हैं, जिसे इतनी बड़ी नौकरी मिली है। ओरेकल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है, इसके पहले नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट और दूसरे नंबर पर गूगल हैं। शिवांगी का परिवार हमेशा से शिक्षा और समाज सेवा में आगे रहा है। उनके दादा, चाचा और बुआ सभी शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, और इस शैक्षिक माहौल में पली-बढ़ी शिवांगी ने हमेशा अपनी पढ़ाई में टॉप किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई गाजियाबाद के बाल भारती पब्लिक स्कूल से शुरू की, फिर दिल्ली में इंटर तक पढ़ाई की, और बाद में देहरादून की पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी से बीटेक किया। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के नार्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में एमएस किया। शिवांगी की मेहनत का नतीजा ये रहा कि उन्हें ओरेकल जैसी प्रतिष्ठित कंपनी से 1.80 करोड़ रुपये के पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला। नव वर्ष पर शिवांगी के घर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें गांव और क्षेत्र के प्रमुख लोग मौजूद थे। इस मौके पर शिवांगी को ढेर सारी शुभकामनाएं मिलीं। पूर्व विधायक रूप चौधरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य फकीर चंद नागर, समाजसेवी नेपाल सिंह कसाना समेत कई लोग शिवांगी को आशीर्वाद देने पहुंचे। शिवांगी की सफलता ने पूरे कचैडा गांव को गर्व से भर दिया है और अब यह गांव सिर्फ अपने पारंपरिक पहचान के लिए नहीं, बल्कि इस युवा लड़की की सफलता के लिए भी जाना जाएगा।