केरल के वायनाड जिले में मंगलवार को मेप्पाडी में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। केरल के वायनाड में भूस्खलन के आयी तबाही में अब मृतकों का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया है। ताजा अपडेट के अनुसार 308 लोगों की अबतक इस त्रासदी में मौत हो चुकी है, जबकि करीब 200 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बता दें, वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में मृतकों का आंकड़ा बढ़ने का सिलसिला जारी है। एनडीआरएफ के डीजी पीयूष आनंद ने कहा, 'एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं। हमारी चार टीमें वहां मौजूद हैं। हमने रस्सी बचाव तकनीक का उपयोग करके लोगों को बचाया। भारतीय सेना और वायुसेना भी वहां मौजूद है। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया कि आज भी कल की ही तरह विभिन्न जोन्स के लिए अलग-अलग टीमें बनाई जाएंगी। टीमों के साथ वैज्ञानिक और स्निफर डॉग्स भी मौजूद रहेंगे। वायुसेना ने कई लोगों को बचाया है और उन्होंने फंसे हुए लोगों तक खाने का सामान भी पहुंचाया है। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सेना कि की तारीफ
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन वायनाड भूस्खलन पर एक उच्च स्तरीय बैठक कर चुके हैं, जिसके बाद राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक भी हुई। बता दें, इस बैठक में विपक्षी नेताओं ने भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने सेना के जवानों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा की सेना ने हमें जानकारी दी है कि फंसे हुए ज़्यादातर लोगों को बचा लिया गया है। मिट्टी के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए मशीनरी लाना मुश्किल था, लेकिन पुल बनाने से यह काम आसान हो गया। बता दें, केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान जारी है। क्षेत्र में फंसे लोगों को शीघ्र निकालने की सुविधा के लिए बेली ब्रिज का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा। बचाए गए लोगों को अस्थायी रूप से शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है और उनके पुनर्वास का कार्य जल्द से जल्द किया जाएगा। इस बीच वायनाड पहुंचे, वहां से पूर्व सांसद राहुल गाँधी ने आपदा पीड़ित लोगों के लिए 100 मकान बनाने का वादा भी किया है।
आपदा के बाद बढ़ा महामारी का खतरा
केरल के सीएम पिनरई विजयन ने आगे कहा कि सबसे महत्वपूर्ण जीवित बचे लोगों को मनोवैज्ञानिक सहायता देना है और साथ ही हमें महामारी फैलने से रोकना होगा। इस आपदा में न केवल इंसान, बल्कि कई जानवरों की भी मौत हुई है, उन सभी को ठीक से दफनाना होगा। शवों को दफनाने के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किया है। सरकार के चार मंत्रियों की एक समिति यहां शिविर लगाएगी और गतिविधियों का समन्वय करेगी। जिन लोगों के प्रमाण पत्र खो गए हैं, सरकार उन्हें फिर से जारी करेगी।
भारत की बेटी लगाएगी मैडल की हैट्रिक
भारत को पेरिस ओलंपिक के आठवें दिन शनिवार को एक बार फिर महिला निशानेबाज मनु भाकर से पदक की उम्मीद होगी। मनु 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में चुनौती पेश करेंगी और पेरिस खेलों में पदक की हैट्रिक लगाने की उम्मीद लेकर निशाना लगाएंगी। वह इस ओलंपिक में पहले ही दो कांस्य पदक जीत चुकी हैं और अब अभियान का अंत स्वर्ण पदक के साथ करना चाहेंगी। अगर वह पदक जीतती हैं तो इतिहास रच देंगी। मनु ने दो कांस्य जीते हैं और अब उनसे सारे देश को स्वर्ण पदक की आस है, देशवासी उनके सफल होने की कामना कर रहे हैं। अगर वह आज स्वर्ण पर निशाना साधने में सफल हो जाती हैं तो मनु उसेन बोल्ट और माइकल फेलप्स जैसे महान एथलीट्स के श्रेणी में भी शामिल हो जाएंगी, जिन्होंने एक ओलंपिक में दो या इससे ज्यादा पदक जीते। मनु के लिए यह सफर आसान नहीं रहा है और उन्हें टोक्यो ओलंपिक में हार झेलनी पड़ी थी। वह फाइनल के लिए क्वालिफाई तक नहीं कर पाई थीं। हालांकि, उसके बाद उनकी कड़ी मेहनत और लगन और पदक जीतने के जुनून ने यह कामयाबी दिलाई है।। बता दें, भारत ने पेरिस ओलंपिक में अब तक तीन पदक जीते हैं और तीनों पदक शूटिंग में ही आए हैं। आज मनु से भारत को चौथा पदक दिलाने की उम्मीद है।
हमास के राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद इस्राइल और अरब देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पश्चिम एशिया के कई देशों में इस हत्या के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस्माइल हानिया की हत्या बुधवार तड़के तेहरान में कर दी गई थी। हानिया ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान पहुंचा था। हानिया की हत्या के बाद ईरान समेत पश्चिम एशिया के कई देशों में तनाव बढ़ गया है। तुर्किये के राष्ट्रपति ने इसे कायराना हरकत करार दिया है तो कतर ने हानिया की हत्या को तनाव बढ़ाने वाली घटना बताया है।
पश्चिम एशिया में एक और युद्ध की आहट
इससे एक दिन पहले इजराइल ने हिजबुल्ला के सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडर फुआद शुकर को लेबनान में मार गिराया। यह हमला 30 जुलाई को शाम के समय बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हुआ, जो हिजबुल्ला का गढ़ है। इसी 27 जुलाई को उत्तरी इजराइल के मजदल शम्स इलाके में रॉकेट हमला हुआ था, जिसमें 12 बच्चों की मौत हो गई थी। इजराइल ने कहा कि इस हमले के पीछे हिजबुल्ला के सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडर फुआद शुकर था। यह 1983 में लेबनान में हुए हमले के लिए भी जिम्मेदार था, जिसमें 241 अमेरिकी नौसैनिक मारे गए थे। इसके अलावा, 1 अगस्त को इजराइली सेना ने पुष्टि की कि हमास का सैन्य प्रमुख मोहम्मद दाइफ गाजा में मारा गया है।
अमेरिका ने भेजा युद्धपोत और लड़ाकू विमान
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने भी क्षेत्र में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है। अमेरिका ने पश्चिम एशिया में और युद्धक जहाज और लड़ाकू विमान तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिका का यह फैसला ऐसे वक्त आया है, जब ईरान ने इजराइल पर हमले की धमकी दी है और दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। वहीं हिजबुल्ला भी अपने कमांडर की मौत के बाद से इजराइल पर हमले की फिराक में है।
अपनों की तलाश में आंसूओं का सैलाब
बुधवार आधी रात बादल फटने से रामपुर बुशहर के समेज खड्ड में आई भयंकर बाढ़ में बहे 36 लोगों का अभी तक सुराग नहीं मिला है। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम, होमगार्ड, आईटीबीपी, बायल से आए भारतीय सेना के जवान बारिश में भी खड्ड के आसपास और मलबे में लापता लोगों को खोज रहे है पर अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली। बीच-बीच में बारिश होने से रेस्क्यू टीम को परेशानी हुई, इसके बावजूद टीम डटी रही। प्रशासन ने कहा रेस्क्यू टीम में अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है, जिसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन तीव्र गति से चल रहा है। उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य हर लापता को ढूंढने का है। प्रशासन ने कहा बिजली और पानी की व्यवस्था को भी जल्द बहाल कर दिया जाएगा। आपदा के बाद प्रशासन और अन्य समाजसेवी संस्थाओं ने पीड़ित लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था भी की। शिमला जिले के समेज में आई बाढ़ में कई ग्रामीण अभी तक लापता हैं, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बता दें, समेज गांव में बुधवार देर रात अचानक बाढ़ आने से मची तबाही का मंजर यादकर लोग सो नहीं पा रहे, बादल फटने के बाद आई बाढ़ वहाँ के लोगों को गहरे जख्म दे गई है। मंडी के उपायुक्त ने बताया कि राजबन में खोज अभियान युद्धस्तर पर जारी है। अभी कई लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए ड्रोन की सहायता भी ली जा रही है।
एक ओर मणिपुर के जिरीबाम में शांति कायम करने को लेकर मैतेई और हमार समुदाय के बीच सहमति बनी। वहीं सहमति के 24 घंटे के भीतर जिरीबाम में हिंसा हो गई। यहां एक मैतेई बस्ती में गोलियां चलाई गईं। वहीं लालपानी गांव में एक घर में आग लगा दी गई। बता दें बीते दिन मैतेई और हमार समुदाय के प्रतिनिधि मणिपुर के हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले में हालात सुधारने और शांति बहाल करने के लिए साथ काम करने को सहमत हो हुए थे। असम के कछार में गुरुवार को CRPF सुविधा केंद्र में आयोजित बैठक में आमने-सामने खड़े दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था। समझौते में तय किया गया कि दोनों पक्ष सामान्य स्थिति लाने, आगजनी तथा गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। दोनों पक्ष जिरीबाम जिले में तैनात सभी सुरक्षा बलों की मदद करेंगे, साथ ही दोनों पक्ष नियंत्रित और समन्वित आवाजाही को सुविधाजनक बनाएंगे। सभी सहभागी समुदायों के प्रतिनिधियों ने इस दौरान किये गए वादों से जुड़ा बयान जारी किया, जिसपर सभी के हस्ताक्षर थे।
शांति समझौते के बीच चलीं गोलियां, घरों में आगजनी
असम में हुए समझौते के 24 घंटे के अंदर जिरीबाम के लालपानी गांव में हिंसा हुई। गांव के एक घर में शुक्रवार रात हथियारबंद लोगों ने आग लगा दी। साथ ही गांव को निशाना बनाकर कई राउंड गोले दागे और गोलियां भी चलाईं। घटना के बाद सुरक्षा बलों को इलाके में भेजा गया। बता दें, जातीय रूप से विविधतापूर्ण जिरीबाम इंफाल घाटी और आसपास की पहाड़ियां जातीय हिंसा से काफी हद तक अछूता थीं। हालांकि, इस साल जून में खेतों में एक किसान का क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद यहां भी हिंसा शुरू हो गई। दोनों पक्षों की ओर से की गई आगजनी की घटनाओं के कारण हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में जाना पड़ा। पिछले साल मई में इंफाल घाटी के मैतेई और आसपास की पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर भी हो गए।
समझौते के लिए दोनों पक्ष आए थे कोर्ट
चंडीगढ़ जिला कोर्ट में शनिवार को पंजाब पुलिस के पूर्व एआईजी ने अपने दामाद की गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों परिवारों के बीच घरेलू विवाद चल रहा था। इसी मामले में दोनों पक्ष शनिवार को चंडीगढ़ फैमिली कोर्ट में पहुंचे थे। आरोपी की पहचान पूर्व एआईजी मलविंदर सिंह सिद्धू के तौर पर हुई है। मरने वाला दामाद कृषि विभाग में आईआरएस था। दोनों पक्षों के बीच कहा-सुनी चल रही थी कि तभी आरोपी ने बाथरूम जाने की बात कही, इस पर उसके दामाद ने कहा कि मैं रास्ता बताता हूं। दोनों कमरे से बाहर निकल गए। इसी दौरान आरोपी ने अपनी बंदूक से पांच फायर किए। इनमें से दो गोली युवक को लगी। वहीं एक गोली अंदर कमरे के दरवाजे पर लगी। दो फायर खाली चले गए। गोली की आवाज सुनते ही कोर्ट में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे वकीलों ने आरोपी को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद घायल को सेक्टर 16 अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे में बंद आरोपी को हिरासत में लिया और थाने ले गई। हादसे के बाद कई जज भी मौके पर पहुंचे, वहीं पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पहुंचे और वहाँ संघ पदाधिकारियों से मुलाकात की। फडणवीस का संघ मुख्यालय का यह दौरा ऐसे समय हुआ है, जब उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। सूत्रों के अनुसार, फडणवीस संघ मुख्यालय में स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर पहुंचे। हालांकि, फडणवीस और संघ पदाधिकारियों के बीच किस मुद्दे पर बात हुई, इसका पता नहीं चल सका है। देवेंद्र फडणवीस संघ मुख्यालय का दौरा करने के बाद नागपुर में ही होने वाले भाजपा के सम्मेलन में भी शामिल होंगे।
भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा के बीच संघ मुख्यालय पहुंचे
शुक्रवार को फडणवीस से जब उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे महज अफवाह करार दिया। उन्होंने कहा कि ये चर्चा मीडिया द्वारा शुरू की गई है और यह मीडिया तक ही सीमित है। बता दें, डिप्टी सीएम फडणवीस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। ऐसे में अब फडणवीस के संघ मुख्यालय के दौरे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। महाराष्ट्र के एक नेता ने बताया कि भाजपा ने फडणवीस को महाराष्ट्र की राजनीति के लिए विशेष तौर पर आगे बढ़ाया था। आज भी महाराष्ट्र में भाजपा के पास देवेंद्र फडणवीस के अलावा दूसरा कोई बड़ा और लोकप्रिय चेहरा नहीं है, जो पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में जीत दिला सके। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस पार्टी के लिए महाराष्ट्र में अधिक उपयोगी साबित हो सकते हैं। आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर पार्टी उनका उपयोग महाराष्ट्र में ही कर सकती है।
तकरार का कारण राजनीती नहीं खेल है
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ओलंपिक मैच में हॉकी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने नहीं जा पाएंगे। केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। भारतीय हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया को हराकर क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पहुंच गई है और सीएम मान क्वार्टर फाइनल देखने के लिए पेरिस जाना चाहते थे। सूत्रों से आ रही खबर के अनुसार सुरक्षा कारणों की वजह से केंद्र की तरफ से उनकी विजिट को मंजूरी नहीं दी गई है। केंद्र की तरफ से मुख्यमंत्री कार्यालय को जानकारी दी गई कि इस यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी गई है। बता दें, उच्च स्तर के राजनेताओं को विदेश यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय से इजाजत लेनी होती है, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए विदेश मंत्रालय ने सीएम मान को पेरिस जाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। इस वक्त ओलंपिक के चलते पेरिस में संभावित खतरों को देखते हुए मुख्यमंत्री के दौरे के लिए कड़ी सुरक्षा की जरूरत है, लेकिन इतने कम समय में जैड प्लस सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की जा सकती। इस वजह से सीएम मान को पेरिस जाने की अनुमति नहीं दी गई है।
उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताजमहल के अंदर दो युवकों ने गंगाजल चढ़ाया है। सावन में शनिवार को दो युवक ताजमहल में गंगाजल चढ़ाने पहुंचे। दोनों युवकों ने मुख्य मकबरे में स्थित तहखाने के दरवाजे पर गंगाजल चढ़ाया। युवकों का वीडियो भी सामने आया है। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने दावा किया है कि तेजोमहालय शिव मंदिर पर गंगाजल चढ़ाया है। गंगाजल चढ़ाते हुए वीडियो बनाकर भी वायरल कर दिया। वहीं, अब इस मामले में पुलिस उपायुक्त सूरज राय ने बताया कि ताजमहल घूमने आए दो युवकों द्वारा बोतल से ताजमहल के अन्दर जल गिराया गया। युवकों की करतूत देखकर CISF द्वारा उन्हें हिरासत में ले लिया गया। मामले में थाना ताजगंज में शिकायत दी गई है, तहरीर के आधार पर युवकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
गंगाजल चढ़ाने पर आया हिन्दू महासभा का बयान
अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने इस मामले में कहा कि महासभा के दो बब्बर शेर विनेश चौधरी और श्याम ने तेजा महालय में गंगाजल चढ़ाया है। ये हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। ताजमहल नहीं ये तेजा महालय है, जहां आगे भी कांवड़ ले जाकर गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करते रहेंगे।
उपराज्यपाल का टेरर फंडिंग मामले में सख्त एक्शन
जम्मू-कश्मीर में धारा-370 हटने के बाद बीते पांच सालों में राज्य सरकार ने आतंक के नेटवर्क को खत्म करने में शानदार काम किया है। अब वो लोग भी तेजी से सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर आ रहे हैं जो घाटी में सरकारी नौकरी पर कब्जा करे बैठे हैं और स्लीपर सेल की तरफ आतंकियों की मदद करते हैं। इसी कड़ी में आज जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुलिसकर्मियों सहित अन्य विभागों में काम करने वाले छह सरकारी कर्मचारियों पर बड़ा एक्शन लिया है, इन सभी को पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि पुलिसकर्मियों सहित छह अधिकारी ड्रग्स की बिक्री के जरिए टेरर फंडिंग में संलिप्त पाए गए, जिसके बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) का इस्तेमाल किया है। बयान में यह भी बताया गया कि जांच से पता चला है कि ये सभी पाकिस्तान की आईएसआई और उसकी जमीन से संचालित आतंकवादी समूहों द्वारा संचालित नार्को-टेरर नेटवर्क का हिस्सा थे।