राष्ट्रपति बाइडन ने मनाया दिवाली
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार रात को (White House) में दीवाली कार्यक्रम की मेजबानी की, इस दौरान उन्होंने दीया जलाया,इस समारोह में सांसदों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित भारतीय मूल के 600 से अधिक अमेरिकी नागरिकों ने हिस्सा लिया,राष्ट्रपति बाइडेन ने व्हाइट हाउस में दिवाली मनाने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ये मेरे लिए सम्मान की बात है कि राष्ट्रपति के रूप में मुझे व्हाइट हाउस में दिवाली कार्यक्रम की मेजबानी करने का मौका मिला.राष्ट्रपति बाइडन कहा कि यह मेरा घर नहीं है;यह आपका घर है,.आज हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, हमारे जैसे विविधतापूर्ण देश में, हम बहस करते हैं, हम असहमत होते हैं...लेकिन मुख्य बात यह है कि हम कभी यह नहीं भूलते कि हम यहां कैसे और क्यों पहुंचे,अमेरिकी राष्ट्रपति ने उस समय को भी याद किया जब उन्होंने और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने 2016 में उपराष्ट्रपति के निवास पर पहली दिवाली समारोह की मेजबानी की थी |
2003 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने व्हाइट हाउस में दिवाली मनाने की परंपरा शुरू की थी, हालांकि, वह उन्होंने कभी निजी तौर पर दिवाली सेलिब्रेशन में हिस्सा नहीं लिया,लेकिन 2009 में बराक ओबामा ने राष्ट्रपति बनने पर व्हाइट हाउस में निजी तौर पर दिवाली पार्टी में शिरकत की थी.
उन्होंने व्हाइट हाउस में दीया जलाकर दिवाली मनाई थी. इसके बाद 2017 में डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने पर इस पंरपरा को और आगे बढ़ाया. लेकिन 2022 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के साथ मिलकर व्हाइट हाउस में अब तक की सबसे बड़ी दिवाली पार्टी की मेजबानी की थी, इस दौरान 200 से अधिक गेस्ट को आमंत्रित किया गया था,उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने इस साल 2023 में अपने आधिकारिक आवास पर दिवाली पार्टी का आयोजन किया गया था |
घाटी में महाकाल खुद करेंगे आतंकियों का खात्मा
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर सर उठाते आतंकवाद को सेना ने कुचलने का मन बना लिया है। लाइन ऑफ कंट्रोल यानि LoC से सटे बट्टल क्षेत्र में छिपे आतंकियों का खात्मा करने के लिए सेना की ओर से एक बड़ी तैनाती की गई है। हालांकि पहले से इस क्षेत्र में सेना की तीन यूनिटें तैनात हैं, लेकिन इंटेलिजेंस एजेंसिओं से इनपुट मिलने के बाद आतंकियों के जंगल में छिपे होने की आशंका पर सेना ने दुश्मनों के लिए काल माने जाने वाले पैरा कमांडो उतारे हैं, इसके साथ ही अब टैंकों और ड्रोन की मदद से जंगल को खंगाला जा रहा है। सेना के सूत्रों से आ रही खबर के अनुसार सेना के 500 से अधिक जवान सर्च आपरेशन में लगे हैं और आसपास के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। सर्च ऑपरेशन के दौरान गांव और आसपास रहने वाले लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है। मंदिर की तरफ जाने वाले वाहनों पर रोका लगा दी गई है। बता दें कि बट्टल की तरफ सेना और पुलिस ने आवाजाही को बंद कर दिया है। किसी भी वाहन को आने-जाने की अनुमति नहीं है, साथ ही पूरे इलाके में अलर्ट भी जारी किया गया है। आतंकियों की खबर मिलने और सेना के अलर्ट के बाद आसपास के इलाकों के लोग सहमें हुए हैं, क्यूंकि इससे पहले कभी भी आतंकी इस तरह रिहायशी इलाके में नहीं घुसे। ऐसा पहली बार है जब आतंकियों के मंदिर में घुसने की खबर सामने आई है और लोगों में इसे लेकर दहशत है। जिस मंदिर में आतंकी छिपे थे, वहां हर सोमवार बड़ी संख्या में लोग माथा टेकते हैं।
इसी हफ्ते के बीते सोमवार को जम्मू जिले के अखनूर के पलांवाला सेक्टर में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (LoC) पर सुरक्षाबलों ने आतंकी हमले को नाकाम कर दिया। ऑपरेशन में एक पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया। बता दें, दहशतगर्दों ने सेना के काफिले पर हमला किया, लेकिन चूक गए। आतंकी पास के ही एक मंदिर में छिपकर बैठे थे और मंदिर से निकलकर आतंकियों ने सेना पर फायरिंग कर दी, फायरिंग के बाद आतंकी फिर मंदिर में जाकर छिप गए। इसके बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों का पीछा किया, सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच ये मुठभेड़ मंगलवार के दूसरे दिन तक चली। दो दिन तक चली इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने सभी तीन आतंकवादियों को मार गिराया। इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि जम्मू क्षेत्र के अखनूर सेक्टर के एक गांव में छिपे एक आतंकवादी को मंगलवार सुबह फिर से शुरू हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया और इसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ अपना अंतिम हमला किया। तीन आतंकवादियों में से एक को स्पेशल फोर्सेज और एनएसजी कमांडो ने अभियान शुरू होने के बाद शाम तक ढेर कर दिया था। सेना के अधिकारियों ने बताया कि दूसरे आतंकवादी के मारे जाने से पहले एक घंटे से अधिक समय तक दो धमाके हुए और उसके बाद भीषण गोलीबारी हुई। बता दें, इस ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से सेना के बहादुर कुत्ते (फैंटम) की मौत हो गई। पहली बार सेना ने अपने चार BMP-2 इंफैंट्री कॉम्बैट व्हीकल को पैदल सेना के वाहनों की निगरानी के लिए लगाया और हमले वाली जगह के आसपास घेराबंदी को मजबूत किया, इसके अलावा छिपे हुए आतंकवादियों का पता लगाने के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन भी तैनात किए गए।
सुपरस्टार विजय की पार्टी की रैली को देखने आये 10 लाख लोग
रजनीकांत के बाद किसी ने स्टारडम के मामले में अपना लोहा दिखाया है तो वो है सुपरस्टार विजय,हाल ही में आयी उनकी मूवी LEO ने 650 करोड़ की बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की है, जब साउथ में किसी भी एक्टर की मूवी रंग नहीं दिखा रही थी, तब विजय की मूवीज ने दर्शको को थिएटर तक लाया | पिछले साल कुछ इनसाइडर खबरें आयी की थलापति विजय फ़िल्मी कॅरिअर से इस्तीफा देंगे, उनकी लास्ट मूवी थलापति 69 होगी, तब उस समय GOAT मूवी की शूटिंग चल रही थी| हालांकि फिर इसी साल के फरवरी के महीने में विजय ने राजनीती में ऑफिशियली एंट्री मार दी और अपनी खुद की पार्टी ‘तमिलगा वेत्री कड़गम’ (TVK) की घोषणा की, इनकी पहली रैली तमिलनाडु के विल्लुपुरम ज़िले के विक्रवंडी में रविवार को हुई, हालांकि रैली को देखकर एकबार को तो ऐसा लगा की ये प्रधानमंत्री की रैली है | हालांकि इससे पहले भी पवन कलयाण (Deputy Chief Minister of Andhra Pradesh) ने शाबित किया है की एक अभिनेता अगर राजनीति में उतर जाये तो वो प्रजा की जरूरतों को और गहराइयों से समझेगा | विजय तमिलनाडु के लिए चुनाव लड़ेंगे | विजय ने अपने स्पीच में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को खूब लताड़ा है, भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी इस राज्य में पांव जमाने की कोशिश में है. अब विजय के राजनीति में आ जाने से अगले चुनाव में मुकाबला बहुत बड़ा होगा क्यूंकि विजय के फैन फॉलोविंग को देखा जाये तो कोई भी राजनैतिक दल इनके आगे टिक नहीं सकता |
विजय ने रैली में आये लोगो को उन्होंने कहा है की हमारी राजनैतिक विचारधारा धर्म को लेकर नहीं रहेगी, बल्कि हमारा मकशद सामाजिक न्याय का है| हालांकि तमिलनाडु की राजनीति में ज्यादा समय से काला और लाल रंग, तमाम राजनीतिक पार्टियों के झंडे में शामिल रहा है, विजय की पार्टी के झंडे को लाल और पीले रंग में डिजाइन किया गया है, सम्मेलन स्थल पर 100 फीट ऊंचा ध्वजस्तंभ भी स्थापित किया गया।
थलपति विजय, जिनका असली नाम जोसेफ विजय चंद्रशेखर है, भारतीय सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक हैं। विजय का जन्म 22 जून 1974 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। वे फिल्म निर्देशक और निर्माता एस. ए. चंद्रशेखर और शालिनी चंद्रा के बेटे हैं। विजय ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1990 के दशक में की और समय के साथ तमिल सिनेमा के सुपरस्टार बन गए। उन्हें प्यार से उनके प्रशंसक "थलपति" (अर्थात् "नेता") कहते हैं।विजय एक कुशल अभिनेता होने के साथ-साथ एक यूनिक डांसर भी हैं। उनके अभिनय में करिश्मा और डांसिंग स्किल्स ने उन्हें विशेष रूप से युवा दर्शकों में लोकप्रिय बनाया। उनकी कई हिट फिल्में हैं जैसे 'गिल्ली', 'थुप्पक्की', 'मर्सल', 'बिगिल', और 'मास्टर', जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफलता हासिल की है। विजय सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं, और यही कारण है कि उनके राजनीति में आने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। उनके फैंस के लिए विजय एक अभिनेता से बढ़कर एक आदर्श और प्रेरणा हैं, और तमिलनाडु में उनके पास एक बड़ा फैनबेस है।