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Breaking News 29 July 2025

1 )क्या शशि थरूर अब बीजेपी ज्वाइन करेंगे? मौन व्रत ने सब कुछ बता दिया!

संसद का सत्र चल रहा है, देश की सुरक्षा नीति पर 16 घंटे की मैराथन बहस जारी है, लेकिन जब देश का एक प्रमुख विदेश नीति विशेषज्ञ Shashi Tharoor को बोलने का मौका नहीं दिया गया तो उन्होंने शब्दों की जगह मौन को चुना। और ये मौन, पूरी तरह से राजनीतिक था। आज जब मीडियाकर्मियों ने उनसे पूछा कि क्या वे Operation Sindoor पर अपनी बात रखेंगे, तो Tharoor मुस्कुराए और दो शब्द बोले “Moun Vrat”। इतना कहकर वे लोकसभा की ओर बढ़ गए। शब्द भले ही कम थे, पर उनके पीछे एक तीखी चुभन थी एक वरिष्ठ सांसद और पूर्व विदेश राज्य मंत्री के लिए जो कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का चेहरा बन चुके हैं। बीते हफ्ते, Pahalgam Terror Attack के बाद सरकार ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए Operation Sindoor को अंजाम दिया। इसके बाद लोकसभा में इस ऑपरेशन पर विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा गया। Congress की ओर से जारी Speaker Panel में छह नाम थे  Gaurav Gogoi, Priyanka Gandhi Vadra, Deepender Hooda, Praniti S. Shinde, Saptagiri Ulaka और Bijendra S. Ola लेकिन उसमें न Manish Tewari थे, और न Shashi Tharoor। यह वही Tharoor हैं, जिन्हें हाल ही में केंद्र सरकार ने All-Party Delegation का हिस्सा बनाकर अमेरिका और यूरोप भेजा था ताकि भारत की सैन्य कार्रवाई का संदेश विश्व बिरादरी को दिया जा सके। उन्होंने वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस की, विदेश नीति पर विचार रखे और India की strategic intent को articulate किया। फिर सवाल ये है पार्टी ने उन्हें खुद क्यों नहीं मौका दिया?

आंतरिक मतभेद या राजनीतिक चेतावनी?

सूत्रों की मानें तो Tharoor ने CPP Office (Congress Parliamentary Party) को कोई लिखित अनुरोध नहीं भेजा था। लेकिन क्या एक वरिष्ठ सांसद को अब हर विषय पर बोलने के लिए “permission protocol” से गुजरना पड़ेगा, खासकर तब जब उनका नाम पहले से राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में हो? पार्टी के अंदरखाने में ये भी चर्चा है कि Tharoor की हालिया विदेश यात्राओं और उनके कुछ बयानों को Congress नेतृत्व “बाहरी रुख” की तरह देख रहा है। उनकी liberal, globally-inclined approach को पार्टी की पारंपरिक सोच से मेल नहीं बैठता माना जाता है। कई मौकों पर उनके विचार राहुल गांधी की लाइन से अलग भी रहे हैं चाहे वो हिंदुत्व पर हो, या भारत की विदेश नीति पर।

Tharoor और Tewari – Congress की साइलेंट डिसेंटर्स?

Manish Tewari और Shashi Tharoor दोनों ही Operation Sindoor Delegation में केंद्र सरकार के द्वारा नामित किए गए थे, न कि Congress द्वारा। ये संकेत साफ है जहां एक ओर सरकार इन नेताओं को भारत के चेहरे के तौर पर चुन रही है, वहीं कांग्रेस उन्हें अपने मंच पर जगह नहीं दे रही। यह किसी power realignment का संकेत हो सकता है, या फिर एक सॉफ्ट पॉलिटिकल सस्पेंशन । क्या यह Congress में नए वैचारिक संघर्ष की शुरुआत है? यह घटना सिर्फ एक नाम कटने की नहीं है, यह उस द्वंद्व की कहानी है जो आज Congress जैसी पुरानी पार्टी के अंदर पल रहा है reform vs tradition, voice vs protocol, and diplomacy vs politics। और Shashi Tharoor का “Moun Vrat” एक राजनीतिक चेतावनी भी है जब शब्दों को मंच नहीं मिलता, तब मौन खुद एक बयान बन जाता है।