जब बात हो दो बड़े वैश्विक नेताओं की डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी की तो हर बात सिर्फ औपचारिक नहीं होती, बल्कि एक नई राजनीतिक कहानी बुनती है। इस बार चर्चा के केंद्र में हैं इललीगल इमिज्रेंट, टैरिफ, और अमेरिका-भारत के संबंधों में बदलते समीकरण। फ्लोरिडा से लौटते वक्त एयर फोर्स वन में ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में खुलासा किया कि उनकी मोदी से फोन पर लंबी बात हुई। इसमें इललीगल इमिज्रेंट, व्यापार, सुरक्षा, और क्वाड साझेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। फरवरी में मोदी के व्हाइट हाउस दौरे की चर्चा जोरों पर है। यह मुलाकात दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी। अब सबकी नजरें इस मुलाकात पर टिकी हैं। ट्रंप का ‘अमेरिका फर्स्ट’ और मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ का फॉर्मूला किस दिशा में जाएगा, यह वक्त ही बताएगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है: क्या ट्रंप और मोदी की दोस्ती इन जटिल मुद्दों को हल कर पाएगी, या संबंधों में कोई नया मोड़ आएगा?
ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "मोदी वही करेंगे जो सही है।" इललीगल इमिज्रेंट की बात करते हुए उन्होंने इशारा किया कि भारत के साथ इस मुद्दे पर चर्चा जारी है। व्हाइट हाउस भी इस बात की पुष्टि कर चुका है कि दोनों देशों के बीच इललीगल इमिज्रेंट की वापसी को लेकर बातचीत चल रही है। अमेरिका में करीब 11 मिलियन इललीगल इमिज्रेंट रहते हैं, जिनमें 1.80 लाख भारतीय भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश ऐसे लोग हैं, जो वीज़ा की अवधि खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रह रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी ने बताया कि 2018 से 2022 के बीच भारत से इललीगल इमिज्रेंट की संख्या में गिरावट आई है। लेकिन फिर भी, यह मामला भारत के लिए एक संवेदनशील मुद्दा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मुद्दे पर भारत की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, "हम अवैध प्रवासन का समर्थन नहीं करते। अगर यह साबित होता है कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है, तो हम उसे वापस लेने के लिए तैयार हैं।" हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका से इन व्यक्तियों की पहचान और पुष्टि की प्रक्रिया अभी चल रही है।
ट्रंप ने फ्लोरिडा में रिपब्लिकन पार्टी के कार्यक्रम में कहा, "जो देश अमेरिका को नुकसान पहुंचाएगा, उसे टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।" उन्होंने भारत, चीन और ब्राजील का नाम लेते हुए कहा कि ये देश भारी टैरिफ लगाते हैं, लेकिन अब अमेरिका भी पलटवार करेगा। यह बयान सीधे तौर पर भारत के लिए एक चेतावनी है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत के साथ उनके रिश्ते दोस्ताना हैं। सवाल यह है कि क्या इस दोस्ती के बावजूद टैरिफ के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ेगा? भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर कूटनीतिक तरीके से जवाब दिया। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत-अमेरिका के संबंध बहुआयामी हैं। हम किसी भी व्यापारिक मुद्दे पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार हैं।
प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। आधी रात संगम तट पर अफरा-तफरी के बीच श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिरते चले गए। भीड़ के दबाव और अफवाहों ने हालात और बिगाड़ दिए। अब तक 12-14 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं। मंगलवार की दरमियानी रात 1:30 बजे जब संगम नोज पर लाखों की भीड़ मौजूद थी, तभी अचानक भगदड़ मच गई। किसी ने अफवाह फैला दी, और फिर जो हुआ, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था। महिला-पुरुष और बुजुर्ग तक जमीन पर गिर गए, लेकिन भगदड़ में लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ते गए। चीख-पुकार के बीच संगम किनारे की पवित्रता खून और दर्द में बदल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भीड़ इतनी बेकाबू थी कि कई लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। गोरखपुर से आए एक श्रद्धालु ने बताया, “भीड़ के नीचे दबे लोग हाथ-पैर मारते रहे, लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर सका। तीन बार भगदड़ मची, हर बार डर और दहशत बढ़ती गई।” भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं को स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अस्पताल की हालत भी दयनीय निकली। घायलों को लाने के लिए रातभर एंबुलेंस दौड़ती रहीं, लेकिन बिस्तर और संसाधनों की कमी के कारण कई घायलों को फर्श पर ही लिटाना पड़ा। इस हादसे के बाद मेला क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क ठप हो गया। हजारों लोग अपनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कॉल लगना मुश्किल हो गया है। इंटरनेट सेवा भी चरमराई हुई है, जिससे सूचना का आदान-प्रदान भी ठप हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। वे अब तक चार बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर चुके हैं। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी अपडेट ले रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर सुरक्षा चाक-चौबंद थी, तो फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?
अखाड़ा परिषद ने इस हादसे के बाद अमृत स्नान न करने का फैसला लिया है। त्रिवेणी तट पर शाही स्नान की परंपरा को केवल प्रतीकात्मक रूप में निभाया जाएगा। परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अगर प्रशासन सुरक्षा पुख्ता करता है, तभी अखाड़े स्नान के लिए आगे बढ़ेंगे। प्रयागराज महाकुंभ में मेला प्रशासन की तैयारियां इस भगदड़ के सामने फेल हो गईं। लाखों लोगों की भीड़ पर नियंत्रण नहीं किया जा सका। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है”, लेकिन जब भीड़ को काबू में ही नहीं रखा गया, तो यह प्राथमिकता कहां थी? सरकार ने 15-20 किमी के दायरे में अस्थायी घाट बनाने की बात कही थी, फिर भी लोग संगम तट पर ही क्यों उमड़ रहे थे? क्या प्रशासन ने पर्याप्त इंतजाम किए थे, या फिर यह भीड़तंत्र के आगे नतमस्तक हो गया? यह हादसा कुंभ मेले में सुरक्षा इंतजामों पर बड़े सवाल खड़े करता है। यह पहला मौका नहीं है जब भीड़ के चलते त्रासदी हुई हो। 2013 के इलाहाबाद स्टेशन भगदड़ हादसे की यादें आज फिर ताजा हो गईं, जब 36 श्रद्धालु काल के गाल में समा गए थे।
वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार विमर्श के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (JPC) की आज एक बार फिर से बैठक होगी। बुद्धवार, 29 जनवरी को होने वाली ये बैठक आखिरी होगी और इसमें संयुक्त समिति यानी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी रिपोर्ट को स्वीकार करेगी। समिति के सदस्यों को ड्राफ्ट रिपोर्ट भेज दिया गया है। खबर है की विपक्षी सांसद संशोधन को लेकर आपत्ति पत्र देने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक अपनी रिपोर्ट में JPC ने संसद में पेश हुए बिल में कुछ बदलाव करने की सिफारिश की है। इसी हफ्ते सोमवार, 27 जनवरी को हुई बैठक में बिल में कुछ बदलावों को मंजूरी दी गई थी। एक बड़ा संशोधन जो JPC ने बिल में किया है, उसका दिल्ली से सीधा नाता हो सकता है। बिल में बदलाव करके ये प्रावधान किया गया है कि वैसी सभी वक्फ संपत्ति जो पंजीकृत नहीं है और न ही उसका इस्तेमाल धार्मिक उद्देश्यों, जैसे मस्जिद/मदरसों के लिए हो रहा है, वैसी सभी वक्फ संपत्तियां सरकार की संपत्ति हो जाएगी। एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में ऐसी संपत्तियों की तादाद लगभग 3000 के करीब है और इन सबका इस्तेमाल आम तौर पर किराए पर देकर रुपया कमाने के लिए किया जा रहा है। बता दें, इस मामले में एक संगठन Waqf tenants Association ने JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को एक ज्ञापन भी दिया था। इस संगठन का आरोप था कि किरायदारों से मनमाने रुपये वसूले जाते हैं और इस तरह उन पर हमेशा प्रोपर्टी खली करने की तलवार लटकती रहती है। इस संगठन के ज्ञापन को JPC ने अपनी रिपोर्ट में भी जगह दी है।
संसद की संयुक्त समिति (JPC) ने वक्फ बिल में बदलावों को अपनी मंजूरी दे दी है। समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने बीते दिन सोमवार को इसकी जानकारी दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि संयुक्त समिति की फाइनल मीटिंग में सभी 44 संशोधनों पर चर्चा हुई और इनमें से NDA सांसदों के 14 सुझावों को मंजूरी दे दी गई है। साथ ही वक्फ बोर्ड में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों के रहने को भी मंजूरी दी गई है। बैठक में हुई वोटिंग के दौरान विपक्ष के प्रस्ताव खारिज हो गए। वक्फ संपत्तियों को रेगुलराइज करने के लिए बने वक्फ एक्ट (1995) के मिस-मैनेजमेंट, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना होती रही है। इस संशोधन बिल को लेकर बहुत हंगामा हुआ था, जिसके बाद ये बिल JPC को भेजा गया था। अब JPC वक्फ (संशोधन) बिल पर बजट सत्र में ही अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करेगी। बता दें कि इस वर्ष संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कहा, 6 महीने तक विस्तृत चर्चा के बाद हमने सभी सदस्यों से बिल को लेकर संशोधन मांगे और हमारी अंतिम बैठक में बहुमत के आधार पर कमिटी ने 44 में से 14 संशोधनों को स्वीकार किया।
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। JPC में 21 सदस्य हैं, इनमें 7 सदस्य BJP से हैं- जगदंबिका पाल (BJP) इसके अध्यक्ष हैं, निशिकांत दुबे (BJP), तेजस्वी सूर्या (BJP), अपराजिता सारंगी (BJP), संजय जायसवाल (BJP), दिलीप सैकिया (BJP), अभिजीत गंगोपाध्याय (BJP), डीके अरुणा (YSRCP), गौरव गोगोई (कांग्रेस), इमरान मसूद (कांग्रेस), मोहम्मद जावेद (कांग्रेस), मौलाना मोहिबुल्ला (सपा), कल्याण बनर्जी (TMC), ए राजा (DMK), एल.एस देवरायलु (TDP), दिनेश्वर कामत (JDU), अरविंत सावंत (शिवसेना, उद्धव), सुरेश गोपीनाथ (NCP, शरद पवार), नरेश गणपत म्हास्के (शिवसेना, शिंदे), अरुण भारती (LJP-R) और असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)। इसके अलावा JPC में राज्यसभा के 7 सांसद भी शामिल हैं- बृज लाल (BJP), डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी (BJP), गुलाम अली (BJP), डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (BJP), सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस), मोहम्मद नदीम-उल-हक (TMC), वी विजयसाई रेड्डी (YSRCP), एम मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK), संजय सिंह (AAP), समिट के एक सदस्य डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े को राष्ट्रपति ने मनोनीत किया है। संसद की संयुक्त समिति (JPC) की 6 महीने तक चली विस्तृत चर्चा के बाद वक्फ बिल में बदलावों को अपनी मंजूरी दे दी है। बिल में किये गए बदलाव इस प्रकार हैं;
1.) मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण और वक्फ प्रबंधन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य वक्फ बोर्ड (धारा 14) और केंद्रीय वक्फ परिषद (धारा 9) दोनों में दो मुस्लिम महिलाओं को सदस्य के रूप में शामिल किया जाना जारी रहेगा।
2.) राज्य वक्फ बोर्डों में अब व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए मुस्लिम ओबीसी समुदाय से एक सदस्य शामिल किया जाएगा (धारा 14)
3.) राज्य सरकार आगाखानी और बोहरा समुदायों की विशिष्ट धार्मिक आवश्यकताओं को स्वीकार करते हुए उनके लिए अलग-अलग वक्फ बोर्ड स्थापित कर सकती है (धारा 13)
4.) वक्फ अलल औलाद (पारिवारिक वक्फ) में महिलाओं के विरासत अधिकारों की रक्षा की जाएगी। एक वकिफ केवल यह सुनिश्चित करने के बाद ही संपत्ति समर्पित कर सकता है कि महिला उत्तराधिकारियों को उनका उचित हिस्सा मिले [धारा 3ए (2)]
5.) उपयोगकर्ता द्वारा पंजीकृत वक्फ को वक्फ के रूप में मान्यता दी जाएगी, उन मामलों को छोड़कर जहां संपत्ति विवाद में है या सरकार के स्वामित्व में है [धारा 3 (आर)]
6.) परिसीमा अधिनियम प्रारंभ से वक्फ से संबंधित सभी मामलों पर लागू होगा, समय पर समाधान सुनिश्चित करेगा और लंबे समय तक मुकदमे बाजी (Litigation) को रोकेगा (धारा 107)
7.) पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के संपूर्ण जीवन चक्र को स्वचालित करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
8.) वक्फ बोर्ड को छह महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्ति का विवरण केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना होगा, वक्फ ट्रिब्यूनल मामला-दर-मामला आधार पर विस्तार दे सकता है।
9.) यदि किसी सरकारी संपत्ति पर वक्फ होने का दावा किया जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित कलेक्टर रैंक से ऊपर का एक अधिकारी कानून के अनुसार जांच करेगा और रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने तक ऐसी सरकारी संपत्तियों को वक्फ (धारा 3सी) नहीं माना जाएगा।
10.) मुस्लिम ट्रस्ट जो वक्फ के समान कार्य करते हैं, लेकिन ट्रस्ट कानूनों द्वारा शासित होते हैं, उन्हें कानूनी विवादों को रोकने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 से बाहर रखा जाएगा (धारा 2 ए)
11.) वक्फ अलल औलाद से होने वाली आय का उपयोग विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के समर्थन के लिए किया जा सकता है, यदि वक्फ द्वारा निर्दिष्ट किया गया है [धारा 3 (आर) (iv)]
12.) न्यायाधिकरण के निर्णयों की अंतिमता को हटा दिया गया है, अब कोई भी पीड़ित व्यक्ति अब ट्रिब्यूनल के फैसले के 90 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
13.) वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन पंजीकरण प्रमाण पत्र पोर्टल के माध्यम से जारी किये जायेंगे।
14.) वक्फ बोर्ड में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना जरूरी है।
दिल्ली-NCR में नोएडा के सेक्टर-121 में श्रीजगन्नाथ समिति द्वारा बनाया जा रहा महाप्रभु जगन्नाथ का बहुप्रतीक्षित मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का आज पहला दिन है 29 जनवरी 2025 से 2 फरवरी तक 5 दिनों तक प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। आज प्राण प्रतिष्ठा की शुरुआत सुबह 8:00 बजे वेद पाठ से होगी, जो 9:00 बजे तक चलेगा। इसके बाद 9:00 बजे से 10:00 बजे तक पहली कीर्तन मंडली ढोल तासो के साथ पूजा पाठ की शुरुआत होगी। फिर 10:00 बजे से 11:00 बजे तक दूसरी वाली कीर्तन मंडली भजन और पूजा करेगी इसके बाद 11:00 बजे से 12:00 बजे तक तीसरी कीर्तन मंडली का कार्यक्रम होगा। फिर 12:00 बजे से 1:00 बजे तक वेद पाठ का सत्र होगा। फिर दोपहर 1:00 बजे से 2:00 बजे तक इस्कॉन टेंपल सत्संग का पहला सत्र होगा, इसके बाद 2:00 बजे से 3:00 बजे तक दूसरा सत्र और 3:00 बजे से 4:00 बजे तक तीसरा सत्र आयोजित किया जाएगा। शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक भजन संध्या होगी, जो 5:00 बजे से 6:00 बजे तक भी जारी रहेगी। फिर 6:00 बजे से 7:00 बजे तक मंच कार्यक्रम होगा जो 7:30 बजे तक जारी रहेगा। रात 7:30 बजे से 9:00 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा, इसके बाद अंत में 9:00 बजे से 10:00 बजे तक अंतिम प्रोग्राम का समापन होगा। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में कई गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। इनमें प्रमुख रूप से जयोतिष रत्न गुरुजी गौतम ऋषि, श्री 1008 त्रिवेणी संन्यासी भक्ति वेदांत महायोगी जी महाराज, श्री रविंद्र नाथ प्रधान जो हावड़ा क्लब जगन्नाथ मंदिर के अध्यक्ष है , श्री किशोर द्विवेदी (वर्ल्ड ओडिशा सोसाइटी के अध्यक्ष), श्री बद्री नारायण महापात्र (ट्रस्टी, जगन्नाथ मंदिर, गुजरात), श्री राजेश सहाय (महासचिव, NOFA), और श्री योगेंद्र शर्मा (अध्यक्ष, FONEVA) शामिल हैं। यह पूरा आयोजन भगवान जगन्नाथ की भक्ति और संस्कृति को समर्पित है, जिसमें आध्यात्मिक अनुष्ठान, कीर्तन, सत्संग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। वर्षों की योजना और कड़ी मेहनत के बाद मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की जा रही है यह एक ऐसा पवित्र अवसर है जो जीवन के सभी क्षेत्रों से भक्तों को एक साथ लाने का काम कर रहा है
ओडिशा के कारीगर, जो मंदिर की जटिल वास्तुकला को जीवंत बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, उन्होंने आगामी प्राण प्रतिष्ठा उत्सव पर अपनी खुशी और गर्व व्यक्त किया। पारंपरिक ओडिया मंदिर वास्तुकला में अपने असाधारण कौशल के लिए जाने जाने वाले इन कारीगरों ने मंदिर के हर विवरण में अपना दिल लगाया है। उनके लिए, मंदिर को पूरा होने और अनुष्ठानों को निकट आते देखना महाप्रभु जगन्नाथ के प्रति उनके समर्पण और भक्ति की पराकाष्ठा है। यह भव्य आयोजन महज एक समारोह से कहीं अधिक है; यह दुनिया भर में ओडिया समुदाय और भगवान जगन्नाथ के भक्तों के सामूहिक प्रयास, विश्वास और एकता का प्रतिनिधित्व करता है। मंदिर का उद्घाटन सांस्कृतिक विरासत के लिए एक मील का पत्थर, आध्यात्मिकता का प्रतीक और भक्तों और महाप्रभु जगन्नाथ के बीच शाश्वत बंधन का प्रतीक होने का वादा करता है। समिति सभी भक्तों, शुभचिंतकों और समुदाय के सदस्यों को जगन्नाथ संस्कृति में इस स्मारकीय क्षण में भाग लेने, देखने और योगदान देने के लिए आमंत्रित करती है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना 100वां मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया है। बता दें, ISRO ने एक नया नेविगेशन सैटेलाइट NVS-02 बुधवार की सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर GSLV-F15 से सफलतापूर्वक लॉन्च किया। ISRO ने इस कामयाबी को लेकर कहा कि आज के लांच के साथ भारत अंतरिक्ष नेविगेशन में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। यह सैटेलाइट भारत और आसपास के क्षेत्रों में बेहतर नेविगेशन सेवाएं देगा। यह इसरो का 2025 का पहला मिशन भी है। इसी के साथ भारत ने बुधवार को GSLV रॉकेट के 100वें प्रक्षेपण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। यह मिशन ISRO के नए अध्यक्ष वी. नारायणन के नेतृत्व में हुआ और यह उनके नेतृत्व में पहला मिशन था। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि साल 2025 में ISRO का पहला मिशन सफल रहा और इसी के साथ सैटेलाइट को सही कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। इससे पहले ISRO ने 30 दिसंबर 2024 को अपना 99वां मिशन पूरा किया था। उस मिशन में अंतरिक्ष में दो यानों को जोड़ने का प्रयोग सफल रहा था। वी. नारायणन ने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी अगले पांच वर्षों में 100 नए मिशन लॉन्च करने के लिए काम करेगी। बता दें, भारत की तरफ से अपना नैविगेशन सिस्टम (NAVIC) बनाने की एक अहम वजह कूटनीतिक स्तर पर स्वतंत्रता और स्वायत्तता हासिल करना है। दरअसल, किसी तनाव की स्थिति में विदेशी ताकतें अपने सैटेलाइट नैविगेशन सिस्टम के इस्तेमाल को दूसरे देशों के लिए बंद कर सकती हैं और ऐसा ही कुछ साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान हुआ था जब अमेरिका ने भारत को GPS का एक्सेस देने से मना कर दिया था। इसके बाद ही भारत ने इससे सबक लेते हुए अपना खुदका नैविगेशन सिस्टम बनाने का फैसला लिया था।
बुधवार सुबह 6.23 बजे अपने 100वें मिशन के तहत ISRO ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से GSLV-F15 के जरिए 2250 किलोग्राम के नैविगेशन सैटेलाइट NVS-02 को लांच किया। यह नया सैटेलाइट 'नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन' (NAVIC) सिस्टम का हिस्सा है। NAVIC भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम है और यह अमेरिका के GPS की तरह काम करता है। आज लांच किया गया सैटेलाइट NAVIC शृंखला का दूसरा सैटेलाइट है, इसका पहला सैटेलाइट NVS-01, 29 मई 2023 को लॉन्च किया गया था। NAVIC भारत और आसपास के 1500 किलोमीटर के क्षेत्र में नेविगेशन सेवाएं देने में सक्षम है। विशेषज्ञों के अनुसार, एनवीएस-02 के जरिए भारत अपने नाविक सिस्टम को मजबूत करेगा। इसरो का यह उपग्रह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से देश में ही बना है। बता दें, इसमें भारत के सटीक समय की जानकारी देने के लिए एक एटॉमिक वॉच यानि घड़ी भी लगाई गई है, जिसे रूबिडियम एटॉमिक फ्रीक्वेंसी स्टैंडर्ड (RAFS) भी कहा जाता है। मौजूदा समय में इस टेक्नोलॉजी के लिए भारत को विदेशी तकनीक पर निर्भर रहना पड़ता है और नाविक प्रोजेक्ट भारत को कई क्षेत्रों में स्वतंत्र और स्वायत्त बनाएगा। NVS-02 जमीन, हवा और समुद्र में नेविगेशन में मदद करेगा। यह किसानों को खेती की सही जानकारी देगा। यह जहाजों और वाहनों की निगरानी में भी मदद करेगा। इसके अलावा, यह मोबाइल फोन में लोकेशन सेवाएं भी देगा। यह सैटेलाइट अन्य सैटेलाइटों की कक्षा तय करने में भी मदद करेगा। यह ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (IoT) आधारित ऐप्स और आपातकालीन सेवाओं में भी काम आएगा।