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Breaking News 29 August 2024

1.) गुजरात में बारिश के कहर से हाहाकार, 26 की मौत

19 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज यानि गुरुवार, 29 अगस्त को गुजरात, उत्तराखंड समेत 19 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। गुजरात में पिछले 4 दिन से मूसलाधार बारिश हो रही है। गुजरात में बारिश से जुड़े हादसों में अब तक 26 लोगों की मौत हुई है। भारी बारिश के बीच अलग-अलग इलाकों से 18 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को फोन करके हालात का जायजा लिया। दिल्ली में भी बुधवार रात से भारी बारिश हो रही है। जिसकी वजह से दिल्ली-NCR और नोएडा के कई इलाकों में पानी भर गया है, सबसे बुरी हालत अंडर पास वाले जगहों की है। जगह-जगह पानी भरने से सड़कों पर जाम लगा है, जिसकी वजह से स्कूल और ऑफिस आने-जाने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पद रहा है। 

गुजरात में लगातार बारिश के बीच सेना तैनात

बुधवार, 28 अगस्त को राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों जैसे द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जिले में 12 घंटे में 50 मिमी से 200 mm के बीच बारिश दर्ज की गई। द्वारका के भानवड में 185 mm बारिश हुई, यह राज्य में सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग ने गुरुवार को सौराष्ट्र के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। अब भारी बारिश और मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बीच राज्य में NDRF, SDRF के अलावा सेना की 6 टुकड़ियां राहत और बचाव में जुटी हैं। अब तक 18 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया है। इधर, मध्य प्रदेश में तेज बारिश का दौर थम गया है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर समेत प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बुधवार को धूप खिली रही। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 30 और 31 अगस्त को एक बार फिर प्रदेश के अन्य इलाकों में भारी बारिश के हालात बनते नजर रहें हैं, जिसकी वजह से जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग सहित 28 जिलों में भारी बारिश का अनुमान है।

नेपाल में बारिश से बिहार में नदियां उफान पर

नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से बिहार में नदियां उफान पर हैं। भागलपुर, मुंगेर और वैशाली में गंगा का जलस्तर बढ़ा है, इन जिलों के निचले इलाके में पानी भी घुस गया है, जिसकी वजह से वहां रह रहे लोगों को अपना घर छोड़कर ऊँचे इलाकों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसी बीच गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण पटना में 31 अगस्त तक 76 सरकारी स्कूलों को बंद रखने का ऐलान किया गया है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने कहा- गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण निचले इलाकों के 8 ब्लॉक में पानी भर गया है, इसलिए इन्हीं 8 ब्लॉक के स्कूलों को बंद रखा गया है।

राजस्थान में सितंबर के महीने में होगी तेज बारिश

राजस्थान में अगले 2 दिन तक प्रदेश में तेज बारिश होने का अलर्ट नहीं है, लेकिन एक अनुमान के अनुसार सितंबर महीने की शुरुआत तेज बारिश के साथ होगी। बता दें, राजस्थान में पश्चिमी हिस्से को छोड़कर बाकी जगहों पर मानसून कमजोर हो गया है। मौसम विभाग का कहना है कि 2 सितम्बर से मानसून फिर से एक्टिव होने की संभावना है। राज्य में अब तक सामान्य से 52 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है। प्रदेश में 1 जून से 28 अगस्त तक 361.3MM औसत बारिश होती है, जबकि इस सीजन में अब तक कुल 549.9MM बरसात हो चुकी है। मौसम विभाग के मुताबिक 29 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इसका असर 2 दिन बाद देखने को मिलेगा। एक अनुमान के अनुसार 3 से 4 सितंबर तक प्रदेश में तेज बारिश हो सकती है।

वाराणसी में गंगा नदी उफान पर, 50 घाट डूबे

यूपी में अगस्त महीने के अंतिम दिनों मानसून जमकर बरस रहा है। बुधवार को 60 से ज्यादा जिलों में 14 MM पानी बरसा, जो कि नॉर्मल (6MM) से 118% है। 24 घंटे में इतनी बारिश हुई कि वाराणसी समेत 10-12 शहरों की सड़कें तालाब जैसी दिखाई पड़ने लगीं। वाराणसी में सबसे ज्यादा 84 MM पानी बरसा, जिसकी वजह से गंगा का जलस्तर 1 मीटर ऊपर बढ़ गया है। इसी बीच लगातार हो रही भारी बारिश की के कारण 50 से ज्यादा घाट गंगा में डूब गए हैं। आज मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया है।

 

2.) लद्दाख को मिलेंगे 5 नए जिले

साल 2019 से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हैं दो अलग राज्य

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 5 नए जिले बनाने की घोषणा की। नए जिलों का नाम जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होगा। नए जिलों की घोषणा से पहले लद्दाख में केवल दो जिले थे, लेह और कारगिल। अब केंद्र सरकार के आदेश के बाद राज्य में जिलों की संख्या बढ़कर 7 हो जाएगी। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'X' के माध्यम से इसकी जानकारी दी और लिखा, मोदी सरकार ने लद्दाख में 5 नए जिले बनाने का फैसला लिया है। सरकार हर गली-मोहल्ले में शासन को मजबूत करके लोगों के लिए विकाश के मौके बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें, आर्टिकल-370 निरस्त करने के बाद 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था और इसके बाद लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। 

पीएम ने नए जिले बनने पर दी सुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसकी सराहना की और कहा कि सरकार का यह फैसला लद्दाक में बेहतर शासन की दिशा में एक कदम है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर एक पोस्ट में लिखा, लद्दाख में 5 नए जिले बनना बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम है। जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग पर अब ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, जिससे सेवाएं और अवसर लोगों के और भी करीब आएंगी। वहां रहने वाले सभी लोगों को बधाई। बता दें, क्षेत्रफल के नजरिए से लद्दाख एक बहुत बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है। वर्तमान में लद्दाख में दो जिले हैं, लेह और कारगिल। बड़ा क्षेत्रफल होने के बावजूद यह भारत के सबसे कम आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। 

लद्दाख के पूर्व सांसद बोले- नए जिलों की लंबे समय से डिमांड थी

लद्दाख के पूर्व सांसद और भाजपा नेता जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा है कि नए जिले बनाने को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी और अब सरकार के इस फैसले के बाद मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूँ। यह एक ऐतिहासिक फैसला है और मैंने अपने कार्यकाल में भी लोकसभा में ये मुद्दा उठाया था। प्रदेश में दुर्गम और कठिन इलाके होने के चलते जिला प्रशासन को जमीनी स्तर तक पहुंचने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। अब इन जिलों के बनने के बाद केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन लोगों तक आसानी से पहुंच सकेगा।

गृह मंत्रालय ने 3 महीने में मांगी रिपोर्ट

गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन से नए जिलों के गठन से जुड़े सभी पहलुओं जैसे जिला मुख्यालय, सीमाएं, संरचना, पदों का निर्माण का आकलन करने के लिए एक समिति बनाने और तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। उक्त समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख इस रिपोर्ट के आधार पर नए जिलों के निर्माण के संबंध में अंतिम प्रस्ताव गृह मंत्रालय को आगे की कार्रवाई के लिए भेजेगा।

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग

पाँच अगस्त, 2019 में धरा-370 के खात्मे के साथ जम्मू-कश्मीर से अलग होने और केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने के बाद अब लद्दाख के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि अगर पूर्ण राज्य न भी हो तो विधानसभा के साथ केंद्रशासित प्रदेश होना ही चाहिए। 4 मार्च को लद्दाख के दो प्रमुख संगठन लेह एपेक्स बॉडी यानी ABL और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी KDA के साथ गृह मंत्रालय की बैठक हुई थी। तब इस मीटिंग में इन संगठनों द्वारा गृह मंत्रालय से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और स्पेशल स्टेटस बरकरार रखने की मांग की गई थी।

 

3.) ममता बोलीं- बंगाल जला तो ...मोदी की कुर्सी गिरेगी?

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में भाजपा के बंगाल बंद के दौरान हुए प्रदर्शन और आगजनी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी पर राज्य में आग लगवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर बंगाल में आग लगी तो असम से लेकर दिल्ली तक जाएगी और पीएम की कुर्सी गिर जाएगी। इसके जवाब में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी असम को डराने की हिम्मत कैसे हुई? वहीं, केंद्रीय में मंत्री और पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता के बयान को लेकर गृहमंत्री अमित शाह को चिट्‌ठी लिखी है, इसमें उन्होंने कहा कि ऐसा बयान किसी संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति भला कैसे दे सकता है, यह राष्ट्र-विरोध की आवाज है।

ममता बोलीं "दिल्ली तक पहुंचेगी आग"

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में एक रैली में कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि यह बांग्लादेश है, मुझे बांग्लादेश से प्यार है। वे हमारी तरह बात करते हैं और हमारी संस्कृति भी एक जैसी है, लेकिन याद रखिए कि बांग्लादेश अलग देश है और भारत अलग देश है। मोदी बाबू कोलकाता के रेप-मर्डर केस में अपनी पार्टी का इस्तेमाल करके बंगाल में आग लगवा रहे हैं। अगर आपने बंगाल को जलाया तो असम, नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे और हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे। 

ममता के बयान पर हिमंता ने किया तीखा पलटवार 

ममता के बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर एक पोस्ट में लिखा कि दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए। आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता। तो वहीं, असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि ममता हमें न तो धमका सकती हैं, न डराने की कोशिश कर सकती हैं। वे अपने राज्य में कानून और व्यवस्था को नियंत्रित नहीं कर पा रही हैं और हमें धमकी दे रही हैं। मैं आपको यह विश्वास दिला सकता हूं कि यह असम में नहीं चलेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं ममता बनर्जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे बहुत वरिष्ठ नेता हैं और लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि सार्वजनिक रूप से कैसे बोलना है। मैं उनके बयान की गंभीरता से निंदा करता हूं। मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं कि जब तक असम में भाजपा सरकार है और हिमंत बिस्व सरमा मुख्यमंत्री हैं, तब तक ममता असम में कुछ नहीं कर सकती हैं।

राज्य की इस्तिथि पर बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने गृहमंत्री को लिखा पत्र

पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने अमित शाह के नाम पत्र में लिखा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में TMC के छात्र विंग को संबोधित करते हुए भीड़ को उकसाने वाला बयान दिया है। उन्होंने भीड़ से कहा कि मैंने कभी बदला नहीं चाहा, लेकिन अब, जो करना है वह करो। ममता का यह बयान राज्य के सर्वोच्च पद से बदले की राजनीति का स्पष्ट समर्थन है। उन्होंने बेशर्मी से राष्ट्र-विरोधी बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि 'याद रखें, अगर बंगाल जलता है, तो असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा, और दिल्ली भी जलेंगे।' यह संवैधानिक पद पर बैठने वाले व्यक्ति की आवाज नहीं हो सकती है, यह राष्ट्र-विरोधी की आवाज है। उनका बयान स्पष्ट रूप से धमकाने, हिंसा भड़काने और लोगों के बीच नफरत फैलाने का प्रयास है। अब वे इतने महत्वपूर्ण पद पर बने रहने की हकदार नहीं हैं। उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। ममता के विचार चिंताजनक हैं और यह पश्चिम बंगाल के नागरिकों की सुरक्षा और राज्य की अखंडता को कमजोर करता है। मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि आप इस गंभीर मामले पर संज्ञान लें और स्थिति को संबोधित करने और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए उपयुक्त कार्रवाई करें। मैं पश्चिम बंगाल के नागरिकों के हितों की रक्षा करने और हमारे राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए आपकी तरफ से तुरंत और निर्णायक कार्रवाई का इंतजार कर रहा हूं।

राष्ट्रपति बोलीं "मैं निराश और डरी हुई हूं"

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से पूरे देश में गुस्सा और नाराजगी का माहौल है। ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस के 20 दिन बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पहला बयान आया है। उन्होंने कहा, "मैं घटना को लेकर निराश और डरी हुई हूं। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति ने महिला अपराधों पर रोक का आह्वान किया और कहा कि अब बहुत हो चुका। समाज को ऐसी घटनाओं को भूलने की खराब आदत है।" राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘विमेंस सेफ्टी- एनफ इज एनफ’ नाम से एक आर्टिकल लिखा था, जिस पर उन्होंने मंगलवार (27 अगस्त) को PTI के एडिटर्स से चर्चा की, जिसमे उन्होंने कहा कि कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की इजाजत नहीं दे सकता। उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि भारत महिलाओं के खिलाफ अपराधों की 'विकृति' के प्रति जाग जाए और उस मानसिकता का मुकाबला करे जो महिलाओं को 'कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान' के रूप में देखती है। एक लेख में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'इतिहास का सामना करने से डरने वाले समाज सामूहिक भूलने की बीमारी का सहारा लेते हैं, अब समय आ गया है कि भारत इतिहास का सामना करे। महिला अपराधों पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस विकृति से व्यापक तरीके से निपटना चाहिए ताकि इसे शुरू में ही रोका जा सके। जो लोग इस तरह के विचार रखते हैं, वे महिलाओं को एक वस्तु के रूप में देखते है। अपनी बेटियों के प्रति यह हमारा दायित्व है कि हम उनके भय से मुक्ति पाने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करें।

दिल्ली के निर्भया कांड के बाद क्या बदला?

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि जब कोलकाता में छात्र, डॉक्टर और नागरिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, अपराधी खुलेआम घूम रहे थे। पीड़ितों में किंडरगार्टन की लड़कियां भी शामिल हैं। रक्षा बंधन पर स्कूली बच्चों के एक समूह के साथ अपनी हाल की मुलाकात को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने मुझसे मासूमियत से पूछा कि क्या उन्हें आश्वासन दिया जा सकता है कि भविष्य में निर्भया जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी। साल 2012 की घटना के बाद आक्रोशित राष्ट्र ने कई योजनाएं और रणनीतियां बनाईं और कानून में बदलाव भी किए। तब से 12 वर्षों में, इसी तरह की अनगिनत त्रासदियाँ हुई हैं, हालांकि उनमें से केवल कुछ ने ही देश का ध्यान आकर्षित किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि 'क्या हमने अपने सबक सीखे? जैसे-जैसे सामाजिक विरोध कम होते गए, ये घटनाएँ सामाजिक स्मृति के गहरे और दुर्गम कोने में दब गईं, जिन्हें केवल तभी याद किया जाता है जब कोई और जघन्य अपराध होता है।

दुनिया को महिला के प्रति मानसिकता बदलने की जरूरत

महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के लिए कुछ लोगों द्वारा महिलाओं को वस्तु के रूप में पेश करने की यही मानसिकता जिम्मेदार है। यह भावना ऐसे लोगों के दिमाग में गहराई से बैठी हुई है। मैं यहां यह भी कहना चाहूंगी कि अफसोस की बात है कि यह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है। एक से दूसरी जगह के बीच का अंतर अपराध की प्रकृति के बजाय उसके स्तर का होता है। इस प्रकार की मानसिकता का मुकाबला राज्य और समाज दोनों को करना है। भारत में, इतने सालों में, दोनों ने इस गलत नजरिए में बदलाव के लिए कड़ा संघर्ष किया है। कानून बनाए गए और सामाजिक अभियान चलाए गए। लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसा है जो लगातार हमारे रास्ते की बाधा बना हुआ है और हमें परेशान करता है।

 

4.) क्या हरयाणा में जाट वोटरों को लुभा पाएगी BJP?

हरियाणा में साथ आ सकते हैं भाजपा-RLD !

हरियाणा में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में सभी पार्टियां गठबंधन के लिए साथी की तलाश में जुटीं हैं। अब इसी कड़ी में राज्य की मौजूदा सत्ताधारी पार्टी भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जीत दर्ज करना चाहती है। तो वहीं, अन्य पार्टियां भी सत्ता में अपनी वापसी करने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है। हरयाणा में जाट वोटरों का दबदबा है और जाट वोटर्स को लुभाने के लिए भाजपा, RLD को साधने में लगी है। जानकारी के मुताबिक, दोनों पार्टियों में बातचीत अंतिम दौर में है और जल्द ही इसे लेकर कोई बड़ी खबर आ सकती है। बता दें, RLD हरियाणा में चार सीटों की मांग कर रही है, तो वहीं बीजेपी 1 या 2 सीट देने के पक्ष में है। हरियाणा चुनाव में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए बीजेपी गोपाल कांडा और विनोद शर्मा के भी संपर्क में है।

हरयाणा चुनाव के लिए क्या है भाजपा की रणनीति

आज यानि बृहस्पतिवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक मीटिंग हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की। इस मीटिंग में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की आज शाम होने वाली बैठक से पहले संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। सुबह हुई चर्चा के बाद अब सीईसी की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। बता दें, सीईसी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह एवं राजनाथ सिंह समेत अन्य सदस्य शामिल होंगे। बैठक में इनके अलावा हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और सह-प्रभारी बिप्लव देब, प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बडौली और अन्य वरिष्ठ नेताओं के भी मौजूद रहने की संभावना है।

सत्ता में वापसी की राह नहीं होगी आसान

हरियाणा में वर्तमान में भाजपा की सरकार है और मौजूदा समय में पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखना है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में राज्य में विपक्षी पार्टिओं की एकजुटता से भाजपा की सीटों की संख्या घटकर पांच रह गई और बाकि की पांच सीटें कांग्रेस के खाते में चली गईं। बता दें, इससे पहले साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। तो वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा 40 सीट मिलीं और कांग्रेस 31 सीट जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी बनी। विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी (JJP) 10 सीट जीतने में सफल रही और सात सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को एक और हरियाणा लोकहित पार्टी को एक सीट पर जीत मिली। चुनाव पूर्व भाजपा ने जेजेपी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर फिर से एक बार राज्य के मुख्यमंत्री बने जबकि जेजेपी के दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने। हालांकि, लोकसभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर असहमति के बाद यह गठबंधन टूट गया और बाद में भाजपा ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर अपनी सरकार बचा ली। कुछ दिनों के बाद भाजपा ने खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंपी।

 

5.) भारत में अमीरों की सूची में कौन सबसे आगे?

देश के इस शहर में रहते हैं सबसे ज्यादा अमीर?

हुरुन की इंडिया के अमीरों की सूची के मुताबिक, देशभर में अरबपतियों (एक अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति) की तादाद में कई गुणा वृद्धि हुई है। मौजूदा समय में भारत में 334 अरबपति हैं, जो 13 साल पहले की जारी सूची की शुरुआत में अरबपतियों की संख्या से छह गुणा ज्यादा हैं। बता दें, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके परिवार को हुरुन की 2024 इंडिया के अमीरों की सूची में अव्वल पायदान हासिल हुआ है और 95 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ उनकी संपत्ति 11.61 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। अमीरों की इस सूची में रिलायन्स इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनके परिवार को दूसरा स्थान हासिल हुआ है और उनकी कुल संपत्ति 10.14 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है।

भारतीय अमीरों की कुल संपत्ति भारत की आधी GDP से ज्यादा

हुरुन इंडिया की सूची में इस साल 1,539 व्यक्ति हैं, जिनकी कुल संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह संख्या पिछली बार की तुलना में 220 अधिक है और इस सूची में 272 ऐसे व्यक्ति हैं, जिनका नाम पहली बार सूची में दर्ज हुआ है। 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के मालिकों की संख्या पहली बार 1,500 का आंकड़ा पार कर गई है और पिछले पांच साल के दौरान इसमें 86 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हुरुन इंडिया की अमीरों की सूची की कुल संपत्ति बढ़कर 159 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो सऊदी अरब और स्विटजरलैण्ड की संयुक्त GDP से भी अधिक है और भारत की GDP के आधे से ज्यादा है। हुरुन इंडिया की सूची में शामिल लोग कुल 29 उद्योगों और 42 शहरों से हैं और इनमें से 1,334 ने अपनी संपत्ति में इजाफा किया है, तो वहीं 272 नए चेहरे हैं, 205 की संपत्ति में गिरावट आई है, 45 का नाम सूची से नदारद है और पांच का निधन हो गया है। 

मुंबई में रहते हैं सबसे ज्यादा अमीर

सूची में मुंबई से सबसे ज्यादा 386 अमीर शामिल हैं। दिल्ली 217 नामों के साथ दूसरे स्थान पर है और 104 अमीरों के साथ हैदराबाद तीसरे पायदान पर है। मुंबई से इस साल 66 नए नाम सूची में जोड़े गए हैं। HCL के शेयर मूल्य में 50 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते 79-वर्षीय शिव नादर 3.1 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सूची में तीसरे स्थान पर हैं। 1,200 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 45-वर्षीय आनंद चंद्रशेखरन 2024 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में शामिल होने वाले पहले एंजल निवेशक हैं। सूची में सबसे कम उम्र के अरबपतियों में हर्षिल माथुर और शशांक कुमार (दोनों की उम्र 33 वर्ष) हैं, जो एक पेमेंट सॉल्यूशन ऐप RAZORPAY के संस्थापक हैं।