अगर आपको ₹243 में कुछ मिले और वो कुछ ही समय में ₹600 के पार पहुंच जाए, तो क्या होगा? यही सवाल है ममता मशीनरी के IPO की लिस्टिंग के बाद! अब सवाल ये है, क्या कारण था कि ₹243 का शेयर कुछ ही समय में ₹600 तक पहुंच गया? ऐसा क्या हुआ की इसने दलाल स्ट्रीट को हिला दिया। क्या ऐसे मौके बार-बार आते हैं? बिलकुल नहीं! क्योंकि आज ममता मशीनरी ने वो कर दिखाया जो कोई और नहीं कर सका। ममता मशीनरी के IPO ने 146% की उछाल के साथ शानदार शुरुआत की। निवेशकों के लिए ये वाकई छप्परफाड़ रिटर्न जैसा रहा। BSE पर शेयर की कीमत ₹629.95 और एनएसई पर ₹630 पर बंद हुई। जबरदस्त लिस्टिंग के बाद ममता मशीनरी के शेयरों पर 5% का अपर सर्किट लग गया। मतलब, जिसने IPO में पैसा लगाया, उसने पहले ही दिन मोटा प्रॉफिट कमा लिया। ममता मशीनरी के IPO को निवेशकों ने हाथोंहाथ लिया। 194.95 गुना सब्सक्रिप्शन ने रिकॉर्ड बना दिया। नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के लिए ये 274.38 गुना भरा गया, जबकि क्यूआईबी यानी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स ने इसे 235.88 गुना सब्सक्राइब किया। रिटेल निवेशकों में भी इसे 138.08 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। आंकड़ों की मानें तो 48 लाख से ज्यादा रिटेल निवेशकों ने इसमें अप्लाई किया था, लेकिन किस्मत वालों को ही शेयर मिला। हर 114 में से केवल 1 को ही शेयर अलॉट हुआ। इसने IPO से पहले ही एंकर निवेशकों से ₹53 करोड़ जुटाए थे। कुल मिलाकर, IPO का साइज ₹179 करोड़ का था और ये पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) था। कंपनी ने अपने प्रमोटर्स और मौजूदा शेयरधारकों के 7.38 मिलियन शेयर बेचे।
क्या है ममता मशीनरी ?
ममता मशीनरी गुजरात स्थित एक अग्रणी भारतीय कंपनी है, जो विशेष रूप से फूड, फार्मा, और कंज्यूमर गुड्स उद्योगों के लिए पैकेजिंग मशीनरी बनाती है। इसकी स्थापना 1982 में हुई थी और यह ‘वेगा’ और ‘विन’ ब्रांड्स के तहत अपने प्रोडक्ट्स बेचती है। कंपनी अपने इनोवेटिव और टिकाऊ पैकेजिंग सॉल्यूशंस के लिए जानी जाती है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उच्च मांग में हैं। ममता मशीनरी के उत्पादों में फ्लेक्सिबल पैकेजिंग सॉल्यूशंस, पाउच पैकेजिंग मशीन, और हाई-स्पीड सीलिंग मशीन जैसे उपकरण शामिल हैं। कंपनी का प्रमुख फोकस ग्राहकों को किफायती, टिकाऊ, और कस्टमाइज्ड पैकेजिंग समाधान प्रदान करना है। इसके उत्पाद भारत समेत अमेरिका, यूरोप, और अफ्रीका जैसे कई देशों में निर्यात किए जाते हैं। ममता मशीनरी अपनी मजबूत प्रबंधन टीम, आधुनिक तकनीक, और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के जरिए पैकेजिंग इंडस्ट्री में अपना प्रभावशाली योगदान दे रही है।
ममता मशीनरी के IPO ने निवेशकों को ऐसा रिटर्न दिया है, जो लंबे समय तक याद रहेगा। इसने बाजार में लिस्टिंग के पहले ही दिन भरोसा जीत लिया। IPO की सफलता ने कंपनी के विकास की कहानी को और मजबूत किया है। जिन लोगों ने इसमें निवेश किया, उनके लिए ये एक बड़ा दिन रहा।स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट की वेल्थ डिवीजन हेड शिवानी न्याति के मुताबिक, IPO का आकर्षक वैल्यूएशन इसकी सफलता का बड़ा कारण रहा। उन्होंने सलाह दी है कि जो निवेशक IPO में शामिल हुए थे, वे आंशिक प्रॉफिट बुक कर सकते हैं और बाकी शेयर को 550 के स्टॉप लॉस के साथ होल्ड करें। स्टॉक्सबॉक्स के रिसर्च एनालिस्ट प्रथमेश मसदेकर ने भी ममता मशीनरी के IPO को ऐतिहासिक बताया। उनका कहना है कि कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की रेंज बढ़ाने और नए अवसरों को भुनाने के लिए लगातार काम कर रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें एक “सच्चे राजनेता” और “निस्वार्थ सेवाभावी” के रूप में याद करते हुए एक गहरा शोक संदेश दिया। बाइडन ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व ने भारत और अमेरिका के संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उन्होंने विशेष रूप से 2005-2008 के दौरान हुए US-India Civil Nuclear Agreement को याद किया, जिसे डॉ. सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने मिलकर साकार किया था। इस समझौते ने भारत-अमेरिका के बीच सामरिक और ऊर्जा सहयोग को नया आयाम दिया
बाइडन ने डॉ. सिंह के समय हुए अन्य प्रमुख समझौतों और साझेदारियों का उल्लेख किया, जैसे: क्वाड ग्रुप का प्रारंभिक गठन, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम था। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और रक्षा साझेदारी को मजबूत करना। बाइडन ने यह भी कहा कि डॉ. सिंह के साथ उनके 2008 और 2013 में हुए संवाद उनके लिए बेहद यादगार रहे, क्योंकि इन बैठकों में उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों के व्यापक आयामों पर चर्चा की थी। डॉ. सिंह के निधन पर न केवल अमेरिका, बल्कि विश्व के अन्य नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उन्हें "आधुनिक भारत का वास्तुकार" कहा। इसके अलावा विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष जिम योंग किम ने उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में सराहा। डॉ. मनमोहन सिंह को भारत में 1991 के आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाता है, जब उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की ओर ले जाकर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल (2004-2014) में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत की।
2005-08 के दौरान हुए ऐतिहासिक US-India Civil Nuclear Agreement के पीछे डॉ. सिंह और बाइडन के बीच सहयोग की बड़ी भूमिका थी। उस समय, बाइडन सीनेट में थे और उन्होंने इस समझौते को अमेरिकी कांग्रेस में पास करवाने में अहम भूमिका निभाई। बाइडन ने इस समझौते को भारत-अमेरिका के रिश्तों में "टर्निंग पॉइंट" कहा और डॉ. सिंह के नेतृत्व को इसका श्रेय दिया। इसके अलावा जब 2010 के दशक में जलवायु संकट गहराने लगा, तो दोनों नेताओं ने इस दिशा में सहयोग बढ़ाने के लिए बात की। बाइडन ने हमेशा डॉ. सिंह की पर्यावरणीय नीतियों की तारीफ की।
इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर एक खौफनाक वारदात ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। डमरू उस्ताद चौराहे पर विनोद राठौर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोपी ने पहले विनोद पर चाकू से 18 वार किए और फिर उसका गला रेत दिया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसे देखकर हर कोई सन्न रह गया। वारदात के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग घटना की भयावहता से सहम गए। यह घटना आपसी दुश्मनी के कारण हुई। प्रारंभिक जांच में पाया गया की आरोपी प्रमोद साईं यादव, जो मृतक का पड़ोसी था उसके और विनोद के बीच पुरानी दुश्मनी थी। मृतक विनोद राठौर, जो गणेश नगर का निवासी था और रेलवे स्टेशन के पास गुरुकृपा होटल में वेटर का काम करता था, वो शुक्रवार को अपने काम से लौट रहा था। तभी चौराहे पर पहले से घात लगाए बैठे प्रमोद ने उसे रोका और अचानक चाकू से हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रमोद ने विनोद पर लगातार 18 बार चाकू से वार किए और बाद में गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। इस खौफनाक वारदात के दौरान चौराहे पर कई लोग मौजूद थे, लेकिन कोई भी विनोद को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
यह पूरी घटना चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। फुटेज में दिखा कि हमलावर ने बेहद बर्बरता से वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने इस फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया है और इसे जांच में शामिल किया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी ने हत्या के बाद भागने की कोशिश की, लेकिन उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
वारदात की सूचना मिलते ही परदेशीपुरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में ले लिया। हत्या में इस्तेमाल चाकू भी बरामद कर लिया गया है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हत्या की वजह पुरानी रंजिश है, लेकिन वे इस मामले की हर पहलू से जांच कर रहे हैं। घटना के बाद डमरू उस्ताद चौराहे और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय निवासियों ने इस जघन्य हत्या पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। लोगों का कहना है कि इस तरह दिनदहाड़े हुई वारदात ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक की मां प्रभा राठौर का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने मीडिया से कहा, "मेरे बेटे को निर्दयता से मार डाला गया। मुझे न्याय चाहिए। हत्यारे को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।"पुलिस अधीक्षक (इंदौर) ने कहा,"यह एक गंभीर मामला है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। हम सुनिश्चित करेंगे कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले।
शनिवार सुबह दिल्ली के नजफगढ़ के नंगली सकरावती औद्योगिक क्षेत्र में एक नमकीन फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। यह हादसा सुबह करीब 8:16 बजे हुआ, जब फैक्ट्री में सिलेंडर फटने से जोरदार धमाका हुआ। धमाके के साथ ही आग तेजी से पूरे क्षेत्र में फैल गई, जिससे चार कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए। फैक्ट्री के ग्राउंड फ्लोर पर बेकिंग के लिए ओवन का उपयोग हो रहा था। प्राथमिक जांच में पाया गया है कि गैस सिलेंडर का पाइप लीक हो गया था, जिससे सिलेंडर में आग लगी और यह फट गया। सिलेंडर के फटने से आग ने और अधिक विकराल रूप ले लिया। घटना के दौरान फैक्ट्री के अंदर कई कर्मचारी काम कर रहे थे। उनमें से चार गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तत्काल डीडीयू अस्पताल (दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल) में भर्ती कराया गया।स्थानीय निवासियों के अनुसार, धमाका इतना जोरदार था कि इसकी आवाज 500 मीटर दूर तक सुनाई दी। फैक्ट्री के ऊपर काले धुएं का गुबार छा गया, जिससे आस-पास के लोग डर गए। घायल कर्मचारियों में पहला शिवम (23 वर्ष) जिसके चेहरे और हाथों पर गंभीर जलन हुई। इसके बाद दूसरा कर्मचारी अमित (35 वर्ष) जिसके दोनों पैरों में झुलसने के निशान आये है। फिर तीसरा चंदन (22 वर्ष) जिसको जलन के साथ सांस लेने में परेशानी हो रही है। फिर चौथा जयपाल (40 वर्ष) है।
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। करीब 17 दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने के लिए लगभग 4 घंटे तक प्रयास किया। दमकल कर्मियों ने तेजी से फैक्ट्री के अंदर फंसे कर्मचारियों को बाहर निकाला। आग को पूरी तरह बुझाने के बाद अब कूलिंग का काम चल रहा है।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था। फैक्ट्री में फायर सेफ्टी सिस्टम पूरी तरह से अनुपस्थित था। गैस सिलेंडर और ओवन के बीच पर्याप्त सुरक्षा दूरी नहीं थी। कर्मचारियों को आग से बचने के लिए किसी भी तरह की ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों की सुरक्षा मानकों की समीक्षा के आदेश दिए हैं। दिल्ली सरकार ने घायल कर्मचारियों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने की घोषणा की है। वहीँ दिल्ली के श्रम मंत्री ने कहा है कि घटना के लिए जिम्मेदार फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घटना होने पर मौजूद राजेश कुमार, ने बताया हमने सुबह एक जोरदार धमाके की आवाज सुनी और तुरंत फैक्ट्री की तरफ भागे। चारों तरफ आग और धुआं था। हमने देखा कि अंदर कुछ लोग फंसे हुए थे। तुरंत पुलिस और दमकल को सूचना दी।
घटना के बाद दिल्ली सरकार और दमकल विभाग ने निम्नलिखित कदम उठाने का फैसला किया है। औद्योगिक क्षेत्रों में सभी फैक्ट्रियों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की जाएगी। कर्मचारियों को आग से बचने के तरीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी। बिना फायर सेफ्टी उपकरणों के फैक्ट्री चलाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में इस तरह की आग लगी हो। औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी अक्सर ऐसी घटनाओं का कारण बनती है। पिछले साल भी, बवाना में एक फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।