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Breaking News 28 April 2025

1.) नोएडा सेक्टर 61 में गूंजा पाकिस्तान मुर्दाबाद 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में रविवार शाम नोएडा सेक्टर-61 में एक भावनात्मक कैंडल मार्च निकाला गया। फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट्स एसोसिएशन (FoAA) सेक्टर-61 के तत्वावधान में आयोजित इस मौन जुलूस में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों ने भाग लिया।

आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता प्रदर्शित करते हुए लोगों ने हाथों में मोमबत्तियां लीं और गहरा आक्रोश प्रकट किया। मार्च का नेतृत्व डॉ. मनोरंजन मोहंती (अध्यक्ष, रॉयल गार्डन एस्टेट), सीए नमित गौतम (अध्यक्ष, FoAA सेक्टर-61) तथा प्रमोद बहल (जिला मंत्री, भाजपा, गौतम बुद्ध नगर) ने किया।

इस दौरान तख्तियों पर "पाकिस्तान मुर्दाबाद" के नारे लिखे गए, और वहां जमा हुए लोगों ने जमकर नारेबाजी की "पाकिस्तान मुर्दाबाद", "पाकिस्तान हाय हाय", और "बदला लो, बदला लो, मोदी जी बदला लो"। इसके अलावा "हिंदू हिंसा हनन हुआ तो खून बहेगा सड़कों पर" जैसे नारों ने लोगों के गुस्से को व्यक्त किया। हर एक नारा इस बात का प्रतीक था कि लोग आतंकवाद के खिलाफ अब और सहनशील नहीं होंगे।

मार्च में विशेष रूप से शामिल रहे : 
वीरेंद्र नेगी, एम एल सुवेल (पंचाचुली); श्री और श्रीमती कक्कड़, डॉ. बुंदेला, ऋतिमा पुरी, वी एम पांडेय, अंकित दुबे, उपेंद्र शर्मा, गोपाल कृष्ण पाहवा, रचिन गुप्ता, भाषित ढोलकिया, अभिषेक सिंह, राजेश सरीन (पंचगाम); मोहित गौतम, देबाशीष (गार्डेनिया ग्रेस); अमर सिंह भंडारी, आर के जैन, आशा राम बुडानी, मनोज शर्मा, लोकेश त्रिपाठी, वी के साहि (इंद्रप्रस्थ); बी एस प्रजापति, अनुसूया सिंह (रॉयल टावर); राकेश अरोड़ा, एस डी महेश्वरी, रणवीर सिंह चौहान; रामकृष्ण यादव (भाजपा-एसएसपी मंडल अध्यक्ष); श्रीमती किरण मेहरा, आर एन उपाध्याय, अविनाश जी (रॉयल गार्डन एस्टेट) सहित कई गणमान्य नागरिक। मौन जुलूस के समापन पर दो मिनट का मौन रखकर हमले में शहीद हुए नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 


इसके उपरांत, मोमबत्तियों से "भारत माता की जय" और "We Stand With Pahalgam" शब्द उकेरे गए, जो नागरिकों की भावनाओं का प्रतीक बन गए। प्रतिभागियों ने आतंकवाद के विरुद्ध सरकार से निर्णायक एवं ठोस कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अब सहनशीलता की सीमा समाप्त हो चुकी है और देश के सम्मान व सुरक्षा की रक्षा हेतु आतंक के विरुद्ध व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए। लोगों ने यह भी प्रश्न उठाए कि मासूम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान कब तक बलि चढ़ती रहेगी। नागरिकों ने मांग की कि सुरक्षाबलों को पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की जाए ताकि आतंकवाद को उसकी जड़ों से समाप्त किया जा सके। मार्च का मूल संदेश स्पष्ट था देश अपने शहीदों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगा। पहलगाम की भूमि पर बहे हर कतरे का हिसाब लिया जाएगा। आतंक के विरुद्ध अब केवल वादे नहीं, निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है।

 

2.)  RCB ने कब्जाई टॉप पोजिशन.... पर कैसे ? 

आईपीएल 2025 में 27 अप्रैल का दिन फैंस के लिए बेहद खास रहा। दो बड़े मुकाबलों में उतरे दिग्गजों ने रोमांच की सारी हदें पार कर दीं। पहले मैच में मुंबई इंडियंस ने लखनऊ सुपर जायंट्स को हराकर अंकतालिका में छलांग लगाई, तो दूसरे मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने दिल्ली कैपिटल्स को उन्हीं के घर में मात देकर पॉइंट्स टेबल में बड़ा उलटफेर कर दिया।

RCB ने मारी बाजी, प्लेऑफ की ओर बढ़ाया कदम

दिल्ली कैपिटल्स पर मिली जीत के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु 10 मैचों में 7 जीत के साथ 14 अंकों पर पहुँच गई है और पॉइंट्स टेबल में शीर्ष स्थान पर काबिज हो गई है। इस शानदार जीत से बेंगलुरु ने प्लेऑफ की ओर एक और ठोस कदम बढ़ा दिया है। बेंगलुरु का नेट रन रेट फिलहाल +0.521 है, जो उन्हें बढ़त बनाए रखने में मदद कर रहा है। दूसरी ओर, लखनऊ को पटखनी देकर मुंबई इंडियंस तीसरे पायदान पर पहुंच गई है। मुंबई के खाते में अब 10 मुकाबलों में 6 जीत और 4 हार के बाद कुल 12 अंक हो गए हैं। हालांकि गुजरात टाइटंस 8 मैचों में 6 जीत के साथ दूसरे स्थान पर बरकरार हैं, और उनका नेट रन रेट +1.104 का है, जो फिलहाल सबसे बेहतर है। दिल्ली कैपिटल्स को मिली हार ने भी तालिका में हलचल मचाई है। दिल्ली के भी 9 मैचों में 6 जीत के साथ 12 अंक हैं, लेकिन नेट रन रेट में पिछड़ने के कारण वे फिलहाल चौथे स्थान पर हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बेंगलुरु, गुजरात, मुंबई और दिल्ली की टीमें प्लेऑफ की दावेदार बन सकती हैं। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। पंजाब किंग्स 11 अंकों के साथ और लखनऊ सुपर जायंट्स 10 अंकों के साथ टॉप-4 में जगह बनाने के लिए जोर लगा रहे हैं। वहीं कोलकाता नाइट राइडर्स, सनराइजर्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स की टीमें भी गणना के खेल में अभी बनी हुई हैं, हालांकि उनके लिए राह बेहद कठिन दिख रही है। आईपीएल 2025 का सीजन अब अपने सबसे रोमांचक मोड़ पर आ गया है। अब तक कुल 46 मैच खेले जा चुके हैं, और कोई भी टीम आधिकारिक तौर पर टूर्नामेंट से बाहर नहीं हुई है। ऐसे में हर मैच अब करो या मरो की तरह हो गया है। बेंगलुरु यदि आने वाले एक-दो मुकाबले जीत लेती है, तो वह प्लेऑफ का टिकट लगभग पक्का कर लेगी। गौरतलब है कि प्लेऑफ की रेस में अभी भी छह टीमें ऐसी हैं जो 18 अंक या उससे अधिक तक पहुँचने की दौड़ में हैं। ऐसे में फैंस के लिए हर आने वाला मैच बेहद रोमांचक और अप्रत्याशित मोड़ लेकर आ सकता है।

 

3.)  रूस-यूक्रेन युद्ध: पुतिन ने जताई शांति वार्ता की इच्छा

सालों से चले आ रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक नई हलचल देखने को मिली है। क्रेमलिन ने शनिवार (26 अप्रैल, 2025) को ऐलान किया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बिना किसी पूर्व शर्त के यूक्रेन के साथ शांति वार्ता फिर से शुरू करने को तैयार हैं। यह बयान पुतिन और अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बीच हुई मुलाकात के एक दिन बाद सामने आया है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, "ट्रंप के दूत विटकॉफ के साथ हुई कल की बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने स्पष्ट किया कि रूस बिना किसी शर्त के बातचीत के लिए तैयार है।" पेस्कोव ने यह भी याद दिलाया कि पुतिन इससे पहले भी कई बार शांति वार्ता की अपनी इच्छा जता चुके हैं।

हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सकारात्मक संकेत पर संदेह जताया है। ट्रंप ने शुक्रवार (25 अप्रैल, 2025) को कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए समझौता "करीब" है, लेकिन अगले ही दिन पुतिन के इरादों पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "पिछले कुछ दिनों में नागरिक इलाकों, शहरों और कस्बों पर मिसाइलें दागने का कोई औचित्य नहीं था।"

पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार से अमेरिका लौटते समय ट्रंप ने रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा, "यह दर्शाता है कि शायद पुतिन युद्ध को रोकना नहीं चाहते, बल्कि केवल बहलाने का प्रयास कर रहे हैं। अब उन्हें 'बैंकिंग' या 'सेकेंडरी सेंक्शन्स' के जरिए अलग तरीके से दबाव में लाना होगा। बहुत सारे लोग मर रहे हैं!!!"

रूस की ओर से आई शांति की पेशकश और अमेरिका की ओर से व्यक्त हुआ संदेह—यह दोनों घटनाएं इस लंबे संघर्ष में एक नए अध्याय की ओर इशारा कर रही हैं। आने वाले दिनों में दुनिया की नजर इस बात पर टिकी रहेगी कि क्या वाकई जंग के मैदान से बातचीत की मेज तक कोई राह निकलेगी।