भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार, 26 सितम्बर को 'हिंदू आध्यात्मिक और सेवा मेला' के उद्घाटन समारोह में सम्मानित मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। यह कार्यक्रम राजस्थान के जयपुर के ऐतिहासिक दशहरा मैदान में आध्यात्मिक धर्मगुरुओं, दूर-दूर से आये भक्तों और गणमान्य व्यक्तियों की भीड़ के बीच आयोजित किया गया था। उद्घाटन के दौरान, श्री धनखड़ ने आध्यात्मिक मूल्यों, सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देने और लोगों के बीच एकता और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देने में ऐसी पहल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे 'हिंदू आध्यात्मिक और सेवा मेला' भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है और समाज के उत्थान के लिए सेवा के कार्यों में संलग्न होने का अवसर प्रदान करता है।
उपराष्ट्रपति ने हिंदू धर्म की शिक्षाओं और सिद्धांतों उल्लेख किया
मेले में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रदर्शन, आध्यात्मिक प्रवचन और निःस्वार्थ सेवा के सिद्धांतों और हिंदू धर्म की गहन शिक्षाओं पर केंद्रित प्रदर्शनियाँ शामिल थीं। विभिन्न आध्यात्मिक संगठनों और सामाजिक सेवा समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई स्टॉल लगाए गए थे, जो मानवता की सेवा और भक्ति के बीच जुड़े असंख्य तरीकों की अंतर्दृष्टि प्रदान करते थे। श्री धनखड़ ने शांति, करुणा और दूसरों की सेवा को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए आयोजकों की सराहना की और युवाओं से समाज के समग्र विकास के लिए ऐसे प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने स्टालों का दौरा करने और प्रतिभागियों के साथ बातचीत करने का अवसर भी लिया और आध्यात्मिकता के माध्यम से सामाजिक कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।
पर्यटन किसी भी देश की समृद्धि का प्रतीक हो सकता है। यह सांस्कृतिक आधार पर तो लोगों को प्रभावित करता ही है, साथ ही देश की आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देने में योगदान देता है। पर्यटन के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ही एक दिन विश्व पर्यटन दिवस के तौर पर मनाया जाता है। विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य पर्यटन के महत्व और इसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक योगदान के प्रति जागरूकता फैलाना है। पर्यटन न केवल विभिन्न संस्कृतियों और स्थानों को जोड़ता है, बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा भी है, जो कई देशों के लिए आय और रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। विश्व पर्यटन दिवस एक ऐसा अवसर है, जो हमें पर्यटन के महत्व को समझने और इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूक होने का मौका देता है।
सफलता की नई पटकथा लिख रहा भारत
राजस्थान में एक प्रसिद्ध कहावत है, 'पधारो म्हारे देश' और आज विश्व पर्यटन दिवस पर हर भारतीय की यही चाहत है, क्योंकि देश में कृषि के बाद सबसे बड़ा रोजगार प्रदान करने वाला सेक्टर पर्यटन ही है। बीते एक दशक में भारत ने विकास और आर्थिक प्रगति की जो राह पकड़ी है, उस में देश के पर्यटन उद्योग की बड़ी भूमिका रही है। भारत का जो वैश्विक उभार सामने आया है, उसने दुनिया की नजर में देश को सबसे पसंदीदा स्थल के रूप में स्थापित किया है। अतुल्य भारत की चमक और आकर्षण ने भारत को विश्व में एक ऐसे देश के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जिसके पास अपना खुद का हजारों वर्षों की परंपरा और इतिहास है। हर भारतीय के लिए यह गर्व की बात है कि आज हम एक ऐसे दौर में हैं जब संस्कृति और सभ्यता के कई प्रवाह मिटते जा रहे हैं, भारतीय संस्कृति को लेकर विश्व की जिज्ञासा और दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। भारत आज जब उद्यम और विकास की नई पटकथा लिख रहा है, तब 70 मिलियन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने वाला पर्यटन क्षेत्र भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में एक बड़ा रोल निभा रहा है।
क्या है विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास?
विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र की संस्था विश्व पर्यटन संगठन (UN-WTO) ने साल 1980 में की थी। संगठन ने 27 सितंबर को पर्यटन दिवस मनाने का फैसला लिया। इसके पीछे भी एक दिलचस्प कारण है। 27 सितंबर 1970 को विश्व पर्यटन संगठन की स्थापना हुई थी। संगठन के संस्थापक सम्मेलन की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर विश्व पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य पर्यटन के विकास को प्रोत्साहित करना और इसे वैश्विक शांति, समृद्धि और समझ के एक साधन के रूप में प्रस्तुत करना है। संगठन का ऐसा भी मानना रहा है की पर्यटन केवल यात्रा और मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से हम पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के विकास में भी अपना योगदान दे सकते हैं।
क्या है विश्व पर्यटन दिवस का महत्व?
पर्यटन न केवल विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है, बल्कि यह आर्थिक विकास, रोजगार के अवसर और पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है। कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है और यह सेक्टर वहां के नागरिकों के लिए रोजगार का एक बड़ा स्रोत है। इसके अलावा, पर्यटन हमें एक-दूसरे की संस्कृतियों, परंपराओं, और इतिहास को जानने और समझने का मौका देता है। यह दिन उन सभी लोगों के लिए भी एक प्रेरणा है जो पर्यटन उद्योग में काम कर रहे हैं और इसके विकास के लिए लगातार अपने प्रयासों के माध्यम से योगदान दे रहे हैं।
क्या है साल 2024 विश्व पर्यटन दिवस की थीम?
हर साल UN-WTO द्वारा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक नई थीम निर्धारित की जाती है, जिसके तहत पर्यटन से संबंधित प्रमुख मुद्दों और संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। विश्व पर्यटन दिवस 2024 की थीम है, "पर्यटन और शांति" (Tourism and Peace) है, इस थीम का उद्देश्य है कि पर्यटन समुदायों में एकजुटता लाने के साथ आपसी रिश्तों को एक नई ऊंचाई दे सकता है - रोजगार पैदा कर सकता है, समावेश को बढ़ावा दे सकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत कर सकता है। बता दें, अक्तूबर 2023 के डाटा के अनुसार दुनियाभर में करीब 1,199 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है। इनमें से 933 सांस्कृतिक स्थल हैं और 227 प्राकृतिक स्थल हैं। साथ ही 39 मिश्रित स्थल हैं। वहीं, भारत में 43 विश्व धरोहर स्थल हैं। जिसमें से 35 सांस्कृतिक स्थल, 7 प्राकृतिक स्थल और एक कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान मिश्रित प्रकार का है।
पार्टी के अंदर से उठ रहें केजरीवाल के खिलाफ बगावत के सूर
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। केजरीवाल ने गुरुवार को विधानसभा में बिभव कुमार का नाम लेते हुए जब यह कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी के नेताओं को झूठे केस में फंसाकर जेल भेजा गया तो इतना सुनते ही स्वाति मालीवाल बिफर पड़ीं। स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के बयान का जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी। उन्होंने आगे लिखा, हर दूसरे दिन खुद की तुलना मर्यादा पुरुषोत्तम राम से करवाते हो, इतना अहंकार ठीक नहीं है, जो अपनी पार्टी की महिला सांसद के लिए स्टैंड नहीं ले सकता वो दिल्ली की महिलाओं के लिए भी क्या स्टैंड लेगा।
गुंडे के लिए कौन खड़ा कर रहा है महंगे वकीलों की फौज?
स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी। अरविंद केजरीवाल जी, जिस गुंडे ने मुझे आपके निवास पर आपकी मौजूदगी में मारा, जब तक वो जेल में था, आपने देश के सबसे महंगे वकीलों की फौज उसे बचाने के लिए खड़ी करी, मेरे खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस पे प्रेस कॉन्फ्रेंस करवाई। आज जब वो शर्तिया बेल पर बाहर है, उसे पार्टी का सबसे बड़े नेता बताकर कह रहे हैं कि वो फर्जी केस में जेल में डाला गया है। सुप्रीम कोर्ट तक ने बोला कि ऐसे गुंडों को अपने निवास में कौन रखता है। इनके इन वाक्यों से बिभव जैसे गुंडों के हौसले बुलंद नहीं होंगे तो और क्या होगा? संदेश साफ है- दोबारा मार पीट भी करोगे तो हम बचा लेंगे। आप सांसद ने आगे लिखा, हर इंसान जो आपके हर गलत काम का साथी हो, बड़ा नेता नहीं होता।
अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में ऐसा क्या बोला?
गुरुवार को अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में BJP-RSS के लोग भी मानते हैं कि केजरीवाल ईमानदार है। भाजपा ने हमारे पांच बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया लेकिन आप टूटी नहीं। भाजपा के दो बड़े नेताओं को जेल में डाल दो तो इनकी पार्टी टूट जाएगी। मेरे ऊपर फर्जी केस कर दिए। फर्जी केस करके मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, संजय सिंह, बिभव कुमार को जेल में डाल दिया। पांच बड़े नेताओं को जेल में डालने के बाद भी हमारी पार्टी नहीं टूटी, मजबूती से खड़ी है।
केजरीवाल के PA बिभव पर क्या है आरोप?
स्वाति मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। स्वाति ने शिकायत में कहा था कि जब वह 13 मई को सीएम आवास अरविन्द केजरीवाल से मिलने पहुंचीं थी तो बिभव ने उनके साथ मारपीट की। मालीवाल की शिकायत पर पुलिस ने बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया था। हाल ही में वह जमानत पर बाहर आया है। इस मामले को लेकर स्वाति मालीवाल लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर हैं।
सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट क्यों जारी नहीं कर रहा?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया है कि अगर कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को कुछ कट्स के बाद रिलीज होने की मंजूरी दी जा सकती है। कंगना की फिल्म इमरजेंसी पहले 6 सितंबर को रिलीज होनी थी, लेकिन सेंसर बोर्ड से मंजूरी न मिलने के चलते इसकी रिलीज अटक गई। कंगना रनौत का आरोप है कि सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा है और फिल्म की रिलीज में देरी कर रहा है। वहीं, जी एंटरटेनमेंट का का आरोप है कि राजनीतिक कारणों और हरियाणा चुनाव की वजह से फिल्म के सर्टिफिकेट को रोका गया है।
कंगना ने फिल्म में इंदिरा गाँधी का किरदार निभाया है
कंगना रनौत ने अपनी फिल्म इमरजेंसी में अभिनय के साथ ही इसके निर्देशन और सह-निर्माण का काम भी किया है। फिल्म में कंगना रनौत भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में नजर आएंगी। बता दें, फिल्म को लेकर कुछ सिंख संगठनों ने आपत्ति जताई थी, इनमें शिरोमणि अकाली दल भी शामिल है। इन संगठनों का आरोप है कि फिल्म में सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश किया गया है और कई ऐतिहासिक तथ्य गलत दिखाए गए हैं। कंगना रनौत के साथ फिल्म का निर्माण करने वाले जी एंटरटेनमेंट ने फिल्म की रिलीज न होने पर बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। जी एंटरटेनमेंट ने दावा किया कि CBFC यानि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने फिल्म का सर्टिफिकेट बना दिया है, लेकिन इसे राजनैतिक दवाब की वजह से जारी नहीं कर रहा है।
हाईकोर्ट ने CBFC को लगाई थी फटकार
कंगना रनौत के साथ फिल्म का निर्माण करने वाले जी एंटरटेनमेंट की एक अपील पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से जवाब मांगा था। जस्टिस बी.पी कोलाबावाला और फिरदौस पूनावाला ने बीते हफ्ते CBFC को फटकार लगाई थी और फैसला न लेने के लिए बोर्ड की आलोचना की थी। हाईकोर्ट ने CBFC को 25 सितंबर तक जवाब देने का समय दिया था। अब CBFC ने अपने जवाब में साफ कर दिया है कि कुछ कट्स के साथ फिल्म रिलीज हो सकती है, जो कि कंगना रनौत और जी एंटरटेनमेंट के लिए राहत की खबर है। CBFC के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड की समीक्षा समिति ने फिल्म को लेकर फैसला ले लिया है। समिति ने सुझाव दिया है कि कुछ कट्स के साथ फिल्म रिलीज हो सकती है। इस पर जी एंटरटेनमेंट की तरफ से पेश हुए वकील शरण जगतियानी ने कोर्ट से कुछ समय मांगा है ताकि यह फैसला लिया जा सके कि कट्स लगाए जा सकते हैं या नहीं। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 30 सितंबर तक टाल दी है।
माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक जुड़ाव कार्यक्रम (आईएन-स्टेप) के सम्मानित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। यह जुड़ाव एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो वैश्विक सुरक्षा, शांति और सहयोग पर रणनीतिक बातचीत को बढ़ावा देने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। IN-STEP पहल उभरती वैश्विक चुनौतियों और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने में कूटनीति की भूमिका पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए दुनिया भर के विचारशील नेताओं, नीति निर्माताओं और डोमेन विशेषज्ञों को एक साथ लाती है। सत्र के दौरान, श्री धनखड़ ने वैश्विक मंच पर शांति और कूटनीति के अग्रदूत के रूप में भारत की भूमिका पर जोर दिया, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को दूर करने में संवाद और सहयोग को प्रमुख उपकरणों के रूप में उपयोग करने के देश के दृष्टिकोण को दर्शाता है। (ट्वीट लिंक- https://x.com/VPIndia/status/1839553020079878366)
राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति पर उपराष्ट्रपति ने अपना दृश्टिकोण रखा
अपनी बातचीत के दौरान, उपराष्ट्रपति ने शांति की रक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "शांति को ताकत की स्थिति से सबसे अच्छी तरह से सुरक्षित किया जा सकता है।" उन्होंने बताया कि शांति और सद्भाव पर विचार करना एक सभ्य समाज के लिए मौलिक है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक शांति सतत विकास की नींव है, जो मानवता के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। श्री धनखड़ ने टिप्पणी की कि शांति और अहिंसा के दूत महात्मा गांधी की भूमि में एकत्र होना, इस जुड़ाव का गहरा महत्व जोड़ता है। (वीडियो लिंक- https://x.com/VPIndia/status/1839562970877362337)
शांति और सद्भाव की ओर यू-टर्न के लिए एक वैश्विक आह्वान
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने शांति, सद्भाव, ग्रह संरक्षण और सतत विकास की दिशा में "वैश्विक यू-टर्न" की तत्काल आवश्यकता के बारे में बात की। एक कहावत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "अगर आप गलत रास्ते पर हैं, तो यू-टर्न लेने में जितना अधिक समय लेंगे, आपको उतना ही अधिक नुकसान होगा।" उन्होंने कहा कि आज की दुनिया असंख्य चुनौतियों का सामना कर रही है जिसके लिए पारंपरिक दृष्टिकोण से बदलाव की आवश्यकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों में बहुपक्षीय भागीदारी महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि पारंपरिक युद्ध नए, अधिक जटिल खतरों को जन्म देता है। IN-STEP विविध पृष्ठभूमि वाले विशेषज्ञों के बीच विचारों के परस्पर-परागण के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान करता है। (वीडियो लिंक- https://x.com/VPIndia/status/1839565121674453468)
अव्यवस्थित विश्व में वैश्विक चुनौतियों का सामना
श्री धनखड़ ने आज दुनिया के सामने मौजूद अभूतपूर्व चुनौतियों-जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद, साइबर अपराध और वैश्विक व्यवस्था में व्यवधान की ओर इशारा किया। उन्होंने देखा कि ये संकट अक्सर सत्ता की लापरवाह खोज या व्यवधान की नीतियों से उत्पन्न होते हैं जिन्हें लाभदायक माना जाता है। उन्होंने आगे इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे सूचना परिदृश्य, विशेष रूप से सोशल मीडिया, कथाओं और अंतःक्रियाओं को नया आकार देकर इन मुद्दों को बढ़ा देता है। उन्होंने भावनात्मक अशांति, युद्ध भड़काने और समाज को अस्थिर करने वाली झूठी कहानियों का मुकाबला करने के लिए मशीन लर्निंग जैसी विघटनकारी तकनीकों का उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया। (वीडियो लिंक- https://x.com/VPIndia/status/1839576880879698381)
राष्ट्रीय समृद्धि के लिए शांति और सुरक्षा की भूमिका आवश्यक
अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने दोहराया कि प्रत्येक राष्ट्र अपने नागरिकों के लिए शांति, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करने की आकांक्षा रखता है। उन्होंने टिप्पणी की कि शांति और सुरक्षा किसी भी देश की वृद्धि और विकास के लिए मूलभूत आवश्यकताएं हैं। यदि शांति नाजुक है और सुरक्षा से समझौता किया जाता है, तो देश के मानव संसाधनों को समृद्धि में योगदान देने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। श्री धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि ये ऊंचे आदर्श नहीं हैं बल्कि आवश्यक नींव हैं जिन पर संपन्न समाज का निर्माण होता है। (वीडियो लिंक- https://x.com/VPIndia/status/1839578452686701051)
भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में विश्व पर्यटन दिवस के भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की। बड़े उत्साह के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और संस्कृतियों में पर्यटन के महत्वपूर्ण योगदान का जश्न मनाने के लिए देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से गणमान्य व्यक्तियों, पर्यटन से जुड़े पेशेवर लोगों और हितधारकों को एक साथ लाया गया। श्री धनखड़ ने अपने भाषण में, अंतर-सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
राष्ट्र-निर्माण में क्या है पर्यटन की भूमिका?
अपने संबोधन में, उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने पर्यटन की परिवर्तनकारी शक्ति पर प्रकाश डाला और इसे "दुनिया भर में लोगों और संस्कृतियों को जोड़ने वाला पुल" कहा। उन्होंने टिप्पणी की कि पर्यटन न केवल अंतरराष्ट्रीय सद्भावना और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है, बल्कि विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन उद्योग भारत की GDP में महत्वपूर्ण योगदान देता है और आतिथ्य और यात्रा क्षेत्रों में रोजगार सृजन और कौशल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण इंजन है। उन्होंने टिकाऊ पर्यटन प्रथाओं पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाली पीढ़ियां भारत द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्राकृतिक और सांस्कृतिक खजाने का आनंद ले सकें।
विश्व पर्यटन दिवस: एक वैश्विक उत्सव है
प्रतिवर्ष 27 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व पर्यटन दिवस, पर्यटन के महत्व और इसके सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक मूल्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है। 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UN-WTO) द्वारा स्थापित, यह दिन वैश्विक शांति, समृद्धि और समझ में उद्योग के योगदान का उत्सव है। इस वर्ष की थीम- "पर्यटन और शांति" (Tourism and Peace), इस थीम का उद्देश्य है कि पर्यटन समुदायों में एकजुटता लाने के साथ आपसी रिश्तों को एक नई ऊंचाई देना है- रोजगार पैदा करना है, समावेश को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारत आने वाले दिनों में और गति के साथ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविध परिदृश्यों के साथ जिम्मेदार और टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
पर्यटन: भारत का विकास स्तंभ
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास, कनेक्टिविटी में सुधार और क्षेत्र के भीतर डिजिटलीकरण पर ध्यान देने का उल्लेख करते हुए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल की सराहना की। उन्होंने भारत की विरासत को संरक्षित करने में स्थानीय समुदायों और कारीगरों के महत्वपूर्ण योगदान को भी सराहा, जो सांस्कृतिक पर्यटन की रीढ़ हैं। समापन में, श्री धनखड़ ने सभी हितधारकों से भारत को एक शीर्ष वैश्विक गंतव्य बनाने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया, साथ ही यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पर्यटन विकास पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और सभी समुदायों के लिए समावेशी रहे।