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सुशांत को इस बार भी नहीं मिलेगा इन्साफ?
बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बाम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक चक्रवर्ती और उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल इंद्रजीत चक्रवर्ती के खिलाफ सीबीआई की तरफ से जारी लुक आउट सर्कुलर "Lookout Circular" (LOC) अब ख़त्म होगा। CBI ने बॉम्बे हाईकोर्ट को चुनौती दी थी, जानकारी के मुताबिक, फरवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिया चक्रवर्ती, उनके भाई और पिता की याचिका पर सीबीआई का लुक आउट सर्कुलर रद्द कर दिया था। दरअसल, हाईकोर्ट के आदेश को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अपील को खारिज करते हुए सर्कुलर रद्द का फैसला बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से रिया और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है।
2020 में जारी किया गया था सर्कुलर
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले में अगस्त 2020 में रिया, उनके भाई, उनके पिता और उनकी मां के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किए गए थे। बता दें सुशांत के परिवार वालों ने उनकी मौत की जांच की मांग करते हुए बिहार के पटना में केस दर्ज कराया था। यह मामला बाद में CBI को सौंप दिया गया था। बता दें CBI ने फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में रिया चक्रवर्ती और उनके परिजनों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। इसके बाद रिया का परिवार हाई कोर्ट पहुंच गया था। वहीं रिया की याचिका पर हाई कोर्ट ने लुक आउट सर्कुलर को खारिज कर दिया था।
क्या होता है लुकआउट सर्कुलर (LOC)
लुकआउट सर्कुलर (LOC) एक नोटिस है जो भारत में LAW Enforcement agencies द्वारा जारी किया जाता है ताकि किसी संदिग्ध या आरोपी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोका जा सके। यह सर्कुलर आमतौर पर उन व्यक्तियों के लिए जारी किया जाता है, जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों की जांच चल रही होती है या जिनके देश छोड़कर भागने की संभावना होती है। LOC जारी होने के बाद, हवाईअड्डों, बंदरगाहों, और सीमावर्ती इलाकों पर इमिग्रेशन अधिकारियों को अलर्ट किया जाता है ताकि अगर वह व्यक्ति सीमा पर पहुंचे तो उसकी जांच की जा सके और उसे रोका जा सके। यह CBI, पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसे संगठनों द्वारा जारी किया जाता है और इसकी सूचना सभी इमिग्रेशन अधिकारियों को भेजी जाती है।
ईरान पर इजरायल ने किया बड़ा हमला
इजरायल ने शनिवार की सुबह ईरान पर एक बड़ा हमला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की राजधानी तेहरान में धमाके की छह आवाजें सुनी गईं। कहा जा रहा है कि इस हमले में इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी हैं। इस मिसाइल हमले से हुए धमाकों की आवाज को ईरान में काफी देर तक सुना गया। ईरान पर हमले को लेकर इजरायली डिफेंस फाॅर्स (IDF) ने भी अपना बयान जारी किया है। IDF ने अपने जारी बयान में कहा है कि बीते कुछ समय में ईरान और उनके प्रॉक्सी ने हम पर कई हमले किए हैं, जिसके जवाब में ये हमारा पलटवार है। उन्होंने कहा हम अपने देश की रक्षा के लिए कुछ भी करेंगे। इजरायल ने ईरान पर एक के बाद एक कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। आपको बता दें, इससे पहले बीते एक अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर लगभग 200 से 300 बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया था और इसके बाद ही इजरायल ने इस हमले का बदला लेने की बात कही थी। पिछले छह महीने में ईरान इजरायल पर दो बार हमला कर चुका है। उधर इस खबर के सामने आने के तुरंत बाद सीरिया, इराक और ईरान ने अगली सूचना तक सभी उड़ानों को स्थगित कर दिया है।
इजरायल ने कहा ये हमारा बदला है
इजरायल की सेना ने कहा है कि इजरायल के खिलाफ महीनों से लगातार जारी ईरानी हमलों के जवाब में आज इजरायल तेहरान के सैन्य ठिकानों पर हमले कर रहा है। इजरायली सेना ने कहा कि इजरायल को ईरान और उसके प्रॉक्सी के हमलों का जवाब देने का पूरा अधिकार है। आपको बता दें, खबरों से आ रही जानकारी के अनुसार इजरायल ने ईरान के उन ठिकानों को निशाना बनाया है जहां से ईरान इजरायल पर हमले करता रहा है। रक्षा जानकारों की माने तो इन हमलों के पीछे इजरायल का मकसद ईरान की वायु रक्षा प्रणाली को बर्बाद करना है। वहीं, IDF द्वारा अपने जारी बयान में कहा गया है कि ऐसे हमले आगे भी जारी रहेंगे। सूत्रों के अनुसार ईरान पर हमले के लिए इजरायल ने 100 से ज्यादा लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल किया है। इजरायल ने ईरान के उन ठिकानों को भी निशाना बनाया है जहां ईरान अपनी मिसाइलें रखता है। इजरायल का कहना है कि अगर उसकी जमीन पर भविष्य में ईरान या उसके प्रॉक्सी द्वारा कोई हमला होता है तो वो आगे भी इससे बड़े हमले कर सकता है।
ऑपरेशन पर पीएम नेतन्याहू की थी निगाहें
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलेंट तेल अवीव में सेना के कमांड और नियंत्रण केंद्र से पूरे ऑपरेशन पर अपनी नजर रख रहे थे। एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार ईरान पर हमलों से पहले इजराइल ने अमेरिका को इसकी जानकारी दी थी, मगर रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि ऑपरेशन में अमेरिका शामिल नहीं था। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर भी एक ड्रोन हमला किया गया था। इस हमले में इजरायल के पीएम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। बाद में इस हमले की जिम्मेदारी हिजबुल्लाह ने ली थी। इस हमले के बाद इजरायली पीएम ने एक बयान जारी कर कहा था कि जिसने भी ये हमला किया है हम उसे ऐसे ही नहीं जाने देंगे। इजरायल पर हमला करने वाले और ऐसे लोगों को साथ देने वालों को बड़ी कीमत चुकानी पडे़गी। हिजबुल्लाह, हूती और हमास जैसे आतंकी संगठन को ईरान का समर्थन है और ईरान लगातार इजरायल के खिलाफ इन आतंकी संगठनों को अपना समर्थन देता आया है।
भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का बेंगलुरु के प्रतिष्ठित कर्नाटक उच्च न्यायालय में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस समारोह में प्रमुख न्यायिक हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें कर्नाटक हाई कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश, श्री न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया, साथ ही माननीय न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और माननीय न्यायमूर्ति प्रसन्ना भालचंद्र वराले, दोनों ही भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सम्मानित न्यायाधीशों की विशिष्ट उपस्थिति शामिल रहें। इस अवसर ने देश में न्याय, लोकतंत्र और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए आपसी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एकता और सहयोग को रेखांकित किया।
छात्रों के साथ बातचीत और 'डिजीमेड' का शुभारंभ
कर्नाटक में अपनी यात्रा के अगले पड़ाव को आगे बढ़ाते हुए, उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने मांड्या में आदिचुंचनगिरी विश्वविद्यालय के छात्रों और वहां उपस्थित फैकल्टी के साथ बातचीत की। आधुनिक शिक्षा और मूल्यों-संचालित नेतृत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाने वाला विश्वविद्यालय 'डिजीमेड' लॉन्च करने के लिए एक आदर्श पृष्ठभूमि था - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित एक परिवर्तनकारी डिजिटल शिक्षा मंच, जो मेडिकल छात्रों की बढ़ती जरूरतों के लिए तैयार किया गया है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में उन्नत टेक्नोलॉजी को एकीकृत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि ज्ञान प्रसार और चिकित्सा प्रशिक्षण के लिए डिजिटल इनोवेशन में भारत की प्रगति का उदाहरण भी है, जिससे देश की स्वास्थ्य सेवा के लिए एक उज्जवल भविष्य को बढ़ावा मिलता है।
मठ की आध्यात्मिक यात्रा
एक समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव में, उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ प्रतिष्ठित श्री आदिचुंचनगिरी महासंस्थान मठ का दौरा किया। माननीय उपराष्ट्रपति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के माध्यम से अपनी यात्रा पर लिखते हुए, उपराष्ट्रपति ने मठ को "भारत की सांस्कृतिक विरासत का सच्चा प्रतीक" बताते हुए सम्मान और संतुष्टि की गहरी भावना व्यक्त की। श्री आदिचुंचनगिरी स्वामीजी द्वारा स्थापित, यह पवित्र मठ न केवल अपनी आध्यात्मिक पवित्रता के लिए बल्कि शिक्षा, सामाजिक सेवा और सामुदायिक कल्याण को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका के लिए भी माना जाता है। मठ समाज के लिए सामूहिक सेवा पर जोर देकर दुनिया भर में भक्तों को प्रेरित करता रहता है।