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Breaking News 27 November 2025

1.)  क्या Zerodha ने वाकई ₹22,000 करोड़ “कैश” रखा है? सच क्या है?

क्या वाकई Zerodha ने ₹22,000 करोड़ “कैश” में रख छोड़ा है? या यह आंकड़ा बस हेडलाइन-हाइप है? यही सवाल इन दिनों बाजार में गूँज रहा है और इसकी तह में जाने पर बात कहीं ज़्यादा तकनीकी, दिलचस्प और ज़रूरी हो जाती है। भारत के सबसे बड़े ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म Zerodha को लेकर हाल की फाइनेंशियल रिपोर्टों में बताया गया कि कंपनी के पास लगभग ₹22,679 करोड़ की Cash & Bank Balances / Liquid Reserves मौजूद हैं। यही आंकड़ा सोशल मीडिया में “₹22,000 करोड़ कैश!” के रूप में घूमने लगा। लेकिन असलियत यह है कि यह रकम “अलमारी में रखा हुआ नकद” नहीं, बल्कि बैंकों, सेफ बचत साधनों और तरल वित्तीय परिसंपत्तियों में मौजूद वह राशि है, जो बैलेंस शीट में साफ-साफ दर्ज होती है पूरी तरह नियमन के तहत। इस चर्चा को हवा तब भी मिली जब एक निवेशक ने Zerodha पर बड़ी निकासी रोकने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि उनके खाते में ₹18.46 करोड़ थे, लेकिन प्लेटफॉर्म प्रतिदिन ₹5 करोड़ की निकासी सीमा बताकर पैसा निकालने नहीं दे रहा था। इस पर सीईओ नितिन कामथ ने साफ किया कि यह एक सुरक्षा सीमा है और जरूरत पड़ने पर सपोर्ट टिकट के माध्यम से इससे ऊपर भी निकासी अनुमत है। कंपनी के अनुसार, यह प्रक्रिया ग्राहकों की सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकने के लिए है, न कि पैसे रोकने के लिए। दूसरी ओर, कंपनी के सह-संस्थापक निखिल कामथ की सार्वजनिक स्थिति भी हमेशा पारदर्शी रही है। Zerodha जिसने बिना किसी वेंचर कैपिटल निवेश के खुद को खड़ा किया ने पिछले दशक में लाखों निवेशकों को “जीरो डिलीवरी ब्रोकरेज” के माध्यम से भारी लाभ दिलाया। निखिल के अनुसार, इससे निवेशकों ने ₹2,000 से लेकर ₹20,000 करोड़ तक की बचत की है। वहीं, उनकी व्यक्तिगत नेटवर्थ 2025 में $2.6 बिलियन आंकी गई है। लेकिन यह बात ध्यान रखना आवश्यक है कि ₹22,679 करोड़ का पूरा आंकड़ा Zerodha की कुल तरल संपत्तियों का है इसमें कंपनी का अपना फंड, ऑपरेटिंग कैश, और ग्राहक निधियों का सेग्रिगेटेड हिस्सा all शामिल होता है। यह कंपनी की तिजोरी में रखा हुआ “फ्री कैश” नहीं है।।साफ शब्दों में कहें तो।दावा सही है, उसका मतलब गलत समझा गया है।।हाँ, Zerodha के पास लगभग ₹22–23 हजार करोड़ की तरल वित्तीय संपत्तियाँ हैं। लेकिन नहीं यह पैसा बैंकिंग सिस्टम से बाहर रखा हुआ कैश नहीं है। यह कंपनी के वित्तीय अनुशासन, ग्राहक फंड प्रबंधन और नियामकीय सिस्टम का स्वाभाविक परिणाम है। Zerodha मॉडल की खूबसूरती यह है कि यह एक स्टार्टअप की बात नहीं, बल्कि वित्तीय अनुशासन और नगदी-प्रबंधन की सफलता का उदाहरण है और यही कारण है कि निखिल कामथ लगातार भारतीय फिनटेक इकोसिस्टम में एक अनोखी जगह बनाए रखते हैं।

 

2 ) शादी क्यों रोकनी पड़ी? स्मृति मंधाना–मुच्छल विवाद पर सामने आया ठोस अपडेट

भारतीय क्रिकेटर स्मृति मंधाना और संगीतकार पलाश मुच्छल की शादी फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए टल चुकी है, लेकिन ताज़ा स्थिति यह है कि मामले में स्पष्टता अब पहले से अधिक है। परिवारों ने हाल ही में पुष्टि की है कि यह विवाह रद्द नहीं हुआ, बल्कि पोस्टपोन है, और नया शेड्यूल तभी सामने आएगा जब दोनों पक्ष हालात को पूरी तरह सामान्य मानेंगे। सबसे महत्वपूर्ण अपडेट यह है कि स्मृति मंधाना के पिता श्रीनिवास मंधाना को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है और उनकी सेहत बेहतर बताई जा रही है। यह वही स्वास्थ्य संकट था जिसने शादी की प्रक्रिया को रुकवाया था। परिवार सूत्रों के अनुसार, पिता की तबीयत में सुधार होने के बाद अब घर का माहौल पहले की तुलना में स्थिर हुआ है, मगर शादी जैसी बड़ी जिम्मेदारी के लिए अभी किसी तारीख की घोषणा जल्दबाज़ी में नहीं की जाएगी। विवाह टलने के बाद सोशल मीडिया पर जो भ्रम और अटकलें फैलीं थीं विशेषकर कथित “तीसरे व्यक्ति” और चैट्स से जुड़ी उन पर भी हालात साफ़ हो चुके हैं। जिस महिला का नाम विवाद में घसीटा गया, उन्होंने स्वयं आगे आकर बयान दिया कि उनका पलाश मुच्छल से कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है और वायरल अफवाहें पूरी तरह भ्रामक हैं। इसके बाद कई ब्रांड्स और खेल जगत के साथियों ने स्मृति मंधाना का सार्वजनिक समर्थन किया और अनुरोध किया कि व्यक्तिगत मामलों पर बिना पुष्टि के अनावश्यक चर्चा से बचा जाए। सोशल मीडिया से स्मृति द्वारा प्री-वेडिंग तस्वीरें हटाए जाने को लेकर भी काफी कयास लगाए गए, लेकिन परिवारों के आधिकारिक रुख के बाद यह साफ हो गया कि यह कदम विवाद से बचने और निजी स्पेस बनाए रखने के लिए था, न कि रिश्ते टूटने का संकेत। दोनों पक्षों ने यह भी स्पष्ट किया है कि शादी का भविष्य सुरक्षित है, और आगे की घोषणा केवल तब होगी जब परिस्थितियाँ पूरी तरह सहज हो जाएँगी। 23 नवंबर को स्मृति मंधाना और पलाश मुच्छल की शादी निर्धारित थी। मेहंदी और हल्दी जैसे प्री-वेडिंग फ़ंक्शंस पूरे हो चुके थे और परिवार जयपुर में अंतिम तैयारियों में लगा हुआ था। लेकिन इसी दौरान स्मृति मंधाना के पिता की तबीयत अचानक गंभीर रूप से बिगड़ गई। उन्हें हार्ट से जुड़ी समस्या के चलते तत्काल अस्पताल ले जाना पड़ा। इसी तनावपूर्ण माहौल में पलाश मुच्छल की तबीयत भी प्रभावित हुई और उन्हें भी अस्पताल ले जाना पड़ा। परिवार इस दोहरे संकट के बीच विवाह को आगे बढ़ाने की स्थिति में नहीं था। इसीलिए, निर्णय लिया गया कि सभी रस्में स्थगित की जाएँ।
इसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैलने लगीं कुछ पोस्ट यह दावा कर रहे थे कि शादी सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से नहीं, बल्कि रिश्ते में तनाव के कारण रुकी है। कुछ वायरल वीडियो और स्क्रीनशॉट्स ने विवाद को और हवा दी, लेकिन बाद में वे सभी आरोप निराधार साबित हुए। इसी दौर में स्मृति ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से प्री-वेडिंग कंटेंट हटा दिया, जिसने अफवाहों को अस्थायी रूप से बल दिया, हालांकि परिवार की ओर से स्पष्ट रूप से कहा गया कि यह कदम सिर्फ प्राइवेसी बचाने और नकारात्मकता से दूरी बनाए रखने के लिए था।

 

3 ) भारत के पश्चिम तट पर उभर रहा नया अयोध्या? 77 फुट श्री राम की प्रतिमा PM मोदी की मौजूदगी

गोवा के दक्षिणी छोर पर स्थित श्री संस्थान गोकर्ण पार्टगाली जीवोत्तम मठ, जिसे सामान्य तौर पर पार्टगाली मठ कहा जाता है, इस वर्ष अपनी 550वीं स्थापना वर्षगांठ मना रहा है। सदियों पुरानी द्वैतेदांत परंपरा और गोंड सारस्वत ब्राह्मण (GSB) समुदाय की धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा यह मठ अब इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। इसी अवसर पर परिसर में 77 फुट ऊँची भगवान श्रीराम की कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसका अनावरण 28 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। यह प्रतिमा आकार और संरचना, दोनों स्तरों पर एशिया की सबसे ऊँची राम प्रतिमाओं में से एक मानी जा रही है। पार्टगाली मठ का इतिहास स्पष्ट रूप से बताता है कि यह केवल एक धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि समुद्र किनारे बसे सारस्वत समुदाय की सांस्कृतिक जड़ों का आधार रहा है। यह मठ द्वैते वेदांत के आचार्य मध्वाचार्य की परंपरा से जुड़ा है। माना जाता है कि सदियों पहले हिमालय के बदरिकाश्रम से यात्रा करते हुए स्वामी रामचंद्र तीर्थ की प्रेरणा से पश्चिम तट पर इस शाखा की स्थापना हुई। हालांकि, शुरुआती वर्षों का सटीक लिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है, लेकिन समुदाय की मौखिक और सांस्कृतिक स्मृतियों में यह स्थान हमेशा अत्यंत सम्मानित रहा है।

550वीं वर्षगांठ को प्रतीकात्मक रूप से मजबूत बनाने के लिए मठ प्रशासन ने भगवान राम की विशाल प्रतिमा की परिकल्पना रखी। इसे प्रसिद्ध शिल्पकार राम सुतार और उनकी टीम ने आधुनिक तकनीक और पारंपरिक शिल्पकला के मिश्रण से तैयार किया है। प्रतिमा तीन हिस्सों में ढाली गई, जिन्हें बाद में मठ परिसर में जोड़कर खड़ा किया गया। अंतिम चरण में धनुष-बाण सहित हाथों के शिल्प को जोड़ा गया, जिसके बाद मूर्ति को पूरी संरचना के साथ स्थापित किया गया। इस आयोजन का केवल धार्मिक महत्व नहीं है। इसके साथ ही परिसर में रामायण आधारित थीम पार्क, 3D/5D थिएटर, सांस्कृतिक संग्रहालय, और नए पर्यटन ढांचे के निर्माण की योजना पर भी काम चल रहा है। यही वजह है कि मठ अब केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों में एक बड़े धार्मिक-पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित होने की ओर बढ़ रहा है। कार्यक्रम 11 दिनों तक चलेगा, जिसमें रोज़ाना लगभग 7,000 से 10,000 यात्रियों के आने का अनुमान है। मुख्य अनुष्ठान प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन 28 नवंबर की सुबह 11:05 बजे किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मठाधीश श्रीमद विद्याधीश तीर्थ स्वामीजी करेंगे। इसके बाद शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधिकारिक रूप से प्रतिमा का अनावरण करेंगे। प्रधानमंत्री की मौजूदगी इस आयोजन को केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से भी बड़ा महत्व देती है। पिछले वर्षों में देशभर में धार्मिक विरासत स्थलों के पुनर्जीवन को लेकर सरकार की पहल बढ़ी है, और पार्टगाली मठ का यह आयोजन उसी कड़ी का एक और प्रमुख उदाहरण माना जा रहा है। यह न सिर्फ मठ के लिए, बल्कि पूरे सारस्वत समाज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसकी गूंज आने वाले समय में सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगी।