आज सुबह करीब 10:42 बजे, ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित स्वस्थम अस्पताल के बाहर एक गंभीर घटना घटी। अस्पताल के पास लगे ट्रांसफार्मर में अचानक आग लग गई, जिससे अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। ट्रांसफार्मर के नीचे सड़क पर खड़ी एक बाइक आग की चपेट में आ गई और पूरी तरह जल गई। घटना से आसपास के इलाके में धुआं और लपटों का गुबार फैल गया, जिससे वहां मौजूद लोगों में दहशत फैल गई। प्रारंभिक जांच में यह बताया गया है कि ट्रांसफार्मर में आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। शॉर्ट सर्किट के चलते ट्रांसफार्मर में स्पार्क उत्पन्न हुआ, जो धीरे-धीरे आग में तब्दील हो गया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि ट्रांसफार्मर के आस-पास खड़ी बाइक के अलावा अन्य सामान भी जल गया। आग लगने की सूचना मिलने पर अस्पताल कर्मियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। हालांकि, आग की भयावहता को देखते हुए, अस्पताल प्रशासन ने तत्काल आसपास के इलाके को खाली करवा दिया। विशेष रूप से अस्पताल के बगल में स्थित एक प्ले स्कूल से सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी सावधानी बरती गई, जिससे किसी भी बच्चे को चोट नहीं आई। बच्चों को पास के खुले मैदान में ले जाया गया, जहां वे सुरक्षित रहे। घटना के बाद, सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में आग की लपटें और धुएं का गुबार साफ दिखाई दे रहा था, जिससे यह स्थिति और अधिक गंभीर प्रतीत हो रही थी। वीडियो में दिखाया गया कि किस प्रकार ट्रांसफार्मर में आग लगी और इसके आस-पास की जगह पर धुआं फैल गया था।
स्वस्थम अस्पताल के सीएफओ प्रदीप चौबे ने मीडिया को बताया कि घटना की सूचना मिलते ही तुरंत एक गाड़ी भेजी गई थी, और उस पर काबू पा लिया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस आग की घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। आग लगने के कारण अस्पताल के बगल में खड़ी बाइक पूरी तरह जल गई और अन्य सामान को भी नुकसान हुआ। आग के कारण अस्पताल परिसर और आसपास के क्षेत्र में कुछ नुकसान हुआ, लेकिन इसमें कोई गंभीर जनहानि नहीं हुई। अस्पताल प्रशासन और स्थानीय पुलिस के द्वारा स्थिति को नियंत्रित किया गया, और इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति बहाल हो गई। यह घटना सुरक्षा मानकों के पालन की अहमियत को भी उजागर करती है, खासकर अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर जहां लोगों की जान की सलामती सबसे पहले होनी चाहिए।
हाल ही में नोएडा के सेक्टर 37 में स्थित एक फैक्ट्री में आग लग गई थी, और इसका कारण भी शॉर्ट सर्किट बताया गया। इस आग ने लाखों रुपये का सामान नष्ट कर दिया, और इसके कारण भारी नुकसान हुआ। फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी आग की लपटों से बचने के लिए इधर-उधर भागे, लेकिन प्रशासन और फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया गया। इस घटना में किसी की जान की हानि तो नहीं हुई, लेकिन इसने इलाके में सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा की महत्ता को उजागर किया। हालांकि आग लगने के बाद यह मुद्दा उठ खड़ा हुआ कि उद्योगों के पास अग्नि सुरक्षा उपायों का पालन सही ढंग से नहीं किया गया। आग बुझाने के उपकरण, फायर अलार्म, और कर्मचारियों की सुरक्षा ट्रेनिंग के अभाव में नुकसान हुआ। यह घटना अस्पताल की आग से जुड़े मुद्दों को जोड़ते हुए यह दिखा सकती है कि बड़ी घटनाओं के दौरान अस्पतालों में मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
तेलंगाना के मेडक में ICAR कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित नेचुरल और ऑर्गेनिक किसानों की समिट-2024 में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी ने किसानों की भलाई के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही। उन्होंने ICAR जैसे संस्थानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां 5,000 वैज्ञानिक और 25,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनका सालाना बजट 8,000 करोड़ रुपये है। फिर भी सवाल ये है कि "ये अनुसंधान किसके लिए है? क्या वाकई इससे किसानों की जिंदगी में कोई बदलाव आ रहा है?" धनखड़ ने सुझाव दिया कि अगर इन संस्थानों में हर दिन 100 किसान भी आएं, तो बड़ा बदलाव संभव है। उन्होंने वैज्ञानिकों और सरकारी संस्थानों से अपील की कि वे किसानों की समस्याओं पर ध्यान दें और उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन किसान बनाने में मदद करें। उन्होंने कहा, "विकसित भारत 2047 अब केवल सपना नहीं, बल्कि लक्ष्य है।" इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ग्रामीण भारत और किसानों का सबसे बड़ा योगदान होगा। उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब किसानों की प्रति व्यक्ति आय 8 गुना बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, 2 साल बाद आने वाली किसान दिवस की रजत जयंती का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल कैलेंडर की तारीख नहीं है, बल्कि इस मौके पर संस्थाओं का आकलन होना चाहिए कि क्या वे वाकई किसानों की जरूरतों को समझ रही हैं और उनकी भलाई के लिए काम कर रही हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पर बात करते हुए धनखड़ ने कहा कि यह योजना स्थिर है, लेकिन महंगाई के चलते इसमें बदलाव की जरूरत है। उन्होंने उर्वरक सब्सिडी की प्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सब्सिडी सही तरीके से किसानों तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि तकनीकी के माध्यम से सब्सिडी को सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जाए। उनका मानना है कि जब किसान सीधे इस लाभ से जुड़ेंगे, तो वे नेचुरल और ऑर्गेनिक खेती को अपनाने की ओर प्रेरित होंगे।
जगदीप धनखड़ जी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ ताकतें भारत की प्रगति को सहन नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि एक नापाक गठबंधन भारत की उन्नति के खिलाफ काम कर रहा है। विपक्ष की रणनीति पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, "पहले कथा गढ़ी जाती है, फिर मुकदमे किए जाते हैं और अंत में आंदोलन खड़ा किया जाता है।" उन्होंने राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना पर जोर देते हुए कहा कि हर भारतीय को यह समझना होगा कि "राष्ट्र पहले, मेरा देश पहले।उपराष्ट्रपति जी ने लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान, जय किसान’ को याद किया और इसे भारत की आत्मा बताया। अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा जोड़े गए ‘जय विज्ञान’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें ‘जय अनुसंधान’ जोड़कर इसे नई ऊंचाई दी है। उन्होंने कहा कि किसानों और जवानों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर होना चाहिए, क्योंकि ये दोनों भारत की रीढ़ हैं। जगदीप धनखड़ जी के इस भाषण का निचोड़ यह है कि वह केवल भाषणबाजी नहीं, बल्कि वास्तविक बदलाव के लिए काम करना चाहते हैं। उनका इशारा साफ है सिस्टम को किसानों के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा। अब यह देखना होगा कि धनखड़ की इस खरी-खरी के बाद कितना असर होता है और किसान कब वाकई बदलाव महसूस करते हैं।
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने गुरुवार को प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेता और हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के प्रमुख कमलेश डी. पटेल (दाजी) से मुलाकात की। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति को दाजी की नई पुस्तक 'Power of Paradox' भेंट की गई। यह पुस्तक आज के जटिल जीवन में संतुलन और समग्रता बनाए रखने के गहन तरीकों पर आधारित है। इस मुलाकात के दौरान उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी ने आध्यात्मिकता और जीवन में आत्मसंतुलन पर चर्चा की। उपराष्ट्रपति ने हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के योगदान की सराहना की, जो समाज में मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। मीटिंग के दौरान, सभी ने ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास की भूमिका पर विचार-विमर्श किया। डॉ. सुदेश धनखड़ पारंपरिक परिधान में नजर आईं और इस अवसर पर पूरी गरिमा के साथ भाग लिया। हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट ने इस मुलाकात को समाज के लिए प्रेरणादायक करार दिया, जहां देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग भी आध्यात्मिकता और ध्यान को अपनी प्राथमिकता मानते हैं।
भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली मेलबर्न टेस्ट के पहले दिन किसी ऐसी बात को लेकर विवादों में आ गए जिसे वह नहीं चाहते थे। विराट पर ऑस्ट्रेलियाई ओपनर सैम कॉस्टास को अनुचित तरीके से धक्का देने के लिए कार्रवाई की जाएगी और उनकी सैलरी का 20 प्रतिशत हिस्सा काटा जाएगा। दरअसल, कहना ये है कि विराट को पेनल्टी पर रिहा कर दिया गया। क्योंकि जब मैदान पर सब कुछ अस्त- व्यस्त था तो विराट कोंटास की दिशा में पिच से 22 मीटर की दूरी तक चले और जब दोनों करीब आए तो विराट बिना एक तरफ हटे चलते रहे और उनका कंधा कॉस्टास से टकराया। अब अगर यह साबित हो जाए कि खिलाड़ी, अंपायर, सहयोगी स्टाफ और मैदान पर मौजूद किसी अधिकारी को जानबूझकर धक्का दिया गया या अनुचित तरीके से छुआ गया तो इसके लिए खिलाड़ी पर जुर्माना लगाया जा सकता है या अपराध गंभीर होने पर मैच के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है। ऑन-फील्ड अंपायर ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों सैम कोंटास और उस्मान ख्वाजा से इस घटना पर चर्चा की। इसके बाद मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने भी दोनों खिलाड़ियों से चर्चा की। विराट ने कहा कि उन्होंने ये हरकत जानबूझकर नहीं की। ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज सैम कॉस्टास ने भी इस मामले के बाद विराट से बातचीत की। मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने तर्क दिया कि यह ICC के अनुच्छेद 2.12 का उल्लंघन है, विराट ने जानबूझकर ये गलती की। लेकिन इससे खिलाड़ी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और विराट को 1 डिमेरिट प्वाइंट दे दिया गया, यह मानते हुए कि विराट ने बाद में खिलाड़ी से बातचीत की, अगर उन्हें 2 या 3 डिमेरिट प्वाइंट मिलते तो विराट पर एक टेस्ट मैच का बैन लग सकता था। बता दें, क्रिकेट के खेल में खिलाड़ी एक-दूसरे को नहीं छूते, इसलिए इस खेल में इसके नियम अलग हैं और कुछ हद तक कठोर भी हैं। कॉस्टास ने भी इस मैच में नरम भूमिका निभाई और कहा विराट मेरे लिए एक आदर्श खिलाड़ी हैं। मैं उन्हें देखकर बड़ा हुआ हूं।
मेलबर्न में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट मुकाबले का पहला दिन काफी गर्म रहा। कोंस्टास ने मेलबर्न में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के चौथे टेस्ट में नाथन मैकस्वीनी की जगह डेब्यू किया और शानदार अर्धशतकीय पारी खेली और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के खिलाफ दो छक्के लगाकर रिकॉर्ड बना दिया। मैच में दौरान विराट कोहली की झड़प के बाद एक रिपोर्ट में कहा गया की विराट कोहली पर MCG में बॉक्सिंग डे टेस्ट में मैच फीस का 20% जुर्माना लगाया गया है और एक डिमेरिट पॉइंट मिला है। कोहली-कोंस्टास के कंधे टकराने को देखकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग नाखुश दिखे। उन्होंने कहा, मुझे कोई संदेह नहीं है कि अंपायर और रेफरी इस पर अच्छी तरह से नजर रखेंगे। वहीं, भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने एक चैनल पर कहा कि वह कोंस्टास के प्रति कोहली के कृत्य को स्वीकार नहीं करते हैं और इसे पूरी तरह से अनावश्यक बताते हैं। उन्होंने कहा कि आप ऐसा होते हुए नहीं देखना चाहेंगे, विराट एक वरिष्ठ खिलाड़ी हैं और वह टीम के कप्तान रहे हैं और उनके पास अपने स्वयं के स्पष्टीकरण होंगे, लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसे आप नहीं देखना चाहेंगे।
विराट कोहली पर मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले दिन डेब्यू करने वाले ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज सैम कोंस्टास के साथ कंधे से टकराने के लिए मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना और एक डिमेरिट अंक लगाया जा सकता है। बता दें कि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोहली पर ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज कोंस्टास को जानबूझकर कंधा लगाने के लिए प्रतिबंध लगाए जाने की बात सामने आ रही है, जिसका फैसला मैच के रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने किया है। हालांकि, इस खबर को लेकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की ओर से आधिकारिक बयान आना अभी बाकी है, लेकिन कोहली पर आचार संहिता के अनुच्छेद 2.12 के तहत आरोप लगना लगभग तय माना जा रहा है, जिसमें कहा गया है, क्रिकेट में किसी भी तरह का अनुचित शारीरिक संपर्क प्रतिबंधित है। खिलाड़ी यदि जानबूझकर या लापरवाही से किसी अन्य खिलाड़ी या अंपायर से टकराते हैं या दौड़ते हुए उनसे कंधा टकराते हैं तो ये इस रूल का उल्लंघन माना जायेगा। बता दें कि यह घटना मैच के 10वें ओवर के बाद हुई, जब कोहली के हाथ में गेंद थी और उन्होंने अपना रास्ता बदला और कोंस्टास के कंधे से टकरा गए, जिसे कोंस्टास ने नापसंद किया और उनके साथ कुछ शब्दों का आदान-प्रदान किया। कोंस्टास के सलामी जोड़ीदार उस्मान ख्वाजा और मैदानी अंपायर माइकल गॉफ तुरंत स्थिति को शांत करने के लिए आए।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में मौसम ने अचानक करवट ली है। शुक्रवार सुबह जब दिल्लीवालों की आंखें खुलीं, तो हल्की बारिश और घने कोहरे ने पूरे दिल्ली को घेर लिया। दिल्ली NCR में विजिबिलिटी कम होने से यातायात काफी प्रभावित हुआ। सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार धीमी पड़ गई है, और जो लोग ऑफिस जाने की तैयारी में थे, वो रजाई छोड़ने से भी कतरा रहे हैं। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, और गुरुग्राम जैसे इलाकों में अभी भी बूंदाबांदी हो रही है। बारिश ने तापमान को और गिरा दिया है। न्यूनतम तापमान 12 डिग्री और अधिकतम 20 डिग्री पर आ चुका है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह बारिश शनिवार तक जारी रहने की संभावना है। हालांकि ठंडी हवाओं ने ठिठुरन और बढ़ा दी है। सोशल मीडिया पर दिल्ली के इस बदलते मौसम को लेकर तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। कई लोगों ने लिखा, "नया साल यहीं मनाएंगे, ऐसे मौसम को छोड़ हिमाचल कौन जाएगा?"
दिल्ली-एनसीआर के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और राजस्थान के कई इलाकों में बारिश जारी है। हरियाणा के सोनीपत, रेवाड़ी, नारनौल, और महेंद्रगढ़ में बारिश हो रही है। वहीँ यूपी के मेरठ, बागपत, सहारनपुर, और मुजफ्फरनगर में सुबह से बारिश ठहरने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान के झुंझुनू और भिवानी में हल्की से मध्यम बारिश की खबरें हैं। इसके साथ ही कई इलाकों में गरज और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। घने कोहरे और बारिश के चलते दिल्ली और आसपास के इलाकों में यातायात बाधित हुआ है। जिससे फ्लाइट्स लेट हैं, और कई ट्रेनों का शेड्यूल भी बिगड़ गया है। ऑफिस जाने वालों को सुबह सड़क पर गाड़ियों की धीमी रफ्तार और विजिबिलिटी की कमी का सामना करना पड़ा।
दिल्ली की जहरीली हवा में बारिश के चलते सुधार देखा गया है। AQI 400 से नीचे आ चुका है। हालांकि, यह अभी भी "खराब" श्रेणी में है, लेकिन सांस लेने लायक जरूर हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडी हवाएं और बारिश हवा की गुणवत्ता को और सुधार सकती हैं। दिल्ली का यह बदलता मौसम आम नागरिकों के लिए चर्चा का विषय बन गया है। दिल्ली का यह मौसम, बारिश और कोहरे का मेल, ठंड को एक नए स्तर पर ले गया है। यह न केवल राजधानी के रहवासियों के लिए सर्दी का अनुभव है, बल्कि एक ऐसा वक्त है जो दिल्ली की खूबसूरती और सर्दी के एहसास को यादगार बना रहा है। फिलहाल, दिल्लीवालों को इस खूबसूरत मौसम का आनंद लेने और सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें शारीरिक दिक्कतों की वजह से गुरुवार रात करीब 8:06 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था और भर्ती होने के दो घाटे के अंदर रात के करीब 9:50 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनने से पहले प्रखर अर्थशास्त्री थे और साल 1991 में वो तब के प्रधानमंत्री रहे नरसिम्हाराव के नेतृत्व में देश में शुरू किए गए आर्थिक उदारीकरण का हिस्सा भी रहे। इसके बाद साल 2004 से 2014 तक वे देश के प्रधानमंत्री रहे और आज उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को एम्स से उनके आवास पर देर रात करीब 2 बजे लाया गया। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार, 28 दिसंबर को होगा, जिसके लिए आज आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है। कांग्रेस महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने गुरुवार देर रात दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार परसों होगा। हम आधिकारिक तौर पर घोषणा करेंगे। उन्होंने मनमोहन सिंह के निधन को देश के लिए दुखद क्षति बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारत सरकार ने भी आज के लिए निर्धारित सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। केंद्र सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार, 27 दिसंबर को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
गुरुवार, 26 दिसंबर को नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने 26 दिसंबर, 2024 से 1 जनवरी, 2025 तक पूरे देश में सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान, उन सभी स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां इसे पारंपरिक रूप से फहराया जाता है और सभी आधिकारिक कार्यक्रम स्थगित रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने सुबह करीब दस बजे उनके आवास पर पहुंचे। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी वहां मौजूद रहे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा उनका निधन अत्यंत दुःखद है। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और प्रबुद्ध राजनेता होने के साथ ही अपने सौम्य और सरल व्यवहार के लिए वे सदैव विचारों में रहेंगे। एक कुशल प्रशासक, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने दशकों तक राष्ट्र की सेवा की। पीड़ा की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करें, तथा शोकसंतप्त परिजनों को शक्ति दें। ॐ शांति। वहीं, कांग्रेस पार्टी की तरफ से जारी संदेश में कहा गया कि इतिहास डॉ. मनमोहन सिंह को उनके गरिमामय आचरण, देश के प्रति प्रतिबद्धता, ज्ञान और विनम्रता के लिए हमेशा याद रखेगा। वे आर्थिक सुधारों, राजनीतिक स्थिरता और हर भारतीय के जीवन को बेहतर बनाने के प्रति समर्पण की विरासत छोड़ गए हैं। उन्होंने बताया की पूर्व पीएम का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए कल 28 दिसंबर को कांग्रेस मुख्यालय लाया जायेगा। आम लोग पूर्व पीएम के अंतिम दर्शन शनिवार सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक कर सकेंगे। कांग्रेस मुख्यालय से ही मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा।