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Breaking News 27 August 2024

1.) क्यों दुनिया को डरा रही है UN रिपोर्ट?

क्या जल्द आधी धरती पानी में समा जाएगी?

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से धरती की सतह का तापमान लगातार बढ रहा है। इसकी वजह से पृथ्वी पर गर्मी बढ़ रही है, जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं और महासागरों के जलस्तर में भारी बढोतरी हो रही है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन की आज जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रशांत महासागर का जलस्तर वैश्विक औसत से अधिक बढ़ रहा है। इससे निचले द्वीपीय देशों के बड़े भूभाग के डूबने का खतरा मंडरा रहा है। कोयले जैसे ईंधनों के लगातार जलने से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। वैश्विक स्तर पर, समुद्र के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। जीवाश्म ईंधनों के लगातार जलने से बढ़ते धरती के तापमान के कारण शक्तिशाली और मोटी बर्फ की चट्टानें पिघल रही हैं। गर्म होते महासागरों के कारण पानी के मॉलिक्यूल्स का विस्तार हो रहा है।

महासागरों में औसत वार्षिक वृद्धि पहले से काफी अधिक

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की रिपोर्ट से पता चला है कि प्रशांत महसागर क्षेत्र के दो क्षेत्रों, ऑस्ट्रेलिया के उत्तर और पूर्व में औसत वार्षिक वृद्धि काफी अधिक है। पिछले तीन दशकों में यह वैश्विक वृद्धि प्रति वर्ष 3.4 मिलीमीटर की थी। विश्व मौसम संगठन के महासचिव ने एक फोरम में क्षेत्रीय जलवायु रिपोर्ट 2023 के विमोचन के मौके पर अपने एक बयान में कहा, हमारी गतिविधियों ने हमें जिंदा रखने और सुरक्षा देने की महासागरों की क्षमता को कमजोर कर दिया है और आज समुद्र के स्तर में वृद्धि के जरिए हम खुद को खतरे में दाल रहे हैं। साल 1980 के बाद से ही महासागरों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण समुद्री तटों पर अक्सर बाढ़ आती है। ऐसी घटनाएं कभी-कभी ट्रॉपिकल साइक्लोन की वजह से होती हैं। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भी ये घटनाएं तेज हो सकती हैं, क्योंकि समुद्र की सतह का तापमान लगातार बढ़ रहा है।

2023 में प्रशांत क्षेत्र में 200 से ज्यादा लोगों की मौत

WMO की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 में प्रशांत क्षेत्र में तूफान और बाढ़ जैसे 34 से अधिक मामले सामने आए, इसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौतें भी हुई हैं। विश्व मौसम संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि प्रशांत महासागर के द्वीपों पर बढ़ते जल स्तर का प्रभाव आने वाले समय में अत्यधिक होगा, क्योंकि उनकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से केवल एक या दो मीटर ही है और ये हमारी धरती के लिए खतरे का संकेत है। अगर हमने आज इसपर ध्यान नहीं दिया तो ये समस्या आने वाले दिनों में समुद्र के आस-पास रहने वाले लाखों लोगों की जान भी ले सकती है और धीरे-धीरे हमारी धरती के जमीनी भाग को भी काम करेगी।

 

2.) यूपी में इस जगह नहीं थम रहा आदमखोर का आतंक?

पालक झपकते मासूम को बना लेता अपना शि‍कार

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में इन दिनों आदमखोर भेड़िए का आतंक देखने को मिल रहा है। भेड़िए का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भेड़िया रोज एक नए मासूम का शि‍कार कर रहा है। बता दें, खैरीघाट थाना के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र में मां की गोद में सो रहे मासूम बच्चे को खूनी भेड़िया उठा ले गया।  परिजन व ग्रामीणों ने वनकर्मियों के साथ तलाश शुरू की और काफी तलाश के बाद बच्चे का शव, गांव के बाहर क्षत-विक्षत अवस्था में बरामद हुआ। रविवार की रात ठीक ऐसी ही एक घटना में भेड़िए के हमले में एक 45 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि एक अन्य 22 वर्षीय काजल घायल हो गई। भेड़िए के हमले का दायरा लगातार बढ़ रहा है। खबरों के अनुसार हाल के दिनों में एक महिला व आठ मासूम भेड़िए का शिकार बन चुके हैं। तो वहीं, आदमखोर भेड़िए के हमले में 35 से अधिक लोग घायल हुए हैं। क्षेत्र में लगातार बढ़ रही इन घटनाओं से ग्रामीण दहशत में है। इसी बीच जिले के उच्चाधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली है।

कितने लोग हो चुकें आदमखोर भेड़िए का शिकार?

खैरीघाट थाना के दीवान पुरवा में पांच वर्षीय अयांश को भेड़िए अपना निवाला बना चूका है। इससे पहले 25 अगस्त को हरदी थाना के कुम्हारनपुरवा निवासी 45 वर्षीय रीता देवी, 22 अगस्त को भटौली की 5 वर्षीय खुशबू, 18 अगस्त को सिंगिया नसीरपुर निवासी 4 वर्षीय मासूम संध्या, 3 अगस्त को कोलैला के 8 वर्षीय किशन, 27 जुलाई को नकवा की 2 वर्षीय मासूम प्रतिभा, 17 जुलाई को मक्कापुरवा के मात्र 1 वर्षीय अख्तर रजा, 23 मार्च को नयापुरवा के डेढ़ वर्षीय छोटू, 10 मार्च को मिश्रनपुरवा की 3 वर्षीय सायरा को भेड़िया उठा ले गया। बता दें, अबतक छह मासूमों के शव खेत से बरामद हुए हैं। सायरा का अभी तक पता नहीं चल सका। इसी बीच भेड़िए के हमले में 35 से अधिक लोग घायल भी हो चुके हैं।

प्रशासन की गश्त से भी नहीं थम रहीं घटनाएं

प्रभावित गांवों में डीएम, एसपी के साथ वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पूरी रात प्रभाबित इलाके में गश्त कर रहें। प्रशासन के साथ मिलकर क्षेत्रीय विधायक भी कार्यकर्ताओं संग गांवों में पहुंच लोगों को जागरूक कर रहे हैं। बावजूद इसके भेड़िया स्थान बदलकर-बदलकर लगातार हमले कर रहा है। भेड़िए का बढ़ता दायरा लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है, जिसकी वजह से क्षेत्र के आम लोगों में दहसत बानी हुए है।

 

3.) हिंद महासागर में आमने-सामने भारत और चीन के युद्धपोत?

क्यों आमने-सामने है दोनों देशों की नौसेना?

हिंद महासागर में चीन लगातार अपना दबदबा बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। ड्रैगन के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए अब भारत ने भी अपनी कमर कस ले है और इसके तहत भारत अलग-अलग रणनीतियों पर काम भी कर रहा है, जिसके तहत हाल के दिन में ही भारतीय नौसेना ने श्री लंका के कोलंबो बंदरागह में अपने युद्धपोतों की तैनाती की है।

कोलंबो बंदरागह में भारतीय नौसेना तैनात 

इसी बीच भारतीय नौसेना का मिसिलों से लेस युद्धपोत आईएनएस मुंबई अपनी तीन दिन की यात्रा के बाद सोमवार को श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पहुंचा। वहीं, सोमवार को चीन के तीन युद्धपोत भी श्रीलंका पहुंचे। श्रीलंका में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने रविवार को जानकारी दी कि भारतीय नौसेना का विध्वंसक जहाज आईएनएस मुंबई एक प्रोटोकॉल के तहत यहाँ पहुंचा है। (Tweet Link- https://x.com/IndiainSL/status/1828040799545880997) बता दें, जहाज ली लम्बाई 163 मीटर है और इसपर 410 सदस्यों का चालक दल मौजूद है। उच्चायोग ने यह भी जानकारी दी कि भारतीय नौसेना का यह युद्धपोत श्रीलंका में पहली बार आया है।

चीन और भारत के जहाज क्यों पहुंचे कोलंबो?

आईएनएस मुंबई विध्वंसक जहाज के कैप्टन संदीप कुमार ने कहा कि INS मुंबई, चीनी युद्धपोतों और श्रीलंकाई युद्धपोतों के साथ अलग-अलग “पैसेज अभ्यास” करने वाला है। वहीं, इस दौरान तीनों देशों के नौसैनिक खेलकूद, योग और समुद्र तट की सफाई जैसी संयुक्त कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम 29 अगस्त को होना है। बता दें, सोमवार को ही चीन के तीन युद्धपोत हे फेई, वुझिशान और किलियानशान औपचारिक यात्रा पर कोलंबो बंदरगाह पहुंचे हैं। चीनी पीपल लिबरेशन आर्मी नेवी के हे फेई युद्धपोत 144.50 मीटर लंबा है, जिस पर चालक दल के 267 सदस्य हैं। तो वहीं, वुझिशान युद्धपोत 210 मीटर लंबा है, जिस पर 872 क्रू मेंबर तैनात हैं। इसके अलावा  किलियानशान 210 मीटर लंबा चीनी युद्धपोत है और इस पोत पर चालक दल के 334 सदस्य सवार हैं।

 

4.) Telegram CEO पर लगे गंभीर आरोप

अश्लीलता और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई गिरफ्तारी

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव को बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा है। बीते शनिवार, 24 अगस्त को डुरोव को टेलीग्राम पर आपराधिक गतिविधि और लॉ इंफोर्समेंट के साथ सहयोग नहीं करने से संबंधित आरोपों के लिए गिरफ्तार किया गया है। बता दें, गिरफ्तारी के समय उन पर कोई भी आरोप नहीं लगाया गया था, लेकिन अब डुरोव पर कई गंभीर आरोप लगाए गए है, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कई गंभीर आरोप शामिल है। 39 वर्षीय डुरोव को 24 अगस्त को पेरिस के पास ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था। उस समय उन्हें बिना किसी आरोप के हिरासत में रखा गया और बाद में उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर मचा बवाल

टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया और इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में बहस छिड़ गई है। टेलीग्राम सपोर्ट्स ने आरोप लगाया है कि यह गिरफ्तारी सरकारी सेंसरशिप का एक उदाहरण है। हालांकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ऐसे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और गिरफ्तारी को पूरी तरह से न्यायिक मामला बताया है। जैसा कि खबरें आने के बाद हम सभी जानते हैं कि शनिवार शाम को पेरिस के बाहर ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर डूरोव को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गिरफ्तारी की पहली आधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा कि टेलीग्राम पर कई झूठी टिप्पणियों के बावजूद गिरफ्तारी में कोई राजनीतिक मकसद नहीं था। मैक्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर लिखा कि फ्रांस में टेलीग्राम के अध्यक्ष की गिरफ्तारी चल रही न्यायिक जांच के हिस्से के रूप में हुई है।

फ्रेंच राष्ट्रपति ने अफवाहों को किया खारिज

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट कर कहा, मैं यहां पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी के बाद फ्रांस के संबंध में गलत जानकारी पढ़ रहा हूं। फ्रांस अभिव्यक्ति और संचार, नवाचार और उद्यमशीलता की स्वतंत्रता से कहीं अधिक जुड़ा हुआ है और ऐसा ही रहेगा। कानून के नियम में, वास्तविक जीवन की तरह सामाजिक नेटवर्क पर भी, नागरिकों की सुरक्षा और उनके मौलिक अधिकारों का सम्मान करने के लिए कानून द्वारा स्थापित ढांचे के भीतर स्वतंत्रता का प्रयोग किया जाता है। कानून को लागू करना पूर्ण स्वतंत्रता के साथ न्याय प्रणाली पर निर्भर है। फ्रांसीसी क्षेत्र में टेलीग्राम के अध्यक्ष की गिरफ्तारी चल रही न्यायिक जांच के हिस्से के रूप में हुई। यह किसी भी तरह से राजनीतिक फैसला नहीं है और यह निर्णय करना न्यायाधीशों पर निर्भर है। (Tweet Link- https://x.com/EmmanuelMacron/status/1828073770461921594)

क्या है Telegram CEO के गिरफ्तारी का कारण ?

प्रॉसिक्यूटर लॉर बेक्वाउ के अनुसार 8 जुलाई को एक जांच शुरू की गई थी, जिसके तहत टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। डुरोव पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी, ड्रग तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों में शामिल होने और जाँच एजेंसिओं के साथ सहयोग करने से इनकार करने सहित कई आरोप शामिल हैं। बता दें, सारी जांच साइबर सिक्योरिटी और एंटी फ्रॉड एक्सपर्ट द्वारा की जा रही है। प्रॉसिक्यूटर बेक्वाउ ने कहा कि इस प्रोसेस में जांचकर्ताओं ने डुरोव से पूछताछ की थी। फिलहाल अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि पावेल डुरोव पर लगाए गए ये सभी आरोप सही है। खबरों के अनुसार अब ये मामला विशेष मजिस्ट्रेट द्वारा संभाला जा रहा है, जिनके पास खास जांच शक्तियां मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि अगर मुकदमे की सुनवाई के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं, तो आरोप हटाए जा सकते हैं और मामला लंंबा चल सकता है।

 

5.) ममता की पुलिस का निहत्ते छात्रों पर लाठीचार्ज

पुलिस ने छात्रों पर छोड़े आंसू गैस के गोले

पश्चिम बंगाल में सैकड़ों छात्रों ने आज यानि मंगलवार, 27 अगस्त को कोलकाता के दो स्थानों से 'नबन्ना अभियान' मार्च शुरू किया, नबन्ना पश्चिम बंगाल सरकार का सचिवालय है। छात्रों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और फिर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर आंसूगैस के गोले भी छोड़े। ये मार्च आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक ट्रेनी महिला चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में निकाला गया था। बता दें, छात्र संगठनों की मांग है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और अब वो उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। छात्र पूरी घटना के लिए ममता सरकार, पुलिस और प्रिंसिपल की मिलीभगत को जिम्मेदार मानतें है और लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने घटना से संबंधित स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंपने का आदेश दिया था।

तो क्या डॉक्टर की मौत के लिए ममता जिम्मेदार?

खबरों के अनुसार प्रदर्शनकारी छात्रों ने मुख्यमंत्री बनर्जी को महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। छात्रों का दावा  है कि सरकार की लापरवाही की वजह से ही आरजी कर अस्पताल की घटना घटी और इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन भी हुए। बता दें, छात्र संगठन ‘छात्र समाज’ और राज्य सरकार के कर्मचारियों के ‘संग्रामी जौथा मंच’ ने उत्तर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर और हावड़ा के संतरागाची से मार्च शुरू किया। बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के बीच निकाले जा रहे मार्च में शामिल प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि कुछ भी हो जाए, हम नबन्ना तक पहुंचेंगे। हमें राज्य सचिवालय पहुंचना है, हमें मुख्यमंत्री का इस्तीफा चाहिए। उनकी सरकार इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है। प्रशासन घटना को दबाने और क्राइम सीन से भी छेड़छाड़ की कोशिश कर रहा थी, जिसके के लिए खुद माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाया था।

प्रदर्शन को कुचलने के लिए पुलिस ने लगाए बैरिकेड्स

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए नबन्ना की ओर जाने वाले मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए थे। पुलिस ने आसपास के इलाकों में भी अवरोधक लगाए, ताकि मार्च को नबन्ना पहुंचने से रोका जा सके। पुलिस ने इलाके में निषेधाज्ञा लागू होने की बात कही है। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बैरिकेड्स पार करने का प्रयास किया। इस पर काबू पाने के लिए और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले भी छोड़े। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा, इस रैली का राजनीति से कोई भी लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें उकसाए जाने के बावजूद हम आरजी कर अस्पताल में हमारी बहन के साथ हुए जघन्य अपराध के खिलाफ अपने अभियान को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक रखना चाहते हैं। हम बस उसके और उसके परिवार के लिए न्याय की मांग रहे हैं। बंगाल और देश की जनता की न्याय की मांग को ममता बनर्जी सरकार को सुनना चाहिए।

छात्रों पर ममता सरकार की बर्बर कार्रवाई

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कोलकाता और हावड़ा में ‘नबन्ना अभियान’ रैली में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने वालों पर बर्बर कार्रवाई का सहारा लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार द्वारा बर्बरता नहीं रोकी गई तो पश्चिम बंगाल को ठप कर दिया जाएगा। बता दें, बीते 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का शव कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत अवस्था में पाया गया था।

पूर्व प्रिंसिपल के लाई डिटेक्टर टेस्ट में कई खुलासे

CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर पॉलीग्राफ परीक्षण का सेकंड राउंड पूरा कर लिया। इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ED ने 25 अगस्त को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में संदीप घोष और उनके रिश्तेदारों से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी की। 24 अगस्त को CBI ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशों के आधार पर पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ FIR दर्ज किया था। इससे पहले, CBI अधिकारियों ने घटना के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया था। बता दें, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है, जिसे 17 सितंबर को प्रस्तुत किया जाना है।

 

6.) 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ हैवानियत

पहले दुष्कर्म फिर गला घोंटकर की हत्या

महाराष्ट्र के लातूर से एक बुजुर्ग महिला के साथ दुष्कर्म और हत्या की खबर सामने आ रही है। लातूर जिले के भेटा गांव में 70 वर्षीय नौकरानी को मंसूर सादिक नामक आरोपी ने पहले बहला फुसला कर अपने घर बुलाया और फिर उसके साथ यौन उत्पीड़न जैसा जगह्य अपराध किया। इसके बाद आरोपी यहाँ तक नहीं रुका और हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उसने गला दबाकर पीड़िता की हत्या कर दिया। पुलिस ने आरोपी मंसूर को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें, आरोपी ने मृत महिला को घर में ही लोहे की चट्टान से बांध दिया था और लगातार तीन दिनों तक उसके शव को कमरे में नग्न अवस्था में रखा।

इससे पहले दो बच्चियों के साथ हुआ दुष्कर्म

कुछ दिन पहले ही ठाणे जिले के बदलापुर स्थित आदर्श विद्यालय के शिशु वर्ग में पढ़ने वाली दो बच्चियों के साथ स्कूल के सफाई कर्मचारी अक्षय सिंह ने छेड़छाड़ की थी। बच्चियों ने जब घर जाकर बताया तो परिजनों ने इसकी शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल से दर्ज की। वारदात के बाद 16 अगस्त को बच्चियों ने स्कूल जाने से मना किया कर दिया और उनके परिजनों को वो काफी डरी हुई दिखीं। पूछे जाने पर बच्चियों ने जब आपबीती सुनाई तो पता चला कि उनका यौन शोषण किया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही अभिभावकों को शहर के लोगों का साथ मिला और लोगों ने शहर भर में विरोध प्रदर्शन किए। जिसके फौरन बाद राज्य सरकार हरकत में आई और आरोपी की गिरफ्तारी कर पुरे मामले की जाँच SIT को सौंप दी गई। बता दें, मामले में स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ भी कार्यवाइ करते हुए ससपेंड कर दिया गया था।