भारत 26 नवंबर को 26/11 की बरसी पर शहीदों को याद करता है, लेकिन इस तारीख के पीछे ऐसे अनगिनत रहस्य भी दफन हैं, जिनकी चर्चा कभी खुलकर नहीं हुई। यह हमला सिर्फ गोलियों, आग, और आतंक की कहानी नहीं बल्कि ऐसे सवालों, अनकहे सचों और खामोश रहस्यों से भरी एक फ़ाइल है, जिस पर आज भी कई बातें Mystery की तरह घूमती हैं। आइये सबसे पहले उन गहरी, कम-ज्ञात और अनसुनी बातों पर नज़र डालें, जो 26/11 को और भी भयावह बना देती हैं…मुंबई के ताज होटल में हमले के घंटों बाद जब National Security Guard ने ताज को क्लियर किया, तो किचन के बड़े फ्रीज़र में 40 लोग छिपे मिले। इतनी ठंड कि अगर वे चिल्लाते, हिलते या दरवाज़ा खोलते वे तुरंत पकड़ में आ जाते। ये लोग अंदर रोए भी नहीं… क्योंकि सांस की आवाज़ तक सुनाई दे सकती थी। यही एक कमरा था जहाँ आतंकियों ने झाँकने की कोशिश भी नहीं की क्योंकि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि कोई इंसान -5°C में इतने घंटे जिंदा रह सकता है। 26/11 विश्व इतिहास का पहला documented terror attack था जिसमें आतंकियों को रियल-टाइम कमांड सेंटर से LIVE निर्देश मिल रहे थे। रिकॉर्डिंग में साफ़ आवाज़ सुनी गई “दाएँ मुड़ो… सामने पुलिस है। फ्लोर छोड़ो… बंधकों को मारो… आग लगा दो।” ये कॉल्स बाद में UN के सामने पेश की गईं और इसने पाकिस्तान की पूरी साज़िश को नंगा कर दिया। अजमल कसाब और अबू इस्माइल Central Time Zone में प्रवेश करते हैं… लेकिन तुरंत गोली नहीं चलाते। वे ठीक 28 सेकंड तक भीड़ को देखते रहते हैं। मानो टारगेट चुन रहे हों कौन पहले गिरेगा, कहाँ भीड़ ज़्यादा है। ये फुटेज आज भी Counter Terror Training में Case Study है। आप सोच रहे होंगे शुरुआत कैसे हुई आखिर उस दिन हुआ क्या था........ आइये जानते है
26 नवंबर 2008 की रात, मुंबई हमेशा की तरह जाग रही थी। लेकिन समुद्र के उस पार 10 आतंकी कराची से निकले जहाज पर पहले Kuber पर कब्ज़ा करते हैं, फिर GPS के निर्देशों से मुंबई के पास पहुँचते हैं। ये आतंकी सिर्फ हथियारों से लैस नहीं थे उनके पास था ताज का पूरा ब्लूप्रिंट,ओबेरॉय होटल की CCTV फुटेज, नरीमन हाउस की लोकेशन, Gateway of India के आसपास के रूट, CST स्टेशन के टाइमटेबल और SIM कार्ड तक पाकिस्तान से मिले हुए थे। डेविड हेडली की महीनों की प्लानिंग इन आतंकियों का असली हथियार थी। मुंबई के पाँच कोनों में 60 घंटे तक हिंसा, आग, धमाके और चीखें गूँजती रहीं। लेकिन इसी अंधेरे में हिम्मत की कई कहानियाँ भी जन्म ले रही थीं एनएसजी के कमांडोज़, पुलिसकर्मी, फायर ब्रिगेड, होटल स्टाफ और आम नागरिक…
सब एक अदृश्य दुश्मन से लड़ रहे थे। इस हमले में 166 लोग मारे गए। 300 से अधिक घायल हुए। और दुनिया ने पहली बार Real-time आतंक का चेहरा देखा Live calls, Live orders, mass killings…
हमले के मास्टरमाइंड और उनकी गिरफ्तारी
ज़की-उर-रहमान लखवी जो ऑपरेशनल मास्टरमाइंड था वहीँ हाफ़िज़ सईद आईडियोलॉजी और हैंडलर था इसके अलावा डेविड कोलमैन हेडली सारा जासूसी नेटवर्क संभालता था और अजमल कसाब एकमात्र पकड़ा गया आतंकी था हेडली आज भी अमेरिकी जेल में है। भारत उसे नहीं पा सका। लखवी कभी गिरफ्तार, कभी रिहा लेकिन UN रिपोर्ट कहती है कि उसका नेटवर्क अभी भी एक्टिव है। ATS चीफ हेमंत करकरे की पोस्टमॉर्टम के बाद उनकी जैकेट अचानक गायब हो गई। मुंबई पुलिस कहती है “कौन ले गया, पता नहीं।” फायर ब्रिगेड कहते है “हमने नहीं छुआ।” कोर्ट का कहना है की ये “यह गंभीर लापरवाही है।” CBI तक जांच गई, लेकिन आज तक जैकेट नहीं मिली। यह आज भी 26/11 की सबसे अजीब ‘Missing Evidence’ मानी जाती है।
हालांकि एक मामला इस तरह हुआ जो आज भी रोंगटे खड़े कर देता है कसाब रोड पर गोली लगी होने का नाटक कर के लेट गया। पुलिस आगे बढ़ने लगी। ASI तुकाराम ओम्बले उसे चेक करने गए। कसाब उठा… AK-47 चलाने लगा… ओम्बले ने बैरल पकड़ लिया और तब तक नहीं छोड़ा जब तक कसाब का हथियार गिर नहीं गया। ओम्बले शहीद हुए, लेकिन भारत को वह एक terrorist मिला जिसने दुनिया के सामने पाकिस्तान का चेहरा उजागर कर दिया। Kuber जहाज पर एक टूथब्रश मिला था, जिस पर खून लगा था। DNA टेस्ट से पता चला कि वह एक भारतीय मछुआरे का था जिसे आतंकियों ने रास्ते में मार दिया था। उसकी गर्दन की रस्सी, उसके कपड़े, और जहाज पर मिले Pakistani biscuits सब मिलकर RAW को पहली दिशा देते हैं कि हमले को कराची से ऑपरेट किया गया। एक survivor की गवाही में पता चला 7th फ्लोर पर मौजूद एक दंपत्ति अपने कमरे की अलमारी में छिपे रहे। अलमारी में हवा कम थी…
घड़ी की टिक-टिक भी सुनाई देती थी… उन्होंने 15 घंटे बिना आवाज़ किए बिताए। आतंकी दो बार कमरे में आए लेकिन अलमारी नहीं खोली। ये घटना किसी चमत्कार से कम नहीं। डेविड कोलमैन हेडली ने Survey करते समय ‘पर्यटक’ के रूप में ताज के हर कोने की वीडियो शूट की थी सर्विलांस वीडियो में वो हाथ में कैमरा लेकर घूमता है Pool, Lobby, Sea Gate, Fire Exit, Kitchen Route उसने ये वीडियो पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजी थीं।उसके यही Maps ताज का “Death Map” बन गए। इसके अलावा जब कसाब से पूछताछ हुई तब कसाब टूट चुका था। वह 50 से अधिक बार रोया। और एक दिन बोला “हमें कहा गया था कि इंडिया में मरोगे तो जन्नत मिलेगी… हम मूर्ख थे… हमें इस्तमाल किया गया।” भारत के लिए यह एक सच्चाई थी कि यह हमला सिर्फ नफ़रत नहीं, बल्कि ब्रेनवॉश की राजनीति भी था।
भारत में क्या बदल गया 26/11 के बाद?
NIA का गठन हुआ National Security Guard के 4 नए हब बने कोस्ट गार्ड और समुद्री सुरक्षा में सबसे बड़ा सुधार हुआ ताज होटल को दुनिया की सबसे सुरक्षित प्रॉपर्टीज़ में बदलना हुआ आतंकी गतिविधियों पर रियल-टाइम मॉनिटरिंग अब होती है, RAW और IB की संयुक्त Terror Desk है
भारत ने इन 60 घंटों के दर्द को 60 साल की सीख में बदल दिया।
लेकिन आज (2025) तक 26/11 की फ़ाइल कहाँ है?
हर साल Mumbai Police, NSG और ताज होटल श्रद्धांजलि देते हैं, UN में आज भी 26/11 का मुद्दा उठाया जाता है, The Oberoi ने उस रात के CCTV फुटेज को सुरक्षित रखा है, कसाब की लाश आज भी गुप्त कब्र में है लोकेशन गोपनीय हेडली कभी भारत नहीं आएगा US ने Extradition अस्वीकार किया,
पाकिस्तान में 26/11 केस “फाइल” के रूप में पड़ा है, कार्रवाई के बिना। 26/11 सिर्फ हमला नहीं एक राष्ट्र की सामूहिक स्मृति का जख्म है
यह कहानी सिर्फ आतंक की नहीं, बल्कि उन अनदेखे चेहरों की है जो चुपचाप फ्रीज़र में छिपे रहे, जो अलमारी में साँस रोककर बैठे रहे, जो अपने होटल के मेहमानों को बचाने के लिए खुद सामने आए, और उन पुलिसकर्मियों की जिन्होंने बिना रणनीति के, बिना तैयारी के, सिर्फ “ज़िम्मेदारी” के दम पर AK-47 लिए दुश्मन का सामना किया। ऐसे ही क्राइम डॉक्यूमेंट्री और डिप रिसर्च न्यूज़ के लिए सब्सक्राइब करे ग्रेट पोस्ट न्यूज़।
आजकल चाहे आप सोशल मीडिया का कोई भी प्लेटफॉर्म खोल लें Instagram, X, Facebook या YouTube हर जगह एक ही खबर आपकी स्क्रीन पर बार-बार उभर रही है। हर एक बड़ा mediahouse इसपर प्रतिक्रिया दे रहा है मानो पूरे देश का ध्यान एक ही जोड़ी पर अटक गया हो। पलाश मुच्छल और भारतीय क्रिकेट स्टार स्मृति मंधाना की शादी अचानक टलने की खबर ने ऐसा माहौल बना दिया है कि लोग समझ नहीं पा रहे कि आखिर इस शादी में ऐसा क्या है जो इसे राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा मुद्दा बना रहा है। दरअसल, यह वही हाई-प्रोफाइल शादी थी जिसकी तारीख 23 नवंबर तय थी और जिसके प्री-वेडिंग फंक्शन्स के वीडियो पहले ही सोशल मीडिया की टाइमलाइन पर छा चुके थे। जब सबकुछ सुचारू रूप से चल रहा था, तभी अचानक शादी स्थगित होने की घोषणा हुई और इसके तुरंत बाद स्मृति मंधाना ने वेडिंग से जुड़ी अपनी लगभग सभी तस्वीरें और वीडियो डिलीट कर दिए। उधर, सिंगर पलक मुच्छल ने एक इंस्टा स्टोरी डालकर परिवार की “प्राइवेसी” की अपील की। बस, इतनी सी घटनाएँ थीं कि इंटरनेट पर अफवाहों की आँधी चल पड़ी किसी ने cheating का दावा कर दिया, किसी ने breakup बता दिया, और किसी ने पुराने वीडियो निकालकर नए किस्से गढ़ने शुरू कर दिए। लेकिन जब आप शोर से आगे बढ़कर तथ्य देखते हैं, तो तस्वीर कुछ और ही दिखती है।अन्य विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शादी टलने की मूल वजह स्मृति मंधाना के पिता की अचानक तबीयत बिगड़ना है, जिसके चलते परिवार को अस्पताल जाना पड़ा। पलाश के करीबियों और कज़िन्स ने भी साफ कहा है कि सोशल मीडिया पर फैल रही “cheating” और “अनबन” जैसी बातें पूरी तरह अफवाह हैं, जिनका किसी तरह का प्रमाण मौजूद नहीं है। शादी रद्द नहीं हुई है सिर्फ स्वास्थ्य कारणों की वजह से टाली गई है। फिर भी यह खबर क्यों हर जगह छाई हुई है? वजह साफ है एक ओर भारत की सबसे लोकप्रिय महिला क्रिकेटर, दूसरी ओर बॉलीवुड संगीत जगत से जुड़ा बड़ा परिवार। दोनों की लोकप्रियता इतनी विशाल है कि कोई भी छोटी हलचल तुरंत राष्ट्रीय बहस में बदल जाती है। यही कारण है कि यह पूरी घटना तथ्य और अफवाह, सच्चाई और कयास, सबके मिलेजुले तूफान के बीच देश की सबसे चर्चित खबर बन गई है।