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Breaking News 26 November 2024

1.)  PAN 2.0  से आम आदमी का काम होगा आसान 


 
 PAN 2.0 से आम जनता का काम होगा आसान 

अब आपका PAN कार्ड और भी ज्यादा स्मार्ट होने वाला है !अब तक का जो PAN कार्ड था, वो केवल एक परमानेंट अकाउंट नंबर था। इसका मुख्य काम था टैक्सेशन और बैंकिंग। लेकिन अब, नई टेक्नोलॉजी और डिजिटल इंडिया मूवमेंट के तहत, PAN कार्ड को एक पावरहाउस बना दिया जाएगा। इसमें QR कोड और डिजिटल वेरिफिकेशन की सुविधा होगी।आप अपने PAN को सीधे अपने मोबाइल से एक्सेस कर पाओगे।कोई भी काम, चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, बस QR कोड स्कैन करो और काम पूरा। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसे डिजिटल इंडिया मूवमेंट के तहत लागू करने का फैसला लिया गया है । इस नए PAN 2.0 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का सिस्टम होगा , इसका मतलब, आपको लाइन में लगने या भारी-भरकम डॉक्युमेंट्स कैरी करने की जरूरत नहीं होगी। आपका डेटा एक सेंट्रल डेटाबेस में रहेगा, जिसे आप कहीं भी एक्सेस कर सकते हो।सरकार ने इस काम के लिए IT विभाग और डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को ज़िम्मेदारी दी है। वित्त मंत्रालय इसे सुपरवाइज़ करेगा, ताकि कोई गड़बड़ न हो।  इसमें नकली पहचान का कोई स्कोप ही नहीं रहेगा क्यूंकि हर PAN कार्ड की यूनिक क्रिप्टोग्राफिक सिक्योरिटी होगी। PAN 2.0 को 2025 तक लागू कर दिया जायेगा | 


PAN 2.0  कैसे और कौन यूज़ करेगा 

PAN 2.0 को यूज़ करना काफी आसान होगा सिर्फ इसके QR कोड को स्कैन करो और वेरिफाई करो QR कोड को कोई भी स्कैनर (सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त) स्कैन करेगा। स्कैन करते ही ये आपके PAN से जुड़ी आधार, बैंक, टैक्स, और KYC जानकारी को एक्सेस करेगा। PAN 2.0 यूज़ के लिए पुराने PAN का अपग्रेड करना होगा  जिनके पास पुराना PAN कार्ड है, वो इसे अपग्रेड करेंगे, और आपको कोई नया कार्ड नहीं बनवाना पड़ेगा, बल्कि ये ऑटोमैटिक अपग्रेड होगा। इसके लिए दिल्ली में कई डिजिटल सुविधा केंद्र बनाए जाएंगे, जहां आम जनता अपना PAN 2.0 अपडेट करवा सकती है | पैन कार्ड को ऑनलाइन भी अपग्रेड करा सकते है | इसका प्रयोग लगभग हर सेक्टर में होगा जैसे टैक्स फाइलिंग और वेरिफिकेशन, इसके साथ ही लोन अप्रूवल हो और KYC प्रोसेस हो या पासपोर्ट ऑफिस में वेरिफिकेशन हो, ड्राइविंग लाइसेंस अथॉरिटी में आपकी पहचान की पुष्टि करना हो PAN 2.0हर सेक्टर में यूज़ होगा | बैंक SBI, ICICI, HDFC इसे आपके KYC को फटाफट पूरा करने के लिए इस्तेमाल करेगा। लोन लेने, खाता खोलने या बड़े ट्रांजेक्शन में ये QR कोड मदद करेगा।

 

2.) टीम इंडिया ने कंगारुओं का घमंड किया चकनाचूर

 

बुमराह की कप्तानी ने ऑस्ट्रेलिया को किया गुमराह

इन दिनों भारतीय टीम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है। 22-26 नवंबर के बीच खेले जाने वाले सीरीज के अपने पहले ही मैच में आज भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत हासिल कर ली है। पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 295 रनों से बड़ी जीत मिली है। इससे पहले जनवरी 2021 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा के मैदान पर ऐतिहासिक जीत हासिल किया था और आज एक बार फिर पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में भारतीय टीम ने कंगारुओं को रनों के बड़े मार्जिन से हराकर इतिहास रच दिया है। भारत की इस जीत में विराट कोहली, यशस्वी जैसवाल और कप्तान जसप्रीत बुमराह की बड़ी भूमिका रही है। बता दें, साल 2023 में खेली गई पिछली सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम किया था और आज इस साल खेले जा रहे सीरीज के पहले मैच को जीतकर भारत ने अपने इरादे जाहिर कर दिए है की इस बार भी सीरीज पर भारत का ही कब्जा होगा। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के नाम से मशहूर यह सीरीज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नवंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच खेला जाना है। यह साल 1992 के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की पहली टेस्ट सीरीज होगी, जिसकी पुष्टि 26 मार्च 2024 को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने किया था।

बुमराह की कप्तानी में मिली ऐतिहासिक जीत

न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी ही होम पिच पे 0-3 से क्लीन स्वीप होने के बाद भारतीय टीम की यह वापसी कई माइनो में खास है। टीम में बड़े-बड़े नामों के बीच अपने ही घर में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद टीम का मनोबल डाउन था पर आज भारत की युवा टीम ने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में कई स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया पर बड़ी जीत दर्ज की है। टीम में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और न रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे, इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। बता दें, इस टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में चार टेस्ट खेले थे और सभी में जीते भी थे पर आज भारत से मिली हार के बाद कंगारुओं की जीत का ये सिलसिला टूट गया। इस मैच में खास बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया की तुलना में कम अनुभव वाली टीम इंडिया ने कंगारुओं को पूरी तरह से चौंकाया है। भारत का यह ऑस्ट्रेलिया में रनों के अंतर से सबसे बड़ी जीत भी है। 295 रन से यह मुकाबला जीतने से पहले भारत ने मेलबर्न में 1977 में 222 रन से जीत दर्ज की थी। वहीं, 2018 में भारत ने मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को 137 रन से हराया था। जसप्रीत बुमराह ने अपनी कप्तानी में टीम को फ्रंट से लीड किया, जब भी टीम मुश्किल में पड़ी, उन्होंने विकेट निकालकर दिया। पहली पारी में बुमराह ने पांच विकेट और दूसरी पारी में तीन विकेट लिए। उन्हें इसके लिए प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। इसी के साथ टीम इंडिया ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।

कोहली-जायसवाल के विराट सतक ने भारत को बनाया यशस्वी

भारत ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हरा दिया है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने पहली पारी में 150 रन बनाए थे, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी में 104 रन पर सिमट गई। भारत को पहली पारी के आधार पर 46 रन की बढ़त मिली थी, जिसके बाद दूसरी पारी में भारत ने छह विकेट पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दिया और टीम के पास कुल मिलाकर 533 रन की बढ़त हासिल थी। विराट कोहली के बल्ले से शतक का सभी को लंबे समय से इंतजार था और रविवार को उनके शतक लगाते ही भारत की ओर से दूसरी पारी घोषित करने का फैसला लिया गया। विराट ने 143 गेंद में 100 रन की नाबाद पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में आठ चौके और दो छक्के लगाए। विराट ने लियोन की गेंद पर चौके के साथ शतक पूरा किया। यह उनके टेस्ट करियर का 30वां शतक और ओवरऑल तीनों फॉर्मेट में मिलाकर 81वां शतक था। यह ऑस्ट्रेलिया में उनका सातवां शतक रहा। वह सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर सबसे ज्यादा टेस्ट शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए। सचिन ने छह शतक लगाए थे। इस मैच में विराट से पहले टीम के ओपनिंग बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने शतक जड़ा था और उन्होंने 161 रन की पारी खेली थी। उन्होंने अपनी पारी में 15 चौके और तीन छक्के लगाए थे। यह उनके टेस्ट करियर का चौथा शतक रहा था।

भारतीय टीम पहुंच सकती है WTC के फाइनल में

भारतीय टीम पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट मैच में हराने वाली दुनिया की पहली टीम बन गई है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सीरीज के पहले ही मैच में 295 रनों के बड़े मार्जिन से हरा दिया। इस जीत के साथ ही भारत को WTC प्वाइंट्स टेबल में फायदा हुआ है, भारत अब फिर से पॉइंट टेबल में टॉप पर पहुंच गया है। भारत के पास अब 61.11 अंक है और इसके साथ टॉप पर कायम है। वहीं, इस हार के बाद ऑस्ट्रेलिया अब दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। बता दें कि न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद भारतीय टीम प्वाइंट्स टेबल में दूसरे नंबर पर आ गई थी, लेकिन अब पर्थ में भारत को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद टीम एक बार फिर से पॉइंट टेबल में पहले पायदान पर आ गई है। WTC प्वाइंट्स टेबल में अब ऑस्ट्रेलिया 57.69 अंक प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है, तो वहीं श्रीलंका 55.56, न्यूजीलैंड 54.55 के साथ तीसरे नंबर पर और साउथ अफ्रीका की टीम 54.17 के साथ चौथे नंबर पर बनी हुई है। बता दें, पॉइंट टेबल में अभी भी बदलाव हो सकता है और ये सब इस पर निर्भर करेगा कि भारत सीरीज के बाकि बचे चार मैचों में कैसा प्रदर्शन करता है। इसके अलावा भारत के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम को श्रीलंका के खिलाफ सीरीज खेलनी है. ऐसे में यदि श्रीलंका के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया को  2-0 से जीत मिलती है तो ऑस्ट्रेलिया के पास 60.53 पॉइंट्स होंगे। वहीं, पॉइंट टेबल में दूसरे नंबर की टीम न्यूजीलैंड इंग्लैंड के खिलाफ 3-0 की जीत दर्ज कर लेती है तो 64.29 पॉइंट के साथ टीम पहले स्थान पर पहुँच जाएगी। साउथ अफ्रीका के पास भी चार टेस्ट बचे हैं और यदि वे इनमें से तीन भी जीतते हैं तो वे 61.11 पर पहुंच जाएंगे, जिससे ऑस्ट्रेलिया और भारत के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

 

3.) ISKCON संत पर हमला या हिंदुत्व पर वार?

 

बांग्लादेश में हिंदुओं पर कहर

बांग्लादेश में ISKCON से जुड़े चिन्मय कृष्ण ब्रह्मचारी और 18 अन्य हिंदुओं के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होना एक बड़ी घटना बन गई है, जिसने हिंदू समुदाय में नाराजगी पैदा कर दी है। यह मामला 25 अक्टूबर को चटगांव में हुए एक प्रदर्शन से जुड़ा है, जहां अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा और सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की गई थी। आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के झंडे की जगह हिंदू धर्म का भगवा झंडा लगाया गया, जिसे 'राष्ट्रीय अस्मिता के अपमान' का नाम देकर कार्रवाई की गई। स्थानीय पुलिस और अधिकारियों ने  यह केस दायर किया  था | चिन्मय कृष्ण, जो संतन जागरण मंच के प्रवक्ता भी हैं, उन्होंने इस मामले को झूठा बताते हुए कहा कि वे घटना स्थल पर मौजूद भी नहीं थे।देश में हिंदुओं की आबादी, जो 1951 में 22% थी, अब घटकर 8% से भी कम रह गई है। धार्मिक उत्पीड़न के कारण 1964 से 2013 के बीच 1.1 करोड़ हिंदू बांग्लादेश से पलायन कर चुके हैं। इस गिरफ्तारी और झूठे आरोपों के विरोध में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया, और भारत से भी मदद मांगी। प्रधानमंत्री मोदी और अन्य अंतरराष्ट्रीय नेताओं से हस्तक्षेप की उम्मीद जताई गई है। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार से मांग की है कि वह हिंदुओं के खिलाफ इस तरह के ज़ुल्मों को तुरंत रोके और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

ISKCON क्या है ? 

ISKCON (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस), जिसे आमतौर पर हरे कृष्णा मूवमेंट के नाम से जाना जाता है, एक वैश्विक धार्मिक संगठन है। इसकी स्थापना 1966 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में श्रील प्रभुपाद (ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी) ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य भगवद गीता और भागवत पुराण के आधार पर वैदिक ज्ञान और कृष्ण भक्ति का प्रचार करना है। बांग्लादेश में ISKCON हिंदू समुदाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां ISKCON के मंदिर और संगठन धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं।ISKCON का मुख्यालय भारत के मायापुर, पश्चिम बंगाल में है। बांग्लादेश में संगठन भारत और दुनिया भर के भक्तों से आर्थिक और सामाजिक समर्थन प्राप्त करता है।बांग्लादेश में ISKCON हिंदू समुदाय की पहचान और अस्तित्व का प्रतीक है, लेकिन इसे अपनी धार्मिक गतिविधियों के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। यह हिंदू अल्पसंख्यकों के लिए न केवल आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि उनके अधिकारों और अस्तित्व के लिए आवाज उठाने वाला एक महत्वपूर्ण संगठन भी बन चुका है।

 

4.) सविधान दिवस पर राहुल गाँधी ने क्या कह दिया ? 

 

संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में संविधान दिवस के मौके पर कांग्रेस ने एक कार्यक्रम किया, जिसमें राहुल गांधी ने मुख्य भाषण दिया। यह कार्यक्रम संविधान की 75वीं वर्षगांठ और दलितों के अधिकार, सामाजिक न्याय, और जातिगत जनगणना जैसे विषयों पर केंद्रित था। लेकिन इसी बीच राहुल गांधी के भाषण के दौरान अचानक माइक बंद हो गया, जिससे वह करीब 6 मिनट तक बिना माइक के ही बोलते रहे। माइक चालू होने के बाद उन्होंने कहा, "जो दलितों, आदिवासियों और गरीबों की बात करेगा, उसका माइक बंद कर दिया जाएगा।" यह बयान उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दिया और इसे समाज के कमजोर वर्गों की आवाज़ दबाने की कोशिश बताया।

प्रधानमंत्री मोदी का सविधान दिवस पर बयान 

प्रधानमंत्री ने  कहा कि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है, और इसे जीवित रखना भारत के लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि संविधान के मूल सिद्धांतों की रक्षा की जाए।प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संविधान को भारत के लोकतंत्र की बुनियाद बताया और कहा कि यह संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता, और न्याय का अधिकार देता है। उन्होंने इसे भारत के हर नागरिक के लिए एक जीवित दस्तावेज़ बताया जो आज भी हमारे देश को दिशा दे रहा है।

राहुल गांधी की मुख्य बातें

राहुल ने कहा कि पिछड़े वर्गों की सही संख्या को जानना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस की सरकार जहां भी बनेगी, वहां जातिगत जनगणना कराई जाएगी।उन्होंने संविधान को दलित, आदिवासी, और पिछड़े वर्गों का संरक्षक बताया। उन्होंने संविधान को केवल एक किताब नहीं, बल्कि महात्मा गांधी, डॉ. अंबेडकर और अन्य महान व्यक्तियों की सोच का प्रतीक बताया। राहुल ने सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने और संसाधनों को निजी हाथों में सौंपने का आरोप लगाया।कांग्रेस इस कार्यक्रम के जरिए सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों की हिस्सेदारी पर जोर दे रही है। इसके तहत उन्होंने 'संविधान रक्षक समिति' के गठन का भी ऐलान किया, जो गांव-गांव तक संविधान बचाने के संदेश को ले जाएगी।

 

5. ) संविधान दिवस पर गंभीर चर्चा 

 

हिंदुस्तान की आत्मा संविधान एक किताब

आज संविधान दिवस है|  हमारा संविधान खून से सींचा गया था ,सोचो, जब देश 1947 में आजाद हुआ, तब हमारे पास सिर्फ आजादी थी, पर नियम नहीं। अंग्रेजों ने हमें बांटकर छोड़ दिया था। हिंदू-मुसलमान के नाम पर खून बहा, लाखों लोग घर-बार छोड़कर भागे। ऐसे में, हमें एक ऐसी किताब चाहिए थी, जो हमें जोड़ सके, हमें एक कर सके। संविधान सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि उन लाखों कुर्बानियों की विरासत है।अगर हिंदुस्तान को एक बड़ी फैमिली समझो, तो संविधान वो रूल बुक है, जो बताती है कि सबको कैसे रहना है, क्या अधिकार मिलेंगे, और कैसे न्याय होगा। यह बताता है कि सरकार क्या कर सकती है और क्या नहीं। यह हर इंसान को बराबरी का हक देता है। दिल्ली की सर्दी में किसी बेघर को कंबल देना संविधान को जिंदा रखना है। किसी भूखे को रोटी खिलाना संविधान को सलाम करना है। सड़क पर ट्रैफिक नियम मानना संविधान को इज्जत देना है। 26 नवंबर का दिन हम हिंदुस्तानियों के लिए बहुत खास है, क्योंकि आज के दिन, 1949 में हमारे देश ने अपने खुद के बनाए नियम-कायदे, यानी संविधान को अपनाया था। इस दिन को कहते हैं संविधान दिवस। इसी दिन हमारे संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनकी टीम ने इसे बनाने के लिए 2 साल, 11 महीने, और 18 दिन तक कड़ी मेहनत की थी ,26 नवंबर 1949 को इसे अपनाया गया, और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी, ताकि हर भारतीय को अपने संविधान और अधिकारों की अहमियत समझ में आए। इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है | हमारा संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है,इसको 1,46,385 शब्दों में लिखा गया है। इसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखा गया।

संविधान और आंसुओं का रिश्ता

संविधान ने हमें समानता का अधिकार दिया, लेकिन दिल्ली में यह बराबरी अभी तक अधूरी है।यमुना किनारे झुग्गियों में रहने वाले बच्चे आज भी भूखे सोते हैं।
सर्दियों की रातों में कितने लोग बिना छत के ठिठुरते हैं। संविधान ने तो हक दिया, लेकिन क्या हमने उन हकों को सब तक पहुंचाया? जब आप कनॉट प्लेस में महंगी कॉफी पी रहे हों, तब याद करें कि चांदनी चौक की गलियों में आज भी कई लोग दो वक्त की रोटी के लिए जूझ रहे हैं।डॉ. भीमराव अंबेडकर, जो खुद दलित समुदाय से थे, उन्हें संविधान बनाने की जिम्मेदारी दी गई। वह कहते थे, "मैंने जिंदगी भर भेदभाव सहा है। मैं चाहता हूं कि यह संविधान ऐसा बने, जो किसी के साथ अन्याय न होने दे।" उनकी मेहनत का नतीजा था कि हर भारतीय, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, या वर्ग का हो, समान अधिकारों का हकदार बना। जब संविधान लिखा जा रहा था, तो उसमें 15 महिलाएं भी थीं। ये महिलाएं उस दौर की रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए हमारे अधिकारों की लड़ाई लड़ रही थीं। 

सविंधान ने दिए है कई अधिकार 

संविधान ने हमें कई अधिकार दिए है जैसे आर्टिकल 14 ने बराबरी का हक दिया है चाहे आप दिल्ली के करोल बाग में दुकान चलाओ या साउथ दिल्ली में कोठी के मालिक हो, कानून की नजर में सब बराबर हैं। आर्टिकल 19 हमें बोलने की आज़ादी देता है ,ट्विटर पर मस्त बहस करो, इंस्टाग्राम पर रील्स बनाओ, या नुक्कड़ पर दोस्तों से पॉलिटिक्स डिस्कस करो ये सब अधिकार संविधान ने दिया है,आर्टिकल 21 हमें जीने का हक देता है  चाहे आप तम्बू लगा के सो रहे हो या किसी बड़े होटल में, आपको जीने का हक है। इसके बाद आर्टिकल 15 और 16 हमें आरक्षण देता है यह सिर्फ एक सामाजिक योजना नहीं है, बल्कि एक कोशिश है कि हर इंसान को बराबरी का मौका मिले।आज संविधान दिवस पर सिर्फ पढ़ने या सुनने तक न रुकें, इसे अपने दिल में उतारें। जो वादा हमारे पूर्वजों ने किया था, उसे हम पूरा करें। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।