साल 2024 भारतीय शतरंज के लिए कई माईनो में ऐतिहासिक रहा और शतरंज के खेल में भारत के लिए नीव रखने का काम विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने तैयार किया था। रूसी लेखक गैरी कास्पारोव की माने तो विश्वनाथन आनंद द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ी बेखौफ और महत्वाकांक्षी युवा हैं और यही कारण है की भारत के पास चेन्नई के 18 वर्ष के गुकेश के रूप में अब एक नया रोलमॉडल है। आपको बता दें, गुकेश हाल ही में चीन के डिंग लिरेन को हराकर शतरंज के इतिहास में सबसे युवा विश्व चैंपियन बने हैं। उनके इस सफर की शुरूआत अप्रैल में फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के जरिये हुई, जब वह टूर्नामेंट जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। इस जीत के साथ ही उन्होंने 32 वर्ष के चीनी खिलाड़ी लिरेन के खिलाफ विश्व चैंपियनशिप मुकाबले में अपनी न केवल जगह बनाई, बल्कि खिताब पर कब्जा भी किया। चेहरे पर जीत की चमक लिए दोनों बाजू खोलकर मुस्कुराते हुए डी गुकेश की तस्वीर एक अरब से अधिक भारत वासियों की यादों में हमेशा के लिए छप गई। सिंगापुर में खेले गए विश्व शतरंज चैंपियनशिप मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन को हराने के ठीक बाद खींची गई तस्वीरें विश्वनाथन आनंद के दौर के बाद विश्व शतरंज के मानचित्र में भारत के बढ़ते कद की गवाह है।
गुकेश की जीत से पहले सितंबर महीने में बुडापेस्ट में भारत ने शतरंज ओलंपियाड में टीम और व्यक्तिगत वर्ग में छह स्वर्ण पदक जीते थे। पुरूष टीम फाइनल में भारत ने स्लोवेनिया को और महिला वर्ग में अजरबैजान को हराया। एक ही ओलंपियाड में महिला और पुरूष दोनों खिताब जीतने वाले दूसरे दो देश चीन और पूर्व सोवियत संघ और आज का रूस है। व्यक्तिगत वर्ग में गुकेश, अर्जुन एरिगैसी, दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल ने स्वर्ण पदक जीते। पिछले साल 2500 ईएलओ रेटिंग पार करने वाले ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद और आर वैशाली शतरंज में खेलने वाली भाई बहन की पहली जोड़ी रही। ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल करने वाले भी वे पहले भाई बहन हैं। प्रज्ञानंद ने मई में नॉर्वे शतरंज में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को उनकी ही धरती पर क्लासिकल प्रारूप में हराकर भारत को सर ऊंचा किया। ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद एरिगैसी 2800 ईएलओ रेटिंग अंक पार करने वाले आनंद के बाद दूसरे भारतीय बने। वह इस समय कार्लसन (2831), फेबियानो कारूआना (2805) और हिकारू नकामूरा (2802) के बाद 2801 अंक लेकर चौथे स्थान पर हैं। भारत फिडे टीम रैंकिंग में चौथे स्थान पर हैंं। भारत में मौजूदा समय में 64 ग्रैंडमास्टर हैं और उनमें से अधिकांश 25 वर्ष से कम के हैं। ये फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंडस्लैम टूर, फिडे महिला जीपी, फिडे महिला विश्व कप और एशियाई चैम्पियनशिप में अगले साल चुनौती पेश करेंगे और इसे देखते हुए ये कहा जा सकता है की पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।
देश की सबसे बड़ी सीमेंट डील में 7,000 करोड़ रुपये का ऐसा खेल हुआ कि एन. श्रीनिवासन, जो कभी कंपनी के किंग माने जाते थे, अब गद्दी छोड़कर किनारे हो गए। ये सिर्फ एक डील नहीं, बल्कि इंडिया सीमेंट्स के एक युग का अंत और अल्ट्राटेक के नए राज की शुरुआत है। सवाल ये नहीं है कि श्रीनिवासन क्यों गए, सवाल ये है कि इंडिया सीमेंट्स जैसे बड़े नाम की हालत ऐसी क्यों हुई? क्या ये गलत फैसलों का नतीजा था या इंडस्ट्री की बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने इस कंपनी को धराशायी कर दिया? जवाब सीधा है जब आप खेल में पीछे रह जाते हैं, तो अगला खिलाड़ी आपका स्पॉट ले लेता है। और यहां वही हुआ।
तो चलिए, इस सीमेंट किंगडम के पतन और नए साम्राज्य के उदय की पूरी कहानी समझते हैं। हुआ ये कि 7,000 करोड़ की डील के बाद अल्ट्राटेक सीमेंट ने इंडिया सीमेंट्स का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया। इस डील के बाद इंडिया सीमेंट्स के सीईओ और एमडी, एन. श्रीनिवासन ने इस्तीफा दे दिया। इसी के परिणामस्वरूप,उनकी बेटी रूपा गुरुनाथ, पत्नी चित्रा श्रीनिवासन और वी.एम. मोहन ने भी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। इंडिया सीमेंट्स, जो कभी साउथ इंडिया की सीमेंट इंडस्ट्री का बड़ा नाम था, अब पूरी तरह अल्ट्राटेक सीमेंट के कंट्रोल में आ गया है। और ये सब एक दिन में नहीं हुआ, इसके पीछे लंबी प्लानिंग और इंडिया सीमेंट्स की पिछले कुछ सालों की खराब परफॉर्मेंस छिपी है।
अल्ट्राटेक, अंबुजा और एसीसी जैसी बड़ी कंपनियों के बीच इंडिया सीमेंट्स का मार्केट शेयर लगातार गिर रहा था। जहां बाकी कंपनियां देशभर में एक्सपैंशन कर रही थीं, इंडिया सीमेंट्स सिर्फ साउथ पर डिपेंड थी। इसके अलावा कंपनी पर भारी कर्ज था। प्रोडक्शन कास्ट बढ़ रही थी, लेकिन प्रॉफिट मार्जिन कम हो रहे थे। एन. श्रीनिवासन के नेतृत्व में कंपनी ने कुछ गलत फैसले लिए। मसलन, चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) में बहुत ज्यादा पैसा फंसाया। IPL में CSK का नाम तो चमका, लेकिन इंडिया सीमेंट्स की बैलेंस शीट डूबती चली गई।
अल्ट्राटेक ! आदित्य बिड़ला ग्रुप का हिस्सा है और पहले से ही भारत में सीमेंट इंडस्ट्री की बादशाह है। इंडिया सीमेंट्स साउथ इंडिया में अच्छी पकड़ रखती थी। अल्ट्राटेक ने इसे खरीदकर वहां अपनी जगह पक्की कर ली। और इस डील के बाद अल्ट्राटेक का देशभर में मार्केट शेयर काफी बढ़ गया। जिससे अब ये भारत की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बन गई है।
अब इंडिया सीमेंट्स में पुराना प्रमोटर ग्रुप कोई भी हिस्सा नहीं रखता। यानी, श्रीनिवासन और उनकी फैमिली के पास ना कंपनी के शेयर बचे, ना ही बोर्ड में कोई जगह। इसमें उनके साथ और भी नाम हैं, जैसे ई.वी.वी.एस. फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, एस.के. अशोक बालाजी, फाइनेंशियल सर्विस ट्रस्ट और चेन्नई सुपर किंग्स क्रिकेट लिमिटेड। हां, वही चेन्नई सुपर किंग्स, जो IPL में धूम मचाती है, अब उसका इंडिया सीमेंट्स से कोई लेना-देना नहीं।
अब इंडिया सीमेंट्स का प्रमोटर ग्रुप है अल्ट्राटेक सीमेंट। अल्ट्राटेक कोई छोटा खिलाड़ी नहीं है, ये देश में सीमेंट की सबसे बड़ी निर्माता है और दुनिया में पांचवें नंबर पर आती है। इसके बॉस हैं कुमार मंगलम बिड़ला। अल्ट्राटेक की सालाना उत्पादन क्षमता 152.70 मिलियन टन है, और ये ग्रे सीमेंट, रेडी-मिक्स कंक्रीट (RMC) और सफेद सीमेंट में महारत रखती है।
अल्ट्राटेक ने आते ही इंडिया सीमेंट्स के बोर्ड को रिफ्रेश कर दिया। नई टीम में चार डायरेक्टर शामिल किए गए के.सी. झांवर, विवेक अग्रवाल, ई.आर. राज नारायणन और अशोक रामचंद्रन इसके साथ ही, तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर भी बनाए गए अलका भरूचा, विकास बलिया और सुकन्या कृपालु।
तो कुल मिलाकर, इंडिया सीमेंट्स की पुरानी कहानी खत्म, और नई शुरुआत अल्ट्राटेक के साथ हो गई।
कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) कर्नाटक के बेलगावी में एक अधिवेशन का आयोजन कर रही है। दो दिन तक चलने वाले इस अधिवेशन के साथ पार्टी यहां एक रैली भी करेगी। ये कार्यक्रम महात्मा गांधी द्वारा 1924 में पार्टी अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस के ऐतिहासिक बेलगाम, अब के बेलगावी सत्र की अध्यक्षता करने की शताब्दी के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। इस अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और हाल के उपचुनाव में वायनाड से सांसद बनी प्रियंका वाड्रा सहित कांग्रेस के शीर्ष नेता, देश भर से आए कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता इसमें शामिल होंगे। कांग्रेस जहां इस कार्यक्रम के जरिए पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश करती दिखेगी, वहीं पार्टी की आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेगी। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह कार्यक्रम पार्टी के 1924 के अधिवेशन की शताब्दी मनाने के लिए आयोजित किया जा रहा है और इस “ऐतिहासिक आयोजन” में देशभर से आए करीब 200 नेता हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया बैठक गुरुवार, 26 दिसंबर को दोपहर 2:30 बजे महात्मा गांधी नगर में शुरू होगी। अधिवेशन के सत्र का पहला दिन 1924 के सत्र के आयोजन स्थल वीर सौधा में आयोजित किया जाएगा। वहीं दूसरे दिन, कर्नाटक सरकार द्वारा स्वीकृत महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण बेलगावी में सुवर्ण विधान सौधा – राज्य विधानसभा में किया जाएगा। वेणुगोपाल ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस को 1924 की तरह ही पुनरुत्थान की जरूरत है, कांग्रेस यहां चिंतन करेगी और अपनी आगे की रणनीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करेगी।
कर्नाटक के बेलगावी में आज से शुरू होने वाला कांग्रेस का अधिवेशन अब गलत कारणों से चर्चाओं में आ गया है। बता दें, भारतीय जनता पार्टी ने कहा है की कांग्रेस के होने वाले इस अधिवेशन को लेकर जो पोस्टर लगाए गए थे, उसमें भारत के मानचित्र को गलत दिखाया गया था। नक्शे में जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। अब बीजेपी ने इस नक्शे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है और कहा है कि कांग्रेस की नीयत हमेशा से भारत को तोड़ने की रही है। आपको बता दें कि बीजेपी आज सुबह से ही इस पोस्टर को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है। इस पोस्टर के सामने आने के बाद बीजेपी ने कहा है कि चाहे बात जॉर्ज सोरोस की हो या फिर शशि थरूर के नामांकन के समय का इस्तेमाल की किए गए भारत के मैप की हो, कांग्रेस समय-समय पर इस तरह के पाप को करती रही है। हालांकि, बाद में शशि थरूर ने उस मानचित्र को लेकर माफी भी मांगी थी। लेकिन अब एक बार फिर बेलगाव अधिवेशन के दौरान पोस्टर पर जो भारत का मैप दिखाया गया है उसे लेकर कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस पूरे मामले पर बीजेपी नेता और प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी और उसके नेता कहते हैं कि भारत जोड़ो, लेकिन आज बेलगावी अधिवेशन में उन्होंने देश का जो मैप लगाया है, भारत के नक्शे के साथ जो छेड़छाड़ की गई है, इससे इनकी असली सोच उजागर होती है। उन्होंने कहा, कांग्रेस के इस मैप में भारत के जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में और अक्साई-चीन को चीन में दिखाया गया है। इस मैप को अपने अधिवेशन के दौरान इस्तेमाल करना ये साफ करता है कि कांग्रेस की मानसिकता हमेशा से ही भारत के टुकड़े करने की रही है।