जम्मू–कश्मीर इस समय भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। धार्मिक आस्था के प्रतीक माता वैष्णो देवी की यात्रा को प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। कटरा से आगे जाने वाले सभी मार्गों पर खतरा मंडरा रहा है। हिमकोटी और न्यू ट्रैक पर भूस्खलन की घटनाओं के चलते पैदल यात्री मार्ग पूरी तरह ठप हो गए हैं। इतना ही नहीं, हेलिकॉप्टर सेवा और बैटरी कारों तक को बंद करना पड़ा है। श्रद्धालु जो पहले से कटरा और आधार शिविर में मौजूद हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी गई है। इसी बीच, डोडा ज़िले के भलेसा क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। चेरु नाला क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ से तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई घर, खेत और बुनियादी ढाँचा पानी की धारा में बह गया। इस आपदा के बाद प्रशासन ने पूरे डोडा ज़िले में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। तावी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान को छू रहा है। आसपास के निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई है। जम्मू क्षेत्र की समग्र स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है। यह लगातार तीसरा दिन है जब मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर से लेकर गाँव तक जगह-जगह पानी भराव है। छोटे-बड़े नाले और खड्ड उफान पर हैं, जिनकी चपेट में आने से कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। सबसे बड़ी चुनौती जम्मू–श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को लेकर सामने आई है। रामबन बेल्ट में लगातार हो रहे भूस्खलन और शूटिंग स्टोन्स के कारण हाईवे बंद कर दिया गया है। केला मोड़, चंदरकोट और बैटरी चेश्मा जैसे इलाकों में पहाड़ खिसककर सड़क पर आ गए हैं, जिससे सैकड़ों वाहन रास्ते में फँस गए हैं। यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है और ट्रैफिक पुलिस को बार-बार सफाई कार्य रोकना पड़ रहा है। यह वही हाईवे है जो जम्मू को कश्मीर घाटी से जोड़ता है, और इसके बंद होने का मतलब है घाटी के लिए आवश्यक सामान और ईंधन की सप्लाई पूरी तरह बाधित। सिर्फ सड़क मार्ग ही नहीं, रेल सेवाएँ भी प्रभावित हुई हैं। जम्मू से कश्मीर की ओर जाने वाली कई ट्रेनें रद्द की गई हैं और कुछ ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा है। उत्तरी रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे सफर पर निकलने से पहले ट्रेन की स्थिति और रूट डायवर्जन की जानकारी ज़रूर लें। मौसम विभाग (IMD) ने पूरे जम्मू–कश्मीर में रेड अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ घंटों में भारी बारिश, फ्लैश फ्लड, क्लाउडबर्स्ट और भूस्खलन का ख़तरा बना हुआ है। प्रशासन ने आपदा प्रबंधन बल, SDRF और पुलिस की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा है। राहत और बचाव अभियान लगातार जारी है, लेकिन खराब मौसम कार्य में बड़ी बाधा बन रहा है। स्थिति कितनी गंभीर है, यह इसी से समझा जा सकता है कि: माता वैष्णो देवी यात्रा जैसी ऐतिहासिक और धार्मिक परंपरा को बीच में रोकना पड़ा। डोडा ज़िले में क्लाउडबर्स्ट ने इंसानी जानें लीं और संपत्ति को नुकसान पहुँचाया। जम्मू–श्रीनगर नेशनल हाइवे का बंद होना घाटी की जीवनरेखा पर सीधा असर डालेगा।
रेलवे और सड़क मार्ग, दोनों बाधित होने से लोगों की आवाजाही और सप्लाई चैन गहरी तरह प्रभावित है। इस समय प्रशासन की प्राथमिकता लोगों की जान बचाना और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाना है। श्रद्धालुओं और सैलानियों से स्पष्ट अपील की जा रही है कि वे अगले कुछ दिनों तक यात्रा से परहेज़ करें। आम नागरिकों को भी सलाह है कि अनावश्यक घर से बाहर न निकलें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।