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Breaking News 25 October 2025

1 ) अबकी बार किसकी सरकार ? 

बिहार में ताज़ा सर्वे की बात करें तो तस्वीर साफ़ लगती है NDA यानी भाजपा और जेडीयू गठबंधन फिलहाल बढ़त में है। कई पोल में ये दावा किया जा रहा है कि NDA को लगभग 130 से 140 सीटों तक मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दल आदि) 70 से 80 सीटों में सिमट सकता है। ये आंकड़े भले NDA के लिए सुकून देने वाले हों, लेकिन ज़मीनी माहौल कुछ और कहानी कहता है। गांवों में लोगों की सबसे बड़ी शिकायत है “रोज़गार कहाँ है?” युवाओं का दर्द सीधा है  “हमको रोज़ रैलियों में नहीं, नौकरी में चाहिए तालियाँ।” शहरों में लोग महंगाई और बिजली के बिल से परेशान हैं, जबकि किसानों के बीच सरकार के रवैये को लेकर ठंडा गुस्सा है। यानि लहर है, मगर पूरी रफ़्तार में नहीं। तेजस्वी यादव अब भी विपक्ष के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं। उनकी सभाओं में भीड़ है, उत्साह है और युवाओं में उम्मीद की झलक है। लेकिन, जब बात आती है “क्या वो सरकार चला पाएँगे?”, वहाँ लोगों की जुबान पर ठहराव आ जाता है। कारण? गठबंधन की एकता पर भरोसा नहीं। महागठबंधन के अंदर कांग्रेस की स्थिति कमजोर है।
छोटे दलों के नेता बार-बार सीट शेयरिंग और टिकट को लेकर खींचतान में हैं। ऐसे में जनता का एक तबका कहता है “तेजस्वी बढ़िया हैं, लेकिन साथ वाले भरोसे के लायक नहीं।” यानी, जनता चेहरा चाहती है, लेकिन व्यवस्था भी। और विपक्ष दोनों में संतुलन नहीं बना पा रहा। NDA की मजबूती उसकी संगठनात्मक पकड़ है। भाजपा के पास जमीनी कार्यकर्ता हैं, और नीतीश कुमार की छवि ‘प्रशासनिक चेहरे’ की है। पर वही नीतीश कुमार अब जनता में ‘थकान वाले’ नेता की छवि बन चुके हैं। कई लोग कह रहे हैं “काम किया, लेकिन अब वक्त है नई सोच का।” NDA का सबसे बड़ा फायदा विपक्ष की कमजोर रणनीति है। लेकिन चुनौती यह है कि हर वर्ग का मूड एक जैसा नहीं है। मिथिला और मगध इलाकों में NDA का आधार मजबूत है, मगर सीमांचल और भोजपुर जैसे इलाकों में जनता में असंतोष बढ़ा है युवा वर्ग का झुकाव इस बार खुलकर नहीं दिख रहा न NDA की तरफ़, न RJD की तरफ़।जनता क्या चाहती है? बिहार की जनता अब विकास के वादों से ज़्यादा “परिणाम” चाहती है। लोगों का कहना है  “अब भाषण नहीं, बदली हुई ज़िंदगी चाहिए।” जिन परिवारों के युवा दिल्ली-मुंबई में मजदूरी कर रहे हैं, वो चाहते हैं कि बिहार में भी काम का माहौल बने। गांवों में किसान कह रहे हैं “हमको योजनाएँ नहीं, ज़मीन पर असर चाहिए।” महिलाओं में भी इस बार गहरी दिलचस्पी है। बहुत-सी महिलाएँ कहती हैं “पहले शराबबंदी की बात अच्छी लगी थी, अब घर में रोज़ की महंगाई बड़ी चिंता है।” यानि मुद्दे बदल गए हैं, अब भावना नहीं, रोज़मर्रा का दर्द तय करेगा कि बटन किस निशान पर दबेगा। सर्वे भले कह रहे हों कि NDA आगे है, पर राजनीति सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं होती। बिहार की राजनीति में एक पुरानी परंपरा है जो दिखता है, वही होता नहीं है। अकसर आखिरी हफ्ते में हवा पलट जाती है। सब्सक्राइब करें ग्रेट पोस्ट न्यूज़।

 

2 )  सिडनी वनडे में भारत का दबदबा

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए तीसरे वनडे में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 9 विकेट से हराकर सीरीज का समापन शानदार अंदाज़ में किया। यह मैच बल्लेबाजों के धैर्य और गेंदबाजों की सटीक रणनीति का नतीजा रहा। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शुरू से ही रन बनाने के मौके सीमित कर दिए। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने नई गेंद से लगातार सटीक लाइन-लेंथ रखी। बुमराह ने शुरुआती झटके देकर ऑस्ट्रेलिया को दबाव में डाल दिया। मिडिल ओवरों में कुलदीप यादव ने स्पिन से कमाल दिखाया और तीन अहम विकेट झटके। उन्होंने मार्नस लाबुशेन, ग्लेन मैक्सवेल और एलेक्स कैरी जैसे बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर ऑस्ट्रेलिया की लय तोड़ दी।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से सर्वाधिक रन स्टीव स्मिथ (62) ने बनाए, जबकि ट्रैविस हेड ने 41 रन का योगदान दिया। भारतीय गेंदबाजों ने नियमित अंतराल पर विकेट निकालते हुए पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को 45.1 ओवर में 236 रन पर समेट दिया। भारत की ओर से कुलदीप यादव ने 3 विकेट, जबकि बुमराह और सिराज ने 2-2 विकेट लिए। 237 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत थोड़ी धीमी रही। शुभमन गिल 14 रन बनाकर आउट हुए। लेकिन इसके बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा ने मैच को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया। दोनों बल्लेबाजों ने सटीक स्ट्राइक रोटेशन और समझदारी से बल्लेबाजी की। शुरुआत में सिंगल्स और डबल्स पर ध्यान दिया गया, और जब सेट हो गए तो शॉट्स खोलकर रनगति बढ़ा दी। रोहित शर्मा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 121 नाबाद रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल थे। दूसरी ओर, विराट कोहली ने 74 नाबाद रन बनाकर भारत को आसानी से जीत दिलाई। दोनों के बीच 168 रन की अटूट साझेदारी हुई, जो मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुई। भारत ने 38.3 ओवर में 237 रन बनाकर मैच को एकतरफा तरीके से जीत लिया। इस मैच में विराट कोहली ने इतिहास रच दिया। उन्होंने अपने वनडे करियर में कुमार संगकारा को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने वनडे में अपना 75वां अर्धशतक भी पूरा किया। कोहली ने यह माइलस्टोन सिडनी जैसे बड़े मंच पर हासिल किया, जहाँ उन्होंने अपने करियर की कई यादगार पारियां खेली हैं। भारत ने इस जीत के साथ तीन मैचों की सीरीज 1-2 से समाप्त की। भले ही सीरीज ऑस्ट्रेलिया के नाम रही, लेकिन आखिरी वनडे में भारत ने जिस तरह से हर विभाग में प्रदर्शन किया, उसने टीम को आगामी सीरीज के लिए आत्मविश्वास से भर दिया।