महाराष्ट्र 2024 विधानसभा चुनाव में महायुति (NDA गठबंधन) ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 230 सीटें जीतीं। बीजेपी ने अकेले 125+ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने बाकी योगदान दिया। इस गठबंधन ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़िया प्रदर्शन किया | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों ने चुनावी माहौल को बीजेपी के पक्ष में मोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रामीण और शहरी मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता स्पष्ट दिखी।जहां मध्यम वर्ग और युवा मतदाता पार्टी की नीतियों के पक्ष में दिखे।शिवसेना का शिंदे गुट ग्रामीण इलाकों में अपना दबदबा बनाए रखने में सफल रहा। पश्चिम महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में उनके पारंपरिक वोट बैंक का समर्थन मजबूत रहा | अजित पवार गुट ने एनसीपी के मुख्य गढ़ों में शरद पवार गुट को कड़ी टक्कर दी और कई सीटें जीतीं। उनकी रणनीति मराठा समुदाय और किसानों के मुद्दों पर केंद्रित रही। एमवीए (कांग्रेस, एनसीपी - शरद पवार गुट, उद्धव ठाकरे गुट) को 57 सीटों पर सीमित कर दिया गया। गठबंधन में आंतरिक मतभेद और अजित पवार के अलग होने से कमजोर स्थिति बनी। कांग्रेस ने केवल 15-20 सीटों पर जीत दर्ज की। मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस (बीजेपी) और एकनाथ शिंदे (शिवसेना - शिंदे गुट) के बीच चर्चा हो रही है इसके अलावा अजित पवार के डिप्टी सीएम बने रहने की संभावना है। एनडीए ने स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा फोकस किया, जैसे किसान कर्ज माफी, बुनियादी ढांचा, और युवा रोजगार। हालांकि सीएम पद पर कौन होगा ये क्लियर नहीं है |
झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं। इस बार का चुनाव झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)-कांग्रेस-आरजेडी के I.N.D.I.A गठबंधन और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच मुख्य रूप से लड़ा गया। चुनाव के परिणाम चुनाव आयोग द्वारा घोषित कर दिए गए है,81 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत होती है, और इंडिया गठबंधन ने इसे पार कर लिया है। इंडिया गठबंधन (जेएमएम + कांग्रेस + अन्य) ने 56 सीटें हासिल की, एनडीए (भाजपा + अन्य सहयोगी) ने 26 सीटें पर जीत हासिल की |जबकि अन्य दल और निर्दलीय: 9 सीटें। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले चार पार्टियों के गठबंधन ने कुल 56 सीटों पर जीत दर्ज की है. झारखंड के 24 वर्षों के इतिहास में पहली बार कोई गठबंधन दो गुना बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है | हेमंत सोरेन, राज्य में चौथी बार सीएम पद की शपथ लेने वाले पहले नेता होंगे| खूंटी में झामुमो के रामसूर्य मुंडा ने बीजेपी के पांच बार विधायक रहे नीलकंठ मुंडा को हराया। वहीँ 4. सरायकेला में बीजेपी के दिग्गज और पूर्व सीएम चंपई सोरेन को हार का सामना करना पड़ा।
आज से संसद का विंटर सेशन 2024 शुरू हो गया है, जो 20 दिसंबर तक चलेगा। इस बार के सत्र में कई अहम मुद्दों पर बवाल होने वाला है ,और कई सवाल भी है जैसे लोकसभा और राज्यसभा में कितना हंगामा होगा?कौन-कौन से नए बिल पेश होंगे? दिल्ली के पॉलिटिकल टेंपर को देखते हुए AAP का क्या स्टैंड रहेगा? 'वन नेशन, वन इलेक्शन' प्रस्ताव में सरकार लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का बिल पेश कर सकती है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने वाला कदम बता चुके हैं। बात करें वक्फ (संशोधन) बिल की तो यह बिल, जो वक्फ बोर्डों के प्रशासन से जुड़ा है, वो काफी चर्चा में रहेगा। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे "महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम" बताया है।इसके अलावा संविधान दिवस 26 नवंबर को संविधान के 75वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम होगा। इस सेशन में सबसे कंट्रोवर्सी वाला मुद्दा अडानी ग्रुप के मामले को लेकर होगा, विपक्ष ने अडानी ग्रुप से जुड़े आरोपों पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मांग की है। इसे लेकर विपक्षी दलों का INDIA ब्लॉक आज सुबह मीटिंग कर चुका है और संसद में जोरदार बहस की संभावना है। सेशन से पहले, विपक्ष ने रणनीति बनाई है कि सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, और अडानी विवाद पर जवाबदेही के लिए मजबूर किया जाएगा। वहीं, सरकार का जोर अपने एजेंडे को तेजी से पारित कराने पर होगा। इसमें महिला आरक्षण बिल जैसे बड़े मुद्दे भी उठने वाले हैं। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर हलचल तेज है,यह सत्र न केवल राजनीतिक रूप से गर्म रहेगा, बल्कि देश के भविष्य के कुछ महत्वपूर्ण कानून भी तय होंगे।
संसद का विंटर सेशन सिर्फ नाम का ठंडा है, असल में पूरा सेशन गरम होने वाला है। इस बार कई खास मुद्दों पर सवाल उठेंगे जैसे महिला आरक्षण बिल को सरकार लागू करने की टाइमलाइन पर चर्चा करेगी | इसके अलावा डिजिटल इंडिया के जमाने में डेटा सुरक्षा पर नया कानून लाने की चर्चा है। दिल्ली-NCR की जहरीली हवा को लेकर हर सत्र में बातें होती हैं, लेकिन अब तक हल नहीं निकला,इस बार विपक्ष और AAP इसे बड़े मुद्दे की तरह पेश करेंगे। दिल्ली सर्विस बिल भी काफी चर्चा में होगी, ये बिल जो दिल्ली की सरकार और LG के अधिकार तय करता है, फिर से बहस में आ सकता है। हलाकि इस सेशन में विपक्ष पहले से तैयार है,राहुल गांधी और INDIA अलायंस की विपक्ष की नई टीम मोदी सरकार पर चौतरफा हमला करेगी और अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर सरकार से जवाब मांगेगी इसके अलावा मणिपुर हिंसा की स्थिति को लेकर विपक्ष फिर से सरकार को घेरने की तैयारी में है। इस बार के सेशन में सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि कुछ अहम पॉलिसी फैसले भी हो सकते हैं। देखते है कौन किस पर भारी पड़ता है |
जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटी का हादसे में निधन: यमुना एक्सप्रेसवे पर मची हड़कंप!"
भारतीय हिंदू धर्म की उपास्य देवी राधा के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा के लिए प्रसिद्ध, और मथुरा में प्रसिद्ध मंदिर की स्थापना करने वाले जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी, विषाखा त्रिपाठी, का 24 नवंबर 2024 को यमुना एक्सप्रेसवे पर एक भयानक हादसे में निधन हो गया। विषाखा त्रिपाठी अपनी दोनों बहनों, श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी, तथा अन्य सहयोगियों के साथ दिल्ली जा रही थीं, उनका वाहन यमुना एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार से आ रहे एक डंपर ट्रक से टकरा गया।हादसा इतना भयानक था कि विषाखा जी को गंभीर चोटें आईं। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस हादसे में उनकी बहनें और वाहन में मौजूद अन्य 8 लोग भी घायल हुए।
विषाखा त्रिपाठी, जो कि जगद्गुरु कृपालु महाराज की सबसे बड़ी बेटी थीं, इस सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं। विषाखा जी जगद्गुरु कृपालु परिषद (JKP) की अध्यक्ष थीं और उन्होंने बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और समाजसेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।उन्होंने गरीब और जरूरतमंदों के लिए कई मुफ्त चिकित्सा सेवाएं और लड़कियों के लिए शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराईं। उनकी देखरेख में JKP ने तीन बड़े अस्पताल और कई स्कूल संचालित किए | विषाखा त्रिपाठी की आयु 75 वर्ष थीं |
जगद्गुरु कृपालु महाराज जी का भी निधन 15 नवंबर 2013 को हुआ था | जगद्गुरु कृपालु महाराज और विषाखा त्रिपाठी जी ने मिलकर कई चैरिटेबल अस्पताल, विद्यालय, और धार्मिक स्थल स्थापित किए, जैसे कि प्रेम मंदिर (वृंदावन), जो विश्वभर में प्रसिद्ध है। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज ने अपने जीवन में कई ग्रंथों का लेखन किया, जिनमें भक्ति के गूढ़ सिद्धांतों का विवेचन किया गया है। विषाखा त्रिपाठी जी के निधन ने जगद्गुरु कृपालु परिषद के अनुयायियों को गहरे शोक में डाल दिया है। परिषद ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया। भक्तों का कहना है कि विषाखा जी एक प्रेरणास्त्रोत थीं, जिन्होंने हर कार्य में दिव्यता और मानवता को प्राथमिकता दी। JKP के तीनों मंदिर और अस्पताल अब उनकी याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित करेंगे।
उत्तर प्रदेश के संभल में बीते दिन बुधवार, 20 November को कोर्ट के आदेश के बाद मस्जिद का सर्वे शुरु किया गया था। बता दें, हिन्दू पक्ष की तरफ से कोर्ट में एक याचिका दायर कर दावा किया गया था कि जामा मस्जिद वाली जगह पर पहले हरिहर मंदिर था और इसी याचिका को मुद्दा बनाकर कुछ मजहबी कट्टरपंथियों और उनके नेताओं ने पूरे शहर को आग के हवाले कर दिया। दरअसल रविवार सुबह एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम जैसे ही सर्वे करने पहुंची, मस्जिद के आसपास भीड़ जमा हो गई और उन्होंने सर्वे करने आई टीम पर पथराव शुरू कर दिया, उग्र भीड़ ने वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। इस घटना में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हिंसा के बाद संभल और आसपास के क्षेत्र में इंटरनेट बंद कर दिया गया है और साथ ही जिला प्रशासन की ओर से 12वीं तक के स्कूलों को आज बंद करने का आदेश दिया गया है। बता दें, मस्जिद पर विवादास्पद कानूनी लड़ाई चल रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है इसे हिंदू मंदिर की जगह पर बनाया गया था। हिंसा के बाद शहर में बाजार और दुकानें पूरी तरह बंद हैं। प्रभावित इलाकों में ज्यादातर घरों के बाहर ताले लगे दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने हिंसा प्रभाबित जगहों पर गश्त तेज कर दी गई है और हिंसा वाली जगह पर अब केवल पुलिसकर्मी नजर आ रहे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि हिंसा वाली जगहों पर इंटरनेट की पाबंदी के समय में बढ़ोतरी की जा सकती है और हालात तनावपूर्ण रहने पर स्कूलों की छुट्टी भी बढ़ाई जा सकती है।
संभल में जिला कोर्ट के आदेश के बाद जामा मस्जिद में हो रहे सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई है, वहीं हिंसा में करीब 30 पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हुए हैं। संभल जिले में हुई हिंसा मामले में दो थानों में सात मुकदमे दर्ज किए गए है। जिले में हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर्र-हमान बर्क और स्थानीय सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल को आरोपी बनाया गया है। बता दें, दोनों पर ही दंगाइयों की भीड़ को भड़काने का आरोप लगा है और इनके अलावा 2500 अज्ञात लोगों पर भी हिंसा भड़काने के मामले में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने हिंसा से जुड़े 15 लोगों को हिरासत में लिया है, इसमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। बता दें, जिला प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए कई कदम उठाया है, जिसके तहत प्रशासन ने एहतियातन कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, आदेश के अनुसार जिले में सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर भी ये रोक लगाई गई है। जिले में शांति बनाए रखने के लिए मुरादाबाद रेंज के 30 थानों की पुलिस को संभल के हिंसाग्रस्त इलाके में तैनात किया है। मुरादाबाद कमिश्नर ने जानकारी देते हुए बताया है की संभल हिंसा की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच कराया जाएगा।
संभल में हुई हिंसा को लेकर जिला के जिला अधिकारी राकेश पेनसिया और एसपी कृष्ण बिश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि शाही जामा मस्जिद का सर्वे खत्म होने के बाद साजिश के तहत हिंसा की गई। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मामले में अब तक 25 लोग अरेस्ट किए गए हैं, ड्रोन से मिली तस्वीर के आधार पर दंगाईयों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हिंसा में लिप्त सभी अपराधियों पर केस दर्ज कर NSA लगाने की तैयारी की जा रही है। पुलिस प्रशासन का कहना है की सर्वे करने गई टीम को पहले मस्जिद में जाने से रोका गया और देखते ही देखते मस्जिद के पास हजारों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस के अनुसार दंगायिओं ने करीब 10 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठियां भी भांजनी पड़ी। इस हिंसक घटना में उप-जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी समेत 20 लोग घायल हो गए। रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। संभल शहर में फिलहाल अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है। सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बनाए रखने की अपील की जा रही है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में अब बड़े बदलाव ! पहले जहां आपको अपनी FD पर सिर्फ एक नॉमिनी रखने की परमिशन थी, अब RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) और पार्लियामेंट ने इस नियम को थोड़ा फ्लेक्सिबल बना दिया है। मतलब अब आप एक से ज्यादा नॉमिनी को जोड़ सकते हो। अब FD अकाउंट होल्डर्स अपनी जमा राशि के लिए कई नॉमिनी ऐड कर सकते हैं। इसमें सबसे खास बात ये है कि आप हर नॉमिनी का शेयर (percentage) तय कर सकते हैं। जैसे कि अगर आपने दो नॉमिनी रखे हैं, तो एक को 60% और दूसरे को 40% दे सकते हैं। ये आपके हिसाब से पूरी तरह customizable होगा। इससे फैमिली में क्लैरिटी आएगी, पहले कई बार एक नॉमिनी होने पर फैमिली में प्रॉपर्टी को लेकर झगड़े हो जाते थे। अब ये सिस्टम ट्रांसपेरेंट हो जाएगा। आप अपने बच्चों, पार्टनर या किसी अन्य भरोसेमंद इंसान को उनके रोल के हिसाब से शेयर दे सकते हो। जब भी आप बैंक में FD ओपन कराओगे या मौजूदा FD में बदलाव कराना चाहोगे, तो आपको एक नया फॉर्म भरना होगा। उसमें हर नॉमिनी का नाम, रिलेशनशिप और कितना प्रतिशत देना है, ये सब डिटेल्स डालनी होंगी। अगर पहले से FD करवाई हुई है, तो उसमें भी ये बदलाव किया जा सकता है। चाहे शादीशुदा कपल्स हों या जॉइंट फैमिली, हर किसी को अपने फ्यूचर प्लान्स में फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।
पहले जब लोग FD करवाते थे, तो बैंक में सिर्फ एक नॉमिनी का नाम दर्ज किया जा सकता था। इसका मतलब ये होता था कि FD अकाउंट होल्डर के निधन के बाद पूरी राशि उसी नॉमिनी को दी जाती थी। दिक्कत ये होती थी की अगर नॉमिनी का निधन हो गया हो, तो उस स्थिति में प्रॉपर्टी का बंटवारा काफी कॉम्प्लिकेटेड हो जाता था। जो लोग जॉइंट फैमिली में रहते हैं, उनके लिए ये एक बड़ी समस्या थी। आरबीआई ने कहा है कि यह बदलाव कस्टमर फ्रेंडली सिस्टम बनाने के लिए किया गया है।बैंकिंग सिस्टम में नॉमिनी विवाद की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।अब हर FD अकाउंट होल्डर को पूरा अधिकार होगा कि वो अपनी जमा राशि को कैसे बांटना चाहता है।RBI ने कहा है कि ये कदम लोगों की जरूरतों और उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इससे बैंकों में भी ज्यादा एफिशिएंसी आएगी। आपके पास FD में नॉमिनी जोड़ने या चेंज करने का ऑप्शन कभी भी रहेगा, लेकिन ध्यान दें कि बैंक में दी गई जानकारी सही होनी चाहिए। लेकिन इसमें ये ध्यान रखना है की हमेशा बैंक में नॉमिनी की डिटेल सही-सही दर्ज करवाएं। नॉमिनी को चेंज या अपडेट करना हो, तो देरी न करें। इसके अलावा बैंक से सारी रसीद और डॉक्युमेंट संभाल कर रखें।
गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन अग्निकांड पर बनी फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' इन दिनों सुर्खियों में हैं और विवाद के मामले में 'द कश्मीर फाइल्स' की राह पर है। फिल्म की कहानी को देखते हुए देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने इसे टैक्स फ्री करने का बड़ा फैसला लिया है। भाजपा शासित पांच राज्य ऐसे हैं, जिसने पिछले सप्ताह सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है। 'द साबरमती रिपोर्ट' को टैक्स फ्री करने की लिस्ट में नया नाम गुजरात का है, ये फिल्म गुजरात में हुए अग्निकांड पर आधारित है और जब ये अग्निकांड हुआ था तब राज्य के मुख्यमंत्री कोई और नहीं बल्कि मौजूदा समय में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। बता दें, ये दिल देहला देने वाला कांड तब हुआ जब कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने गुजरात के गोधरा स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच में आग लगा दिया था, इस घटना में ट्रैन के डिब्बे में बंद लोगों को जिंदा जला दिया गया था और इसमें करीब 59 मासूम लोगों की जलकर मृत्यु हो गई थी। इस घटना में ज्यादातर हिन्दू श्रद्धालु थे और इस घटना के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर दंगे भी भड़क गए थे, जिसे 'गुजरात 2002 दंगों' के नाम से भी जाना जाता है। इस दंगों को लेकर करीब एक दशक से भी ज्यादा राजनीती भी हुई और विपक्ष और विदेशों में बैठे एक इकोसिस्टम द्वारा हर प्रयाश किया गया कि किसी तरह इस दंगों के लिए तब के प्रदेश के मुख्यमंत्री और आज के प्रधानमंत्री को फसाया जा सके, लेकिन देश और विदेश में बैठी ये ताकतें अपने प्रयास में सफल नहीं हो सकीं, क्यूंकि लम्बे चले इस केस में भारत की उच्य न्यायलय ने गुजरात की तब की सरकार और नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दिया।
गुजरात से पहले इस फिल्म को राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्य टैक्स फ्री घोषित कर चुके हैं। आपको बता दें, 'द साबरमती रिपोर्ट' 27 फरवरी, 2002 को हुई घटना पर आधारित हैं। इस फिल्म में राशि खन्ना, विक्रांत मैसी और रिद्धि डोगरा जैसे कलाकार हैं, मूवी में इन सभी कलाकारों ने पत्रकार की भूमिका अदा की है।
Uttar Pradesh: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साबरमती रिपोर्ट को प्रद्सेह में टैक्स-फ्री करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 'द साबरमती रिपोर्ट' एक ऐसा सच है जिसे इस फिल्म के माध्यम से देशवासियों के सामने लाने की कोशिश की गई है। उन सभी लोगों को जो लगातार दशकों तक सच पर पर्दा डालने और देश के खिलाफ षड्यंत्र करने का काम करते रहें, उनको इस फिल्म ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा, अयोध्या से वापस गुजरात जाने के दौरान गोधरा में जो हुआ था, उस सच्चाई को दबाने का हर स्तर पर प्रयास देश और विदेश में रह रहे इकोसिस्टम द्वारा किया गया। सत्य को छुपाने वालों को एक्सपोज किए जाने की जरूरत है और ये इस फिल्म के माध्यम से शुरू हो चूका है। सीएम योगी ने कहा, देश की जनता को सच जानने का अधिकार है और इस फिल्म ने वास्तविकता को देश के सामने लाने का काम किया है। हर देशवासी को इस फिल्म को देखना चाहिए। मैंने भी इस फिल्म को देखा है और मैं उन सभी रामभक्तों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, जो उस अग्निकांड में जीवित जलाकर मार दिए गए।
Madhya Pradesh: ‘द साबरमती रिपोर्ट' को मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार टैक्स फ्री कर चुकी है और इस बात की घोषणा खुद राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए की है। मुख्यमंत्री ने कहा “ साबरमती एक बहुत अच्छी फिल्म है, मैं व्यक्तिगत रूप से इसे देखने जा रहा हूं और मैं अपने मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को भी अपने साथ ले जा रहा हूं। मैं बताना चाहता हूं कि हम इसे टैक्स फ्री करने जा रहे हैं ताकि अधिक लोग इसे देख सकें और अतीत के उस काले अध्याय के बारे में जान सकें जिसकी सच्चाई इस फिल्म को देखने के बाद समझ में आती है। राजीतिक दलों का काम है राजनीती करना, लेकिन वोटों की राजनीति के लिए देश में दशकों तक एक राज्य के चुने हुए मुख्यमंत्री के विरुद्ध इतना गंदा खेल खेला गया जो लोकतंत्र और उसकी व्यवस्था को शर्मसार करता है। मेरा मानना है कि उस समय प्रधानमंत्री मोदी तत्कालीन मुख्यमंत्री थे और उन्होंने बेहद कुशलता के साथ पूरी घटना को संभाला था और ऐसे में इस फिल्म के माध्यम से सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए।
Gujarat: गुजरात के ही गोधरा में हुए अग्निकांड पर बनी फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' इस महीने की 15 तारीख को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म को गुजरात में कर मुक्त कर दिया गया है, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार रात एक मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने के बाद यह फैसला लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस फिल्म की सराहना कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने फिल्म की निर्माता एकता कपूर, बॉलीवुड स्टार जितेंद्र, अभिनेत्री रिद्धि डोगरा और गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी के साथ फिल्म देखी और फिल्म की प्रशंसा की है। बता दें, पीएम मोदी ने इस फिल्म की तारीफ करते हुए कहा था कि फेक नैरेटिव ज्यादा दिनों तक नहीं चलता और अच्छी बात है कि इस फिल्म के माध्यम से सच्चाई सबके सामने आ रही है। पीएम के साथ गृहमंत्री अमित शाह ने भी फिल्म की तारीफ की है। गुजरात के गोधरा कांड पर बनी फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा लीड रोल में हैं। फिल्म में दिखाया गया है की कैसे ट्रेन की एक बोगी को कट्टरपंथियों की भीड़ ने आग के हवाले कर दिया, जिसमें झुलसकर करीब 59 मासूम लोगों की मौत हो गई थी। फिल्म में अभिनेत्री राशि खन्ना, विक्रांत मैसी और रिद्धि डोगरा पत्रकार की भूमिका में हैं। फिल्म में रिद्धि ने एक अंग्रेजी और विक्रांत-राशि ने हिंदी पत्रकार की भूमिका निभाई है।
Chhattishgarh: आज से करीब 22 साल पहले गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन हादसे से प्रेरित फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' को लेकर इस वक्त देशभर में काफी चर्चा हो रही है। इन्हीं चर्चाओं के बीच अब छत्तीसगढ़ में भी फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है, जिसकी आधिकारिक घोषणा खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव राय की तरफ से की गई। उन्होंने कहा कि 'द साबरमती रिपोर्ट' एक शानदार फिल्म है और मैं इसे सिनेमाघर में देखने के लिए जाने वाला हूं। इसके साथ ही हमारे राज्य में 'द साबरमती रिपोर्ट' को टैक्स फ्री किया गया है। मैंने अपने मंत्री मडंल के नेताओं से भी इस मूवी को देखने की अपील की है। बता दें, निर्देशक धीरज सरना द्वारा निर्मित 'द साबरमती रिपोर्ट' को लेकर एक पक्ष की ओर से काफी विवाद भी खड़ा किया जा रहा है, लेकिन वहीं दूसरी ओर देश की बड़ी आबादी इस मूवी की जमकर तारीफ भी कर रही है और फिल्म के निर्माताओं से लेकर स्टार की खूब सराहना की जा रही है।