दिल्ली विधानसभा में सोमवार से बजट सत्र 2025-26 की शुरुआत हो गई है। इस बार का बजट खास है क्योंकि पूरे 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी सरकार अपना पहला बजट पेश कर रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जो वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं, मंगलवार को विधानसभा में इस बजट को पेश करेंगी। दिल्ली में पहली बार बजट से पहले ‘खीर समारोह’ आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे ‘विकसित दिल्ली की मिठास’ का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "जिस तरह भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, उसी तरह हम 27 साल बाद दिल्ली की सेवा के लिए लौटे हैं।" इस मौके पर भगवान राम को खीर का भोग अर्पित किया गया, जिसे बीजेपी सरकार के सत्ता में लौटने का प्रतीक बताया गया।
बीजेपी सरकार ने अपने पहले बजट में दिल्ली के समग्र विकास पर जोर दिया है। बजट में मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, यमुना नदी की सफाई, बुनियादी ढांचे का विकास, परिवहन, प्रदूषण नियंत्रण और महिला सशक्तिकरण योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। दावा किया जा रहा है कि यह बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। दिल्ली में 2024-25 का बजट आम आदमी पार्टी की सरकार ने पेश किया था, जिसमें 76,000 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया था। यह ‘रामराज्य’ से प्रेरित बजट बताया गया था। इसमें शिक्षा के लिए 16,396 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य के लिए 8,685 करोड़ रुपये और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए 6,216 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इससे पहले 2023-24 में 78,800 करोड़ रुपये और 2022-23 में 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। बीजेपी सरकार के इस पहले बजट से काफी उम्मीदें हैं, लेकिन विपक्षी दल इसकी बारीकी से समीक्षा करेंगे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इसे ‘चुनावी बजट’ करार दे सकती हैं। वहीं, बीजेपी इसे दिल्ली के विकास का ‘ब्लूप्रिंट’ बता रही है। अब देखना होगा कि 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में लौटी बीजेपी अपने पहले बजट से राजधानी के मतदाताओं को कितना संतुष्ट कर पाती है।
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के पैरोडी गाने ने सोशल मीडिया पर आग लगा दी है। विवाद के चलते जहां एक तरफ उनके शो पर हमले हुए, वहीं दूसरी ओर यूट्यूब पर दर्शकों ने "सुपर थैंक्स" के ज़रिए उनकी खुलकर आर्थिक मदद की। दुनियाभर से सैकड़ों समर्थकों ने पैसे दान कर "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" के पक्ष में आवाज़ बुलंद की। कामरा के इस राजनीतिक व्यंग्य से उनके स्टैंड-अप गिग्स पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन समर्थकों का कहना है कि वे उनकी बोलने की आज़ादी की कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं। एक यूट्यूब यूज़र ने 1200 रुपये दान करते हुए लिखा, "कुणाल को बोलने का साहस दिखाने के लिए धन्यवाद। हमें अपने पैसे से फ्री स्पीच का समर्थन करना चाहिए।" वहीं, एक अन्य दर्शक ने £99.99 (करीब 10,500 रुपये) दान कर लिखा, "वे तुम्हारे पीछे आएंगे। कृपया फंडरेज़र शुरू करें, हम तुम्हारे बिल भरेंगे।" कुछ लोगों का मानना है कि यदि कामरा के वीडियो को इतनी तवज्जो न दी जाती, तो यह विवाद पैदा ही नहीं होता। मीडिया कवरेज और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर वायरल होने की वजह से वीडियो को और अधिक दर्शक मिले। एक सोशल मीडिया यूज़र ने तंज कसते हुए लिखा, "कामरा के शो को कम लोगों ने देखा होता, लेकिन एकनाथ शिंदे के कार्यकर्ताओं ने इसे हर आम आदमी तक पहुंचा दिया।"
कामरा ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लंबा बयान जारी किया। उन्होंने कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सिर्फ अमीरों और ताकतवर लोगों की चापलूसी करने के लिए नहीं होनी चाहिए। मज़ाक सहन न कर पाना मेरे अधिकार को नहीं मिटा सकता।" उन्होंने शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा शो के आयोजन स्थल पर की गई तोड़फोड़ पर भी सवाल उठाए और कहा, "क्या क़ानून उन लोगों पर भी समान रूप से लागू होगा जो मज़ाक से आहत होकर हिंसा करते हैं?" कामरा ने साफ किया कि हैबिटेट (इवेंट वेन्यू) उनकी सामग्री के लिए ज़िम्मेदार नहीं है और इस विवाद का असर स्टैंड-अप कॉमेडी की स्वतंत्रता पर नहीं पड़ना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि विरोधियों की कोशिशों के बावजूद इस विवाद ने कामरा को और लोकप्रिय बना दिया है। उनका वीडियो अब भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ी हुई है कि क्या यह सिर्फ एक कॉमेडी वीडियो था या फिर एक राजनीतिक संदेश। बहरहाल, इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राजनीतिक असहिष्णुता की बहस को हवा दे दी है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तंज कसने के बाद कॉमेडियन कुणाल कामरा फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने साफ़ कह दिया "माफ़ी नहीं मांगूंगा!" और इसके तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर एक नया पैरोडी वीडियो डालकर उन्होंने पॉलिटिक्स और कॉमेडी की इस लड़ाई को और तेज़ कर दिया। वीडियो में कामरा ने "हम होंगे कामयाब" का पैरोडी वर्जन गाया, लेकिन नए बोल थे "हम होंगे कंगाल।" बैकग्राउंड में वही मुंबई के हैबिटेट कॉमेडी क्लब के फुटेज थे, जहां उनके विवादित स्टैंडअप शो के बाद तोड़फोड़ हुई थी। वीडियो की ओपनिंग में वे कहते हैं, "विकसित भारत का एक और गान।" फिर गाना शुरू होता है, जिसमें "मन में है विश्वास" की जगह "मन में अंध विश्वास" और "पूरा है विश्वास" की जगह "देश का सत्यानाश" जैसे शब्द डाले गए हैं।
कामरा ने इससे पहले एक और पैरोडी वीडियो में SRK स्टारर "दिल तो पागल है" के गाने "भोली सी सूरत" का इस्तेमाल किया था। इस बार भी उन्होंने शिंदे के राजनीतिक सफर पर कटाक्ष किया, और यह वीडियो महाराष्ट्र की राजनीति में "तूफ़ान" बन गया। जब ट्रोल्स और राजनीतिक समर्थकों ने धमकियां देना शुरू किया, तो कामरा ने X पर जवाब दिया, "मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा… मुझे इस भीड़ से डर नहीं लगता। न ही मैं अपने बिस्तर के नीचे छिपकर यह सब शांत होने का इंतज़ार करूंगा।" इसके अलावा, उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "यह वही बयान है जो अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के बारे में दिया था।" रविवार (23 मार्च) को शिवसेना के समर्थकों ने मुंबई के खार इलाके में कॉमेडी क्लब ‘हैबिटेट’ और होटल पर हमला कर दिया। जहां शो हुआ था, वहीं तोड़फोड़ की गई। कामरा ने इस पर तंज कसते हुए कहा, "यह वैसा ही है जैसे किसी को बटर चिकन पसंद न हो और वो टमाटर के ट्रक को पलट दे!" "एक मज़ाक से इतना दर्द?" कामरा ने कहा कि स्टेज सिर्फ़ एक प्लेटफॉर्म है, कॉमेडी क्लब सिर्फ़ एक जगह है, लेकिन जो लोग गुस्से में हैं, वो इस बेसिक बात को समझने के बजाय हिंसा कर रहे हैं। "हैबिटेट (या कोई भी कॉमेडी क्लब) मेरी कॉमेडी के लिए ज़िम्मेदार नहीं है। न ही किसी राजनीतिक पार्टी को यह तय करने का हक़ है कि मैं क्या कहूं।" "जो मज़ाक से डरते हैं, वो सत्ता कैसे संभालेंगे?" कामरा ने आगे कहा कि वे पुलिस और कोर्ट में किसी भी लीगल एक्शन का सामना करने के लिए तैयार हैं। लेकिन असली सवाल उठाया, "क्या क़ानून उन लोगों पर भी लागू होगा, जिन्होंने एक मज़ाक से आहत होकर तोड़फोड़ कर दी?" हंगामे के बाद, BMC के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और होटल की एक अस्थायी संरचना को बिना किसी पूर्व नोटिस के गिरा दिया। कामरा ने इस पर नाराज़गी जताई और इसे "पॉलिटिकल बदला" बताया। सवाल ये है की अगर कोई सत्ता में रहते हुए एक स्टैंडअप कॉमेडियन से डरने लगे, तो असल में डरने की ज़रूरत किसे है?