फ्रांस की राजधानी पेरिस की एक अदालत ने गुरुवार, 23 जनवरी को एक पाकिस्तानी नागरिक को 30 साल के जेल की सजा सुनाया है। बता दें कि 29 वर्षीय जहीर महमदूद ने साल 2020 में फ्रांस के मशहूर पत्रिका चार्ली हेब्दो के ऑफिस के बाहर मीट काटने वाले चाकू से दो लोगों की हत्या करने की कोशिश की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी मूल का यह शख्स साल 2019 में अवैध रूप से फ्रांस पहुंचा था। जहीर महमूद ने जब हमला किया तो उसे लगा था कि पत्रिका का दफ्तर अभी भी उसी इमारत में स्थित है, जिसे पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के लिए एक दशक पहले इस्लामिक कट्टरपन्ति आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। दरअसल, साल 2015 में अल-कायदा से जुड़े दो नकाबपोश बंदूकधारियों के हमले के बाद पत्रिका ने अपना दफ्तर बदल लिया था। इस हमले में चार्ली हेब्दो के 8 संपादकीय कर्मचारियों समेत 12 लोग मारे गए थे। 2015 में हुए इस हमले ने फ्रांस सहित पूरी दुनिया को झकझोर दिया था, जिसके बाद से दुनियाभर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्म को लेकर तीखी बहस शुरू हुई थी।
पाकिस्तान का रहने वाला जहीर महमूद साल 2019 में अवैध रूप से फ्रांस पहुंचा था। वह 25 सितंबर, 2020 में दिन के समय चार्ली हेब्दो के पूर्व दफ्तर के सामने पहुंचा। यहां उसने बिल्डिंग के बाहर प्रीमियर लिग्नेस समाचार एजेंसी के दो कर्मचारियों पर चाकू से हमला किया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। बता दें, सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि जहीर महमूद कट्टरपंथी पाकिस्तानी प्रीचर खादिम हुसैन रिजवी से प्रभावित था। रिजवी ने अपने एक भासन में पैगंबर के अपमान का बदला लेने के लिए ईशनिंदा करने वालों का सिर कलम करने का आह्वान किया था। फ्रांस की कोर्ट ने सुनवाई के बाद महमूद को हत्या के प्रयास और आतंकवादी साजिश रचने का दोषी ठहराया, जिसके बाद अदालत द्वारा उसे 30 साल जेल की सजा सुनाई गई और दोबारा फ्रांस की जमीन पर कदम रखने पर प्रतिबंध लगाया गया।
पैगंबर मोहम्मद से जुड़े एक ऐसे ही मामले में फ्रांस में कार्टून दिखाने के कुछ दिनों बाद शिक्षक सैमुअल पैटी की हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या 16 अक्टूबर 2020 को पेरिस के पास एक स्कूल के बाहर कर दी गई थी। बता दें कि शिक्षक पैटी ने अपनी क्लास में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस के दौरान छात्रों को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था, जिसके बाद जर्मनी समेत कई मुस्लिम देशों में उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। सैमुअल पैटी की हत्या करने वाला हमलावर चेचन मूल का 18 वर्षीय नागरिक था, जिसे पुलिस ने गोली मारकर मौके पर ही मार डाला था। 47 साल के सैमुअल पैटी की मौत ने फ्रांस को झगझोड़ के रख दिया था, जिसके बाद कई स्कूलों का नाम उनके नाम पर रख दिया गया था। बता दें, यह हमला कई मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शनों और फ्रांस के कार्टूनिस्ट अखबार चार्ली हेब्दो को निशाना बनाकर ऑनलाइन हिंसा के आह्वान के बाद हुआ था।
जलते पहियों से उठती चिंगारियां, अफवाहों का जाल, और फिर पलभर में छा गया मातम। बुधवार शाम महाराष्ट्र के जलगांव में रेलवे पटरियों पर जो मंजर देखने को मिला, वह न केवल दिल दहला देने वाला था, बल्कि भारतीय रेल व्यवस्था और उसकी विश्वसनीयता पर एक गहरा सवाल भी खड़ा करता है । परांडा रेलवे स्टेशन के पास पुष्पक एक्सप्रेस अचानक रुक गई। वजह? किसी ने चेन खींच दी। और तभी किसी यात्री ने ब्रेक लगने से पहियों से उठती चिंगारियों को देखकर मान लिया कि ट्रेन में आग लग गई है। अफवाहों ने इतनी तेजी से ज़हरीली हवा का रूप ले लिया कि ट्रेन में बैठे लोग पैनिक में कूदने लगे। डर और अफरा-तफरी के इस माहौल में 13 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। वहीं 40 से ज्यादा लोग घायल हुए है । उनमें से कुछ दूसरी पटरी से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। यह महज एक हादसा नहीं था, बल्कि इसने भारतीय रेल की सुरक्षा व्यवस्था और यात्रियों की मानसिकता को नंगा कर दिया।
भारत में रेलगाड़ी की चेन खींचना एक ऐसा अपराध है, जो आम हो चला है। किसी को स्टेशन छूटने का डर हो, किसी को सामान गिरने की चिंता कारण जो भी हो, इसका परिणाम अकसर गंभीर होता है। जलगांव की घटना में चेन खींचना तो पहली गलती थी, लेकिन असली सवाल यह है कि ट्रेन में बैठा हर यात्री क्यों खतरे में महसूस करता है? यह अविश्वास सिर्फ उनकी मानसिकता की देन है, या भारतीय रेल के प्रति भरोसे की कमी?
रेलवे अधिकारियों ने दावा किया कि ट्रेन में कोई आग नहीं थी। लेकिन अगर वाकई ऐसा था, तो यात्रियों ने क्यों माना कि उनकी जान खतरे में है? क्या यह खराब मेंटेनेंस, लापरवाही, और बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं का असर है, जिसने हर यात्री को सतर्क और डरा हुआ बना दिया है? इस हादसे में जान गंवाने वाले परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री ने 5 लाख, रेलवे बोर्ड ने 1.5 लाख, और मामूली घायलों के लिए मात्र 5 हजार। लेकिन यह आंकड़े क्या सिर्फ एक रस्मअदायगी हैं? क्या इनकी कोई नैतिकता है? क्या घायलों से पूछा गया कि उनकी चोट की कीमत क्या है? इस हादसे ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है: क्या भारतीय रेल अब भी सुरक्षित है? अगर यात्रियों को हर आवाज, हर झटका और हर अफवाह में खतरा महसूस होता है, तो यह उनकी मानसिकता की समस्या नहीं, बल्कि सिस्टम की असफलता है। जलते पहियों की चिंगारियां, हॉर्न न बजाने का दावा, और कर्नाटक एक्सप्रेस के पहियों तले खत्म होती जिंदगी यह सब उस खामोश चीख का हिस्सा है, जिसे भारतीय रेल व्यवस्था ने दशकों से अनसुना कर रखा है। अफवाहें सिर्फ तब फैलती हैं, जब सुरक्षा और भरोसे का तंत्र कमजोर हो। इस हादसे के बाद सवाल सिर्फ यही नहीं कि चेन क्यों खींची गई, बल्कि यह भी है कि भारतीय रेल कब यात्रियों के भरोसे को फिर से जीतेगी। जलगांव की पटरियों पर गिरा हर खून का कतरा इस जवाब का इंतजार कर रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिल्ली चुनाव में एंट्री हो गई है और इसके साथ ही उनके लोकप्रिय और आंदोलनकारी नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' की भी एंट्री हो गई है। यह नारा हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए किसी संजीविनी से काम नहीं रहा, अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी इस नारे को आजमाया जा रहा है। बीते दिन गुरुवार, 23 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी ने सीएम योगी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के रण में पार्टी के स्टार प्रचारक के तौर पर उतारा। दिल्ली में उनकी पहली जनसभा किराड़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बजरंग शुक्ला, तो दूसरी करोल बाग से दुष्यंत गौतम और तीसरी जनसभा जनकपुरी से प्रत्याशी आशीष सूद के पक्ष में हुई। यहां सीएम योगी ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा और उन्हें उनके दावों को लेकर आईना भी दिखाया। सीएम योगी ने दिल्ली सरकार और केजरीवाल को दिल्ली में कूड़े के ढेर, अवैध बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं, यमुना के बूरे हाल सहित तमाम मुद्दों पर घेरा। सीएम योगी ने कहा कि आम आदमी पार्टी सुबह होते ही सोशल मीडिया पर झूठे पोस्ट, झूठी फिल्मों के प्रमोशन, झूठे बयान देती है। आम आदमी पार्टी व उसके नेता जितना समय झूठ बोलने के ATM के रूप में बर्बाद करते हैं, उतना यदि जनसुविधा व विकास के बारे में सोचते तो दस वर्ष में दिल्ली बदल गई होती।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सीएम के रूप में मैंने अपने 54 सदस्यीय मंत्रिमंडल के साथ प्रयागराज में संगम पर स्नान किया, क्या आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी अपनी टीम के साथ यमुना जी में स्नान कर सकते हैं। यमुना मैया को गंदे नाले के में बदलने का अपराध करने वाले को दिल्ली की जनता कभी माफी नहीं करेगी। उन्होंने सात वर्षों के अपने कार्यकाल में यूपी में हुए अभुत्वपूर्व बदलाव की भी बात की। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) से 23 जनवरी तक 10 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुकें हैं। वहां शानदार सड़कें, बिजली, रेल व हवाई जहाज की बेहतर कनेक्टिविटी है। आपको कहीं गंदगी देखने को नहीं मिलेगी। यूपी व केंद्र सरकार ने मिलकर महाकुंभ के महा-आयोजन में 7,500 करोड़ रुपये खर्च किया, लेकिन इससे आने वाले समय में यूपी की अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ से अधिक की वृद्धि होने वाली है, लाखों नौजवानों के लिए रोजगार का सृजन होने वाला है। दिल्ली सरकार पर हमला करते हुए योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली की दुर्गति के लिए सबसे बड़ा अपराधी अरविंद केजरीवाल को बताया। NDMC के क्षेत्र को छोड़ दें तो शेष दिल्ली में सड़क, सीवर, स्वच्छता व पेयजल की स्थिति बदतर है। पता नहीं चल रहा कि यहां सड़क पर गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, कूड़ा-गंदगी का ढेर पड़ा है, सीवर सड़कों पर बह रहा है और पेयजल का भीषण संकट आने पर टैंकर माफिया हावी हो जाते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल गरम है। सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने वादों और घोषणाओं के साथ जनता को लुभाने में जुटी हैं। इसी के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र के तीसरे भाग को जारी कर दिया है।अमित शाह ने कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र जमीनी स्तर पर मिले सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है और इसका हर वादा जनता के कल्याण के लिए है। संकल्प पत्र के तीसरे भाग में भाजपा ने कई बड़े वादे किए हैं। इसमें श्रमिकों को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद और तीन लाख रुपये का दुर्घटना बीमा देने का वादा शामिल है। दिल्ली के नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज और आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जाएगा। पार्टी ने युवाओं के लिए 50 हजार सरकारी नौकरियों का वादा किया है। परिवहन और पर्यावरण के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए 13 हजार बसों को ई-बसों में बदला जाएगा। इसके साथ ही यमुना नदी को पुनर्जीवित कर उसे साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर विकसित करने का वादा भी किया गया है। अवैध कॉलोनियों को वैध करने के मुद्दे पर भाजपा ने 1700 कॉलोनियों को नियमित करने की योजना पेश की है। शिक्षा और सामाजिक कल्याण के तहत बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति, टेक्सटाइल वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड का गठन और जीवन बीमा जैसी योजनाओं को लागू करने का भरोसा दिया गया है। शाह ने कहा, "केजरीवाल अपने झूठ और धोखे से दिल्ली की जनता को बार-बार भ्रमित करते हैं।
संकल्प पत्र के दूसरे भाग को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने जारी किया था। इस दौरान उन्होंने भी कई बड़े वादों का ऐलान किया। भाजपा ने दिल्ली के जरूरतमंद छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा की। इसके साथ ही युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 15 हजार रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता और यात्रा व आवेदन शुल्क का रिफंड देने की योजना है। महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण के तहत गरीब महिलाओं को हर गैस सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी, होली और दिवाली पर मुफ्त गैस सिलेंडर और वृद्धावस्था पेंशन को 2500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करने का वादा किया गया। पहले चरण में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महिला समृद्धि योजना, गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये की आर्थिक सहायता, और अटल कैंटीन योजना के तहत 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराने जैसे वादे किए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य दिल्ली के हर नागरिक को बेहतर जीवन प्रदान करना है और जन कल्याणकारी योजनाओं को भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से लागू करना उनकी प्राथमिकता होगी। दिल्ली में अगले महीने चुनाव होने हैं और भाजपा ने तीन चरणों में अपना विस्तृत संकल्प पत्र जारी किया है। अब देखना यह होगा कि भाजपा के ये वादे और रणनीति दिल्ली की जनता को कितना प्रभावित करते हैं। क्या भाजपा सत्ता में वापसी कर पाएगी, या अरविंद केजरीवाल अपनी सत्ता को बनाए रखने में सफल होंगे? चुनाव का नतीजा जनता के फैसले पर निर्भर करेगा।