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Breaking News 25 December 2024

1.) आतिशी ने दिया अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका?

 

दिल्ली में बीते दिन पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा ढोल-नगारों के साथ शुरू की गई महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर आ रही है कि दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने दोनों ही योजनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें, मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना की आगुवाई वाली दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने विज्ञापन जारी कर कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं हैं, रजिस्ट्रेशन कर लोगों को गुमराह  किया जा रहा है और इसलिए हमने विज्ञापन जारी कर लोगों से आग्रह किया है कि अपनी जानकारी साझा करने से बचें। दिल्ली सरकार के महिला और स्वास्थ्य विभाग ने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को लेकर कहा है कि ये योजनाएं उनके पास अधिसूचित नहीं हैं। अधिसूचित होने पर दिल्ली सरकार स्वयं इसके लिए पोर्टल शुरू करेगी और पंजीकरण कराएगी।

योजना को लेकर क्या कहना है दिल्ली सरकार का?

दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा शुरू की गई योजनाओं को लेकर एक सार्वजनिक नोटिस में कहा है कि उसे मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि एक राजनीतिक पार्टी दिल्ली की महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत प्रति माह 2100 रुपये देने का दावा कर रही है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि दिल्ली सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना अधिसूचित नहीं की गई है और यदि भविष्य में ऐसी कोई योजना अधिसूचित की जाती है, तो महिला एवं बाल विकास विभाग, दिल्ली सरकार पात्र व्यक्तियों के लिए एक डिजिटल पोर्टल लॉन्च करेगा, ताकि लाभार्थी जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अपना आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकें। उन्होंने ये भी कहा कि पात्रता की शर्ते और कार्यविधि विभाग द्वारा समय-समय पर स्पष्ट रूप से अधिसूचित की जाएंगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने केजरीवाल की मंसा पर उठाए सवाल

दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ऐसी कोई योजना फिलहाल अस्तित्व में नहीं है, इसलिए इस गैर- मौजूद योजना के तहत पंजीकरण के लिए फॉर्म/आवेदन के स्वीकार का सवाल ही नहीं उठता। कोई भी निजी व्यक्ति/राजनीतिक पार्टी जो इस योजना के नाम पर फॉर्म आवेदन एकत्रित कर रही है या आवेदकों से जानकारी एकत्र कर रही है, वह धोखाधड़ी कर रही है और उसके पास सरकार के फैसले को लेकर कोई अधिकार नहीं है। हमरी ओर से नागरिकों को सावधान किया जाता है कि इस योजना के नाम पर अपना व्यक्तिगत विवरण जैसे बैंक खाता जानकारी, वोटर आईडी कार्ड, फोन नंबर, आवासीय पता या कोई अन्य संवेदनशील जानकारी साझा करना सार्वजनिक डोमेन में जानकारी लीक होने का खतरा पैदा कर सकता है, जो अपराध/साइबर अपराध जैसे बैंकिंग धोखाधड़ी का कारण भी बन सकता है और ऐसी स्थिति में नागरिक पूरी तरह से अपने जोखिम पर होंगे और  वो किसी भी तरह के परिणामों के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।

भाजपा ने केजरीवाल को बताया ठग

दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि आज दिल्ली की जनता इस खबर से हैरान है कि दिल्ली सरकार का विभाग विज्ञापन जारी कर रहा है कि ये धोखाधड़ी है और दिल्ली की जनता इससे सावधान रहें। ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और ऐसी कोई योजना नहीं है। अरविंद केजरीवाल इतना नीचे गिर गए हैं कि वो दिल्ली की जनता को धोखा दे रहे हैं। अब ये बात सामने आ रही है कि जो लोग हस्ताक्षर कर रहे हैं उनके खातों से पैसे निकाले जा सकते हैं। आतिशी चुप क्यों हैं, वो मुख्यमंत्री हैं। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, अरविंद केजरीवाल बहुत बड़े धोखेबाज हैं। जब वे फॉर्म भरवा रहे थे, तब उनके ही विभाग (दिल्ली सरकार का महिला एवं बाल विकास) ने स्पष्ट किया कि 2100 रुपये भत्ता देने की कोई योजना नहीं है। इस योजना के लिए फॉर्म भरवाने वाले निजी लोग हैं, जो अवैध रूप से डेटा इकट्ठा करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। वहीं दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, हम लगातार डिजिटल फ्रॉड की बात सुनते आ रहे हैं और अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को डिजिटल फ्रॉड की दिशा में लेकर जा रहे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है पर AAP की सरकार जनता को चेतावनी जारी कर रही है कि 2100 रुपए की कोई योजना है ही नहीं, संजीवनी नाम की कोई योजना कैबिनेट के पास नहीं गई है, लेकिन फिर भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को ठगने का काम कर रहे हैं।

केजरीवाल ने की थी योजना की घोषणा

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिन महिलाओं के लिए महिला सम्मान योजना की घोषणा की थी। बता दें, इस योजना के तहत पात्र महिलाओं के खाते में हर महीने सरकार एक हजार रुपये भेजेगी। वहीं, केजरीवाल ने चुनाव के बाद महिलाओं को एक हजार की जगह 2100 रुपये देने की भी बात कही है। केजरीवाल ने कई मंचों से दावा किया है कि दोबारा सरकार बनने पर यह राशि 2100 रुपये कर दी जाएगी। अरविंद केजरीवाल के अनुसार, बीते मार्च में हर महिला के अकाउंट में हर महीने पैसे डालने का वादा किया गया था, इसके तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र की हर महिला को योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए महिलाओं को रजिस्ट्रेशन करना होगा, जो महिलाएं रजिस्ट्रेशन करेंगी उनके अकाउंट में हर महीने पैसे आने शुरू हो जाएंगे। आम आदमी पार्टी ने ने बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना भी शुरू करने की घोषणा की थी, इसके तहत दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा। अरविंद केजरीवाल ने योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि दिल्ली वालों के लिए संजीवनी लेकर आया हूं। दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलेगा, इलाज का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी, ये केजरीवाल की गारंटी है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन करेंगे।

 

2.) योगी आदित्यनाथ को खालिस्तानी आतंकी ने दी धमकी

 

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में सोमबार, 23 दिसंबर की सुबह तीन खालिस्तानी आतंकियों का एनकाउंटर किया गया था और अब इसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी दी गई है। बता दें कि पाकिस्तान में छिपकर बैठे खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स (KJF) के आतंकी रंजीत सिंह नीटा ने बीते दिन यूपी में किए गए एनकाउंटर को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी दी है। पकिस्तान की पनाह में पलने वाले कुख्यात आतंकी ने मारे गए तीनों आतंकियों को शहीद बताते हुए पंजाब पुलिस, यूपी पुलिस और भारतीय एजेंसियों को धमकी दी है। खबर आ रही की आतंकी रंजीत नीटा ने अपने करीब दो मिनट की ऑडियो में ये धमकी दी है और कहा है कि बदला जल्द लिया जाएगा। बता दें कि खालिस्तानी आतंकियों के टारगेट पर पंजाब के कई थाने हैं और पंजाब में थानों पर हमले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हैप्पी पेंसिया और जीवन फौजी का हाथ हो सकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने कुछ दिन पहले पंजाब पुलिस को दी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में थानों पर हमले को लेकर आगाह किया था। NIA द्वारा साझा की गई ये रिपोर्ट खालिस्तानी आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्कर से पूछताछ और रेड में बरामद डिजिटल एविडेंस के आधार पर तैयार की गई थी।

यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में मारे गए थे आतंकी

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया था। यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस ने 23 दिसंबर की सुबह करीब पांच बजे इस जॉइंट ऑपरेशन को अंजाम दिया था। पुलिस के अनुसार 19 दिसंबर को पंजाब के गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर किये गए ग्रैंड हमले के आरोपी थे। मारे गए आतंकियों के पास से दो एके-47 राइफल, दो ग्लॉक पिस्टल और भारी मात्रा में गोलियों की बरामदगी हुई थी। पीलीभीत के पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र में यह एनकाउंटर हुआ था, जिसमें गुरदासपुर निवासी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह मरे गए थे। गोली लगने से घायल सभी अपराधियों को सीएचसी पूरनपुर भेजा गया था, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया था। बता दें, पंजाब पुलिस इन तीनों फरार आतंकियों की तलाश में लंबे समय से जुटी थी। डिजिटल और ग्राउंड इंटेलिजेंस के माध्यम से पुलिस को तीनों की लोकेशन पीलीभीत के पूरनपुर में मिली, जहां पीलीभीत पुलिस के सहयोग से पंजाब पुलिस ने सोमवार की सुबह तीनों आरोपियों की घेराबंदी की, जिसके बाद हरदोई ब्रांच नहर के समीप पुलिस की इनसे मुठभेड़ हुई। पूरा इलाका गोलियों से दहल उठा, जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। दरअसल लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर हुआ क्या। इस एनकाउंटर में दो सिपाही भी घायल हुए थे। घायलों में सिपाही सुमित राठी, थाना माधोटांडा और मोहम्मद शाहनवाज एसओजी शामिल हैं। शहर के एसपी ने सीएचसी पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली थी।

पीलीभीत पुलिस ने ऑपरेशन को किया था लीड

उत्तर प्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने एक न्यूज से बातचीत में बताया था कि पंजाब पुलिस से हमें इनपुट प्राप्त हुआ था कि गुरुदासपुर के पुलिस चौकी में ग्रैंड हमले के आरोपी यूपी के पीलीभीत जिले में छिपे बैठे हैं, इनपुट मिलने के बाद जिले की पुलिस एक्टिव हो गई, इसके बाद खबर आई की यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस की टीम के साथ लाइव एनकाउंटर में तीनों आतंकी गोली लगने से घायल हो गए, जिसके बाद सभी को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। DGP ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन को पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक ने खुद लीड किया। उन्होंने कहा कि यह एनकाउंटर पुलिस के लिए आतंक के विरुद्ध एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि ये सफलता दूसरे राज्य से सूचनाएं साझा कर हासिल हुई है, साथ ही ये अपराधियों के लिए भी चेतावनी है की यदि वो समझते हैं एक राज्य में अपराध करके दूसरे राज्य में भागेंगे तो वहां भी वो कानून के हात से बच नहीं पाएंगे। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से दो AK-47 समेत काफी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों की पुलिस ने अच्छा काम किया है और प्रदेश की पुलिस हमेशा की तरह आतंकी घटनाओं को लेकर अलर्ट पर थी।

 

3.) राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही ट्रम्प करेंगे तीन देशों पर कब्जा?

 

अमेरिकी चुनाव में बड़ी जीत मिलने के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी, 2025 में यूएस के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ट्रंप अभी राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे नहीं हैं, मगर उससे पहले ही उनकी धमक पूरी दुनिया में सुनाई देने लगी है और सत्ता संभालने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। उन्होंने पहले ग्रीनलैंड के विलय का सुझाव दिया। उसके बाद कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव रखा और अब वह पनामा नहर को फिर से अधिग्रहीत करने की धमकी दी है। इनमें से कुछ टिप्पणियां बयानबाजी और उकसावे वाली हो सकती हैं, लेकिन ये सभी रणनीतिक विचारों से भरी हुई हैं। इसका एक मतलब तो साफ है कि ट्रंप एक सोची समझी रणनीति के तहत इन मुद्दों को उठा रहे हैं, जिससे उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान फायदा हो सके। बड़ी बात यह है कि ये तीनों देश अमेरिका के करीबी दोस्त हैं। ट्रंप की ग्रीनलैंड वाली बात सुन डेनमार्क काफी डरा हुआ है और इसलिए आनन-फानन में डेनमार्क ने ग्रीनलैंड की सुरक्षा बढ़ा दी है। डेनमार्क ने वहां भारी संख्या में फोर्स की तैनाती कर दी है। इतना ही नहीं, स्लेज डॉग की भी तैनाती कर दी है। ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है, जो अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों के बीच स्थित है. यह 80 प्रतिशत बर्फ की चादर से ढका हुआ है। यह द्वीप थुले एयर बेस का भी घर है, जो अमेरिका की अहम सैन्य स्थापना है. ग्रीनलैंड के पास विशाल प्राकृतिक संसाधन हैं, जिनमें पर्याप्त खनिज भंडार भी शामिल है। दरअसल, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ग्रीनलैंड को हासिल करने, पनामा नहर पर फिर से कंट्रोल करने और कई बार मजाक में कनाडा को अमेरिका का राज्य कहकर इंटरनेशनल लेवल पर खलबली मचा दी है।

दुनिया के इस खूबसूरत टापू पर क्यों कब्जा करना चाहते हैं ट्रम्प?

अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित हुए डोनाल्ड ट्रंप ने डेनमार्क से ग्रीनलैंड खरीदने की अपनी पुरानी बात को एक बार फिर दोहराया है। बता दे कि ट्रम्प अपने पहले कार्यकाल में भी ये बात बोल चुके हैं, लेकिन उस समय वो इसपर अपना ध्यान ज्यादा केंद्रित नहीं कर पाएं और यही कारण है की वो अब फिर एक बार अपनी पुरानी बात दौहराते दिख रहे हैं और उनके इस एलान के साथ ही अमेरिका के मित्र देशों की सूची में डेनमार्क भी शामिल हो गया है, जिनके साथ ट्रंप 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने से पहले ही टकराव का रुख अपनाता दिख रहे हैं। ग्रीनलैंड को खरीदने की बात कहकर ट्रंप ने डेनमार्क की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, ट्रंप के आर्कटिक क्षेत्र पर नए सिरे से जोर देने के बाद से डेनमार्क सरकार ने ग्रीनलैंड को अब तक का सबसे बड़ा रक्षा बजट देकर अपना जवाब दिया है। एक विदेशी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्रॉल्स लुंड पॉल्सेन ने कहा है कि ग्रीनलैंड की सुरक्षा के लिए यह पैकेज क्रोन में ढाई अरब क्रोन से अधिक का है यानी कम से कम 1.5 बिलियन डॉलर का। उन्होंने घोषणा के समय कहा कि इस पैकेज से दो नए पेट्रोलिंग जहाज, दो नए लंबी दूरी के ड्रोन और दो अतिरिक्त डॉग स्लेज टीमें खरीदी जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा की राजधानी नूक में आर्कटिक कमांड में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए फंडिंग और ग्रीनलैंड के तीन मुख्य नागरिक हवाई अड्डों में से एक को F-35 पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को संभालने के लिए अपग्रेड किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा, हमने आर्कटिक में कई सालों तक पर्याप्त निवेश नहीं किया है और अब हम वहां अपनी मजबूत उपस्थिति की योजना बना रहे हैं।

पनामा नहर पर क्यों कब्जे की बात कर रहें ट्रम्प?

जैसे-जैसे डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति की कुर्सी सँभालने का समय करीब आ रहा है वैसे-वैसे ही उनकी बयानबाजियां भी बढ़ती जा रही है। अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण शिपिंग मार्ग पनामा नहर को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने एक बार फिर पुराने समझौते को हवा दे दी है। आपको बता दें, इस नहर को 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका ने ही बनाया था और साल 1999 में अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा हस्ताक्षरित एक संधि के तहत इस नहर को पनामा को सौंप दिया गया था। बीते दिन एक कार्यक्रम में बोलते हुए, ट्रंप ने पनामा द्वारा अमेरिकी जहाजों पर लगाए गए अत्यधिक शुल्क को अनुचित बताते हुए इसकी आलोचना की थी और नहर को वापस करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पनामा नहर अमेरिका द्वारा बनाया गया एक इंजीनियरिंग मार्वल है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति कार्टर की एक गलती की वजह से हमने एक समझौते में खो दिया। लेकिन अब पनामा नहर का कंट्रोल पूरी तरह से, जल्दी और बिना किसी सवाल के अमेरिका को वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पनामा को अपने "नैतिक और कानूनी" दायित्वों को पूरा करना चाहिए, नहीं तो इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे। ट्रम्प के बयान पर पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पनामा की संप्रभुता और पनामा प्रशासन के तहत नहर के सफल संचालन का बचाव करते हुए कहा, पनामा नहर और उसके आस-पास के क्षेत्र की हर जमीन पनामा का है और आगे भी रहेगा। मुलिनो ने नहर पर चीनी प्रभाव के ट्रंप के आरोपों को भी खारिज किया और उन्हें निराधार बताया। उन्होंने कहा, नहर पर न तो चीन का, न ही यूरोप का, न ही अमेरिका या किसी अन्य शक्ति का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई नियंत्रण है।

ट्रम्प ने कनाडा को बताया अमेरिका का 51वां राज्य

डोनाल्ड ट्रंप कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो को चिढ़ाने का कोई मौका नहीं खो रहे। उन्होंने पहले कना़डा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को गवर्नर कहकर संबोधित किया। इसके बाद ट्रंप ने जस्टिन ट्रूडो के साथ डिनर करने के बाद कनाडा को अपने देश में मिलाने और उसे अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की संभावना के बारे में मजाक किया। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाना चाहिए और मुझे लगता है कि यह एक बढ़िया विचार है। बता दें, इससे पहले ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।