प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स समिट के ख़त्म होने के तुरंत बाद ही खबरें हवा की तरह फ़ैल गयी है, मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान सहित कई विश्व नेताओं से मुलाकात की। पूरी दुनिया मौजूदा समय में मुद्रा के लिए डॉलर पर निर्भर है। 90 फीसदी लेन-देन डॉलर में ही होते हैं। ब्रिक्स देश खुद की करेंसी में व्यापार को बढ़ावा देना चाहते हैं, जिससे डॉलर पर निर्भरता खत्म हो सके। अमेरिकी बाजार एक्सचेंज नैस्डैक के अनुसार ब्रिक्स देश डॉलर की बजाए खुद की करेंसी पर जोर दे रहे हैं, हालांकि ब्रिक्स देश अपने एक करेंसी पर सहमति नहीं जता रहे है,इसलिए उन्होंने तय किया है की इंटरनेशनल मार्केट के लिए ब्रिक्स देश नयी करेंसी बनाएंगे, जानकार इस प्रक्रिया को डी-डॉलराइजेशन का नाम दे रहे है |
अमेरिका के Central Bank - Federal Reserve System के अनुसार वर्ष 1999 से 2019 के बीच अंतरराष्ट्ररीय व्यापार में 96 फीसदी डॉलर का प्रयोग होता था। एशिया प्रशांत क्षेत्र में व्यापार के लिए 74 फीसदी , जबकि दुनिया के अन्य भागों में इसका 79 फीसदी इस्तेमाल होता था। ब्रिक्स देश तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। ऐसे में ब्रिक्स की अपनी करेंसी लांच होती है तो डॉलर को इंटरनेशनल मार्केट में बड़ा धक्का लगेगा। अंतरराष्ट्रीय उधारी बाजार में जारी किए गए कुल ऋण का लगभग 60% अमेरिकी डॉलर में होता है। यह दर्शाता है कि अमेरिकी डॉलर को अन्य मुद्राओं की तुलना में अधिक स्थिर और सुरक्षित माना जाता है। इंटरनेशनल करेंसी मार्किट में अमेरिकी डॉलर का हिस्सा बहुत अधिक है, BIS (Bank for International Settlements) के अनुसार, वैश्विक विदेशी करेंसी लेन-देन में 88% अमेरिकी डॉलर शामिल होता है। यह दर्शाता है कि इंटरनेशनल करेंसी मार्किट में डॉलर सबसे प्रमुख करेंसी है।
अमेरिका समेत यूरोपीय मुल्क कई चीजों के लिए ब्रिक्स देशों पर निर्भर हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवसथा 60 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है। हालांकि इसमें व्यापार के दृष्टिकोण से भारत, सबसे ज्यादा अहम् भूमिका निभाता है | भारत:अमेरिका और यूरोप को रत्न- आभूषण, फॉर्मा और पेट्रोलियम उत्पाद के साथ इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग से जुड़े सामान एक्सपोर्ट करता है। अमेरिका को 78 अरब डॉलर, जबकि यूरोपीय देशों को 124 अरब डॉलर की जरूरी वस्तुएं इन्हे भारत सालाना एक्सपोर्ट करता है। वही अगर चीन की बात की जाये तो यूरोप, चीन पर मशीनों और वाहनों से जुड़े कलपुर्जों के लिए निर्भर रहता है। चीन केमिकल और दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले तत्वों को एक्सपोर्ट करता है। अमेरिका, चीन से रेलवे के कलपुर्जे खरीदता है।हालांकि तथ्यों की माने तो चीन: अमेरिका को 200 अरब डॉलर का सामान सालाना बेचता है।वही रूस गैस, प्लेटिनियम पदार्थ और खाद अमेरिका को बेचता है, रूस का कुल कारोबार अमेरिका से 195 अरब डॉलर का है| हालांकि दक्षिण अफ्रीका में खनिज की उत्पादन का 24 फीसदी हिस्सा अमेरिका खरीदता है |
महराजगंज में हुई हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की निर्मम हत्या के बाद हत्या के आरोपियों के खतरनाक मंसूबों का खुलासा हुआ है। खबरों के अनुसार खुलासे में पता चला है कि आरोपियों ने हत्या में इस्तमाल की गई बंदूक को लोड कर पहले से छिपाया हुआ था और साथ ही एक अवैध असलहा भी रखा था, ताकि जरूरत पड़ने पर वह फिर से दहशत फैला सकें। इस खुलासे का प्रमाण पुलिस टीम पर की गई फायरिंग से भी मिलता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार महराजगंज में जो कुछ हुआ वह पहले से सुनियोजित था। मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की छत पर विसर्जन के कार्यक्रम से पहले पत्थर व ईंटें रखी थीं, छत से कांच की बोतल भी मिली थीं। आपको बता दें, रामगोपाल मिश्रा की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद व उसके बेटों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, गिरफ्तारी के लिए गई पुलिस टीम पर फायरिंग के बाद जवाबी फायरिंग में दो आरोपी सरफराज व मोहम्मद तालीम गोली लगने से घायल भी हुए थे। पुलिस के अनुसार आरोपी मोहम्मद तालीम और सरफराज पर 25-25 हजार और अब्दुल हमीद पर 10 हजार का इमान घोषित किया गया था।
पुलिस मुठभेड़ में घायल होने के बाद दोनों आरोपियों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था। वहीं तीन अन्य आरोपियों अब्दुल हमीद, फहीम और मोहम्मद अफजल को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। बीते शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आवास पर आरोपियों की पेशी होने के बाद पांचों आरोपियों को RAF-PAC और पुलिस की कड़ी सुरक्षा में 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। बता दें, हिंसा के आरोपियों के पहुंचने पर जेल की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार सामान्य दिनों की अपेक्षा जेल की सुरक्षा में लगे जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। गोली लगने वाले दोनों आरोपियों को जेल के अस्पताल में और अन्य तीन आरोपियों को सामान्य कैदियों की क्षमता वाले बैरक में रखा गया है, सभी पर कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है। आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के बाद पुलिस उन्हें 14 दिन बाद या उसके पहले भी कोर्ट में अपील दायर कर पूछताछ के लिए रिमांड में लेने की मांग कर सकती है। इससे घटना के बारे में और अधिक जानकारी मिल सकेगी।
हिंसा के मामले में कुल 12 मुकदमें दर्ज हुए हैं, जिसमें से दस हरदी थाना में किये गए थें, इनमें 62 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। वहीं बीते गुरुवार को पुलिस पर फायर करने के मामले में नानपारा कोतवाली में दो आरोपियों पर जानलेवा हमला सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसके बाद अब कुल मुकदमों की संख्या 13 हो गई है। इसके अलावा पुलिस ने बीते शुक्रवार शांतिभंग की आशंका में 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इससे अब कुल गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर 88 हो गई है, इन सभी की आरोपियों पर हिंसा भड़काने और माहौल खराब करने के मामले में करवाई की गई है।
रामगोपाल मिश्रा की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद व उसके बेटों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं, पुलिस पर फायरिंग के बाद सरफराज व तालीम घायल भी हुए। इसके बाद भी मृतक के पिता व पत्नी संतुष्ट नहीं हैं। बातचीत में पिता कैलाश नाथ व पत्नी रोली ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई से खुशी तो मिली, लेकिन पूरी संतुष्टि नहीं मिली। उन्होंने कहा बेटे की हत्या करने वालों का पूरा एनकाउंटर होना चाहिए था। खबरों से आ रही जानकारी के अनुसार, मारे गए युवक रामगोपाल मिश्रा के पिता कैलाशनाथ मिश्रा के बयान से हड़कंप मच गया है। कैलाशनाथ ने कहा कि मैं पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हूं। अगर न्याय नहीं मिला तो पूरे परिवार के साथ आत्मदाह कर लूंगा। उनके इस बयान से हड़कंप मच गया गया है। बता दें कि बहराइच हिंसा के पांचों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद CJM के सामने पेश करने के बाद सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें, मृतक के पिता कैलाशनाथ ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमें पूरा न्याय नहीं मिला है। जो मेरे बेटे के साथ हुआ है वो आरोपियों के साथ भी हो। उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। वहीं, मृतक युवक की पत्नी रोली मिश्रा ने भी दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं भारत के सबसे अमीर व्यापारी मुकेश अंबानी अब एक और नए सेक्टर में एंट्री मारने की तैयारी में है। दरअसल, मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JSFL) ने भारत के इंश्योरेंस मार्केट में एंट्री मारने के लिए जर्मनी की बीमा कंपनी Allianz SE (German multinational financial services company) के साथ बातचीत शुरू की है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, इस घटनाक्रम से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि जर्मन फर्म, देश में दो मौजूदा ज्वाइंट वेंचर (JV) को खत्म करना चाहती है। इस अवसर को अपनाने के लिए मुकेश अंबानी आगे हैं। एलियांज और जियो फाइनेंशियल मिलकर जनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस कारोबार में एंट्री मारेंगे। जानकारों का कहना है कि हालांकि, यह बातचीत शुरुआती चरण में हैं लेकिन अगर यह डील हो जाती है तो इंश्योरेंस मार्केट में जियो की एंट्री से कॉम्पिटिशन बढ़ेगी। इसका फायदा लाखों लोगों को मिलेगा। हलाकि बीमा प्रीमियम के चार्ज अमाउंट में कमी देखने को मिल सकती है।
हलाकि भारत की इकोनॉमी रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है और दुनिया की हर कंपनी भारत में निवेश की ओर देख रही है, इसी कड़ी में अब अफ्रीका की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एशिया के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी को टक्कर देने की तैयारी में है. दरअसल, अफ्रीका की दिग्गज इंश्योरेंस कंपनी सनलैम लिमिटेड भारत में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है. दक्षिण अफ्रीका की यह कंपनी मार्केट कैप के लिहाज से अफ्रीका की सबसे बड़ी कंपनी है यही अगर जियो अपना इंश्योरेंस ला देती है तो भारत के सामान्य आय वर्ग के नागरिको में आर्थिक उछाल आएगा, चुकी इंश्योरेंस तो कई साऱी कंपनियां दे रही है पर जियो की खास बात ये होगी की उनके प्रीमियम चार्ज काम लगेंगे |
JFSL ने Jio Finance App लॉन्च किया है, जो एक डिजिटल प्लेटफार्म है जहां ग्राहक ऋण, भुगतान, और बीमा जैसी सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही JFSL ने व्यापारियों के लिए भी एक ऐप शुरू किया है जो उन्हें अपने वित्तीय लेनदेन को प्रबंधित करने में मदद करता है। ये प्लेटफार्म रिलायंस के मौजूदा टेलीकॉम और रिटेल नेटवर्क का उपयोग कर उपभोक्ताओं तक पहुँचते हैं। JFSL ने Jio Finance App लॉन्च किया है, जो एक डिजिटल प्लेटफार्म है जहां ग्राहक ऋण, भुगतान, और बीमा जैसी सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही JFSL ने व्यापारियों के लिए भी एक ऐप शुरू किया है जो उन्हें अपने वित्तीय लेनदेन को प्रबंधित करने में मदद करता है। ये प्लेटफार्म रिलायंस के मौजूदा टेलीकॉम और रिटेल नेटवर्क का उपयोग कर उपभोक्ताओं तक पहुँचते हैं। JFSL ने ब्लैकरॉक जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम JV बनाए हैं। एक प्रमुख JV ब्लैकरॉक के साथ एसेट मैनेजमेंट कंपनी की स्थापना के लिए है, जो भारतीय निवेश बाजार में मजबूत उपस्थिति बनाएगा। इसके अलावा, निजी क्रेडिट सेवाओं के लिए एक और JV पर चर्चा चल रही है, जो कंपनी की वैश्विक साझेदारी की ताकत को दिखाता है।
झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। सभी दल सभी वर्ग के मतदाताओं को साधने में जुट गए हैं। बता दें, झारखंड में आदिवासी समुदाय सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। कहा तो ये भी जाता है कि जिस दल के साथ आदिवासी हैं, उसकी जीत की राह आसान हो जाती है। अब ऐसे में हर किसी के जहन में एक ही सवाल है कि आदिवासी समाज के लोग किस दल को अपना आशीर्वाद देंगे? सवाल यह भी है कि क्या आदिवासी समाज के लोग भाजपा को अवसर देंगे या फिर एक बार फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले गठबंधन को चुनकर सत्ता में भेजेंगे? आपको बता दें कि झारखंड की 81 में से 43 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां आदिवासियों की आबादी 20 फीसदी से ज्यादा है और वहीं इन 43 में से 22 विधानसभा सीटें तो ऐसी हैं, जहां आधी से ज्यादा आबादी आदिवासियों की है। आदिवासी समाज के लोगों के लिए जल, जंगल, जमीन और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे बहुत अहम रहे हैं। इसी को देखते हुए भाजपा, कांग्रेस से लेकर तमाम क्षेत्रीय पार्टियां ने इन मुद्दों को अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया है।
झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) दोनों दलों को आदिवासी समाज का साथ मिल सकता है। बता दें, भाजपा कई बार आदिवासी समाज के लिए अपनी योजनाओं के माध्यम से उनके विकास की बात करती रही है। इसके अलावा, देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी जैसी हस्तियां आदिवासी समाज से ताल्लुक आते हैं, आदिवासी समाज से आने वाले लोगों को देश के विभिन्न सर्वोच्य पद से सम्मानित करके भाजपा बार-बार आदिवासी समाज के बीच यह संदेश देती रही है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार अपने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के जरिए समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने में कामयाब रही है। ऐसे में झारखंड की राजनीती पर नजर रखने वाले विशेज्ञों का यह मानना है कि भाजपा आदिवासी समुदाय पर विशेष ध्यान दे रही है और अपनी पकड़ को लगातार मजबूत भी कर रही है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी आदिवासी समाज से आते हैं और जब वो जेल गए तो उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि भाजपा ने आदिवासी मुख्यमंत्री को साजिश के तहत फंसाकर जेल भेज दिया। इस बात को गठबंधन में शामिल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दाल (RJD) सहित तमाम दलों ने भी मुखरता से उठाया था। इस घटना के बाद कुछ लोगों का अनुमान है कि भावनात्मक तौर पर आदिवासी समाज के लोग हेमंत सोरेन की पार्टी के साथ भी खड़े हो सकते हैं। बता दें, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का गहरा असर है और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यह पार्टी आदिवासी वोट बैंक के लिए जानी जाती है। हालांकि, पिछले पांच सालों में पार्टी के कई कद्दावर नेता, जो आदिवासी समाज से आते हैं, हेमंत सोरेन से अलग हो चुके हैं। इस लिस्ट में शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर चंपई सोरेन भी शामिल हैं। दूसरी तरफ, आदिवासी समाज के कई बड़े चेहरे भाजपा में शामिल हुए हैं। इनमें कद्दावर नेता बाबूलाल मरांडी का भी नाम शामिल है, इन बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बाद अब JMM के लिए इस्तिथि पूरी तरह अनुकूल नहीं रही।
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले इंडि गठबंधन में बड़ी टूट की खबर सामने आ रही है। दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन के अंदर चल रही खिंचतान के बीच इंडि अलयांस बिखरता हुआ दिखाई पड़ रहा है। सीटों पर छिड़ी खींचतान के बीच झारखंड में CPI (ML) ने इंडि गठबंधन से बाहर होने का निर्णय लिया है। मिल रही जानकारी के अनुसार गठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई, जिसके बाद CPI (ML) ने खुद को अलग करने का फैसला लिया और इसके बाद मंगलवार को पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नाम की पहली सूची भी जारी कर दी। बता दें, CPI (ML) ने राजधनवार, निरसा और सिंदरी से उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, पार्टी ने राजधनवार से राजकुमार यादव, निरसा से अरूप चटर्जी, सिंदरी से चंद्रदेव महतो उर्फ बबलू महतो को टिकट दिया है। जानकारी के अनुसार झारखंड के राजधनवार विधानसभा सीट को लेकर JMM और CPI (ML) में ठन गयी थी, जिस वजह गठबंधन में दरार आई है। वहीं, दूसरी तरफ JMM और RJD के बीच चल रही खिंचतान भी खुलकर सामने आने लगी है। हालांकि, RJD के सुर भले ही थोड़े नरम हो गए हैं, लेकिन 2 सीटों को लेकर अब भी बातचीत का दौर जारी है। खबरों में मिल रही जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव अब भी रांची में ही मौजूद हैं, जिसके बाद राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि बातचीत का दौर फिलहाल जारी है, चीजे सकारात्मक दिशा की ओर बढ़ रही है।
झारखंड में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। सीटों के बंटवारे के तहत भाजपा झारखंड की 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) को 10, जनता दाल यूनाइटेड (JDU) को 2 और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को एक सीट दी गई है। झारखंड भाजपा के सह-प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने यह जानकारी खुद दी। झारखंड भाजपा प्रभारी और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा-जदयू-आजसू और लोजपा (आर) साथ मिलकर झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है और जल्द ही उम्मीदवारों का भी एलान कर दिया जाएगा। झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के साथ रांची के भाजपा कार्यालय में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि हम दोनों पार्टियों का बहुत पुराना संबंध है। झारखंड की जनता हमलोगों को साथ देखना चाहती है। राज्य के विकास के लिए और जनता के हित में हमने गठबंधन करने का फैसला किया है। सुदेश महतो ने कहा कि वर्तमान सरकार के कुशासन से झारखंड का हर वर्ग प्रभावित है। बता दें, झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा, वहीं 23 नवंबर को नतीजों का एलान किया जाएगा। पहले चरण में राज्य की 43 विधानसभा सीटों पर और दूसरे चरण में 38 सीटों पर मतदान होगा।
सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार (आज) को भी शेयर बाजार हैरान करता नजर आ रहा है, सुस्त ग्लोबल संकेतों के बीच भी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ग्रीन जोन में ओपन हुए थे. BSE Sensex ने हरे निशान पर कारोबार की शुरुआत की और 135 अकं उछलकर 80,215 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया. लेकिन अचानक से ये शुरुआती तेजी पीछे छूट गई और सेंसेक्स रेड जोन में आ गया, हालांकि सुबह 9.35 पर Sensex 227.82 अंक फिसलकर 79,854.16 के लेवल पर कारोबार कर रहा था, सेंसेक्स ही नहीं, निफ्टी भी इसके कदम से कदम मिलाकर चलता हुआ नजर आया और देखते ही देखते करीब 90 अंक की गिरावट के साथ फिसलकर 24,341 के लेवल पर आ गया. इससे पहले निफ्टी 37 अंक टूटकर 24,435 पर बंद हुआ था , जबकि सेंसेक्स 138 अंक टूटकर 80,081 पर क्लोज हुआ . बैंक निफ्टी समेत स्मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई,एक्सपर्ट्स ने सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड कंपनी को शेयर के लिए 200 रुपये का टारगेट प्राइस दिया था। सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड कंपनी शेयर निवेशकों को 33% का रिटर्न दिया गुरुवार ( 24 अक्टूबर 2024 ) को शेयर 0.69% बढ़कर 168 रुपये पर कारोबार किया, गुरुवार ( 24 अक्टूबर 2024 ) को शेयर 0.66% बढ़कर 168 रुपये पर कारोबार कर रहा है|
ब्रोकरेज हाउस सिटी (Citi) ने पेटीएम के शेयरों का टारगेट प्राइस 100 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ा दिया है। सिटी ने पेटीएम के शेयरों के लिए 900 रुपये का टारगेट दिया है। ब्रोकरेज हाउस ने पहले कंपनी के शेयरों के लिए 440 रुपये का टारगेट दिया था। पेटीएम के शेयर का 52 हफ्ते का हाई लेवल 952.60 रुपये है। वहीं, कंपनी के शेयर का 52 हफ्ते का लो लेवल 310 रुपये है। पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस का मार्केट कैप 48,477 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। पेटीएम (Paytm) के शेयर में पिछले 5 महीने में 120 पर्सेंट से अधिक की तेजी आई है। कंपनी के शेयर 24 मई 2024 को 340.95 रुपये पर थे। पेटीएम के शेयर 24 अक्टूबर 2024 को BSE में 762 रुपये पर जा पहुंचे हैं। पिछले 6 महीने में पेटीएम के शेयरों में करीब 98 पर्सेंट का उछाल देखने को मिला है। कंपनी के शेयर 24 अप्रैल 2024 को 382.65 रुपये पर थे। पेटीएम के शेयर आज 760 रुपये के ऊपर पहुंच गए हैं। इस साल अब तक पेटीएम के शेयरों में करीब 18 पर्सेंट की तेजी देखने को मिली है।
बैंक निफ़्टी 292 पॉइंट बढकर 51531 पर बंद हुआ, वही फिन निफ़्टी 23854 पर बंद हुआ,आपने एक्सपायरी के दिन निफ़्टी 50 आज 24399 पर बंद हुई| बात करे अगर स्टॉक्स की तो अडानी टोटल गैस में 7.78% की बढ़ोतरी देखि गयी, वही पावर फाइनेंस कप में 3.36 की वृद्धि देखि गयी, अडानी पावर के शेयर 589 से उठकर 604 पर पहुंच गए, हलाकि पीरामल फरमा ने 17 % की ग्रोथ दिखाई शेयर प्राइस 226 से उठकर 255 पहुंच गया है, वही हिंदुस्तान यूनीलीवर में मार्किट बंद होते होते 154 पॉइंट का घाटा देखा गया और SBI में लगभग 5 % का घाटा देखा गया, FMCG के शेयरों में गिरावट आई, जबकि बैंकिंग शेयरों में HDFC बैंक और AU बैंक ने सकारात्मक प्रदर्शन किया।
दाना चक्रवात को लेकर कई राज्यों, विशेषकर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हाई अलर्ट जारी किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने 'दाना' चक्रवात से निपटने के लिए ओडिशा में 56 टीमें तैनात की हैं। बता दें, मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात के आज शाम ओडिशा के तट पर पहुंचने का अनुमान है। ओडिशा सरकार ने तटीय इलाकों से लोगों को निकालने का काम तेज कर दिया है और साथ ही संवेदनशील इलाकों में 300 के करीब बचाव दल भी तैनात किए हैं। इस तूफान का असर ओडिशा के पुरी से लेकर पश्चिम बंगाल के तट तक देखने को मिल सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुलेटिन जारी कर तूफान की चेतावनी देते हुए कहा था कि बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य पर बना गहरा दबाव 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम और उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ा और चक्रवाती तूफान ‘दाना' में तब्दील हो गया। बता दें कि इसका असर मुख्यतह ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई जिलों पर देखने को मिलेगा, इस चक्रवात का असर ओडिशा, पश्चिम बंगाल के अलावा आंध्र प्रदेश , बिहार और झारखंड में भी देखने को मिल रहा है, इन राज्यों में तेज हवाएं चल रही हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार चक्रवात पहुंचने की प्रक्रिया 24 अक्टूबर की रात से शुरू होकर 25 अक्टूबर की सुबह तक जारी रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात के तट पर पहुंचने के दौरान दो से तीन मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। चक्रवात 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट से टकराएगा। मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवाती तूफान 'दाना' के कारण होने वाली बारिश के मद्देनजर कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। IMD के पूर्वानुमान के अनुसार इस तूफान की चपेट में ओडिशा के 14 जिले आ सकते हैं; अंगुल, पुरी, नयागढ़, खोरधा, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर, क्योंझर, ढेंकनाल, गंजम और मयूरभंज पर तूफान का असर देखने को मिलेगा। वहीं पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुरा, झाड़ग्राम और हुगली पर चक्रवात का सबसे बुरा प्रभाव देखा जाएगा। ओडिशा-पश्चिम बंगाल के अलावा बात करें तो चक्रवाती तूफान के कारण आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं। श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापट्टनम जिलों के तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं चल रही हैं। आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने तेज हवाओं के मद्देनजर मछुआरों से समुद्र में नहीं जाने को कहा है। उन्होंने कृष्णापट्टनम, मछलीपट्टनम, काकीनाडा, गंगावरम, विशाखापट्टनम, कलिंगपट्टनम और निजामपट्टनम बंदरगाहों पर अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा बिहार और झारखंड के भी कई इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं।
चक्रवाती तूफान दाना बीते दो महीनों में भारतीय तट से टकराने वाला दूसरा चक्रवाती तूफान है। इससे पहले अगस्त के अंत में चक्रवाती तूफान असना भी भारतीय तट से टकराया था। चक्रवाती तूफानों को नाम देने की एक परंपरा है और विश्व मौसम संगठन (WMO) ने चक्रवाती तूफानों को नाम देने की एक पूरी प्रक्रिया निर्धारित की है। इसी प्रक्रिया के तहत ही दाना नाम दिया गया है। बता दें कि इसी प्रक्रिया के तहत कतर ने इसका 'दाना' नाम दिया है, जिसका मतलब होता है उदारता। बता दें, साल 2020 में IMD के रीजनल सेंटर ने चक्रवाती तूफानों के 169 नामों की सूची जारी की थी, इस समूह में शामिल हर देश ने 13-13 नामों का सुझाव दिया है, जिन्हें बारी-बारी से उस क्षेत्र में आने वाले तूफानों को दिया जाता है। देशों द्वारा नाम सुझाने के बाद ये नाम विश्व मौसम संगठन के पास भेजे जाते हैं, वहां से सूची को अंतिम मंजूरी दी जाती है। दुनियाभर में छह रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स हैं, वहीं पांच रीजनल ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निंग सेंटर्स हैं। इन्हीं क्षेत्रीय केंद्रों को तूफान से जुड़ी एडवाइजरी जारी करने और उनके नाम तय करने का अधिकार होता है। भारतीय मौसम विभाग दुनिया के छह रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स में से एक है, जो 13 देशों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात और तूफान से जुड़ी एडवाइजरी जारी करता है। इन 13 देशों में भारत, बांग्लादेश, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई और यमन शामिल हैं।