गृहमंत्री के सवालों ने राहुल को किया चारो खाने चित
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। तीन चरणों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) सरीखे राजनीतिक दल गठबंधन करने का एलान कर चुके हैं। इन सियासी सरगर्मियों के बीच अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से तीखे सवाल किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भारत की राष्ट्रीय अखंडता को कई बार खतरे में डाला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता पाने की लालच में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार से गठबंधन किया है और ये दिखाता है कि उनकी नीयत केवल सत्ता पाने की है, जो देश की एकता और अखंडता के प्रति उनकी नीयत को भी दर्शाता है।
क्या हैं गृहमंत्री के 10 सवाल? (Tweet Link- https://x.com/AmitShah/status/1826938593715392624)
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा से खेलने वाली कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन कर अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र के वादों पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' के माध्यम से दस सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा:
1.) क्या कांग्रेस ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है?
2.) क्या राहुल गांधी और कांग्रेस अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है?
3.) क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
4.) क्या कांग्रेस और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ सीमा पार व्यापार शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से सीमा पार से आतंकवाद और उसके पारिस्थितिकीतंत्र का पोषण करने का समर्थन करते हैं?
5.) क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है?
6.) इस गठबंधन से कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के वादे के साथ है?
7.) क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत’ ‘तख्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएं?
8.) क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंककर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है?
9.) क्या कांग्रेस पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है?
10.) क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को स्वायत्तता देने की नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं?
नेपाल में एक भारतीय यात्रिओं से भरी बस के मर्सियांगडी नदी में गिर जाने से कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, बस में 40 यात्री सवार थे, मतलब चालक, सहचालक और कंडक्टर को मिलाकर बस में कुल 43 लोग थे। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 18 शव बरामद किए गए, जबकि 17 को सुरक्षित बचा लिया गया और कई लोग अब भी लापता बताए जा रहें है। बस में सवार सभी यात्री महाराष्ट्र के बताए जा रहे हैं। बस ने 8 दिन के परमिट के साथ 20 अगस्त को रूपन्देही के बेलहिया चेक-पॉइंट (गोरखपुर) से नेपाल में प्रवेश किया था। दुर्घटना तनहुन जिले के आइना पहाड़ में हुई, बस पोखरा से काठमांडू जा रही थी। बस का नंबर यूपी 53 एफटी 7623 बताया जा रहा है। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि बस में सवार सभी यात्री 104 तीर्थयात्रियों के दल का हिस्सा थे। सभी तीर्थयात्री महाराष्ट्र के जलगांव जिले के भुसावल और आसपास के गांवों से आए थे।
हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक प्रकट किया (Tweet Link- https://x.com/narendramodi/status/1827021125844414940)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में हुए दर्दनाक सड़क दुर्घटना में भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया 'एक्स' के माध्यम से पोस्ट कर लिखा, नेपाल के तनहुन जिले में सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारतीय दूतावास प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।
शवों को लेने भारतीय वायुसेना ने भेजा विमान
नेपाल में हुए बस हादसे में मारे गए महाराष्ट्र के तीर्थ यात्रियों के शवों को भारतीय वायुसेना के विमान से नासिक भेजा जाएगा। शुक्रवार को एक भारतीय बस के नेपाल में मर्स्यांगदी नदी में गिरने से बड़ा हादसा हुआ था। बस में 40 लोग सवार थे, जिनमें से 27 लोगों की मौत हो गई। बस में सवार सभी 40 यात्री महाराष्ट्र के थे। यह बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी और दुर्घटना के बाद बस सड़क से करीब 300 मीटर नीचे जा गिरी।
जुलाई में दो बसें नदी में बह गई थीं
इस साल जुलाई में नेपाल में दो बसों में सवार 65 लोग उफनती त्रिशूली नदी में बह गए थे। तब काठमांडू जाने वाली एंजेल बस और गणपति डीलक्स की बस हादसे का शिकार हुई थीं। बसें काठमांडू से रौतहट के गौर जा रही थीं। उस समय क्षेत्र में भारी बारिश के बीच ये घटना हुई थी।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर भारत ने उपलब्धियों का जश्न मनाना
देश ने कल अपना राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया। 23 अगस्त का दिन पूरे देश को हमेशा चंद्रयान-3 मिशन की चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग की याद दिलाता रहेगा। इस ऐतिहासिक दिन चंद्रयान-3 मिशन ने पूरी दुनिया में भारत का डंका बजाया था। इसी की याद में देश में पहला वर्षगांठ मनाया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में आयोजित इस खास कार्यक्रम का उद्घाटन किया। बता दें, पूरे देश में इस दिन को त्योहार की तरह मनाया गया। स्कूल-कॉलेजों में भी इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
23 अगस्त को विक्रम लैंडर ने की थी मून पर सॉफ्ट लैंडिंग
साल 2023 में 23 अगस्त के दिन विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर सफलता के साथ कदम रखा था। भारतीय अंतरिक्ष मिशन के लिए यह बेहद खास पड़ाव था, क्योंकि विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के जिस दक्षिणी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग की थी वहां इससे पहले किसी भी देश ने लैंडिंग नहीं किया था। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग मील का पत्थर साबित होने वाला प्रोजेक्ट साबित हुआ है और इसी ऐतिहासिक दिन की उपलब्धि के दिन को अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया गया।
'India’s Space Saga' थीम पर मनाया गया स्पेस डे
पहले नेशनल स्पेस डे को पूरे देश में एक खास थीम के साथ मनाया गया। साल 2024 के लिए राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के लिए थीम रखा गया है- चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा (Touching Lives while Touching the Moon: India’s Space Saga) और इसी थीम के साथ पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि ISRO 23 अगस्त को चंद्रयान-3 मिशन की ओर से एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा को जारी करेगा, जिसका उपयोग शोधकर्ता शोध कार्य के लिए इस्तेमाल करेंगे। देश की इस उपलब्धि के अवसर पर पिछले दो महीनों में देश भर में एक हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत मंडपम में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में शिरकत किया और सम्बोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन और ISRO रोबोटिक्स चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया। (Video Link- https://youtu.be/1LY-YcFJttA?si=YZ7Od3Qv7dg33gws)
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर उपराष्ट्रपति ने दिया सन्देश
माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने देश के पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर सभी नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी! उन्होंने कहा 23 अगस्त का दिन अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की असाधारण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो आत्मनिर्भर भारत की अदम्य भावना से प्रेरित है। अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे देश की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि हमारे प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों द्वारा समर्पण, नवाचार और उत्कृष्टता की निरंतर खोज के माध्यम से क्या हासिल किया जा सकता है। उन्होंने अपने संदेश में आगे कहा, जैसा कि हम इस विशेष दिन को मना रहें हैं, इसके लिए हम अपने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और आशा है कि उनके अग्रणी व दूरदर्शी प्रयास भारत को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाते रहेंगे और दुनिया भर में मानवता को इसके लिए प्रेरित करते रहेंगे। (Tweet Link- https://x.com/vpindia/status/1826850375007436842?s=48&t=SpU1AK_H4cJVMqATqqHJPA)
प्रधानमंत्री ने पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर राष्ट्र को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को देशवासियों को पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर बेहद गर्व भी व्यक्त किया और कहा कि हमारी सरकार ने इस क्षेत्र में भविष्य से संबंधित कई अहम निर्णय लिए हैं तथा आगे भी इसी प्रकार के और निर्णय लेगी। प्रधानमंत्री ने इस महतवपूर्ण अवसर पर अपने सोशल मीडिया हैंडल से ट्वीट किया, जिसमे उन्होंने लिखा: (Tweet Link- https://x.com/mygovindia/status/1826829283043783098)
साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने देश के साथ इस सफलता से जुड़ा एक वीडियो सन्देश भी साझा किया है: (Video Link- https://x.com/narendramodi/status/1826827605930119413)
अगले साल अंतरिक्ष में यात्री भेजेगा भारत
भारत स्पेस में कदम रख चुका है, अंतरिक्ष में अपने रॉकेट भी भेज रहा है और चंद्रयान-3 मिशन में मिली सफलता के बाद सूर्य का गहन अध्ययन करने के लिए आदित्य-L1 मिशन भी रवाना कर चुका है। भारत अब अगले साल स्पेस में अंतरिक्ष यात्री भेजने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है और इसी कड़ी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि NASA-ISRO आपसी सहयोग के तहत अगले साल अप्रैल तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भर सकता है। उन्होंने कहा कि अभियान के लिए दो भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर एक्सिओम स्पेस X-4 मिशन के लिए अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं। बता दें, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कैप्टन शुक्ला को X-4 मिशन के लिए नियुक्त किया है, जबकि प्रशांत नायर प्रतिस्थापन उम्मीदवार होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। जहाँ उनका स्वागत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की ने बड़ी ही गर्मजोशी से किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस दौरान एक दूसरे को गले भी लगाया। ये नजारा वैसा ही था जैसा पीएम मोदी ने कुछ हफ्ते पहले ही अपने रूस के दौरे के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गले लगाया था और तब इसे लेकर जेलेंस्की ने आपत्ति भी जताई थी। बता दें, जेलेंस्की ने कहा था- आज रूस के मिसाइल हमले में 37 लोग मारे गए और इसमें तीन बच्चे भी शामिल थे। रूस ने यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर हमला किया और एक ऐसे दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का दुनिया के सबसे खूनी अपराधी से मॉस्को में गले लगाना शांति स्थापित करने की कोशिशों के लिए बड़ी निराशा की बात है। अब ऐसे में पीएम मोदी की इस यूक्रेन यात्रा को संतुलन साधने के तौर पर देखा जा रहा है। पीएम मोदी की इस यात्रा के बाद चर्चा हो रही है कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष को लेकर मोदी और जेलेंस्की में क्या बात हुई? इससे किसे क्या हासिल हुआ? प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान अपनी टिप्पणियाँ साझा की है:
क्या है पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के मायने?
पीएम मोदी ने बताया कि कीएव में जेलेंस्की से बहुत उपयोगी चर्चा हुई। भारत यूक्रेन के साथ आर्थिक संबंधों को गहरा करने के लिए उत्सुक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमने कृषि, प्रौद्योगिकी, फार्मा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों देश सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने पर भी सहमत हुए। ( प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जेलेंस्की से यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि इसका समाधान बातचीत है। उन्होंने कहा, दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और उन्हें इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने चाहिए। आज मैं यूक्रेन की धरती पर आपके साथ शांति को आगे बढ़ने के लिए आया हूँ। प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को भरोसा दिलाते हुए कहा कि भारत, शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए हमेशा तैयार है और मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा। एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं। उन्होंने कहा, मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह भारत की प्रतिबद्धता है और हम मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और हम इसका समर्थन करते हैं।
जेलेंस्की ने पीएम मोदी की यात्रा पर क्या कहा?
पीएम मोदी के साथ अपनी बैठक पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि हमारी बैठक बहुत अच्छी हुई, यह एक ऐतिहासिक बैठक थी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के यहाँ आने के लिए मैं उनका बहुत आभारी हूं और यह कदम एक अच्छी शुरुआत है। जेलेंस्की ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के शांति पर विचार का मैं स्वागत करता हूँ और इसे लेकर मैं बहुत खुश भी हूँ। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी पुतिन से ज्यादा शांति चाहते हैं, समस्या यह है कि पुतिन यह नहीं चाहते। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी द्वारा भेंट किये गए सहयोग भारत स्वास्थ्य पहल भीष्म क्यूब हित और मैत्री (भीष्म) का जिक्र किया, जो तेजी से तैनाती योग्य तरीके से चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करेगा। इसमें क्यूब्स होते हैं जिनमें चिकित्सा देखभाल के लिए दवाएं और उपकरण होते हैं। )
पीएम ने मार्टिरोलॉजिस्ट प्रदर्शनी में अर्पित की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पे लिखा, संघर्ष विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए विनाशकारी है। मेरी संवेदना उन बच्चों के परिवारों के साथ है जिन्होंने अपनी जान गंवाई, और मैं प्रार्थना करता हूं कि उन्हें अपना दुख सहने की शक्ति मिले।
यूक्रेन में पीएम ने भारतीय समुदाय से की मुलाकात
आज सुबह कीव पहुँचा, यहाँ मौजूद भारतीय समुदाय ने बहुत गर्मजोशी से स्वागत कियhashtag