ई-कॉमर्स और फिनटेक इंडस्ट्री के चाहने वालों के लिए ये खबर काफी इंटरस्टिंग होने वाली है ! फोनपे के बोर्ड से बिन्नी बंसल ने आखिरकार शुक्रवार, 22 नवंबर को इस्तीफा दे दिया। बिन्नी बंसल फ्लिपकार्ट के कोफाउंडर थे | अब फोनपे से उनका हटना हर किसी को सोचने पर मजबूर कर रहा है कि आखिर माजरा क्या है? बिन्नी बंसल का फोनपे से रिश्ता फ्लिपकार्ट के जरिए जुड़ा था। फोनपे, फ्लिपकार्ट की ही सहायक कंपनी (subsidiary) है | बिन्नी बंसल का ये कदम कोई अचानक से नहीं हुआ। करीब 10 महीने पहले, वो फ्लिपकार्ट के बोर्ड से भी हट गए थे।बिन्नी बंसल ने फ्लिपकार्ट के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है, और ये उनके 16 साल के सफर का एंड है। अब वो अपनी नई कंपनी OppDoor पर पूरा फोकस करेंगे। इंडस्ट्री में इसकी काफी चर्चाएं चल रही हैं। बिन्नी बंसल ने अपने को-फाउंडर्स के साथ मिलकर फ्लिपकार्ट और फोनपे जैसे प्लेटफॉर्म्स को इंडिया में जबरदस्त पहचान दिलाई है | 2018 में, फ्लिपकार्ट ने वॉलमार्ट को अपनी 77% हिस्सेदारी बेचीं जिसकी कीमत करीब $16 बिलियन (लगभग ₹1.2 लाख करोड़) की डील थी। यह उस समय तक भारत की सबसे बड़ी टेक डील मानी गई थी | सचिन बंसल ने तब ही कंपनी छोड़ दी थी, और अब बिन्नी भी 'बोर्ड' से बाय-बाय बोलकर अपना अगला चांस ले रहे हैं।बिन्नी और सचिन के जाने के बाद अब पूरा खेल वॉलमार्ट और CEO कल्याण कृष्णमूर्ति के हाथ में है।
बिन्नी बंसल का ये कदम साफ दिखाता है कि वो अब नए चैलेंजेस लेने के मूड में हैं। फ्लिपकार्ट और फोनपे जैसे ब्रांड खड़े करने के बाद, वो अगला कुछ बड़ा धमाका प्लान कर रहे हों। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बिन्नी बंसल का अगला कदम क्या होता है।फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने बिन्नी को उनकी गाइडेंस और योगदान के लिए धन्यवाद दिया | वॉलमार्ट डील के बाद से बिन्नी का अनुभव कंपनी के लिए बेहद अहम साबित हुआ। बिन्नी ने भी कहा कि उन्हें फ्लिपकार्ट के पिछले 16 सालों की उपलब्धियों पर गर्व है और वह अब एक नए सफर की शुरुआत कर रहे हैं।
बेंगलुरु में पुलिस ने धमाकेदार काम किया है | बेंगलुरु स्तिथ गोविंदपुरा पुलिस ने धावा बोलते हुए अलग-अलग मामलों में कुल 5 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से तीन लोकल और दो विदेशी हैं। जो शहर में गांजे का पूरा नेटवर्क चला रहे थे। इनके पास से 318 किलो गांजा मिला है, जिसकी मार्केट में कीमत 3.25 करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद ने खुद बताया कि इन तस्करों का नेटवर्क सिर्फ बेंगलुरु तक ही सीमित नहीं था, बल्कि ये आसपास के इलाकों में भी माल सप्लाई करते थे। अब बात यहीं खत्म नहीं होती,सीसीबी के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने एक अलग ऑपरेशन में दो विदेशी ड्रग तस्करों को भी पकड़ लिया। ये लोग बेंगलुरु में सिंथेटिक ड्रग्स बेचने में लगे हुए थे। सिंथेटिक ड्रग्स, जो सीधा दिमाग की बत्ती बुझा देता है। पुलिस को इनके ठिकाने की जानकारी मिली थी, जहां से ये हाई-प्रोफाइल पार्टीज और कॉलेज स्टूडेंट्स को ड्रग्स बेचते थे। पुलिस इनसे पूछताछ में लगी हुई है और पूरी उम्मीद है कि इनके पीछे की पूरी चेन, मतलब सप्लायर से लेकर डीलर तक, सबकी पोल खुल जाएगी।बेंगलुरु पुलिस का ये काम काबिल-ए-तारीफ है और उम्मीद है कि ऐसे ही ऑपरेशन बाकी शहरों में भी होंगे।
सिंथेटिक ड्रग्स मतलब वो चीज़ जो लैब में बनी होती है, यानी केमिकल बेस्ड। मतलब, इसे खेतों में उगाया नहीं जाता, बल्कि साइंस लैब में मिक्सिंग और केमिकल फॉर्मूलों से बनाया जाता है। ये दिखने में बड़ी फैंसी होती है, जैसे किसी पाउडर, कैप्सूल, लिक्विड या गोली की शक्ल में। सिंथेटिक ड्रग्स के कई टाइप्स के होते है
जैसे एम्फेटामाइन (Speed),एलएसडी (Acid) ये ऐसी ड्रग्स है जो एकदम खतरनाक, दिमाग को हकीकत और फैंटेसी के बीच फंसा देती है। एमडीएमए (Ecstasy) पार्टी ड्रग, जिसके USE से पहले तो लोग झूमते हैं, पर बाद में डिप्रेशन में चले जाते हैं। स्पाइस (Synthetic Marijuana): गांजे जैसा नशा, पर साइड इफेक्ट्स के मांमले में उससे डबल खतरनाक है | आखिर में, यह समझना जरूरी है कि ड्रग्स सिर्फ एक व्यक्ति की जिंदगी ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को बर्बाद कर सकता है। पुलिस की ऐसी कार्रवाई से उम्मीद की जा सकती है कि ड्रग्स के खिलाफ अभियान और तेज होगा। बेंगलुरु पुलिस को सलाम!
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और युवा सशक्तिकरण राष्ट्र की प्राथमिकता
भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ झुंझुनू, राजस्थान में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्री झाबर सिंह खर्रा, माननीय मंत्री, राजस्थान सरकार ने अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों के साथ, उपराष्ट्रपति का उनके आगमन पर बहुत सम्मान और प्रशंसा के साथ स्वागत किया। इस यात्रा ने राज्य की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और आतिथ्य की भावना को उजागर किया जिसके लिए राजस्थान प्रसिद्ध है। अपने यात्रा कार्यक्रम के हिस्से के रूप में उपराष्ट्रपति ने पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV), कजरा में आयोजित विश्व बाल दिवस समारोह की अध्यक्षता कर शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय निवासियों की एक उत्साही भीड़ देखी गई, जो उपराष्ट्रपति के साथ बातचीत करने और खुशी के अवसर में भाग लेने के लिए उत्सुक थे। अपने संबोधन में, श्री धनखड़ ने युवाओं के दिमाग को नरचर करने के महत्व पर जोर दिया क्योंकि वे देश के भविष्य के पथप्रदर्शक हैं। उन्होंने इनोवेटिव शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों में अनुशासन और देशभक्ति के मूल्यों को स्थापित करने में जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रयासों की सराहना की। अपनी यात्रा के दौरान डॉ. सुदेश धनखड़ भी छात्रों के साथ इस यादगार पल में जुड़ीं और उनके साथ प्रोत्साहन और प्रेरणा के शब्द साझा किए। बच्चों ने सांस्कृतिक प्रदर्शनों, भावपूर्ण भाषणों और अपनी रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से अपनी खुशी व्यक्त की।
उपराष्ट्रपति की यात्रा ने भारत के भविष्य को आकार देने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को एकीकृत करने वाले मॉडल स्कूल बनाने के लिए पीएम श्री पहल की सराहना की। श्री धनखड़ ने छात्रों को देश की प्रगति में योगदान देने की उनकी क्षमता की याद दिलाते हुए बड़े सपने देखने और उनकी आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में परिश्रमपूर्वक काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उपराष्ट्रपति की झुंझुनू यात्रा उनके जमीनी स्तर से जुड़ाव और युवा पीढ़ी को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करने की उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उनकी बातचीत में विनम्रता, नेतृत्व और दूरदर्शिता के मूल्य प्रतिबिंबित थे, जो देश भर में लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। राजस्थान की यात्रा ने न केवल विश्व बाल दिवस का सार मनाया, बल्कि शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और एक उज्जवल कल को आकार देने में देश के सर्वोच पद पर बैठे नेताओं की भूमिका को भी रेखांकित किया।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के काजरा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए विश्व बाल दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने अनुशासन, संस्कार और मानव निर्माण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आपकी उम्र में संस्कारी बनना आवश्यक है। माता-पिता का सम्मान करना, गुरूजनों को प्रणाम करना और आपसी भाईचारे को बढ़ाना आपके जीवन के अभिन्न हिस्से होने चाहिए। छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “आप सभी ग्रामीण भारत की रीढ़ की हड्डी हैं। याद रखें, भारत की आत्मा ग्रामीण आंचल में है। हमारी जड़ें ग्रामीण भारत में ही मजबूत होती हैं। हमारा अन्नदाता किसान भी ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहता है।” उन्होंने कहा कि पंचायत राज और नगर पालिका जैसी संस्थाओं के माध्यम से भारत ने लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक सशक्त किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे एक “गेम-चेंजर” बताया। उन्होंने कहा, तीन दशकों के बाद भारत को एक नई शिक्षा नीति मिली है, जिसका उद्देश्य छात्रों को केवल पुस्तकों और डिग्रियों के बोझ से मुक्त करना और उन्हें कौशलयुक्त बनाना है। यह नीति भारत को 2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। उन्होंने छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए आग्रह किया कि वे अपने दादा-दादी और नाना-नानी के नाम पर पेड़ लगाएं। उन्होंने संस्थानों से अपील की कि वे इस नेक कार्य को ‘मिशन मोड’ में लेकर चलें। उपराष्ट्रपति ने कहा, जब आप इस विद्यालय से बाहर जाएं, तो आपको ऐसा अनुकरणीय आचरण दिखाना चाहिए, जो इस विद्यालय के गौरव को बढ़ाए। उपराष्ट्रपति ने अंत में बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी कार्यशैली की सराहना की, जिसने भारत के युवाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मंच प्रदान किया है।