बिहार की राजनीति में राहुल गांधी के दौरे को लेकर जो उत्साह था, वह फिलहाल थोड़े ठहराव में है। कहा जाता है कि चुनाव के मौसम में हर कोई तैयार रहता है, लेकिन राहुल गांधी का ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ अब जून के दूसरे सप्ताह तक टल गया है। वजह? राजगीर में आयोजन के लिए जिस हॉल की तलाश थी, वह अचानक जैसे हवा हो गया हो! जी हाँ, राजगीर के उस कन्वेंशन हॉल की उपलब्धता ने सबकी उम्मीदों को झटका दिया और राहुल गांधी का दौरा फिलहाल फिलहाल के लिए टल गया 27 मई को राजगीर में होने वाला यह खास कार्यक्रम, जिसमें पिछड़े वर्ग के छात्रों को संबोधित किया जाना था, अब जून में होगा लेकिन तारीख अभी तय नहीं है। कारण बहुत बड़ा है: हॉल बुकिंग। आयोजकों ने हॉल की बुकिंग पहले करनी है, तभी वे नई तारीख घोषित कर पाएंगे। मतलब, पहले हॉल की अनुमति, फिर राहुल की अनुमति! जाहिर है, बिहार में हॉल मिलना भी अब बड़ा राजनीतिक मामला बन गया है। राजनीति के इस ‘हॉल-हंटर’ मिशन में राहुल गांधी बिहार आकर लगातार पांचवां दौरा करने वाले हैं। हालांकि, उनका पिछला दौरा 15 मई को पटना और दरभंगा में हुआ था। दरभंगा में दलित छात्रों से बातचीत की गई, तो पटना के लोदीपुर स्थित सिटी मॉल में कांग्रेस के नेताओं और समाजसेवियों के साथ ‘फुले फिल्म’ देखी गई। लेकिन इस फिल्म के दौरान भी राजनीति में हंगामा हुआ — टिकट और पास होने के बावजूद कुछ लोग सिनेमा हॉल में घुसने से वंचित रहे। लगता है टिकट के साथ ‘राहुल टिकट’ भी चाहिए होता है, वरना एंट्री नहीं!
कांग्रेस कार्यकर्ता इस टलते हुए दौरे से थोड़े मायूस जरूर हैं, लेकिन जून के दूसरे सप्ताह में दौरे की उम्मीदों से उत्साहित भी। विधानसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के लिए उतनी ही अहमियत रखता है जितना ‘हॉल’ की बुकिंग। बिहार की राजनीति में अब ‘हॉल’ ही नहीं, ‘समय’ भी बदल रहा है, और राहुल गांधी को भी इस बदलाव का इंतजार करना पड़ रहा है। यह पूरा मसला इस बात की तरफ इशारा करता है कि बिहार में चुनाव और राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन के पीछे सिर्फ जनता की नब्ज़ पकड़ना नहीं, बल्कि हॉल, समय, टिकट और पास की जद्दोजहद भी होती है। राहुल गांधी के पांचवें बिहार दौरे के लिए हो रही इस लंबी तैयारी में राजनीति की ‘हॉल ढूंढ़ो’ प्रतियोगिता भी शामिल हो गई है। अब देखना यह है कि जून के दूसरे सप्ताह में जब राहुल गांधी बिहार आएंगे, तो क्या हॉल उन्हें मिलेगी? और क्या कांग्रेस की राजनीतिक फिल्म बिना किसी हंगामे के रिलीज होगी? फिलहाल तो बिहार की राजनीति में ‘हॉल की कमी’ भी एक बड़ा मुद्दा बन गई है, और राहुल गांधी के दौरे का ‘हॉल मिलना’ ही सबसे बड़ी जीत मानी जाएगी।
अयोध्या की धरती शुक्रवार को फिर इतिहास की साक्षी बनी, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'श्री हनुमत कथा मण्डपम' के लोकार्पण कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मंच से न सिर्फ धार्मिक चेतना का आह्वान किया, बल्कि देश की सुरक्षा, पाकिस्तान की करतूतों और अयोध्या के गौरव के पुनर्निर्माण पर भी दो टूक संदेश दिया। मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या के पुनरुत्थान की चर्चा करते हुए कहा कि पहले यह नगरी सुविधाओं के लिए तरसती थी, लेकिन अब रामनगरी को उसका खोया हुआ सम्मान मिल चुका है। उन्होंने गर्व से कहा, "हम लोगों ने संकल्प लिया था 'राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे', और आज वह सपना साकार हो चुका है। पीएम मोदी खुद आए, मंदिर की आधारशिला रखी और फिर प्राण प्रतिष्ठा में भी शामिल हुए।" "नया भारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन छोड़ता भी नहीं" सीएम योगी का लहजा तब और सख्त हो गया जब बात पाकिस्तान पर आई। उन्होंने अतीत के ज़ख्मों को याद करते हुए कहा, "कानपुर के शुभम द्विवेदी को उनकी पत्नी के सामने गोली मारी गई थी, 26 निर्दोषों की निर्मम हत्या हुई थी। अब जब 124 से ज्यादा आतंकवादी ढेर हो रहे हैं तो यह भारत की गलती नहीं, बल्कि उन आतंकियों की है जिन्हें पाकिस्तान पाल रहा है। यह नीति एक दिन पाकिस्तान को डुबो देगी।"
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "पाकिस्तान ने बहुत जी लिया, 75 साल का जीवन बहुत होता है। अब उसका अंत निश्चित है। आध्यात्मिक जगत में उसका कोई अस्तित्व नहीं है और कृत्रिम चीजों की आयु सीमित होती है।" यह बयान केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि नए भारत के आत्मविश्वास का परिचायक भी है।
योगी आदित्यनाथ ने देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों की वीरता को नमन करते हुए कहा, "हर भारतवासी को अपने सैनिकों पर गर्व होना चाहिए। अयोध्या के लाल शशांक तिवारी ने देश के लिए बलिदान दिया। सरकार शहीदों के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता, नौकरी और स्मारक देती है।" कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म पर हमले करने वालों को चेताते हुए जनता से सतर्क रहने की अपील की। "जो छद्म वेश में भारत की सुरक्षा में सेंध लगाते हैं, सनातन धर्म के मार्ग में बाधा हैं, उन्हें चिन्हित करें और प्रशासन को जानकारी दें।"